भारतीय रिजर्व बैंक स्थापना दिवस विशेष, डॉ अंबेडकर के योगदान को किया गया याद
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By Sarvesh Ambedkar Contributors Princy Gupta 0
भारतीय रिज़र्व बैंक के स्थापना दिवस पर उत्तर प्रदेश लखनऊ के पूर्व राज्य मंत्री प्रदेश सचिव समाजवादी पार्टी के राजनेता सर्वेश अम्बेडकर ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा आरबीआई में किये गए विशेष योगदान, सविंधान एवं उनके द्वारा रचित पुस्तकों के विषयों पर चर्चा की।
बताते चले कि ज्यूरिस्ट, राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और समाज सुधारक डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता भी कहा जाता है। उन्हें देश के उन नेताओं में जाना जाता हैं, जिन्होंने भारतीय राजनीति को नया आयाम दिया। वहीं इन सबके अलावा अंबेडकर ने केंद्रीय बैंक यानी भारतीय रिज़र्व बैंक के गठन में भी योगदान दिया है। उन्होंने भारतीय रुपये और उससे संबंधित कई अहम बिंदुओं पर एक किताब भी लिखी है।
बता दे कि भारतीय रिज़र्व बैंक का गठन उनके द्वारा ही तैयार किए गए गाइडलाइंस, वर्किंग स्टाइल और आउटलुक को लेकर तैयार किए गए कॉन्सेप्ट पर हुआ था। उन्होंने यह कॉन्सेप्ट ‘हिल्टन यंग कमीशन’ के सामने पेश किया था। हिल्टन यंग कमीशन को ‘रॉयल कमीशन ऑन इंडियन करेंसी एंड फाइनेंस’ भी कहा जाता है। जब भारत में इस कमीशन को लेकर काम शुरू हुआ, तब कमीशन के सभी सदस्यों के हाथ में एक किताब थी। इस किताब को डॉ. अंबेडकर ने लिखा था इसका शीर्षक था, ‘The Problem of the Rupee – Its origin and its Solution’ यानी 'भारतीय रुपये की समस्या – इसकी उत्पति व समाधान'
कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर 1934 में आरबीआई एक्ट को केंद्रीय विधान सभा में पास किया गया था। आरबीआई एक्ट में केंद्रीय बैंक की जरूरत, वर्किंग स्टाइल और उसके आउटलुक को भीमराव अंबेडकर के उसी कॉन्सेप्ट के आधार पर तैयार किया गया था, जो उन्होंने हिल्टन यंग कमीशन के सामने पेश किया था। 25 अगस्त 1925 को 'रॉयल कमीशन ऑन इंडियन करेंसी एंड फाइनेंस' का गठन किया गया था। कमीशन ने अपनी रिपोर्ट 4 अगस्त, 1926 को सबमिट कर दी थी। सितंबर 1926 के फेडरल रिज़र्व बुलेटिन में इस रिपोर्ट को संक्षेप में पब्लिकेशन भी किया गया था। उनको कई लेबर रिफॉर्म्स के लिए भी जाना जाता है। उन्हीं में से एक के तहत काम करने के समय को 12 घंटे से घटाकर 8 घंटे कर दिया गया था।
डॉ भीमराव अंबेडकर ने 1936 में एक लेबर पार्टी बनायीं थी। 1942 में इसे बदलकर ऑल इंडिया शेड्यूल्ड कास्ट फेडरेशन कर दिया गया। वहीं मृत्यु के बाद उनके फॉलोवर्स ने इसका नाम रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया कर दिया। आरबीआई की स्थापना के इस पावन अवसर पर उनके इस संघर्ष एवं अमूल्य योगदान के लिए, सर्वेश अम्बेडकर ने उनकी प्रतिमा को प्रणाम किया।