
कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं होता जरा एक पत्थर तो तबियत से उछाल कर देखिये, इन पंक्तियों का चरितार्थ स्वरुप रविवार, 22 अप्रैल को बागपत के एतिहासिक पुरामहादेव हिंडन पुल के सामने देखने को मिला. जब पवित्र हिंडन नदी को उसका खोया हुआ स्वरुप लौटने के प्रयास में एक साथ हजारों हाथ आगे बढें और नदी का दम घोंट देने वाली जलकुम्भी व कूड़े करकट को निकाल हिंडन को प्रदुषण मुक्त बनाने की ओर एक सार्थक कदम बढ़ाया. अनगिनत सभ्यताओं को जीवन देने वाली नदियां आज स्वयं के जीवन की लड़ाई लड़ रही है ऐसे में आवश्यकता थी एक जन आन्दोलन की, जिसके माध्यम से नदियों को न केवल उनका खोया हुआ गौरव प्राप्त हो बल्कि भावी पीढ़ी के लिए एक सकारात्मक सन्देश का भी निर्माण हो. निर्मल हिंडन सेवा मेरठ मंडलायुक्त डॉ प्रभात कुमार की अध्यक्षता में चलाया जा रहा एक ऐसा ही कार्यक्रम है जिसने लोगों को नदी तंत्र के प्रति सम्मान व्यक्त करने का एक स्वर्णिम अवसर प्रदान किया है, और यह सोचने का भी कि आज समय है कि भारत में नदियों के आगे हाथ केवल श्रद्धा से जुड़े नहीं अपितु उनके सुधार की दिशा में आगे बढें.
प्रशासन व निकाय अधिकारियों की अनूठी पहल
मेरठ कमिश्नर डॉ प्रभात कुमार के निर्देशानुसार हिंडन सेवा की अनूठी पहल पिलाना, बागपत के पुरा महादेव ग्राम के निकट हिंडन पुल से की गयी जिसमे बहुत से सरकारी आला अधिकारियों के साथ साथ निकाय के कर्मचारियों ने भी श्रमदान के माध्यम से हिंडन को संवारा. मेरठ प्रभारी नगरायुक्त अली हसन कर्नी, नगर निगम के मुख्य सफाई अधिकारी अरुण कुमार, बागपत एडीएम लोकपाल सिंह, जॉइंट मजिस्ट्रेट अन्नपूर्णा गर्ग, जिला पंचायत राज अधिकारी संजय यादव, बीडीओ कृपाल सिंह, अपर जिला अधिकारी सत्य प्रकाश पटेल आदि ने स्वयं हिंडन नदी में उतर कर जंगली घास व गन्दगी साफ़ करके लोगों के सामने मिसाल कायम की. लगभग हफ्ते भर चले इस कार्यक्रम में प्रदेश के पशुधन, लघु सिंचाई एवं मत्स्य विभाग मंत्री एस पी सिंह बघेल ने भी अपनी उपस्थिति अंकित करायी.
कार्यक्रम के मुख्य संचालक व संस्थापक डॉ प्रभात कुमार ने स्पष्ट किया कि “कार्य के पहले चरण में केंद्र बिंदु 30 मई तक हिंडन जल को पूरी तरह से साफ़ करने और वाटर रिचार्जिंग की व्यवस्था करना रहेगा. इसके अतिरिक्त हिंडन किनारे लगभग 800 गांवो को कार्यक्रम में भागीदार बनाया जाएगा और सभी गांवो व जिलों के अधिकारियों, सरपंचों तथा जिला वनाधिकारियों को सहयोग करने के लिए दिशानिर्देशित किया गया है.”

बागपत सब डिविजनल मजिस्ट्रेट अन्नपूर्णा गर्ग ने कहा कि, “गावों में समितियों का गठन किया गया है, जिनके माध्यम से हिंडन सफाई का कार्य प्रत्येक दिन किया जाएगा और पंचायत कर्मचारियों के द्वारा अभियान पर पूरी निगरानी रखी जाएगी.”
