Ad
Search by Term. Or Use the code. Met a coordinator today? Confirm the Identity by badge# number here, look for BallotboxIndia Verified Badge tag on profile.
 Search
 Code
Searching...loading

Search Results, page of (About Results)

'निर्मल हिंडन सम्मेलन' रहा बेहद सफल

Hindon River- A Research on a dying Tributary of Yamuna

Hindon River- A Research on a dying Tributary of Yamuna निर्मल हिंडन सम्मेलन का आयोजन (हिंडन एवं उसकी सहायक नदियों को निर्मल एवं अविरल बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया जाने वाला कार्यक्रम)

BySwarntabh Kumar Swarntabh Kumar   Contributors Dr Prabhat Kumar Dr Prabhat Kumar 113

 

हिंडन को हिंडन बनाने यानी कि हिंडन को उसके वास्तविक स्वरुप में लाने की मुहिम के तहत दिनांक 8 अप्रैल 2018 को सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ के सभागार में निर्मल हिंडन सम्मेलन का आयोजन किया गया.

 

 हिंडन को हिंडन बनाने यानी कि हिंडन को उसके वास्तविक स्वरुप में लाने की मुहिम के तहत दिनांक 8 अप्रैल

 

वास्तव में यह सम्मेलन मेरठ मंडल के कमिश्नर डॉ प्रभात कुमार के अथक प्रयासों का नतीजा है. इस सम्मेलन की गंभीरता को इसी बात से समझा जा सकता है कि इस सम्मेलन में मेरठ मंडल के कमिश्नर डॉक्टर प्रभात कुमार के साथ-साथ सहारनपुर मंडल के कमिश्नर की भी मौजूदगी रही साथ ही हिंडन से लगने वाले 7 जिलों के जिलाधिकारियों के साथ साथ विभिन्न पदाधिकारियों की भी मौजूदगी रही. साथ ही साथ विभिन्न गैर सरकारी संगठन और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी बड़ी गंभीरता से इस सम्मेलन में अपनी भागीदारी निभाई.

 

 हिंडन को हिंडन बनाने यानी कि हिंडन को उसके वास्तविक स्वरुप में लाने की मुहिम के तहत दिनांक 8 अप्रैल

 

सम्मेलन का आरंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ. इसके बाद लोकगीत गायक धर्मपाल नागर ने अपने सह लोक गीतकारों के साथ स्वयं के द्वारा रचित हिंडन पर आधारित गीत से कार्यक्रम की शुरुआत की.

इसके बाद हिंडन पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई जिसमें दूषित हिंडन के बारे में बताया गया. डॉक्यूमेंट्री में बताया गया कि सिर्फ पानी की वजह से किस तरह से लोग भयंकर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं और अगर हिंडन को बचाया नहीं गया तो हिंडन के साथ साथ उससे जुड़ी कई संस्कृति भी खत्म हो जायेंगी.

 

 हिंडन को हिंडन बनाने यानी कि हिंडन को उसके वास्तविक स्वरुप में लाने की मुहिम के तहत दिनांक 8 अप्रैल

 

निर्मल हिंडन सम्मेलन सबसे पहला संबोधन डॉ प्रभात कुमार द्वारा दिया गया. कमिश्नर प्रभात कुमार ने कहा कि मैं यहां कोई अधिकारी नही, यहां सभी मित्र हैं हरनंदी के. ज्ञात हो कि हरनंदी हिंडन का पुराना नाम है. बड़ी गंभीरता के साथ उन्होंने कहा कि हिंडन केवल एक नदी नहीं हमारी सभ्यता, हमारा विकास है, जो विकास आज विकार बन चुका है. हमारा दायित्व है कि हम इसे बचाएं अपने बच्चों के लिए, अच्छे कल के लिए. यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसे अच्छी स्थिति में छोड़कर जाएं. उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य स्वयं ही अपना मित्र है, अपना शत्रु है हम क्यों खुद के शत्रु बने हुए हैं? उन्होंने मौजूद लोगों से कहा कि हम क्यों सरकार की तरफ देखते हैं? आज हमें सरकार की तरफ नहीं खुद की तरफ देखने की जरूरत है. यह प्रण करें कि ना हम हिंडन को या किसी भी नदी को गंदा करेंगे ना करने देंगे. आगे के क्रियान्वन के लिए उन्होंने सभी अधिकारियों से अनुरोध किया 30 अप्रैल तक सभी हिंडन के आसपास की जमीन देख ले. जून तक वृक्षारोपण के लिए हर जगह पहले से ही गड्ढे तैयार कर लिए जाए और बारिश के दौरान सही वक्त पर वृक्षारोपण कर लिया जाए.

