Environment

Clean air, water, safe flora and fauna protected by the communities is not just a question of moral obligation, it's a question of survival of us all, environment first should be the policy be it economics or otherwise.

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Latest on Environment

the problem needs to be addressed from bottom up.We as Indians think that we can throw garbage anywhere outside in the open - but not the dustbin. suc
the problem needs to be addressed from bottom up.We as Indians think that we can throw garbage anywhere outside in the open - but not the dustbin. suc

the problem needs to be addressed from bottom up.We as Indians think that we can throw garbage anywhere outside in the open - but not the dustbin. such a mindset and upbringing of children (that it is ok to litter anywhere BUT YOUR OWN HOME) later transforms into a bigger scale such as this huge mismanagement of waste material. The Prime Minister cleanliness drive etc. are good steps, but not at all enough. I think there should be stricter laws too against littering by general public (such as we Read more...

लॉकडाउन के कारण नदियों में आये बदलाव को रखना होगा स्थायी
लॉकडाउन के कारण नदियों में आये बदलाव को रखना होगा स्थायी

केंद्रीय व राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण विभागों के तमाम प्रयासों के बावजूद उद्योगों से निकलने वाले तरल कचरे की समस्या ऐसी है जो नदियों में तो दिखती है लेकिन पैदा कहां से हो रही है, इस पर जानते हुए भी जिम्मेदार विभाग मौन रहते हैं। कोरोना महामारी के संकट ने यह सिद्ध कर दिया है कि कहीं न कहीं उद्योग व उन पर निगरानी करने वाला तंत्र अपना कार्य ईमानदारी से नहीं कर पा रहा है। वर्तमान में लॉकडाउन के चलते नदियों के पानी में जो सुधार दिख रहा है, उससे उद्योगों व प्रदूषण नियंत्रण विभाग की कलई खुल गई है। ऐसा Read more...

जल प्रदूषण
जल प्रदूषण

जल में ठोस कार्बनिक, अकार्बनिक पदार्थ, रेडियाऐक्टिव तत्व, उद्योगों का कचरा एवं सीवेज से निकला हुआ पानी मिलने से जल प्रदूषित हो जाता है।  जल प्रदूषण के कारण- जल प्रदूषण के मुख्य कारण निम्न प्रकार हैं- 1. उद्योगों से निकलने वाला कचरा-कई धातुयें जैसे-मरकरी(Hg), कैडमियम(Cd) एवं लेड(Pb) आदि अपने साथ निकालता है।  2. सीवेज का जल मानव तथा जानवरों के मल को अपने साथ ले जाता है जिसमें कई हानिकारक पदार्थ जैसे यूरिया एवं यूरिक एसिड आदि मिले रहते हैं। 3. बहुत से साबुनों से निकलने वाला पानी भी जल को प्रदूषित क Read more...

फ्राइडे फॉर फ्यूचर – एक मुहिम जलवायु परिवर्तन की, ताकि धरती का भविष्य हो सुरक्षित
फ्राइडे फॉर फ्यूचर – एक मुहिम जलवायु परिवर्तन की, ताकि धरती का भविष्य हो सुरक्षित

आप लोगों ने अपने खोखले शब्दों से हमारे सपनों और बचपने को चुरा लिया है, फिर भी मैं भाग्यशाली लोगों में से एक हूं. लोग भुगत रहे हैं, लोग मर रहे हैं, समूची पारिस्थितिकी व्यवस्था ढह रही है, हम सभी सामूहिक विलुप्ति की कगार पर खड़े हैं और आप सभी लोग पैसे और टिकाऊ आर्थिक विकास की काल्पनिक कथाओं के बारे में बात कर रहे हैं. आप लोगों की यह हिम्मत कैसे हुई?यह सवाल था स्वीडन की 16 वर्षीय स्कूल छात्रा ग्रेटा थनबर्ग का, जो उसने हाल ही में यूनाइटेड नेशन क्लाइमेट एक्शन समिट में सबके सामने रखा. आपका जो भी भागदौड़ Read more...