निर्मल हिंडन मित्रों का अतुलनीय सहयोग
मेरठ और सहारनपुर मंडल के साथ साथ और भी कई स्थानों पर भी जन आन्दोलन का रूप ले चुकी डॉ प्रभात की निर्मल हिंडन मुहिम में केवल प्रशासनिक अधिकारी ही नहीं अपितु बहुत सी स्वयंसेवी संस्थाएं भी अपना योगदान दे कर इस अभियान को सफल बनाने में प्रयासरत रही. निर्मल हिंडन टीम के सदस्य व नीर फाउंडेशन के संचालक रमनकांत त्यागी, अनुभव राठी, शुभम कौशिक इत्यादि के साथ हिंडन मित्र भी समूहों में नदी सफाई का कार्य करने में लगे थे.

निर्मल हिंडन मित्र रमन त्यागी ने बताया कि जैसे जैसे अभियान जोर पकड़ता जा रहा है, कल तक जो नदी गंदगी से पूरित थी अब महादेव पुल के दोनों ओर देखने पर अविरल बहती हुई नजर आने लगी है. इस अनूठे प्रयास के सुपरिणाम अब दिखाई देने लगे हैं. क्लीन मेरठ टीम के सदस्य अमित अगरवाल भी अपनी सहयोगी टीम के साथ इस अभियान में मौजूद रहे. ग्रामीण पर्यावरण विकास संस्था के सचिव कृष्णपाल तथा उनकी टीम भी अनवरत नदी सफाई का कार्य करने में जुटी है और साथ ही वे आसपास के गांवो को भी जागरूक करने का बीड़ा उठाए हुए है.
बैलेटबॉक्सइंडिया की टीम को दिए इंटरव्यू में रमन जी ने बताया कि निर्मल हिंडन सेवा का यह कार्य सरकार व समाज का संयुक्त प्रयास है. सरकारी अधिकारियों द्वारा जेसीबी मशीनों की व्यवस्था, श्रमदान के साथ साथ मॉनिटरिंग का कार्य भी बेहतरीन तरीके से किया जा रहा है, साथ ही स्वयंसेवी संस्थाएं और आसपास के ग्रामीण लोग भोजन, ट्रैक्टर, ट्रॉली, श्रमदान के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. तन, मन, धन से सबको हिंडन की सेवा करते देख एहसास होता है कि वह दिन दूर नहीं जब देश की नदियाँ स्वस्थ होकर अविरलता के साथ प्रवाहित होंगी. प्रतापगढ़, बिजनौर, पीलीभीत आदि जिलों में भी नदी संरक्षण की मुहिम शुरू हो चुकी है जो इस बात का द्योतक है कि समाज में जाग्रति आ रही है.”
सरकारी हाथों को मिला किसानों व छात्रों का साथ
हिंडन नदी की निर्मलता को कायम रखने में बागपत एवं मेरठ के दर्जनों गांवो के किसानों, ग्रामीणों ने अपना योगदान दिया, जिनमें मिर्जापुर, कर्णावल, लाहौरगढ़, घटौली, पुरा महादेव, मवीकलां, मवीखुर्द, बालैनी, पूरनपुर नवादा, फुलैरा, सर्फाबाद, बरनावा, सरोरा इत्यादि गांवो से लगभग 2 हजार की तादाद में किसानों ने हाथ आगे बढ़ाए. स्वयंसेवको के लिए भोजन का इंतजाम भी गांववासियों की तरफ से मिलजुल कर किया गया. मिर्जापुर, लाहौरगढ़, कर्णावल आदि गांवो के प्रधान सचिन कुमार, राजीव त्यागी व रमेश चन्द्र द्वारा संयुक्त रूप से सभी निर्मल हिंडन कार्यकर्ताओं के लिए भोजन की व्यवस्था की गयी.
मिर्जापुर गांव के सरपंच सचिन कुमार ने कहा कि, “उनके गांव से लगभग 1200 लोग इस अभियान में शामिल हुए है. नदी का दूषित जल ग्रामीणों में कैंसर, डायेरिया, हैज़ा, मलेरिया जैसी बीमारियां फैला रहा है इसीलिए सभी को मिलजुल कर कार्य करना आवश्यक हो गया है. आने वाली पीढ़ी के लिए हिंडन को साफ़ करके समाज में एक मिसाल कायम करनी होगी और गांववालों को इसके लिए घर घर जाकर जागरूक करना हम सबकी प्राथमिकता है.”