 

 हिंडन को हिंडन बनाने यानी कि हिंडन को उसके वास्तविक स्वरुप में लाने की मुहिम के तहत दिनांक 8 अप्रैल

 

आगे उन्होंने कहा की बरसात के पहले हर गांव में तालाबों को पुनर्जीवित करना है इसके लिए इच्छाशक्ति की जरूरत है. मुझे उम्मीद है कि हम इसे जरूर करेंगे. पानी बहने नहीं देंगे जमा करेंगे, संरक्षित करेंगे. उन्होंने कहा यह सुनिश्चित किया जाए सॉलिड वेस्ट नालों का पानी सीधा हिंडन में नहीं जाने दिया जाए. औद्योगिक उत्प्रवाह को रोका जाए. खास तौर पर हरित कृषि की ओर लोगों को ध्यान देने को कहा क्योंकि आज के कृषि पद्धति के कारण अनियंत्रित विनाशकारी खाद से जमीन के अंदर का पानी भी दूषित होता जा रहा है. जिसकी वजह से नदियां प्रदूषित हो रही हैं इसीलिए आज हरित क्रांति की बहुत जरूरत है. 

इसके साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि हिंडन के दूषित पानी की वजह से यहां के आसपास के लोगों के, पशुओं के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. जिन लोगों को, पशुओं को दूषित पानी की वजह से बीमारियां हुई हैं उनका भी इलाज करवाया जाए. 

संबोधन के अंत में उन्होंने सब से अपील की, कि सभी एक साथ आएं, एक साथ बढ़े. उन्होंने कहा कि हिंडन को निर्मल बनाने के लिए आज मन, धन और आप सभी के पागलपन की जरूरत है. कोई एक रुपया भी दे तो उसका स्वागत है. 'जय हिंडन'.

Ad

 

 हिंडन को हिंडन बनाने यानी कि हिंडन को उसके वास्तविक स्वरुप में लाने की मुहिम के तहत दिनांक 8 अप्रैल

 

इसके बाद सहारनपुर मंडल के कमिश्नर चंद्र प्रकाश त्रिपाठी ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह कितनी शोचनीय अवस्था है जिस पानी को हम पीकर स्वस्थ रहते थे अब वह पानी पीने लायक ही नहीं रहा. इस पर सिर्फ सोचने की नहीं बल्कि कदम उठाने की जरूरत है. हिंडन स्वच्छ करना यह हम सब की जिम्मेदारी होना चाहिए हिंडन को स्वच्छ किया ही जाना चाहिए. उन्होंने जागरूकता पर बल देते हुए कहा कि हम कितना भी प्रयास कर ले मगर सबसे पहले हिंडन को निर्मल बनाने के अभियान में लोगों को जागरुक करने की आवश्यकता है. हमें इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है. तालाबों के जीर्णोद्धार की भी बेहद जरूरत है. पानी के संचयन से ही ग्राउंड वाटर का लेवल बढ़ेगा और उस से हिंडन रिचार्ज हो सकेगी. इसके साथ ही चंद्र प्रकाश त्रिपाठी ने कहा हिंडन का उद्भव सहारनपुर से ही है ऐसे में हमारे मंडल की, हमारे शहर की यह जिम्मेदारी है कि हम दूसरे जिलों में हिंडन के पानी को स्वक्ष पहुंचा पाए. मैं आप सभी को यह भरोसा दिलाता हूं कि हिंडन को निर्मल बनाने के लिए हमारी तरफ से जो भी हो सकेगा हम उसके लिए काम करेंगे.

