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दिल्ली सरकार ने किया ई-आरटीआई पोर्टल लांच, अब ऑनलाइन भी किया जा सकेगा आरटीआई आवेदन, सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को मिलेगी मजबूती

Right to Information (RTI Act 2005) - Support Digital and #OneRTI for Union Territories and India

Right to Information (RTI Act 2005) - Support Digital and #OneRTI for Union Territories and India News and Media Coverage

BySwarntabh Kumar Swarntabh Kumar   149

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 बैलेटबॉक्सइंडिया के संघर्ष को मिला एक पड़ावसूचना का अधिकार अधिनियम को और भी ज्यादा पारदर्शी और इस तक

 

बैलेटबॉक्सइंडिया के संघर्ष को मिला एक पड़ाव

सूचना का अधिकार अधिनियम को और भी ज्यादा पारदर्शी और इस तक लोगों की पहुंच को और आसान बनाया जा सके इसके लिए बैलेटबॉक्सइंडिया काफी संघर्षशील रहा है. आज से हमने लगभग 2 वर्ष पहले सभी राज्यों के सूचना आयुक्तों को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत आरटीआई फाइल कर सूचना मांगी थी. हमने सूचना के अधिकार को और भी पारदर्शी बनाने के लिए, ऑनलाइन व्यवस्था के लिए सभी राज्य सरकारों से मांग की थी. हमने आरटीआई फाइल करने के लिए ऑनलाइन सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ एक तय मानक बनाने का भी आग्रह किया था. मगर हमारे द्वारा पूछे गए विभिन्न सवालों का ज्यादातर राज्य सरकारों द्वारा कोई जवाब ही नहीं दिया गया या उसे रिजेक्ट कर दिया गया. मगर आज खुशी है कि दिल्ली सरकार ने इस ओर एक कदम बढ़ाया है, एक शुरुआत की है.
 

ई-आरटीआई पोर्टल हुआ लॉन्च 

 बैलेटबॉक्सइंडिया के संघर्ष को मिला एक पड़ावसूचना का अधिकार अधिनियम को और भी ज्यादा पारदर्शी और इस तक

आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने ई-आरटीआई पोर्टल को लॉन्च किया है. इससे घर बैठे या बिना भागादौड़ी के आप दिल्ली सरकार और उससे संबंधित विभागों से जुड़ी जानकारी आसानी से हासिल कर सकेंगे. www.rtionline.delhi.gov.in पर जाकर आप अब अपनी आरटीआई आसानी से फाइल कर पायेंगे. पूरे देशभर में सूचना का अधिकार अधिनियम तो 2005 में ही लागू कर दिया था मगर इसके पारदर्शिता को लेकर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं. साथ ही सूचना पाने के लिए लंबी भागादौड़ी के बावजूद सूचना नहीं मिल पाने से लोगों के बीच निराशा का भाव उत्पन्न होता है. ऐसे में दिल्ली सरकार की यह ऑनलाइन पहल लोगों के लिए आरटीआई फाइल करना काफी आसान बना देगी.
 

इस कदम से आएगी पारदर्शिता

दिल्ली सरकार में मचे घमासान के बावजूद सरकार ने सूचना के अधिकार को लेकर जिस तरह का प्रयास किया है वह वाकई में प्रशंसनीय है. आम नागरिकों को ऑनलाइन सूचना देने के उद्देश्य से ई-आरटीआई पोर्टल को लांच किया गया है. ई-आरटीआई पोर्टल की सुविधा मिलने से अब ना सिर्फ लोग ऑनलाइन आवेदन कर पाएंगे बल्कि इसके साथ ही जवाब भी उन्हें ऑनलाइन ही प्राप्त हो जाया करेगा. इसके साथ ही प्रथम अपील भी ऑनलाइन ही किया जा सकेगा. इस सुविधा के मिलने से सूचना के अधिकार अधिनियम में अब ज्यादा पारदर्शिता आ सकेगी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इस बात को स्वीकार करते हुए मानते हैं की इससे सरकारी तंत्र में पारदर्शिता लाना एक हद तक संभव हो पाएगा और इसीलिए दिल्ली सरकार ने इसकी पहल की है. दिल्ली सरकार से जुड़ी लगभग सभी जानकारियों को वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया जाएगा. 
 

अब बार बार नहीं पूछे जा सकेंगे एक ही जैसे प्रश्न 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ई-आरटीआई पोर्टल का उद्घाटन किया. केजरीवाल ने साथ ही कहा कि इस पोर्टल के द्वारा दी गई सभी जानकारियों को ऑनलाइन अपलोड कर दिया जाएगा और साथ ही पूछे गए सवालों को भी. ऐसा किए जाने पर एक ही जैसे आवेदन करने वालों को स्वतः ही जानकारी प्राप्त हो जाएगी. उन्होंने कहा की सरकार से एक ही तरह के सवाल विभिन्न लोगों द्वारा बार-बार पूछे जाते हैं इससे अधिकारियों को बार-बार एक ही जैसे प्रश्नों का बार बार उत्तर देना पड़ता है. इस ऑनलाइन व्यवस्था के आ जाने से अधिकारियों को बार-बार एक ही जैसे प्रश्नों का जवाब देना नहीं पड़ेगा और इससे सरकारी संसाधनों और समय की बचत होगी. प्रश्नों और जवाबों को ऑनलाइन और सब के लिए सार्वजनिक किए जाने के बाद इससे जुड़े प्रश्न का आरटीआई आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा. 

