Ad
Search by Term. Or Use the code. Met a coordinator today? Confirm the Identity by badge# number here, look for BallotboxIndia Verified Badge tag on profile.
 Search
 Code
Searching...loading

Search Results, page of (About Results)

कांग्रेस की पंजाब सरकार घोषणा पत्र में कही गई बात से मुकरी, लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए इसपर अमल जरुरी

भारत के महंगे चुनाव प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत, ‘जनमेला’ बनेगा विकल्प – एक प्रस्ताव निर्वाचन आयोग को

भारत के महंगे चुनाव प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत, ‘जनमेला’ बनेगा विकल्प – एक प्रस्ताव निर्वाचन आयोग को Opinions & Updates

BySwarntabh Kumar Swarntabh Kumar   34

पंजाब में कैप्टन सरकार का चुनावी वायदे का सच, सीएम बोले पांच रूपए में खाना देना संभव नहीं 

पंजाब में कैप्टन सरकार का चुनावी वायदे का सच, सीएम बोले पांच रूपए में खाना देना संभव नहीं क्यों रैली

क्यों रैली बंद होनी चाहिए। क्यों घोषणा पत्र के वायदे पूरे होने चाहिए। क्यों यह आवाज उठनी चाहिए। इसलिए ताकि नेता मतदाता को मूर्ख बना कर उनका वोट हासिल कर सत्ता हासिल ना कर पाए। क्योंकि यह हकीकत है, हर बार ज्यादातर मतदाता ठगे जाते हैं। पंजाब चुनाव को हुए ज्यादा दिन नहीं हुए। लेकिन सत्ता में आने वाली कांग्रेस सरकार अपने वायदों से पीछे हट रही है। वोट से पहले वायदा था पांच रूपए में भरपेट भोजन, सत्ता मिली तो बोले नुकसान ज्यादा है कैसे दे सस्ता खाना। कांग्रेस ने अपेन मेनिफेस्टो में वायदा किया था कि गरीब लोगों को पांच रूपए में खाना दिया जाएगा। अब उनकी सरकार है। कैप्टन अमरेंद्र सिंह सीएम है। उन्होंने कहा पांच रूपए में गरीबों को खाना देना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि रेड क्रॉस सोसायटीज ने पांच रूपए में खाना देने में असमर्थता जताई है। इससे सोसायटी को नुकसान होगा। जिसकी भर पाई कैसे हो इस पर सरकार विचार कर रही है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में सस्ती रोटी के नाम पर सब डिविजन मुख्यालयों पर कम्यूनिटी किचन चलाए जाने की घोषणा हुई थी। मगर अब यह घोषणा महज घोषणा बनकर ही रह जायेगी।  

क्या यह वायदा पूरा करना इतना मुश्किल है

Ad

बड़ा सवाल कया यह वायदा पूरा करना इतना मुश्किल है? पंजाब सोशल स्टीज के पूर्व प्रोफेसर डाक्टर हरनेक सिंह सवाल करते हैं, उनका कहना है कि सरकार की इच्छा शक्ति ही नहीं है। अन्यथा जो पंजाब पूरे देश के लिए अनाज पैदा कर रहा है, वह अपने भूखे लोगों के लिए सस्ता राशन उपलब्ध नहीं करा सकता क्या? इससे साफ है कि नेता मतदाता के साथ सीधे सीधे खिलवाड़ करते हैं। उनकी कोशिश रहती है कि चुनाव से पहले कैसे भी झूठ बोल कर वोट हासिल कर लिया जाए। इसके बाद जो होगा देखा जाएगा। यह बहुत ही खराब स्थिति है। आम आदमी सोचता है कि वह जिस पार्टी को वोट दे रहा है, वह उसके लिए कुछ न कुछ करेगी। इसी सोच के तहत वह उस पार्टी को वोट डाल देता है। लेकिन वोट मिलते ही पार्टी कैसा व्यवहार करती है? पंजाब सरकार का सस्ते खाने पर यह स्टैंड साफ कर रहा है। 

