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गंगा के बढ़ते जलस्तर से वरुणा उफान पर, सजग हुए चौकाघाट के पार्षद कर रहे क्षेत्र का मुआयना

Ward 21, Chaukaghat (Varanasi)

Ward 21, Chaukaghat (Varanasi) Opinions & Updates

ByGopal Jaiswal Gopal Jaiswal   Contributors Swarntabh Kumar Swarntabh Kumar 38

वाराणसी यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र, जहां गंगा उफान पर है। कई क्षेत्र डूबने की कगार पर है, तो कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुस आया है। गंगा के बढ़ रहे जलस्तर के साथ-साथ गंगा की सहायक नदी वरुणा भी अपने पूरे आवेश में है। वरुणा का जलस्तर बढ़ जाने से कई क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। लोगों के घरों में पानी घुस गया है और लोग किसी तरह अपने आप को बचाने की जद्दोजहद में लगे हैं, तो कई लोग पलायन को मजबूर हैं।

 

वाराणसी यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र, जहां गंगा उफान पर है। कई क्षेत्र डूबने की

 Source: https://bit.ly/2lSpAeZ

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वरुणा के जलस्तर की वजह से यहां के कई क्षेत्र डूब गए हैं। वरुणा के कहर का अगर असर देखना हो तो वाराणसी के वार्ड संख्या 21 के चौकाघाट के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र ढ़ेलवरिया की स्थिति आपको इस बाढ़ की तबाही का मंजर बताने के लिए काफी है। आपको चारों तरफ बाढ़ का पानी ही पानी नजर आएगा। प्रशासन काफी सचेत है और साथ ही स्थानीय नेतृत्व भी अपनी तरफ से हरसंभव प्रयास कर रहा है, जिससे कि स्थानीय लोगों की तकलीफों को दूर किया जा सके।

  

वाराणसी यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र, जहां गंगा उफान पर है। कई क्षेत्र डूबने की

 

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इसी क्रम में चौकाघाट वार्ड के पार्षद गोपाल जयसवाल ने स्थिति का जायजा लेने के लिए पूरे इलाके का नौका से मुआयना किया। पार्षद गोपाल जयसवाल के साथ क्षेत्र का मुआयना जोनल अधिकारी मुन्ना श्रीवास्तव, वरुणा जोन के अधिकारी पीके त्रिवेदी और क्षेत्र के अन्य लोगों ने किया। गोपाल जयसवाल ने बताया की स्थिति गंभीर है किंतु उनका ये भरसक प्रयास रहेगा कि वह बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद कर पाए। उन्होंने इसके साथ में यह भी कहा कि प्रशासन भी हमारे साथ है और सचेत है और उन्होंने हर स्तर पर मदद का आश्वासन दिया है।

  

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वाराणसी यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र, जहां गंगा उफान पर है। कई क्षेत्र डूबने की

 

आपको यह बता दें कि काशी में लगातार गंगा के बढ़ते जलस्तर की वजह से गंगा खतरे के निशान से अब दो सेंटीमीटर से भी ज्यादा ऊपर बह रही है। यहां खतरे का निशान 71.26 मीटर है जबकि इस निशान को पार कर गंगा अब से 71.28 मीटर पर बह रही है। खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा के बाद इसकी सहायक नदी वरुणा भी रुकने का नाम नहीं ले रही और उसके भी जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है।

इस मुश्किल भरे वक्त में काशी वासियों को विश्वास है कि गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे नीचे जाएगा। यहां स्थिति काफी मुश्किल है और लोगों को सचेत रहने की आवश्यकता है। सोमवार की रात 11 बजे वाराणसी में जलस्तर 70.86 मीटर था जो आज सुबह बढ़कर खतरे के निशान को पार कर चुका है। विगत तीन सालों में यह गंगा का सबसे बढ़ा हुआ जलस्तर है, इससे पहले वर्ष 2016 में गंगा खतरे के निशान को पार कर गई थी। वर्ष 2016 से पहले भी 2013 में गंगा खतरे के निशान को पार करते हुए 72.63 मीटर तक पहुंच गई थी। पिछले 10 वर्षों में यह तीसरी बार हुआ है कि गंगा का जलस्तर अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। अब तक गंगा का सबसे बढ़ा हुआ जलस्तर 1978 में रहा है जोकि 73.90 तक पहुंच गया था और यह अब तक का रिकॉर्ड स्तर है। गंगा के बढ़ते जलस्तर की वजह से ही वरुणा में भी जबरदस्त उफान है और काशीवासी वरुणा से ही ज्यादा परेशान हैं।

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