भारतीय कृषि व्यवस्था : ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य एवं भविष्य की योजना
भारतीय कृषि व्यवस्था : ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य एवं भविष्य की योजना

कृषि मात्र एक खाद्य पदार्थ उत्पादन प्रणाली नहीं है, अपितु सम्पूर्ण मानवीय अर्थव्यवस्था का आधारभूत स्तंभ है. घुमंतू मानव के जीवन को स्थायित्व देने का सर्वप्रमुख कारक कृषि ही रही है. यह स्वयं में एक सृजन है. एक सम्पूर्ण प्राकृतिक विज्ञान है, सृष्टि को गतियमान बनाए रखने की एक अहम कड़ी या कहें युगों- युगांतर से पोषित हो रही सभ्यताओं का जड़ तत्त्व भी है. मानव जीवन के पृथ्वी पर अस्तित्व से लेकर अब तक कृषि भरण-पोषण का अभिन्न अंग रही है. भारत में कृषि का उद्गम कब, कैसे, क्यों हुआ, इसकी प्रमाणिक पुष्टि करन Read more...

पूर्वी काली नदी : संरक्षण  एवं परियोजनाएं
पूर्वी काली नदी : संरक्षण एवं परियोजनाएं

 पूर्वी काली नदी- एक परिचय ‘पूर्वी काली नदी’ उत्तर- प्रदेश की प्रमुख नदी ‘गंगा’ की एक सहायक नदी है, जो कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलंदशहर, अलीगढ़, एटा तथा फर्रुखाबाद जिलों से होकर बहती है तथा कन्नौज से कुछ पहले ही पवित्र ‘गंगा’ नदी में जाकर मिल जाती है. ‘पूर्वी काली नदी’ का उद्गम स्थल मुजफ्फरनगर जिले की खतौनी तहसील के अंतर्गत आने वाला ‘अंतवाडा गांव’ है. यह नदी 598 कि.मी. की दूरी तय करते हुए इसके किनारों पर स्थित करीब 1200 गांवों से होकर गुजरती है. यह एक ‘मानसूनी नदी’ है, इसी वजह से बरस Read more...

Kukrail Nala Lucknow a Major Tributory of river Gomti  - Research and analysis
Kukrail Nala Lucknow a Major Tributory of river Gomti - Research and analysis

Lucknow district's drainage is controlled by Gomti river and Sai river, and their tributaries. Tributaries of Gomti river are Akhadi Nala, Jhilingi Nala, Behta Nadi, Loni Nadi & Kukrail Nala What is Kukrail Nala (Drain/rivulet)?Kukrail nala is a left bank tributary of the Gomti River. It is a groundwater fed rivulet, originates from Kukrail reserved forest and confluence in to Gomti River as a fourth order (medium stream) tributary. The total length of the Kukrail nala is about 26 km (as per Read more...

उत्तर प्रदेश की प्रस्तावित नदी नीति : मेरठ घोषणापत्र
उत्तर प्रदेश की प्रस्तावित नदी नीति : मेरठ घोषणापत्र

उत्तर प्रदेश की अधिकतर नदियां अब नाला बन गई हैं। बाढ़-सुखाड़ ने इन्हें मार दिया है। शहरीकरण ने इनकी आस्था एवं पर्यावरण रक्षा वाला व्यवहार और संस्कार समाप्त कर दिया है। जमीन के बढ़ते दामों के कारण भूमाफिया नदी भूमि पर कब्जा कर रहे हैं। उद्योगों ने नदी जल को प्रदूषित कर दिया है। भूजल शोषण के कारण जल स्तर नीचे जा रहा है तथा अनियमित खनन से नदियों में कटाव तेज हो गया है। फलतः नदी का पर्यावरणीय एवं प्राकृतिक प्रवाह अब नष्ट हो गया है। समुचित सरकारी नीति के अभाव में नदियों का मूल स्वरूप बिगड़ गया है और जनजी Read more...

Gomti River and Gomti Riverfront Lucknow - Analysis on Restoration and Development
Gomti River and Gomti Riverfront Lucknow - Analysis on Restoration and Development

Gomti River Front Development (Lucknow) - Impact on sustainability, community, history, economy, and relevant interventionsTraveling to various parts of the world, and living in New York city with high population density for close to 10 years, especially along the Hudson river, we have grasped first hand how drainage systems and water bodies co-exist with man-made developments; specifically - how river banks are managed in a first world country. So as part of our analysis on river fronts and rel Read more...

