
ग्रेटर नोएडा भारत देश के उत्तर प्रदेश
का एक अहम भाग है और यह गौतम बुद्धा नगर जिले के अन्दर आता है साथ ही यह देश की राजधानी
दिल्ली के क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण उपनगर है, जो इसके
दक्षिण-पश्चिम की ओर स्थित है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र में इसके
निकटवर्ती ही एक अन्य उपनगर नोएडा भी स्थित है, जो यहाँ से
दिल्ली के रास्ते में पड़ता है। नोएडा को एशिया के सबसे बड़े औद्योगिक उपनगरों में
से एक गिना जाता है। ग्रेटर नोएडा, जैसा कि इसके नाम से ही अंकित है यह आकार
में नोएडा से भी बहुत बड़ा है और कम वक्त में ही अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान कायम कर
चुका है।
भारत सरकार ने 1980 के दशक में यह
अनुभव किया कि जिस रफ़्तार से दिल्ली की जनसंख्या में वृद्धि हो रही है उसे देखते
हुए भविष्य में समस्या खड़ी हो सकती है। ऐसे में दिल्ली से लगे हुए उत्तर प्रदेश व
हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में आवासीय एवं औद्योगिक विकास का विचार किया गया और ऐसे
में गुड़गाँव व नोएडा जैसे नये नगरों को बसाया गया। जबकि इससे पहले नोएडा और ग्रेटर
नोएडा को भटनेर के नाम से जाना जाता था।
नोएडा को बसाये जाने के बाद में जब
इसमें हुए विकास का जायजा लिया गया तो सरकार को यह महसूस हुआ की राष्ट्रीय राजधानी
क्षेत्र (एनसीआर) को और अधिक विस्तृत किये जाने की गुंजाइश है जिससे भारत की
अर्थव्यवस्था और भी सुदृढ़ होगी। इसीलिए 90 के दशक में ग्रेटर नोएडा की नींव रखी
गयी। पहले तो ग्रेटर नोएडा का मुख्य कार्यालय नोएडा के ही सेक्टर 20 में अस्थायी
रूप से खोला गया जिसके पहले चेयरमैन बने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी योगेन्द्र नारायण
तथा सचिव पद पर गणेश शंकर त्रिपाठी को नियुक्त किया गया। आगे चलकर जब ग्रेटर नोएडा
के शुरुआती तीन सेक्टर- अल्फ़ा, बीटा और गामा जब कुछ-कुछ बसने लगे तो
नोएडा से हटाकर इसका प्रशासनिक कार्यालय भी ग्रेटर नोएडा में ले आया गया. रामपुर
जागीर गाँव के सामने सेक्टर गामा-II में इसका कार्यालय स्थापित किया गया।
ग्रेटर नोएडा पश्चिम इसी ग्रेटर नोएडा
का एक अहम हिस्सा है. यह नोएडा से लगा हुआ क्षेत्र है और इसीलिए इसे ग्रेटर नोएडा
एक्सटेंशन भी कहते हैं. गंगा की सहायक नदी हिंडन नोएडा और ग्रेटर नोएडा पश्चिम को
आपस में बांटती है। ग्रेटर नोएडा पश्चिम से ही गाजियाबाद की सीमा भी मिलती है जो
कि उत्तर प्रदेश का एक अहम भाग है। ग्रेटर नोएडा पश्चिम रियल एस्टेट का हब माना
जाता है जहां एक लाइन से कई सारी बिल्डिंग्स बन रही है साथ ही यह औद्योगिक क्षेत्र
का भी मिश्रण है।
ग्रेटर नोएडा पश्चिम वास्तव में नया
बसता हुआ क्षेत्र है और यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का आशाजनक रियल एस्टेट
केंद्र है। आपको यहाँ कई बने हुए हाई राइज अपार्टमेंट्स, कई आधे अधूरे और बंद पड़े
तो कई निर्माणाधीन इमारतें दिख जायेंगी. ग्रेटर नोएडा पश्चिम में संपत्ति की
कीमतें अभी दिल्ली, नॉएडा के मुकाबले कम हैं मगर आने वाले वर्षों में वृद्धि की
उम्मीद है। ग्रेटर नोएडा पश्चिम जिस तरह से दूसरे शहरों से जुडी हुई है वह एक
महत्वपूर्ण वजह है कि इस इलाके में आवासीय
और वाणिज्यिक परियोजनाओं बड़ी संख्या में आ रही है।
ग्रेटर नोएडा पश्चिम में विकास की बेहद
संभावनाएं हैं यहां जिस तरह से आबादी बस रही है वैसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि
आने वाले वर्षों में यहां पर आप कई और विकास योजनाएं देखेंगे। यह एक बसता और उभरता
