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‘शिक्षा का अधिकार’ एवं ‘महिला सशक्तिकरण’ को लेकर आयोजित कार्यक्रम -‘‘मैं साहस हूं’’

वर्तमान भारत में महिला सशक्तिकरण: एक खोज, एक पहल

वर्तमान भारत में महिला सशक्तिकरण: एक खोज, एक पहल शिक्षा का अधिकार’ एवं ‘महिला सशक्तिकरण’ को लेकर आयोजित कार्यक्रम -‘‘मैं साहस हूं’’

ByDr. Deepti Sachan Dr. Deepti Sachan   349

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‘शिक्षा का अधिकार’ एवं ‘महिला सशक्तिकरण’ जैसे गंभीर विषयों को सुदृढ़ बनाने हेतु अखिल भारतीय महिला कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान में ‘‘मैं साहस हूं’’ कार्यक्रम का आयोजन डॉ. दीप्ति सचान की अध्यक्षता में किया गया। ‘सर्वधर्म सम्भाव’ की तर्ज पर हुए इस समारोह में भारत के विभिन्न हिस्सों से वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं, नव-निर्वाचित नेत्रियों, सामाजिक प्रवर्तकों व अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने सहभागिता की।
 
*(‘‘मैं साहस हूं’’ कार्यक्रम का पूर्ण कवरेज)
 
‘‘मैं साहस हूं’’ कार्यक्रम का भव्य उद्घाटन कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव शोभना शाह, सुनीता सेहरावत, कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय सचिव अनुपमा रावत, पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयप्रकाश जयसवाल, पूर्व सांसद राजाराम पाल एवं प्रदेश महासचिव डॉ. शैलेन्द्र दीक्षित के द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के मंगल उच्चारण के साथ सम्पन्न हुआ। समारोह में दिव्यांग छात्रों द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रगान भी सराहनीय रहा।
 

प्रशंसनीय मंच संचालन

देश की प्रत्येक महिला साहस का प्रतीक ‘डॉ.दीप्ति सचान’ 
  ‘शिक्षा का अधिकार’ एवं ‘महिला सशक्तिकरण’ जैसे गंभीर विषयों को सुदृढ़ बनाने हेतु अखिल भारतीय महिला क
 
 
कार्यक्रम का बेहतरीन संचालन करते हुए सहयोजिका डॉ. दीप्ति सचान ने देश की हर स्त्री को अद्म्य साहस का प्रतीक बताया और पार्टी में भागीदारी करने वाली हर एक महिला सदस्या की हौसला अफज़ाई सुंदर एवं सरल कविताओं के प्रस्तुतिकरण द्वारा की। इन्होनें स्त्रियों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने व समानता का दर्जा प्राप्त करने के लिए साहस दिखाने की बात रखी।

  

हर क्षेत्र में हो महिलाओं का प्रतिनिधित्व - ‘डॉ. नवोदिता पाण्डेय’ 
 
  ‘शिक्षा का अधिकार’ एवं ‘महिला सशक्तिकरण’ जैसे गंभीर विषयों को सुदृढ़ बनाने हेतु अखिल भारतीय महिला क
 
महिला दिवस के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डालते हुए मंच संचालिका डॉ. नवोदिता (पूर्व एंकर, एन.डी.टीवी एवं एसोसिएट प्रोफेसर) ने विभिन्न समसामायिक उदाहरणों के माध्यम से बताया की कैसे आज स्त्रियां हर क्षेत्र में अपना हुनर दिखा रही हैं। भारत की पहली पूर्ण महिला सदस्यों से परिपूर्ण INSV तारिणी की बात की जाए या भारत की पहली लड़ाकू विमान पायलट अवनी चतुर्वेदी की, महिलाएं आज हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं। 
 
इसके अतिरिक्त यूथ कांग्रेस के लोकसभा उपाध्यक्ष नरेंद्र चंचल ने भी अपने विचार महिला सशक्तिकरण एवं महिला उत्थान के प्रति रोचक ढंग से प्रस्तुत किए।

 

नव-निर्वाचित सदस्याओं का साहसी पहल

 

  ‘शिक्षा का अधिकार’ एवं ‘महिला सशक्तिकरण’ जैसे गंभीर विषयों को सुदृढ़ बनाने हेतु अखिल भारतीय महिला क

  

शबनम आदिल, बसपा त्याग कर कांग्रेस से मिलाया हाथ 
लायर्स एसोसिएशन की पदाधिकारी शबनम आदिल एवं उनकी सहकारिणा टीम ने कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस की सदस्यता प्राप्त कर विकास की ओर एक कदम बढ़ाया। मुख्य अतिथियों द्वारा शॉल पहनाकर उनका सम्मान किया गया। उनका महिला सशक्तिकरण को लेकर मत है कि महिला अपराधों पर रोक लगें, मनरेगा की लंबित मजदूरी का शीघ्र भुगतान हो, अवैध शराब की बिक्री बंद हो तथा मूल्य वृद्धि अिद विषयों पर ध्यान दिया जाए।
 
प्रेमलता श्रीवास्तव, तृणमूल कांग्रेस से कांग्रेस दल का सफर
इन्होनें तृणमूल कांग्रेस छोड़कर कांग्रेस पार्टी से गठबंधन किया। प्रेमलता जी ने कार्यकर्ताओं से जनता के समक्ष जाकर शिक्षा से जुड़े अधिनियमों, अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने का निवेदन किया तथा महिलाओं के सम्मान को देश का सम्मान बताया।
 
