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गोमती के 45% प्रतिशत जलस्त्रोत ख़त्म

Gomti River and Gomti Riverfront Lucknow - Analysis on Restoration and Development

Gomti River and Gomti Riverfront Lucknow - Analysis on Restoration and Development News and Media Coverage

ByAnant Srivastava Anant Srivastava   127

रिमोट  सेंसिंग  एप्लीकेशन  सेण्टर  के  40 साल  के  अध्यन  से 
पता  चला कि  गोमती  के 45% जलस्त्रोत

रिमोट  सेंसिंग  एप्लीकेशन  सेण्टर  के  40 साल  के  अध्यन  से  पता  चला कि  गोमती  के 45% जलस्त्रोत  ख़त्म  हो  चुके  है . चार  दशक (1972-2013) के अध्यन  मे  वैज्ञानिको  ने  गोमती  की  गतिशीलता , नदी  की  सतह , भूगर्भीय  जलस्त्रोतों   का  अध्यन  किया  और  पानी  के  सैंपल  भी  लिए .  इसके  आधार  पे  उन्होंने  रिहाइशी  अतिक्रमण , अनुयोजित  औद्योगीकरण , और  प्रदूषण  को  इसका  कारण  बताया . ये  जानकारी  सोमवार  को  राजधानी  मे  इंडियन  वाटर  सोसाइटी  की  आयोजित  सेमिनार  मे  आये  वैज्ञानिको  ने  दी .

सेंटर   के   वैज्ञानिक  राजीव  मोहन  और  सुधाकर  शुक्ल  ने  बताया  की  नदी  के  स्त्रोत  इसी  के  30,520 वर्ग  किलोमाटर   के  बेसिन  के  भूगर्भ  से  आते  है. 1972 के  बाद  हुए  अनियंत्रित  अतिक्रमणों  ने  45% जल  स्त्रोत  ख़त्म  कर  दिए  है . यही  वजह  है  के  इन  क्षेत्रों  मे  रहने  वाले  नागरिको  के  लिए  भूगर्भीय  जल  दोहन  मजबूरी  हो  गया  है . इसकी  वजह  से  गोमती  का  जल  सिमट  रहा  है . दूसरा  संकट  है  भूगर्भीय  जल  को  रिचार्ज  करने  के  लिए  हो  रहे  असुरक्षित  प्रयास,  जिससे  भूगर्भीय  जल  प्रदूषित  हो  रहा  है .

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 सेंटर  के  वैज्ञानिको  ने  2014 मैं  900 किलोमीटर  के  बहाव  क्षेत्र  मे 93 जगह  के  भूगर्भीय  जल  के   सैंपल  लिए  और  पाया  के  वो  पीने  योग्य  नहीं  थे . इनमे  मैग्नीशियम  की  मात्रा  बढ़ी  पायी  गयी  है . सॅटॅलाइट  इमेजेज  से  भी  पता  चला  है   जहाँ  के  सैम्पल्स  मे   मैग्नीशियम  बढ़  पाया  गया  वहाँ  औद्योगिक  मलबा  और  गोमती  मे  गन्दा  पानी  गिराया  जाता  रहा  है .

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रिपोर्ट  मे  वैज्ञानिको  ने  बताया  के  उन्नाव  के  मोहान , प्रतापगढ़  के  बेलघाट , जयपुर  के  पिलखिन , सीतापुर  के  खैराबाद , और  रायबरेली  के  कई  हिस्सो  मे  भूगर्भीय  जल  पीने  लायक  नहीं  है . इसे  पीने  से  सेहत   खराब  हो  सकती  है .

तो  क्या जलस्त्रोतों को बचने के बजाये गोमती  रिवर  फ्रंट  डेवलपमेंट  जैसे  प्रोजेक्ट्स  ज्यादा  जरुरी  है ?

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सरकार  3000 करोड़  रूपए का राजधानी मे  गोमती  रिवर  फ्रंट  डेवलपमेंट  प्रोजेक्ट  बनवा  रही  है  जिसके  अनेक  नुक्सान  और  गलत  प्रभाव  पर्यावरण  पे  पड़  रहे  है . ऐसे  मे  सरकार  को  जरुरी  है  के  वो  प्राकृतिक  जलस्त्रोतों  को  सहेजे  और  उनसे  हो  रहे  खिलवाड़  को  रोके,  बजाये  के  उसे और  बिगाड़ने वाले प्रोजेक्ट्स लगाए . जब  भूगर्भीय  जल  ही  नहीं  रहेगा  तोह  ऐसे  रिवर  फ्रंट  का  क्या  करेगी  आम  जनता ? जब  पीने  का  पानी  ही  नहीं  रहेगा  तोह  आम  जनता  सेल्फी  खीच  के  क्या  करेगी ? 3000 करोड़  बहुत  होते  है  और  कर  दाताओ  का  पैसा  सही  ढंग  से  प्रयोग  मे  आने  चाहिए  न  कि  उसे  नुक्सान  पहुचने  वाले  पोजेक्टस  को  डेवेलोप  करने  मे लगाना  चाहिए . 

हम किस ओर अग्रसर है और अगर आप कुछ करना चाहते हैं:

हम इस एक्शन ग्रुप के जरिये गोमती पर हो रहे रिवरफ्रण्ट के निर्माण की समीक्षा कर रहे है। गोमती पर करवाये जा रहे रिवरफ्रण्ट के निर्माण के बहुत दुष्परिणाम हो सकते है। कुछ तो दिखने भी लगे है। लखनऊ मे बहती गोमती के कई हिस्सों पे निर्माण चल रहा है। नदी की सतह में जमी गाद और गन्दगी को करोड़ों खर्च के ड्रेजिंग कर के निकाला जा रहा है। वही दूसरी ओर उसमे नाले सीवेज गिरा रहे है। सरकार गोमती की सफाई के नाम पर कई करोड़ खर्च कर चुकी है और आम जनता का पैसा लगातार अनुयोजित ढंग से खर्च किया जा रहा है। बहुत विशेषज्ञों ने रिवरफ्रण्ट की आलोचना भी की है और इससे रोकने की भी निवेदन किया पर सरकार ने कार्य को बिना रोके कार्यात रखा।

हम इस एक्शन ग्रुप से गोमती रिवरफ्रण्ट की समीक्षा करेंगे और विशेषज्ञों की राय और साइंटिफिक रिसर्च से  रिवर फ्रंट के दुष्परिणाम और उसमे मुनासिब बदलाव के मौको को तलाशेंगे और सरकार को सुझाएंगे। इस रिसर्च के माध्यम से हम सही सुजाव देने मे भी समर्थ होंगे.

अगर आप इससे सम्बंधित कुछ जानते है :

अगर आप इस केस से सम्बंधित कोई जानकारी रखते है और हमसे साझा करना चाहते है, तो आप हमें इस पे कांटेक्ट कर सकते है : coordinators@ballotboxindia.com 

अगर आप किसी ऐसे को जानते हो जो इस विषय मे कुछ जानता हो

अगर आप किसी ऐसे को जानते हो जो तालाब अधिग्रहण मे विशेषज्ञ हो या इस केस से सम्बंधित कुछ जानता हो , तोह आप हमें इस पे कांटेक्ट कर सकते है: coordinators@ballotboxindia.com 

अगर आप हमारे साथ कुछ देर अपने समुदाय के लिए काम करना चाहते है?

अगर आप किस क्षेत्र के विशेषज्ञ है और हमारे साथ काम करना चाहता है तो ballotboxindia .com सही प्लेटफार्म है. 

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