 ई-आरटीआई में है कई खूबियां 

दिल्ली सरकार द्वारा ई-आरटीआई लॉन्च किए जाने के दौरान इसकी खूबियां भी बताई गई. दिल्ली सरकार के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि इसके लिए एक विशेष तरह का सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है. साथ ही यह भी बताया गया कि इस पोर्टल के कारण आरटीआई किस विभाग में रुकी हुई है यह जानकारी भी आसानी से प्राप्त हो सकेगी. आवेदनकर्ताओं को ईमेल और एसएमएस के द्वारा भी आरटीआई से जुड़ी हर एक जानकारी मिल पाएगी. लंबित पड़े मामलों की निगरानी भी अब आसान हो जाएगी. सरकार की तरफ से ऑनलाइन आने वाली जानकारी की सुरक्षा का भी दावा किया गया है. साथ ही जरूरी कागजात भी संलग्न किया जा सकता है. हालांकि अभी सिर्फ नेट बैंकिंग की सुविधा वाले ही आवेदक ऑनलाइन सुविधा प्राप्त कर सकेंगे, अभी नेट बैंकिंग के जरिए ही भुगतान किया जा सकता है मगर जल्द ही डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर भुगतान करना संभव हो सकेगा.
 

दिल्ली सरकार के 172 विभागों की जानकारी होगी उपलब्ध

दिल्ली सरकार की इस पहल से इनके सभी 172 विभागों से जानकारी हासिल की जा सकेगी. दिल्ली सरकार ने अपने इन सभी 172 विभागों को इसके लिए ट्रेनिंग दी है साथ ही सभी विभागों से प्रभावी कार्य संचालन के लिए 172 नोडल अधिकारी को भी नियुक्त किया गया है. यह पहल वाकई स्वागत योग्य है. केजरीवाल ने इसे सूचना के अधिकार अधिनियम का दूसरा पड़ाव बताया. उन्होंने सूचना के अधिकार के लिए ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि अब लोगों को बार बार दफ्तरों के चक्कर काटने से निजात मिलेगा. उन्होंने कहा कि अधिकांश सरकारी जानकारी को जब हम सार्वजनिक कर देंगे तो इससे लोगों को आरटीआई दायर करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. 
 

दूसरे राज्य सरकारों को भी कुछ सीखने की जरुरत

भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सूचना का अधिकार एक प्रभावी कदम है और इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्था देने के बाद इसमें और भी ज्यादा पारदर्शिता आएगी, जिससे यह अधिनियम और भी ज्यादा प्रभावी हो सकेगा. वाकई यह अचंभित ही करता है कि 12 वर्षों के बाद हम ऐसी व्यवस्था दे पाए हैं, जबकि ऑनलाइन व्यवस्था के लिए हमारे साथ साथ कई और भी दूसरे लोगों का संघर्ष जारी रहा है. निरंतर आरटीआई को पारदर्शी बनाए जाने को लेकर सवाल खड़े किए जाते रहे हैं बावजूद इसके राज्य सरकारें इसके लिए कुछ खास प्रयास नहीं कर सकी हैं. जबकि आपके पास केंद्र का एक बहुत ही बड़ा उदाहरण मौजूद रहा है, जहां आरटीआई फाइल करने की ऑनलाइन व्यवस्था दी गई है. इस आलस्य को समझना मुश्किल है. हमने इसे बेहद पहले से कहा है कि केंद्र सरकार जिस तरह से सूचना के अधिकार के तहत ऑनलाइन व्यवस्था उपलब्ध करवा रही है दूसरे राज्य भी उसका अनुपालन कर सकते हैं. वर्षों बाद दिल्ली सरकार ने इस पर कार्य किया और इसमें और केंद्र सरकार में कोई खास अंतर नहीं है ऐसे में क्या हम इस प्रक्रिया को और पहले नहीं अपना सकते थे या अभी भी नहीं अपना सकते? 
 

दिल्ली सरकार को बैलेटबॉक्सइंडिया ने किया अपग्रेड

दिल्ली सरकार ने भले ही यह कार्य काफी देर से किया है मगर दुरुस्त किया है. दिल्ली सरकार के इस प्रयास के लिए हम उन्हें अपग्रेड करते हैं.
 बैलेटबॉक्सइंडिया के संघर्ष को मिला एक पड़ावसूचना का अधिकार अधिनियम को और भी ज्यादा पारदर्शी और इस तक

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