इसके बाद पर्यावरणविद् डॉक्टर दिनेश कुमार ने अपना प्रस्तुतीकरण दिया. दिनेश जी ने अपनी पीएचडी एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग आई आई टी बी से की है. पानी से जुड़े मामलों को लेकर उनकी दिलचस्पी भी है और विशेषज्ञता भी. उन्होंने अपने प्रस्तुतीकरण में बताया कि प्राकृतिक पद्धति द्वारा जल संरक्षण हेतु अपशिष्ट जल का उपचार एवं पुनः प्रयोग कैसे किया जा सकता है. इस बात पर बेहद जोर दिया कि नदियों को पुनर्जीवित करना है तो हमें उस स्रोत को पुनर्जीवित करना होगा जिससे नदियों में पानी आता था. 

डॉ दिनेश ने कई पद्धतियों का भी जिक्र किया जिससे हम नदियों के पानी को बढ़ा सकते हैं, स्वच्छ कर सकते हैं. उन्होंने डकवीड प्रणाली, वेटलैंड प्रणाली, करनाल प्रणाली आदि के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अगर हमें नदियों को स्वच्छ बनाना है, नदियों में पानी लाना है तो इन पद्धतियों का जरूर इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

इसके बाद जैविक खेती विशेषज्ञ और प्रधानमंत्री द्वारा संज्ञान में लिए गए भारत भूषण त्यागी जी को मंच पर बुलाया गया. अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि आज इस सम्मेलन में हम हिंडन नदी को निर्मल बनाने की बात कर रहे हैं, मगर हमें आज यह सोचने और इस पर गंभीरता से विचार किए जाने की जरूरत है कि नदी का अस्तित्व जमीन से है और जमीन की हालत नदियों से भी बुरी है. हमने जमीन को विषैला बना दिया है और जमीन से अंदर जाने वाला पानी इतना जहरीला है कि वह नदियों को भी दूषित करता है. उन्होंने जैविक खेती को बढ़ावा देने की बात कही. उन्होंने यह भी कहा जो भी हो जैसे भी हो अगर कोई भी उनके पास प्रशिक्षण के लिए आएगा तो वह उन्हें बिल्कुल मुफ्त में जैविक खेती का प्रशिक्षण देंगे.

अपने उद्बोधन में उन्होंने यह भी कहा प्रधान, सरपंच, सामाजिक कार्यकर्ता, गैर सरकारी संगठन, प्रशासन सभी को साथ मिलकर काम करना होगा. मैं सबके साथ मिलकर काम करूंगा. उन्होंने इसके साथ यह भी कहा जो भी पर्यावरण के रक्षक है वह सभी मित्र हैं और मित्रता के साथ यह कार्यक्रम चलाना होगा. उन्होंने कहा कि पर्यावरण की कोई भी समस्या हो मैं हमेशा साथ खड़ा रहूंगा. आज सभागार में मौजूद सभी को यह प्रण लेना होगा कि हमें देश को बचाना है.

 

 हिंडन को हिंडन बनाने यानी कि हिंडन को उसके वास्तविक स्वरुप में लाने की मुहिम के तहत दिनांक 8 अप्रैल

 

मुस्कान ज्योति के संस्थापक मेवालाल जी ने शहरी सॉलिड वेस्ट और गांव के वेस्ट मैनेजमेंट पर जोर देते हुए अपनी बात रखी कि आज नदियों के दूषित होने का सबसे बड़ा कारण उसमें प्रवाहित किया जाने वाला कचरा है. अपने प्रस्तुतीकरण के जरिए उन्होंने बताया कि वह यहां सिर्फ कचरा प्रबंधन पर बात करने नहीं बल्कि उसके इंप्लीमेंटेशन की बात करने आए हैं. उन्होंने बताया कि किस तरह पूरे कचरे का प्रबंध किया जा सकता है यहां तक कि प्लास्टिक का भी. यह हिंडन नदी को बचाने का अद्भुत तरीका हो सकता है.

ग्रीन मैन के नाम से प्रसिद्ध विजय पाल जी जो कि वृक्षारोपण के विशेषज्ञ हैं, ने इस बात की हिमायत की कि क्यों ना निर्मल हिंडन सम्मेलन जो कि आज के दिन यानी 8 अप्रैल को मनाया जा रहा है उसे हम हिंडन दिवस के रूप में घोषित कर दे.  