लाहौरगढ़ के प्रधान राजीव त्यागी ने नदी सेवा के महत्व को स्पष्ट करते हुए कहा कि, “किसी भाषण में हमने सुना था कि अगला विश्व युद्ध जल के लिए होगा, इसलिए नदी जल की महत्ता को समझाना अब जरूरी हो गया है. डॉ प्रभात ने हम सबको एक मंच प्रदान किया है जिसके माध्यम से हम यहां आकर निर्मल हिंडन अभियान के साथ जुड़े हैं और समूहों के जरिये श्रमदान कर रहे हैं.”
किसानों के साथ साथ मेरठ व बागपत जिले के विद्यार्थियों, जिनमें मेरठ के डीएन कॉलेज, एनएसए कॉलेज एवं मेरठ कॉलेज के दर्जनों छात्र-छात्राएं सम्मिल्लित हुए और जलकुम्भी हटाकर हिंडन को स्वच्छ बनाने में हिस्सेदारी की. बड़ी तादाद में लोगों ने जब हिंडन को निर्मल बनाने का संकल्प लिया तो समाज में एक आशावादी सन्देश का भी प्रचार हुआ.
अनवरत जारी रहेगी निर्मल हिंडन सेवा
हजारों हिंडन मित्रों द्वारा किये गये अथक प्रयासों से तकरीबन हफ्ते भर के इस अभियान से पुरा महादेव पुल के दोनों ओर लगभग 1000 मीटर तक हिंडन चमकने लगी. असंभव सा लगने वाला निर्मल हिंडन आयोजन मेरठ, बागपत व अन्य स्थानों के विभिन्न संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं, किसानों, छात्रों व निकायों के अफसरों के सामूहिक प्रयत्नों से रंग लाने लगा है.

डॉ प्रभात के अनुसार यह आयोजन आगे भी अनवरत जारी रहेगा और इसके अंतर्गत बहुत सी योजनाओं को लागू किया जाएगा, जो इस प्रकार होंगी :-
1. हिंडन नदी के सभी सातों प्रवाह क्षेत्रों मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद, मुज्जफरनगर, शामली, बागपत तथा गौतमबुद्ध नगर के अधिकारिओं से सम्पर्क बनाकर निर्मल हिंडन अभियान इन सभी स्थानों में चलाया जाएगा.
2. हिंडन किनारों पर वृक्षारोपण करके नदी का सौंदर्यीकरण तथा भूजल रिचार्ज में वृद्धि की जाएगी.
3. तालाबों का पुनरुत्थान करके नदी जल संरक्षण पर बल दिया जाएगा जिससे बरसात के दिनों में जल संरक्षित हो सके और किसानों को कृषि में सहायता मिले.
4. किसानों को जैविक कृषि करने के लिए प्रेरित किया जाना प्रमुख लक्ष्य है, रसायनमुक्त कृषि की पहल होगी. नदी सफाई के बाद निकली जलकुम्भी से जैविक खाद का निर्माण किया जा रहा है, जिसके लिए नदी किनारे से जल कुम्भी को 10 फीट हटाकर उसके बेड बनाए गये है, जिन पर कल्चर का स्प्रे करने के बाद वन महोत्सव तक जैविक खाद तैयार कर वृक्षारोपण के लिए उपयोग में लिया जाएगा. इसके लिए ग्रेटर नोएडा से विशेषज्ञ संजीव शर्मा को बुलाया गया है.
5. ग्राम एवं जिला स्तर पर हिंडन समितियों का गठन किया जाएगा जिसके माध्यम से लगातार हिंडन सफाई को मॉनिटर किया जाएगा.