कृष्णी नदी, हिंडन की सहायक नदी: एक परिचय
कृष्णी नदी, हिंडन की सहायक नदी: एक परिचय

एक ऐसी नदी जो अपने स्वच्छ जल के कारण कभी कांच के सामान पारदर्शी हुआ करती थी. जिसका जीवनदायिनी जल रोगों को दूर करने वाला शुद्ध और पवित्र हुआ करता था, आज मनुष्यों द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण और गंदगी के कारण विकराल रूप धारण कर चुकी है.  सर्पीले आकार वाली 153 किलोमीटर लम्बी कृष्णी नदी का उद्गम स्थान उत्तर- प्रदेश का सहारनपुर जिला है तथा यह सहारनपुर से निकलकर मुजफ्फरनगर, शामली तथा मेरठ से होकर गुजरती है. इन जिलों से बहते हुए  यह नदी बागपत जिले के बरनावा में जाकर हिंडन नदी में मिल जाती है. अतः हम कह Read more...

Hindon River- A Research on a dying Tributary of Yamuna
Hindon River- A Research on a dying Tributary of Yamuna

Governments do not worry as Rivers don't bring votes - Local activistsThe right to safe water is a basic human right - United NationsHindon River, a tributary of Yamuna river, is a river in India that originates in the Saharanpur District from Upper Shivalik in Lower Himalayan Range, rendering life and providing sustainability while flowing down the several civilisations. But the river (as several others) is now on the verge of death as the toxic levels in the river water have reached the extre Read more...

साबरमती रिवरफ्रंट देश में बना उदहारण मगर दूसरे पहलुओं पर भी विचार किये जाने की जरूरत
साबरमती रिवरफ्रंट देश में बना उदहारण मगर दूसरे पहलुओं पर भी विचार किये जाने की जरूरत

साबरमती नदीसाबरमती गुजरात की एक प्रमुख नदी है, इसके तट पर अहमदाबाद शहर बसा है. साबरमती नदी अहमदाबाद के जीवन का एक अभिन्न अंग रही है. यह आज से नहीं बल्कि तबसे है जबसे शहर नदी के किनारे 1411 में स्थापित किया गया था. साबरमती यहाँ के लिए पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत होने के साथ-साथ सांस्कृतिक और मनोरंजक गतिविधियों का केंद्र भी रहा है. यही नहीं शुष्क मौसम के दौरान, नदी का सूखा भाग खेती के लिए उपयुक्त स्थान बन जाता है. समय के साथ-साथ ही विभिन्न अनौपचारिक आर्थिक गतिविधियों के लिए भी यहाँ पेशकश की गई और Read more...

टपकती बूंदों में सरस्वती नदी की खोज
टपकती बूंदों में सरस्वती नदी की खोज

पौराणिक नदी सरस्वतीआज सरस्वती नदी जिसे एक पौराणिक नदी माना जाता है और जिसकी चर्चा वेदों में भी है फिर से एक बार खबरों में है. खबर है इसके पुनर्जीवित किये जाने की. वैसे सरस्वती के पुनर्जन्म के लिए किया जाने वाला यह प्रयास नया नहीं है. इससे पहले भी वर्ष 2006 में इस तरह के प्रयास किये गए थे फिर साल 2008 में इसके लिए गंभीरता दिखाई गई, लेकिन तेजी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार बनने के बाद आई.ग्रंथों में भी सरवास्ती के सूखने का जिक्रपौराणिक हिन्दु ग्रंथों तथा ऋग्वेद में सरस्वती नदी का वर्णन Read more...

कृष्णी नदी बेसिन में तितलियों की विविधता  और संरक्षण: जारी  शोध
कृष्णी नदी बेसिन में तितलियों की विविधता और संरक्षण: जारी शोध

हिंन्डन नदी की सबसे बडी सहायिका कृष्णी नदीे जनपद शामली की बीच से होकर बहती है, ये नदी सहारनपुर के कृष्णी नवादा गांव से निकलती है और 152 किमी की यात्रा करके दाहा जनपद बागपत में हिन्डन नदी में मिल जाती है।निर्मल हिन्डन जिला समिति- शामली की टीम ने पिछले 2 माह में जनपद सहारनपुर , शामली और बागपत में कई खोज अभियान आयोजित किए और तितलियों की जैविक विविधता का अध्य्यन किया। इस त्वरित अध्य्यन में पाया गया कि यहां तितलियों की 5 फैमिली की लगभग 115 से ज्यादा प्रजाति आज भी मौजूद है। त्वरति शोध में पाया गया कि  Read more...