Ad

 

 हिंडन को हिंडन बनाने यानी कि हिंडन को उसके वास्तविक स्वरुप में लाने की मुहिम के तहत दिनांक 8 अप्रैल

 

नीर फाउंडेशन के संस्थापक और निर्मल हिंडन अभियान के सदस्य रमन कांत त्यागी ने कहा कि हिंडन नदी को निर्मल बनाने का प्रयास तो जरूर हो रहा है मगर इसे कानून के दायरे में भी लाने की जरूरत है. गांव के सरपंचों, प्रधानों को यह अधिकार दिया जाए कि जो लोग भी हिंडन में कचरा डालते हैं उन्हें दंडित करने का अधिकार उनके पास हो और वें अपने तरीके से हिंडन में जाने वाले कचरे पर रोक लगा पायें.

सामाजिक कार्यकर्ता और प्रदूषण बोर्ड में अधिकारी रहे चंद्रवीर सिंह ने कहा कि सभी प्रधान, अधिकारीगण, सामाजिक कार्यकर्ता, गैर सरकारी संगठन हिंसा से काम ना करें बल्कि उचित समाधान निकालने का प्रयास करें. हिंडन नदी में आज जितना प्रदूषण है उसकी वजह से लोग बीमारियों से मर रहे हैं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इस पर सख्त कदम उठाना होगा. उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास काफी सारे अधिकार हैं जिसका वह उपयोग नहीं करती है.  उसे सख्ती से इस पर अमल करना होगा. उन्होंने उद्योगपतियों से अपील करते हुए कहा कि मैं आप सभी से गुजारिश करता हूं कि आम जनता, गरीब लोगों पर रहम खाएं. उन्होंने आम जनमानस को झकझोरते हुए जगाने की कोशिश की , उन्होंने कहा कि आप सभी के पास अधिकार है और आप नेताओं को चुनते हैं, तो ऐसे में जब आपका सब कुछ बर्बाद हो रहा है तो उन्हें हटाओ, उखाड़ फेंको, अपने अधिकारों का उपयोग करो. उन्होंने ग्राम प्रधान, सरपंचों से यह अपील कि उन्हें भी अब आगे आना होगा.

 

 हिंडन को हिंडन बनाने यानी कि हिंडन को उसके वास्तविक स्वरुप में लाने की मुहिम के तहत दिनांक 8 अप्रैल

 

2030 वाटर रिसोर्स ग्रुप की एन्नेलेके लानिंगा ने निर्मल हिंडन सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि मैं विदेशी नहीं हूं, मैं हिंडन के लिए काम करती हूं. हम सब मिलकर काम करें तो हिंडन को साफ कर सकते हैं. सरकार, उद्योग, सिविल सोसाइटी को एक साथ आना होगा. बहुत सारे लोग आज से हिंडन नदी के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं. हम सिर्फ अपना थोड़ा सा समय देकर हिंडन के लिए काम कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि आज की खेती प्रणाली में सुधार लाने की आवश्यकता है. कचरें को सही जगह डालने यानी डस्टबिन के उपयोग के बारे में लोगों को जागरुक करने की जरूरत है, नालों की व्यवस्था को भी देखने की सख्त आवश्यकता है. 2030 वाटर रिसोर्स ग्रुप आपके साथ मिलकर काम कर रहा है और करता रहेगा.

पी के पांडे सम्मेलन में अपने वक्तव्य में बताया कि हिंडन के किनारे 865 गांव हैं और हमने सभी के लिए एक्शन प्लान बनाया है और उस पर काम करेंगे. उन्होंने हिंडन नदी का परिचय दिया और दूषित हो चुकी  हिंडन की दशा को बदलने के प्रयास की बात कही. उन्होंने कहा कि हम डॉ प्रभात कुमार के मार्गदर्शन में काम करेंगे. इसके साथ उन्होंने जल संरक्षण और नदी सौंदर्यीकरण की आवश्यकता पर जोर देते हुए बताया कि हिंडन को अगर स्वच्छ बनाना है तो हिंडन के किनारे बने गांवो के लिए सौंदर्यीकरण करना होगा. जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और गांव में आमदनी आएगी जिससे गांव वाले भी इसके स्वच्छता की ओर ध्यान देंगे.

मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी राजीव शर्मा ने अपने उद्बोधन में बताया कि सम्मेलन में आने से पहले उन्हें यह महसूस हुआ कि हिंडन को लेकर कुछ तो काम किया जाना चाहिए. ऐसे में हिंडन की सहायक नदी काली को साफ करने के प्रयास में उन्होंने जब कदम बढ़ाया तो देखा कि काली नदी दिख ही नहीं रही थी. यह डेढ़-दो फीट नीचे थी और ऊपर कचरों का ढेर था. उन्हें बड़ी आत्मग्लानि हुई मगर 2 हफ्ते में उनके साथियों द्वारा अथक प्रयास से इसे साफ कर दिया गया. उन्होंने कहा कि जो गंदगी काली नदी के ऊपर थी वह वाकई विचारणीय है. अभी जिस तरह से हिंडन को निर्मल बनाने का प्रयास चल रहा है वैसे समय में अगर कुछ नहीं किया गया तो यह कभी नहीं होगा.

Ad

 

 हिंडन को हिंडन बनाने यानी कि हिंडन को उसके वास्तविक स्वरुप में लाने की मुहिम के तहत दिनांक 8 अप्रैल

 

इसके बाद शामली के जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह द्वारा हिंडन की सहायक नदी कृष्णी पर किए जा रहे कार्यों को लेकर डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई. उन्होंने कहा कि मैं हिंडन की सहायक नदी से जुड़ा हुआ हूं. जनपद के किसान, व्यापारी और भी कई लोगों ने कृष्णी नदी को साफ बनाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है. हमारी कोशिश है कि हम अपने जनपद की नदी कृष्णी को ही पूर्णता साफ कर हिंडन को सौंप दें.

मेरठ की जिला वन अधिकारी आदित्य शर्मा ने सम्मेलन के दौरान उनके विभाग द्वारा किए गए कार्यों से लोगों को अवगत कराया. उनका विशेष जोर वृक्षारोपण को लेकर था. उन्होंने अपने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से लोगों को बताने की कोशिश की कि निर्मल हिंडन एक प्रयास, एक अभियान है. उन्होंने कहा कि कोई भी कार्यक्रम तब तक सफल नहीं होगा जब तक जनभागिता नहीं होगी. उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि हाथ बढ़ेंगे तभी काम होगा. वृक्षारोपण पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण बेहद जरूरी है, सभी लोगों को कम से कम एक वृक्ष लगाना ही चाहिए. 

बागपत जिला विकास अधिकारी हुबलाल उनके जिले में किए गए कार्य को सभी से अवगत कराया. उन्होंने साथ ही कहा कि बच्चे कल के भविष्य हैं और इसीलिए नदियों की उपयोगिता के बारे में निरंतर बच्चों को शिक्षा विभाग द्वारा बताया जाता है. उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा लोगों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है और प्रत्येक शनिवार हिंडन के तट पर वृक्षारोपण किया जाता है. 

गाजियाबाद जिले के कंसल्टेंट मोहम्मद फारुक अपनी बातचीत में एक नारा दिया- 

'हम सबका एक ही नारा, हिंडन में बहे स्वच्छ जलधारा.'

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि गाजियाबाद में तालाबों को जीर्णोधार करने का प्लान बनाया गया है ऐसे ही कार्यक्रम हर जिले में बनाए जाने चाहिए. साथ ही गाजियाबाद में हिंडन के अंदर कचरा डालने पर सख्त दंड का प्रावधान किया गया है.

गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी ने कहां की जनसहभागिता और जागरूकता जरूरी है. इरादे मजबूत हो तो सब कुछ पूर्ण किया जा सकता है और हमारा प्रण है कि हिंडन को हम निर्मल बनाकर रहेंगे.