हुआ क्षेत्र है जहां बेहद संभावनाएं हैं। साथ ही दिल्ली, गाजियाबाद और नोएडा से कहीं ज्यादा
व्यवस्थित तौर पर इस शहर को बसाया गया है। आप कह सकते हैं यह अच्छी तरह से प्लांड
शहर के तौर पर स्थापित किया गया है। दिल्ली या आस पास में एक घर की तलाश
में मध्यवर्गीय आय समूह के लिए यह इलाका एक बढ़िया विकल्प है। ग्रेटर नोएडा पश्चिम
में एक अपार्टमेंट का औसत मूल्य लगभग 2,900 वर्ग फुट रुपए है। जैसा कि कीमतें दिल्ली के मुकाबले सस्ती हैं, ग्रेटर नोएडा पश्चिम में अपार्टमेंट की
मांग में वृद्धि हुई है। यहाँ कई तरह की परियोजनाएं पर काम चल रहा है तो कुछ
प्रस्तावित है. सड़कें और आने वाली मेट्रो लाइन ग्रेटर नोएडा पश्चिम से गाजियाबाद, दिल्ली, फरीदाबाद और एनसीआर के आसपास के अन्य शहरों को और नजदीक ले आएगा।
नोएडा-ग्रेटर लिंक रोड, गाजियाबाद
लिंक रोड और एफएनजी कॉरिडोर समग्र कनेक्टिविटी को बढ़ावा देते हैं। आने वाले समय
में ग्रेटर नोएडा वेस्ट तक मेट्रो लाइन विस्तारित होगी जिससे की कनेक्टिविटी बढ़
जाएगी.
जिस तरह से ग्रेटर नोएडा पश्चिम का
विकास हो रहा है वैसे मैं इससे काफी उम्मीदें हैं तो साथ ही उस पर उतना ही दबाव
भी। साथ ही आने वाले वक्त में कई समस्याएं ऐसी उभरकर आएंगी जिससे वास्तव में तब निपटने
की जरूरत होगी ऐसे में बैलटबॉक्सइंडिया की यह पहल है कि आपके इलाके में जो भी
समस्याएं हैं उसे हम आप से प्राप्त कर जिम्मेदार अधिकारियों तक पहुंचाएंगे और इसके
समाधान की पूरी कोशिश करेंगे. हमें उम्मीद है कि ग्रेटर नोएडा पश्चिम के लोग हमसे
अपनी समस्याएं साझा करें जिससे उनकी समस्याओं का निपटारा किया जा सके।
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Swarntabh Kumar 97
ग्रेटर नोएडा भारत देश के उत्तर प्रदेश का एक अहम भाग है और यह गौतम बुद्धा नगर जिले के अन्दर आता है साथ ही यह देश की राजधानी दिल्ली के क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण उपनगर है, जो इसके दक्षिण-पश्चिम की ओर स्थित है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र में इसके निकटवर्ती ही एक अन्य उपनगर नोएडा भी स्थित है, जो यहाँ से दिल्ली के रास्ते में पड़ता है। नोएडा को एशिया के सबसे बड़े औद्योगिक उपनगरों में से एक गिना जाता है। ग्रेटर नोएडा, जैसा कि इसके नाम से ही अंकित है यह आकार में नोएडा से भी बहुत बड़ा है और कम वक्त में ही अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान कायम कर चुका है।
भारत सरकार ने 1980 के दशक में यह अनुभव किया कि जिस रफ़्तार से दिल्ली की जनसंख्या में वृद्धि हो रही है उसे देखते हुए भविष्य में समस्या खड़ी हो सकती है। ऐसे में दिल्ली से लगे हुए उत्तर प्रदेश व हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में आवासीय एवं औद्योगिक विकास का विचार किया गया और ऐसे में गुड़गाँव व नोएडा जैसे नये नगरों को बसाया गया। जबकि इससे पहले नोएडा और ग्रेटर नोएडा को भटनेर के नाम से जाना जाता था।
नोएडा को बसाये जाने के बाद में जब इसमें हुए विकास का जायजा लिया गया तो सरकार को यह महसूस हुआ की राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) को और अधिक विस्तृत किये जाने की गुंजाइश है जिससे भारत की अर्थव्यवस्था और भी सुदृढ़ होगी। इसीलिए 90 के दशक में ग्रेटर नोएडा की नींव रखी गयी। पहले तो ग्रेटर नोएडा का मुख्य कार्यालय नोएडा के ही सेक्टर 20 में अस्थायी रूप से खोला गया जिसके पहले चेयरमैन बने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी योगेन्द्र नारायण तथा सचिव पद पर गणेश शंकर त्रिपाठी को नियुक्त किया गया। आगे चलकर जब ग्रेटर नोएडा के शुरुआती तीन सेक्टर- अल्फ़ा, बीटा और गामा जब कुछ-कुछ बसने लगे तो नोएडा से हटाकर इसका प्रशासनिक कार्यालय भी ग्रेटर नोएडा में ले आया गया. रामपुर जागीर गाँव के सामने सेक्टर गामा-II में इसका कार्यालय स्थापित किया गया।
