निर्मल हिंडन की मुहीम, उद्योगों के डिस्चार्ज पर पैनी नज़र
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By
Raman Kant 62
उद्योगों के नमूने एकत्र किए गए
निर्मल हिण्डन कार्यक्रम के तहत पूर्व केंद्रीय मंत्री डा0 संजीव बालियान की पहल पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण विभाग व निर्मल हिण्डन की टीम ने आज मुजफ्फरनगर जनपद के कुछ उद्योगों से निकलने वाले पानी के नमूने को जांच के लिए एकत्र किया। आपको बता दे कि हिण्डन में फैले प्रदूषण का एक बड़ा कारण औद्योगिक कचरा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री डा0 संजीव बालियान की पहल
गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर जनपद में उद्योगों से निकलने वाले तरल गैर-शोधित कचरे के नालों को लगातार देखा जा रहा था तथा उनकी मॉनिटरिंग की जा रही थी। यह मामला जब पूर्व केंद्रीय मंत्री डा0 संजीव बालियान के संज्ञान में आया तो उन्होंने इन उद्योगों के निरिक्षण और नमूनों के परीक्षण का निर्णय लिया। नमूने एकत्र करने हेतु राज्य प्रदूषण नियंत्रण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों की टीम, डा0 संजीव बालियान के प्रतिनिधि व निर्मल हिण्डन के सदस्यों की एक टीम ने नमूने एकत्र किए।
नमूने को आईआईटी रुड़की की प्रयोगशाला में परीक्षण हेतु भेजा गया
निर्मल हिण्डन कार्यक्रम के सदस्य रमन कान्त त्यागी ने जानकारी दी कि आज संयुक्त टीम ने पहले मन्सूरपुर गन्ना मिल व आसवनी से निकलने वाले पानी के नमूने लिए, इसके बाद बेघराजपुर औद्योगिक क्षेत्र के एक नाले से निकलने वाले तरल कचरे का नमूना लिया गया तथा बेघराजपुर औद्योगिक क्षेत्र के नाले का भी नमूना उसके काली नदी पश्चिमी में मिलने से पहले लिया। इन नमूनों को आईआईटी रुड़की की प्रयोगशाला में परीक्षण हेतु भेजा गया। निरीक्षण और नमूने लेने वाली इस टीम में प्रदूषण नियंत्रण विभाग की टीम के पांच सदस्य, पुष्पेन्द्र आर्य व अनुभव राठी की भी मौजूदगी रही।
दिखने लगा है निर्मल हिण्डन कार्यक्रम का असर
निर्मल हिण्डन कार्यक्रम में डा0 प्रभात कुमार, मेरठ मंडलायुक्त द्वारा दिखाई जा रही सख्ती का असर अब दिखने लगा है। आज जब निर्मल हिण्डन की टीम ने प्रदूषण नियंत्रण विभाग की टीम के साथ मन्सूरपुर गन्ना मिल व आसवनी का निरीक्षण किया तो वहां आसवनी से निकलने वाले नाले को प्रबंधन द्वारा पूर्णतः बंद कर दिया गया है तथा उसको जीरो डिस्चार्ज पर लाया जा रहा है। इसी प्रकार गन्ना मिल ने भी अपने पानी को पुनः इस्तेमाल करना प्रारम्भ कर दिया है। इसके साथ ही कुछ उद्योग अपने-अपने यहां जीरो डिस्चार्ज तकनीक को लागू करने की ओर बढ़ रहे हैं, यह सब हिण्डन व उसकी सहायक नदियों के लिए अच्छा संकेत है।
निर्मल हिण्डन की टीम ने दो नालों की पहचान की
निर्मल हिण्डन की टीम द्वारा मन्सूरपुर के नाले को ट्रैक करना जब प्रारम्भ किया गया तो पता चला यह नाला काली नदी पश्चिमी में जाकर मिलता है। यह नाला काली नदी पश्चिमी में हुसैनपुर बोपाड़ा गांव के जंगल में जाकर मिलता है।
मन्सूरपुर के नाले को भी जब टीम द्वारा ट्रैक किया गया तो पता चला यह नाला भी बेघराजपुर गांव के जंगल में जाकर काली नदी पश्चिमी में ही मिलता है।
(रमन कान्त त्यागी)
सदस्य
निर्मल हिण्डन कार्यक्रम
9411676951