होनी चाहिए कानूनी बाध्यता 

Ad

जानकाकारों का कहना है कि इसके लिए कानूनी बाध्यता होनी चाहिए। आखिर कोई भी पार्टी ऐसा वायदा कर भी कैसे सकती है। इसके लिए उनकी जवाबदेही सुनिश्चित होनी चाहिए। इसके लिए कानून बनना चाहिए। चुनाव आयोग को इस बारे में पहल करनी चाहिए। यह कहना है पंजाब के आत्महत्या कर चूके किसानों के परिजनों की देखरेख कर रहे स्वयंसेवी संस्था पहल के अध्यक्ष संतोष सिंह बैंस के। उन्होंने कहा कि नेता इतना वेतन ले रहे हैं। सुविधाओं पर पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है। आप गरीब को भोजन नहीं दे सकते। कैसा समाज बनाना चाह रहे हैं यह नेता। आखिर क्यों यह वायदा किया था। अभी तो इस सरकार को आए एक पखवाड़ा भर ही हुआ है। तब यह हाल है। आने वाले दिनों में क्या होगा? इसका तो अंदाजा भी लगाया नहीं जा सकता है। 

बननी चाहिए कोई पॅालिसी 

Ad

जानकारों का कहना है कि झूठे वायदों पर रोक लगने के लिए कोई पॉलिसी तो बननी ही चाहिए। आखिर कैसे कोई नेता झूठे वायदे कर निकल लेते हैं। इस पर रोक लगाने के लिए उचित कदम उठाया जाना चाहिए। क्योंकि यह सीधे सीधे भावनाओं से खिलवाड़ करने जैसा है। फिर कैसे कोई नेता की बात पर यकीन करेगा। यह तो स्वस्थ लोकतंत्र के लिए भी सही नहीं माना जा सकता है। इस के लिए किसी भी स्तर पर कोई पहल तो होनी ही चाहिए। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि कांग्रेस जैसी पार्टी ने सस्ते खाने को अपने घोषणापत्र में शामिल ही क्यों किया? इसके पीछे उनकी क्या सोच है। क्या इसके लिए उन्होंने कोई रिसर्च किया या यूं ही गरीब लोगों के वोट बटोरने के लिए बोल दिया गया। अब जब वायदा कर ही लिया तो इसे पूरा किया जाना चाहिए। रेड क्रास सोसायटी क्यों, सरकार खुद की कैंटीन क्यों नहीं चला सकती? यह कहना है कि संतोष सिंह बैंस का। इनका कहना है कि रेड क्रास सोसायटी का इस तरह से इस्तेमाल करना ही गलत है। 

विपक्ष भी चुपचाप तमाशा देखता है 

स्वस्थ लोकतंत्र के लिए विपक्ष की भूमिका बड़ी मानी जाती है। देखने में आता है कि विपक्ष भी आम तौर पर पब्लिक इंटरेस्ट में मुद्दे उठाते हैं। लेकिन हो यह रहा है कि विपक्ष आराम से बैठ कर तमाश देखता है। क्योंकि उनकी सोच रहती है कि जनता यदि तंग है तो वह अपने किए पर पछताएगी, इस तरह से उनके पक्ष में खुद ब खुद माहौल बन जाएगा। फिर चुनाव आएंगे और तब विपक्ष भी उसी तरह से हथकंडे अपनाता है। इसलिए जब एक दल सत्ता में होता है तो दूसरा विपक्ष में तो विपक्ष चुनावा वायदों को लेकर ज्यादा बोलता नहीं है। पंजाब में सस्ते भोजन का ही मामला ले लें, अब किसी भी विपक्षी ने इस पर कुछ नहीं बोला है। क्योंकि वें जानते हैं कि आज यदि वे इस पर सवाल उठाएंगे तो कल जब वे इस तरह के झूठे वायदों पर सत्ता में होंगे तो उन्हें भी इन सवालों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए यह मिलाजुला खेल चल रहा है।

घोषणा पत्र बस चुनावी पुलिंदा भर नहीं 

पंजाब में कैप्टन सरकार का चुनावी वायदे का सच, सीएम बोले पांच रूपए में खाना देना संभव नहीं क्यों रैली