नीलम निषाद, असंभव को संभव कर दिखाया
हमीरपुर क्षेत्र जहां स्त्रियों के लिए घर से बाहर निकलकर आगे बढ़ना असंभव सा कार्य है, वहां से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में कार्य कर नीलम निषाद अन्य सि़्त्रयों के लिए प्रेरणास्त्रोत के रूप में उभरी। इन्हें एवं इनकी टीम को मंच द्वारा सम्मानित किया गया। 
 
  ‘शिक्षा का अधिकार’ एवं ‘महिला सशक्तिकरण’ जैसे गंभीर विषयों को सुदृढ़ बनाने हेतु अखिल भारतीय महिला क
 
इनके साथ-साथ नगर निगम का चुनाव लड़ रही सभी महिला प्रत्याशियों के प्रयास को सराहनीय बताते हुए कार्यक्रम ‘‘मैं साहस हूं’’ के मुख्य विषय महिला सशक्तिकरण को उद्भाषित किया गया।
 

महिला सशक्तिकरण को दी नई दिशा

‘गुलशन जहॉं’, पुरूष प्रधान समाज में शिक्षा के हक की वकालत
महिलाओं की शिक्षा एवं उत्थान के लिए निरंतर प्रयासशील कांग्रेसी नेत्री गुलशन जहां ने मंच पर स्वयं की शिक्षा प्राप्ति के कठिन संघर्ष से जुडे अनुभवों को साझा किया। वे 12 वर्ष की आयु से अपने समाज की रूढ़िवादी विचारधारा से अलग जाकर स्त्री शिक्षा का प्रचार-प्रसार कर रही हैं। इस कार्यक्रम द्वारा उनके इस जज्बे को सराहा गया।
 
‘मनप्रीत कौर’, मल्टीनेशनल कम्पनी छोड़ समाज सेवा को बनाया ध्येय
समाज सेवा के प्रति असीम लगन एवं निष्ठा की प्रतीक मनप्रीत कौर वर्तमान में दिव्यांगजनों के लिए कार्य कर रही हैं। हौसले की अनोखी मिसाल मनप्रीत को ‘‘मैं साहस हूं’’ के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण की नींव मानते हुए सम्मिनत किया गया।
 
इनके अतिरिक्त कार्यक्रम में देश भर से शामिल हुई विभिन्न महिलाओं (मोहिनी कनौजिया, पूनम त्रिपाठी, रामादेवी, अनीता, क्षमा पाण्डेय, रितू सिंह, रेनू सिंह, मालती सिंह चौहान, मीना सिंह, अर्चना द्विवेदी, रेखा सिंह) को उनके असीम प्रयासों, जुझारू समर्पण भाव तथा सामाजिक कार्य के प्रति उनकी निष्ठा के लिए सम्मानित किया गया।
 

मुख्य अतिथियों का प्रभावशाली वक्तव्य

‘‘शिक्षित स्त्री सभ्य समाज का प्रतिबिम्ब’’ : अनुपमा रावत
 
  
राष्ट्रीय सचिव अनुपमा रावत द्वारा 2010 में लागू शिक्षा के अधिकार को उचित तौर पर लागू करने तथा महिलाओं में शिक्षा के प्रति जागरूकता को ज़मीनी स्तर से जोड़ने का मुद्दा रखा गया।
‘‘अपने घर से हो महिला सशक्तिकरण की शुरूआत’’ : राजाराम पाल
  
 
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, पूर्व सांसद राजाराम पाल ने भेदभाव की राजनीति से बाहर निकलने की आवश्यकता पर बल देते हुए महिलाओं की 100 फीसदी साक्षरता का समर्थन किया।
 
‘‘लैंगिक भेदभाव की समाप्ति से समग्र विकास सम्भव’’ : श्रीप्रकाश जयसवाल
पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जयसवाल ने स्त्री शिक्षा को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए लैंगिक असामनता को हटाकर शिक्षा का स्तर सुचारू बनाने एवं महिला सुरक्षा पर कड़े कानून लागू करने पर बल दिया।
 
मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय महासचिव शोभना शाह ने महिलाओं की शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की बात रखी
 
  
वहीं कानपुर महानगर अध्यक्ष हरप्रकाश अग्निहोत्री ने महिला नेतृत्व को अधिक आगे बढ़ाने का निवेदन कार्यकर्ताओं से किया।
 
 
कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु कांग्रेस प्रतिनिधियों मदन गोपाल राखरा, डॉ. निसार अहमद सिद्दकी, तुफैल अहमद खान, बृजेश शर्मा, सैयद नवाब अली, जफर खॉं, नीलम चौरसिया, आरती दीक्षित, किरण गुप्ता, हेलिना सिंह, निश्चल झॉं, संजीव दरियाबादी, मो. लईक आदि के साहसी प्रयत्नों द्वारा जनता को जागरूक, महिलाओं में आत्मविश्वास वृद्धि एवं सरकार तक आवाज पहुंचाने का भरसक प्रयत्न किया गया।
 
डॉ. दीप्ति सचान द्वारा आयोजित ‘‘मैं साहस हूं’’ केवल कुछ शब्द नहीं अपितु एक समग्र विचारधारा है शिक्षा के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की पितृसत्तात्मक सामाजिक व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन की एवं स्त्रियों के सर्वांगीण विकास की। उनकी इस सामाजिक पहल से यह भरोसा दिलाया गया कि कांग्रेस पार्टी निरंतर महिला उत्थान के लिए प्रयासरत है।

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