 

 हिंडन को हिंडन बनाने यानी कि हिंडन को उसके वास्तविक स्वरुप में लाने की मुहिम के तहत दिनांक 8 अप्रैल

 

सम्मेलन का समापन धर्मपाल नागर जी द्वारा जय जय हरनंदी माई गीत गाकर किया गया साथ ही इस मौके पर nirmalhindon.in वेबसाइट लॉन्च किया गया जिससे जो भी लोग इसपर कार्य कर रहे हैं वह जुड़ पाए. इसके साथ ही सम्मेलन में हिंडन को निर्मल बनाने के लिए प्रयासरत लोगों की सहभागिता के कारण सम्मानित किया गया. 

सम्मेलन के समापन में मेरठ मंडल के कमिश्नर डॉ प्रभात कुमार द्वारा सभी को हिंडन को निर्मल बनाने हेतु संकल्प दिलवाया गया.

Leave a comment for the team.
रिसर्च को सब्सक्राइब करें

इस रिसर्च पर अपडेट पाने के लिए और इससे जुड़ने के लिए अपना ईमेल आईडी नीचे भरें.

ये कैसे कार्य करता है ?

start a research
जुड़ें और फॉलो करें

ज्यादा से ज्यादा जुड़े लोग, प्रतिभाशाली समन्वयकों एवं विशेषज्ञों को आकर्षित करेंगे , इस मुद्दे को एक पकड़ मिलेगी और तेज़ी से आगे बढ़ने में मदद ।

start a research
संगठित हों

हमारे समन्वयक अपने साथ विशेषज्ञों को ले कर एक कार्य समूह का गठन करेंगे, और एक योज़नाबद्ध तरीके से काम करना सुरु करेंगे

start a research
समाधान पायें

कार्य समूह पारदर्शिता एवं कुशलता के साथ समाधान की ओर क़दम बढ़ाएगा, साथ में ही समाज में से ही कुछ भविष्य के अधिनायकों को उभरने में सहायता करेगा।

आप कैसे एक बेहतर समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं ?

क्या आप इस या इसी जैसे दूसरे मुद्दे से जुड़े हुए हैं, या प्रभावित हैं? क्या आपको लगता है इसपर कुछ कारगर कदम उठाने चाहिए ?तो नीचे फॉलो का बटन दबा कर समर्थन व्यक्त करें।इससे हम आपको समय पर अपडेट कर पाएंगे, और आपके विचार जान पाएंगे। ज्यादा से ज्यादा लोगों द्वारा फॉलो होने पर इस मुद्दे पर कार्यरत विशेषज्ञों एवं समन्वयकों का ना सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा, बल्कि हम आपको, अपने समय समय पर होने वाले शोध यात्राएं, सर्वे, सेमिनार्स, कार्यक्रम, तथा विषय एक्सपर्ट्स कोर्स इत्यादि में सम्मिलित कर पाएंगे।
समाज एवं राष्ट्र, जहाँ लोग कुछ समय अपनी संस्कृति, सभ्यता, अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझने एवं सँवारने में लगाते हैं। एक सोची समझी, जानी बूझी आवाज़ और समझ रखते हैं। वही देश संसार में विशिष्टता और प्रभुत्व स्थापित कर पाते हैं।
अपने सोशल नेटवर्क पर शेयर करें

हर छोटा बड़ा कदम मायने रखता है, अपने दोस्तों और जानकारों से ये मुद्दा साझा करें , क्या पता उन्ही में से कोई इस विषय का विशेषज्ञ निकल जाए।

क्या आपके पास कुछ समय सामजिक कार्य के लिए होता है ?

इस एक्शन ग्रुप के सहभागी बनें, एक सदस्य, विशेषज्ञ या समन्वयक की तरह जुड़ें । अधिक जानकारी के लिए समन्वयक से संपर्क करें और अपने बारे में बताएं।

क्या आप किसी को जानते हैं, जो इस विषय पर कार्यरत हैं ?
ईमेल से आमंत्रित करें
The researches on ballotboxindia are available under restrictive Creative commons. If you have any comments or want to cite the work please drop a note to letters at ballotboxindia dot com.

Code# 52490

ज़ारी शोध जिनमे आप एक भूमिका निभा सकते है.

Follow