निसंदेह अपने घोषणापत्र में कही गई बातों के लिए सोचा होगा, उसकी प्लानिंग की होगी। एक पूरी टीम इस घोषणा पत्र को बनाती है और उन्हें किस तरह से पूरा किया जाए उसकी पूरी प्लानिंग करती है। मगर सरकार बनते ही आप अपने ही घोषणापत्र को इस तरह नकार देते हैं जैसे सिर्फ यह एक कागज का टुकड़ा भर है। घोषणापत्र किसी भी राजनीतिक पार्टी का दस्तावेज होता है जिसमें यह तय किया जाता है कि सरकार की कार्यप्रणाली क्या होगी, सरकार को कैसे काम करना है और किन-किन विषयों पर सरकार को ध्यान देना है। मगर यह किसी भी लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए बेहद दुखद स्थिति है कि चुनाव से पहले कोई भी राजनीतिक पार्टी घोषणा पत्र द्वारा बड़े-बड़े वादे करने के बाद सरकार बनते ही वह अपने वादों से मुकर जाती है। यह एक तरह से हमारे लोकतंत्र, हमारे समाज और मतदाताओं से किया गया छल है। लोकतांत्रिक सुधार की प्रक्रिया में हमें इन बातों पर भी ध्यान रखने की आवश्यकता है। हमें इस दिशा में भी बदलाव लाने की जरूरत है इसके लिए कड़े कदम उठाए जाने की सख्त आवश्यकता है। ताकि लोगों का विश्वास लोकतांत्रिक प्रणाली और चुनाव के दौरान पार्टियों के घोषणा पत्र पर बना रहे और घोषणा पत्र बस चुनावी पुलिंदा भर बन कर ना रह जाए।

Leave a comment for the team.
रिसर्च को सब्सक्राइब करें

इस रिसर्च पर अपडेट पाने के लिए और इससे जुड़ने के लिए अपना ईमेल आईडी नीचे भरें.

ये कैसे कार्य करता है ?

start a research
जुड़ें और फॉलो करें

ज्यादा से ज्यादा जुड़े लोग, प्रतिभाशाली समन्वयकों एवं विशेषज्ञों को आकर्षित करेंगे , इस मुद्दे को एक पकड़ मिलेगी और तेज़ी से आगे बढ़ने में मदद ।

start a research
संगठित हों

हमारे समन्वयक अपने साथ विशेषज्ञों को ले कर एक कार्य समूह का गठन करेंगे, और एक योज़नाबद्ध तरीके से काम करना सुरु करेंगे

start a research
समाधान पायें

कार्य समूह पारदर्शिता एवं कुशलता के साथ समाधान की ओर क़दम बढ़ाएगा, साथ में ही समाज में से ही कुछ भविष्य के अधिनायकों को उभरने में सहायता करेगा।

आप कैसे एक बेहतर समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं ?

क्या आप इस या इसी जैसे दूसरे मुद्दे से जुड़े हुए हैं, या प्रभावित हैं? क्या आपको लगता है इसपर कुछ कारगर कदम उठाने चाहिए ?तो नीचे फॉलो का बटन दबा कर समर्थन व्यक्त करें।इससे हम आपको समय पर अपडेट कर पाएंगे, और आपके विचार जान पाएंगे। ज्यादा से ज्यादा लोगों द्वारा फॉलो होने पर इस मुद्दे पर कार्यरत विशेषज्ञों एवं समन्वयकों का ना सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा, बल्कि हम आपको, अपने समय समय पर होने वाले शोध यात्राएं, सर्वे, सेमिनार्स, कार्यक्रम, तथा विषय एक्सपर्ट्स कोर्स इत्यादि में सम्मिलित कर पाएंगे।
समाज एवं राष्ट्र, जहाँ लोग कुछ समय अपनी संस्कृति, सभ्यता, अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझने एवं सँवारने में लगाते हैं। एक सोची समझी, जानी बूझी आवाज़ और समझ रखते हैं। वही देश संसार में विशिष्टता और प्रभुत्व स्थापित कर पाते हैं।
अपने सोशल नेटवर्क पर शेयर करें

हर छोटा बड़ा कदम मायने रखता है, अपने दोस्तों और जानकारों से ये मुद्दा साझा करें , क्या पता उन्ही में से कोई इस विषय का विशेषज्ञ निकल जाए।

क्या आपके पास कुछ समय सामजिक कार्य के लिए होता है ?

इस एक्शन ग्रुप के सहभागी बनें, एक सदस्य, विशेषज्ञ या समन्वयक की तरह जुड़ें । अधिक जानकारी के लिए समन्वयक से संपर्क करें और अपने बारे में बताएं।

क्या आप किसी को जानते हैं, जो इस विषय पर कार्यरत हैं ?
ईमेल से आमंत्रित करें
The researches on ballotboxindia are available under restrictive Creative commons. If you have any comments or want to cite the work please drop a note to letters at ballotboxindia dot com.

Code# 52404

ज़ारी शोध जिनमे आप एक भूमिका निभा सकते है.

Follow