जानिए क्यों जरुरी है लॉक डाउन के नियम का पालन करना - पार्षद रमजान अली
Leave a comment for the team.
रिसर्च को सब्सक्राइब करें
इस रिसर्च पर अपडेट पाने के लिए और इससे जुड़ने के लिए अपना ईमेल आईडी नीचे भरें.
ये कैसे कार्य करता है ?

जुड़ें और फॉलो करें
ज्यादा से ज्यादा जुड़े लोग, प्रतिभाशाली समन्वयकों एवं विशेषज्ञों को आकर्षित करेंगे , इस मुद्दे को एक पकड़ मिलेगी और तेज़ी से आगे बढ़ने में मदद ।

संगठित हों
हमारे समन्वयक अपने साथ विशेषज्ञों को ले कर एक कार्य समूह का गठन करेंगे, और एक योज़नाबद्ध तरीके से काम करना सुरु करेंगे

समाधान पायें
कार्य समूह पारदर्शिता एवं कुशलता के साथ समाधान की ओर क़दम बढ़ाएगा, साथ में ही समाज में से ही कुछ भविष्य के अधिनायकों को उभरने में सहायता करेगा।
आप कैसे एक बेहतर समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं ?
क्या आप इस या इसी जैसे दूसरे मुद्दे से जुड़े हुए हैं, या प्रभावित हैं? क्या आपको लगता है इसपर कुछ कारगर कदम उठाने चाहिए ?तो नीचे फॉलो का बटन दबा कर समर्थन व्यक्त करें।इससे हम आपको समय पर अपडेट कर पाएंगे, और आपके विचार जान पाएंगे। ज्यादा से ज्यादा लोगों द्वारा फॉलो होने पर इस मुद्दे पर कार्यरत विशेषज्ञों एवं समन्वयकों का ना सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा, बल्कि हम आपको, अपने समय समय पर होने वाले शोध यात्राएं, सर्वे, सेमिनार्स, कार्यक्रम, तथा विषय एक्सपर्ट्स कोर्स इत्यादि में सम्मिलित कर पाएंगे।
समाज एवं राष्ट्र, जहाँ लोग कुछ समय अपनी संस्कृति, सभ्यता, अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझने एवं सँवारने में लगाते हैं। एक सोची समझी, जानी बूझी आवाज़ और समझ रखते हैं। वही देश संसार में विशिष्टता और प्रभुत्व स्थापित कर पाते हैं।
अपने सोशल नेटवर्क पर शेयर करें
हर छोटा बड़ा कदम मायने रखता है, अपने दोस्तों और जानकारों से ये मुद्दा साझा करें , क्या पता उन्ही में से कोई इस विषय का विशेषज्ञ निकल जाए।
क्या आपके पास कुछ समय सामजिक कार्य के लिए होता है ?
इस एक्शन ग्रुप के सहभागी बनें, एक सदस्य, विशेषज्ञ या समन्वयक की तरह जुड़ें । अधिक जानकारी के लिए समन्वयक से संपर्क करें और अपने बारे में बताएं।
By
Ramzan Ali Contributors
Deepika Chaudhary
Swarntabh Kumar 69
कोरोना वायरस अब ऐसा जहर बन चुका है जो पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है. इस वायरस को इलाज अभी तक नहीं मिला है, जबकि दुनियाभर के वैज्ञानिक और डॉक्टर मिलकर इसका इलाज तलाश रहे हैं.
भारत में 520 मरीज और 12 मौतों के साथ फ़िलहाल कोरोना वायरस की स्टेज 2 चल रही है और सरकार पुरजोर कोशिश में लगी है कि देश में इसकी तीसरी स्टेज यानि सामुदायिक संक्रमण नहीं आ पाए.
इसी तीसरी स्टेज को रोकने के लिए सरकार ने पूरे देश को लॉक डाउन कर दिया है, जिसे हालांकि कुछ लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, जो पूरी तरह से गलत है. क्योंकि यदि इसकी तीसरी स्टेज भारत में आती है तो परिणाम गंभीर होंगे. विश्व में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से दूसरे नम्बर पर आने वाला इटली कोरोना के आगे नहीं टिक पाया, तो सोचिये हमारे इतनी घनी आबादी वाले देश का क्या मंजर होगा? इसीलिए बेहद जरुरी है कि हम सभी लॉक डाउन के नियमों का सख्ती से पालन करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें ताकि जल्द से जल्द इस बीमारी का खात्मा हो सके.
आइये जानते हैं कोरोना से जुड़े कुछ जरुरी वैज्ञानिक तथ्य, जिससे आप और हम सभी बहुत अच्छे से सरकार की लॉक डाउन करने की वजह को समझ सकते हैं. फोमाइट्स (Fomites) का नाम इसमें सबसे पहले आता है. लॉक डाउन के समय लोगों को घर में ही रहने की हिदायत की जाती है तथा हाथ मिलाने व अतिरिक्त अनावश्यक वस्तुओं को छूने से मना किया जाता है.
कपड़ा, खिड़की, दरवाजा, गाड़ी, दरवाजे का हैंडल, मनुष्यों की त्वचा, बाल, बिस्तर, कप, चम्मच, पेंसिल, बाथ नल के हैंडल, टायलेट फ्लश, लाइट स्विच, रिमोट, पेन तथा अन्य सामान फोमाइट्स कहलाते हैं, जिन पर कोरोना के वायरस आकर चिपक जाते हैं. यह वायरस फोमाइट्स पर 12 घंटे तक जिन्दा रह सकते हैं. उसके बाद मर जाते हैं. जब हम बाहर जाते हैं तो बहुत सी चीजों को गाहे बगाहे छुते हैं, जिसे पहले भी कोई संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति छु चुका हो, ऐसे में यह संभावना ओर अधिक बढ़ जाती है कि आपको और फिर आपसे आपके परिवार या अन्य मिलने वालों को यह संक्रमण आसानी से अपनी चपेट में ले लेगा.