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Deepika Chaudhary Contributors
Swarntabh Kumar 204
कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं होता जरा एक पत्थर तो तबियत से उछाल कर देखिये, इन पंक्तियों का चरितार्थ स्वरुप रविवार, 22 अप्रैल को बागपत के एतिहासिक पुरामहादेव हिंडन पुल के सामने देखने को मिला. जब पवित्र हिंडन नदी को उसका खोया हुआ स्वरुप लौटने के प्रयास में एक साथ हजारों हाथ आगे बढें और नदी का दम घोंट देने वाली जलकुम्भी व कूड़े करकट को निकाल हिंडन को प्रदुषण मुक्त बनाने की ओर एक सार्थक कदम बढ़ाया. अनगिनत सभ्यताओं को जीवन देने वाली नदियां आज स्वयं के जीवन की लड़ाई लड़ रही है ऐसे में आवश्यकता थी एक जन आन्दोलन की, जिसके माध्यम से नदियों को न केवल उनका खोया हुआ गौरव प्राप्त हो बल्कि भावी पीढ़ी के लिए एक सकारात्मक सन्देश का भी निर्माण हो. निर्मल हिंडन सेवा मेरठ मंडलायुक्त डॉ प्रभात कुमार की अध्यक्षता में चलाया जा रहा एक ऐसा ही कार्यक्रम है जिसने लोगों को नदी तंत्र के प्रति सम्मान व्यक्त करने का एक स्वर्णिम अवसर प्रदान किया है, और यह सोचने का भी कि आज समय है कि भारत में नदियों के आगे हाथ केवल श्रद्धा से जुड़े नहीं अपितु उनके सुधार की दिशा में आगे बढें.
प्रशासन व निकाय अधिकारियों की अनूठी पहल
मेरठ कमिश्नर डॉ प्रभात कुमार के निर्देशानुसार हिंडन सेवा की अनूठी पहल पिलाना, बागपत के पुरा महादेव ग्राम के निकट हिंडन पुल से की गयी जिसमे बहुत से सरकारी आला अधिकारियों के साथ साथ निकाय के कर्मचारियों ने भी श्रमदान के माध्यम से हिंडन को संवारा. मेरठ प्रभारी नगरायुक्त अली हसन कर्नी, नगर निगम के मुख्य सफाई अधिकारी अरुण कुमार, बागपत एडीएम लोकपाल सिंह, जॉइंट मजिस्ट्रेट अन्नपूर्णा गर्ग, जिला पंचायत राज अधिकारी संजय यादव, बीडीओ कृपाल सिंह, अपर जिला अधिकारी सत्य प्रकाश पटेल आदि ने स्वयं हिंडन नदी में उतर कर जंगली घास व गन्दगी साफ़ करके लोगों के सामने मिसाल कायम की. लगभग हफ्ते भर चले इस कार्यक्रम में प्रदेश के पशुधन, लघु सिंचाई एवं मत्स्य विभाग मंत्री एस पी सिंह बघेल ने भी अपनी उपस्थिति अंकित करायी.
निर्मल हिंडन मित्रों का अतुलनीय सहयोग
मेरठ और सहारनपुर मंडल के साथ साथ और भी कई स्थानों पर भी जन आन्दोलन का रूप ले चुकी डॉ प्रभात की निर्मल हिंडन मुहिम में केवल प्रशासनिक अधिकारी ही नहीं अपितु बहुत सी स्वयंसेवी संस्थाएं भी अपना योगदान दे कर इस अभियान को सफल बनाने में प्रयासरत रही. निर्मल हिंडन टीम के सदस्य व नीर फाउंडेशन के संचालक रमनकांत त्यागी, अनुभव राठी, शुभम कौशिक इत्यादि के साथ हिंडन मित्र भी समूहों में नदी सफाई का कार्य करने में लगे थे.
निर्मल हिंडन मित्र रमन त्यागी ने बताया कि जैसे जैसे अभियान जोर पकड़ता जा रहा है, कल तक जो नदी गंदगी से पूरित थी अब महादेव पुल के दोनों ओर देखने पर अविरल बहती हुई नजर आने लगी है. इस अनूठे प्रयास के सुपरिणाम अब दिखाई देने लगे हैं. क्लीन मेरठ टीम के सदस्य अमित अगरवाल भी अपनी सहयोगी टीम के साथ इस अभियान में मौजूद रहे. ग्रामीण पर्यावरण विकास संस्था के सचिव कृष्णपाल तथा उनकी टीम भी अनवरत नदी सफाई का कार्य करने में जुटी है और साथ ही वे आसपास के गांवो को भी जागरूक करने का बीड़ा उठाए हुए है.
