अमर क्रांतिकारी राजेंद्र लाहिड़ी जी के बलिदान दिवस पर अर्पित की गई श्रद्धांजलि, काकोरी कांड के महानायकों को किया गया याद
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Onkar Singh Contributors
Deepika Chaudhary 0
भारत के इतिहास में काकोरी ट्रेन कांड का विशेष स्थान है। इस घटना में देश के महान क्रांतिकारी राजेंद्रनाथ लाहिड़ी का नाम भी प्रमुखता के साथ लिया जाता है। आज के ही दिन उन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी थी। अमर शहीद राजेंद्रनाथ लाहिड़ी जी के साथ साथ काकोरी कांड से जुड़े सभी स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए आज विभिन्न राजनैतिक एवं सामाजिक संगठनों से जुड़े मान्यगणों ने लखनऊ, हजरतगंज के जीपीओ स्थित शहीद स्तंभ पर पुष्पांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि देने के उपरांत कॉफी हाउस स्थित सीबी सिंह सभागार में स्मृति सभा का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर जनता दल एस के प्रदेश अध्यक्ष ओंकार सिंह, पूर्व विधान परिषद सदस्य राम आशीष राय, प्रदेश अध्यक्ष रालोद फार वर्ड ब्लॉक के प्रदेश महासचिव वीरेंद्र त्रिपाठी (एडवोकेट), संजीव कुमार मिश्र, युवा जनता दल अध्यक्ष ताज आलम इत्यादि सहित अनेकों मान्यगणों की गरिमामय उपस्थिति दर्ज की गई।
स्मृति सभा के अंतर्गत भारत के वीर शहीदों के सपनों के भारत निर्माण का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम के दौरान ओंकार सिंह जी ने कहा कि देश की स्वाधीनता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी एवं काकोरी कांड के महानायक अमर शहीद राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी जी के बलिदान दिवस पर उन्हें भावपूर्ण नमन है। मां भारती की स्वतंत्रता के लिए अपने सर्वस्व समर्पित करने वाले श्रद्धेय लाहिड़ी जी के बलिदान के लिए यह कृतज्ञ राष्ट्र सदैव उनका ऋणी रहेगा।
उल्लेखनीय है कि शहीद राजेंद्र नाथ लाहिड़ी जी को गोंडा जेल में तय तारीख से 2 दिन पहले यानि 17 दिसम्बर, 1927 को ही अंग्रेजी हुकूमत के द्वारा फांसी की सजा दे दी थी। देश के स्वतंत्रता यज्ञ में अपने प्राणों को आहूत करते हुए भी राजेंद्र नाथ जी के चेहरे पर मुस्कान थी और उन्होंने हंसते-हंसते अपने प्राणों का बलिदान दे दिया।
यही उनके अंतिम शब्द थे और उनके अंतिम शब्दों को आज भी याद किया जाता है।