गंगा माता की पुत्रों से करुण पुकार...क्या मौत ही मेरा विकल्प
गंगा माता की पुत्रों से करुण पुकार...क्या मौत ही मेरा विकल्प

गंगा जो हमारे भारत देश की पहचान व जीवनदायिनी है, यहां का प्रत्येक नागरिक अत्यंत शान के साथ कहता है कि हम उस देश के निवासी है जहां गंगा बहती है। वही गंगा जिसे कालांतर में राजा भागीरथ सैकड़ों वर्षो की तपस्या के बाद अपने पितरों की मुक्ति हेतु स्वर्गलोक से पृथ्वीलोक पर लेकर आये थे। आज वही गंगा अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।  गंगा जो हमारे भारत देश की पहचान व जीवनदायिनी है, यहां का प्रत्येक नागरिक अत्यंत शान के साथ कहता है कि हम उस देश के निवासी है जहां गंगा बहती है। वही गंगा जिसे कालांतर में राजा भ Read more...

This Deepawali - Let our kids have fun, grown ups prepare to neutralize.
This Deepawali - Let our kids have fun, grown ups prepare to neutralize.

Deepawali is a festival of lights and has great cultural significance for every Indian. The lights, celebrations (firecrackers "in moderation"), meeting loved once and everything around the food and our great food culture.Festivities start with Navratris (celebration of Indian Goddesses and symbol of power, knowledge and prosperity) and go all the way till New Year, with Diwali a major focal point. This is the season when there is one festival or another of huge significance in every part of Ind Read more...

Can Green India and Swachh Bharat live with Big Billion Day? – A Review and Research
Can Green India and Swachh Bharat live with Big Billion Day? – A Review and Research

Big billion day is back, so is the discussion on its effects on Green India and why its dragging down all the swachh bharat efforts into drain.Waste Generation - Comparing New York City with DelhiNew York City generated 7.8 Million Tons of Municipal Waste and spent $2.3 Billion ($1.8 Bn Tax payers, 400 Million Privately spent) to collect from the curb and dispose it. (2012 data by CBS Survey). Comparing it with Delhi with similar population density (10756 (NY) vs 11297(Delhi) person per km) , wh Read more...

बिहार जल प्रबंधन समीक्षा और  १० सुझाव
बिहार जल प्रबंधन समीक्षा और १० सुझाव

हमने कभी सिंचाई के नाम पर नदियों को बांधा और कभी बाढ मुक्ति़-बिजली उत्पादन के नाम पर। नदी के नफ़ा-नुकसान की समीक्षा किए बगैर यह क्रम आज भी जारी है। एक चित्र में नदियों को जहां चाहे तोड़ने-मोड़ने-जोड़ने की तैयारी है, तो दूसरे में भारत की हर प्रमुख नदी के बीच जलपरिवहन और नदी किनारे पर राजमार्ग के सपने को आकार देने की पुरजोर कोशिश आगे बढ़ती दिखाई दे रही है।  नोएडा से गाजीपुर तक गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना को आगे बढ़ाने की मायावती सरकार की पैरोकारी को याद कीजिए। श्री नितिन गडकरी द्वारा परिवहन मंत्री बनते ह Read more...

Delhi Smog and Stubble Burning in Punjab: Research
Delhi Smog and Stubble Burning in Punjab: Research

धान पुराल डंप करना क्यों बन रहा है किसानों भाइयों के लिए समस्या ?इन दिनों हरियाणा के धान उत्पादक किसान एक बड़ी परेशानी से दो-चार हो रहे हैं। किसानों की समस्या है धान का पुराल। जिसे खेत से खत्म करना उनके लिए बड़ा चैलेंज बन गया है। पिछले कुछ सालों तक तो किसान सीधे पुराल में आग लगा देते थे। चार साल से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इस पर रोक लगा दी है। तर्क दिया है कि पुराल जलाने से प्रदूषण होता है। यह प्रदूषित हवा दिल्ली तक पहुंच जाती है। इससे दिल्ली में प्रदूषण का लेवल बढ़ जाता है। हरियाणा किसान युनियन क Read more...

LUCKNOW HIGH COURT POND ENCROACHMENT CASE- A RESEARCH
LUCKNOW HIGH COURT POND ENCROACHMENT CASE- A RESEARCH

Lucknow High court's new building is alleged of encroaching pondsIf there is magic on this planet, it is contained in water-Loran Eisely.What does the spirit of India laws say:Air and water, the most precious gifts of the nature, are very essential not only to the mankind but to flora and fauna also. All living creatures on the mother earth have a right to environment to live in them. According to section 2(A) of the Environmental Protection Act, 1986 -’Environment’ includes (i) water, Air and l Read more...

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