सरकारी हाथों को मिला किसानों व छात्रों का साथ
हिंडन नदी की निर्मलता को कायम रखने में बागपत एवं मेरठ के दर्जनों गांवो के किसानों, ग्रामीणों ने अपना योगदान दिया, जिनमें मिर्जापुर, कर्णावल, लाहौरगढ़, घटौली, पुरा महादेव, मवीकलां, मवीखुर्द, बालैनी, पूरनपुर नवादा, फुलैरा, सर्फाबाद, बरनावा, सरोरा इत्यादि गांवो से लगभग 2 हजार की तादाद में किसानों ने हाथ आगे बढ़ाए. स्वयंसेवको के लिए भोजन का इंतजाम भी गांववासियों की तरफ से मिलजुल कर किया गया. मिर्जापुर, लाहौरगढ़, कर्णावल आदि गांवो के प्रधान सचिन कुमार, राजीव त्यागी व रमेश चन्द्र द्वारा संयुक्त रूप से सभी निर्मल हिंडन कार्यकर्ताओं के लिए भोजन की व्यवस्था की गयी.
किसानों के साथ साथ मेरठ व बागपत जिले के विद्यार्थियों, जिनमें मेरठ के डीएन कॉलेज, एनएसए कॉलेज एवं मेरठ कॉलेज के दर्जनों छात्र-छात्राएं सम्मिल्लित हुए और जलकुम्भी हटाकर हिंडन को स्वच्छ बनाने में हिस्सेदारी की. बड़ी तादाद में लोगों ने जब हिंडन को निर्मल बनाने का संकल्प लिया तो समाज में एक आशावादी सन्देश का भी प्रचार हुआ.
अनवरत जारी रहेगी निर्मल हिंडन सेवा
हजारों हिंडन मित्रों द्वारा किये गये अथक प्रयासों से तकरीबन हफ्ते भर के इस अभियान से पुरा महादेव पुल के दोनों ओर लगभग 1000 मीटर तक हिंडन चमकने लगी. असंभव सा लगने वाला निर्मल हिंडन आयोजन मेरठ, बागपत व अन्य स्थानों के विभिन्न संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं, किसानों, छात्रों व निकायों के अफसरों के सामूहिक प्रयत्नों से रंग लाने लगा है.
डॉ प्रभात के अनुसार यह आयोजन आगे भी अनवरत जारी रहेगा और इसके अंतर्गत बहुत सी योजनाओं को लागू किया जाएगा, जो इस प्रकार होंगी :-
1. हिंडन नदी के सभी सातों प्रवाह क्षेत्रों मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद, मुज्जफरनगर, शामली, बागपत तथा गौतमबुद्ध नगर के अधिकारिओं से सम्पर्क बनाकर निर्मल हिंडन अभियान इन सभी स्थानों में चलाया जाएगा.
2. हिंडन किनारों पर वृक्षारोपण करके नदी का सौंदर्यीकरण तथा भूजल रिचार्ज में वृद्धि की जाएगी.
3. तालाबों का पुनरुत्थान करके नदी जल संरक्षण पर बल दिया जाएगा जिससे बरसात के दिनों में जल संरक्षित हो सके और किसानों को कृषि में सहायता मिले.
4. किसानों को जैविक कृषि करने के लिए प्रेरित किया जाना प्रमुख लक्ष्य है, रसायनमुक्त कृषि की पहल होगी. नदी सफाई के बाद निकली जलकुम्भी से जैविक खाद का निर्माण किया जा रहा है, जिसके लिए नदी किनारे से जल कुम्भी को 10 फीट हटाकर उसके बेड बनाए गये है, जिन पर कल्चर का स्प्रे करने के बाद वन महोत्सव तक जैविक खाद तैयार कर वृक्षारोपण के लिए उपयोग में लिया जाएगा. इसके लिए ग्रेटर नोएडा से विशेषज्ञ संजीव शर्मा को बुलाया गया है.
5. ग्राम एवं जिला स्तर पर हिंडन समितियों का गठन किया जाएगा जिसके माध्यम से लगातार हिंडन सफाई को मॉनिटर किया जाएगा.