ग्रेटर नोएडा पश्चिम इसी ग्रेटर नोएडा का एक अहम हिस्सा है. यह नोएडा से लगा हुआ क्षेत्र है और इसीलिए इसे ग्रेटर नोएडा एक्सटेंशन भी कहते हैं. गंगा की सहायक नदी हिंडन नोएडा और ग्रेटर नोएडा पश्चिम को आपस में बांटती है। ग्रेटर नोएडा पश्चिम से ही गाजियाबाद की सीमा भी मिलती है जो कि उत्तर प्रदेश का एक अहम भाग है। ग्रेटर नोएडा पश्चिम रियल एस्टेट का हब माना जाता है जहां एक लाइन से कई सारी बिल्डिंग्स बन रही है साथ ही यह औद्योगिक क्षेत्र का भी मिश्रण है।
ग्रेटर नोएडा पश्चिम वास्तव में नया बसता हुआ क्षेत्र है और यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का आशाजनक रियल एस्टेट केंद्र है। आपको यहाँ कई बने हुए हाई राइज अपार्टमेंट्स, कई आधे अधूरे और बंद पड़े तो कई निर्माणाधीन इमारतें दिख जायेंगी. ग्रेटर नोएडा पश्चिम में संपत्ति की कीमतें अभी दिल्ली, नॉएडा के मुकाबले कम हैं मगर आने वाले वर्षों में वृद्धि की उम्मीद है। ग्रेटर नोएडा पश्चिम जिस तरह से दूसरे शहरों से जुडी हुई है वह एक महत्वपूर्ण वजह है कि इस इलाके में आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाओं बड़ी संख्या में आ रही है।
ग्रेटर नोएडा पश्चिम में विकास की बेहद संभावनाएं हैं यहां जिस तरह से आबादी बस रही है वैसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले वर्षों में यहां पर आप कई और विकास योजनाएं देखेंगे। यह एक बसता और उभरता हुआ क्षेत्र है जहां बेहद संभावनाएं हैं। साथ ही दिल्ली, गाजियाबाद और नोएडा से कहीं ज्यादा व्यवस्थित तौर पर इस शहर को बसाया गया है। आप कह सकते हैं यह अच्छी तरह से प्लांड शहर के तौर पर स्थापित किया गया है। दिल्ली या आस पास में एक घर की तलाश में मध्यवर्गीय आय समूह के लिए यह इलाका एक बढ़िया विकल्प है। ग्रेटर नोएडा पश्चिम में एक अपार्टमेंट का औसत मूल्य लगभग 2,900 वर्ग फुट रुपए है। जैसा कि कीमतें दिल्ली के मुकाबले सस्ती हैं, ग्रेटर नोएडा पश्चिम में अपार्टमेंट की मांग में वृद्धि हुई है। यहाँ कई तरह की परियोजनाएं पर काम चल रहा है तो कुछ प्रस्तावित है. सड़कें और आने वाली मेट्रो लाइन ग्रेटर नोएडा पश्चिम से गाजियाबाद, दिल्ली, फरीदाबाद और एनसीआर के आसपास के अन्य शहरों को और नजदीक ले आएगा। नोएडा-ग्रेटर लिंक रोड, गाजियाबाद लिंक रोड और एफएनजी कॉरिडोर समग्र कनेक्टिविटी को बढ़ावा देते हैं। आने वाले समय में ग्रेटर नोएडा वेस्ट तक मेट्रो लाइन विस्तारित होगी जिससे की कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी.
जिस तरह से ग्रेटर नोएडा पश्चिम का विकास हो रहा है वैसे मैं इससे काफी उम्मीदें हैं तो साथ ही उस पर उतना ही दबाव भी। साथ ही आने वाले वक्त में कई समस्याएं ऐसी उभरकर आएंगी जिससे वास्तव में तब निपटने की जरूरत होगी ऐसे में बैलटबॉक्सइंडिया की यह पहल है कि आपके इलाके में जो भी समस्याएं हैं उसे हम आप से प्राप्त कर जिम्मेदार अधिकारियों तक पहुंचाएंगे और इसके समाधान की पूरी कोशिश करेंगे. हमें उम्मीद है कि ग्रेटर नोएडा पश्चिम के लोग हमसे अपनी समस्याएं साझा करें जिससे उनकी समस्याओं का निपटारा किया जा सके।