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Nagwa, Ward 11 (Varanasi)
भेलूपुर जोन की खोजवा सबजोन के अंतर्गत आने वाला नगवा वार्ड बेहद विस्तृत वार्ड के रूप में जाना जाता है. मूलतः गंगा किनारे का यह वार्ड अस्सी मार्ग से शुरू होता है और मिली जुली आबादी वाले इस वार्ड में लगभग 20-25,000 की आबादी का निवासस्थान है. काफी बड़े क्षेत्रफल में विस्तृत इस वार्ड में आने वाले प्रमुख मोहल्लों में शिव प्रसाद कॉलोनी, शशि नगर, देव नगर, गंगा बिहार, महेश नगर, महामृत्युंजय, केदार नगर, शिवपुर कॉलोनी, नवरतन नगर, आईएचएचएस कॉलोनी, डालमिया कोटि, गंगोत्री बिहार, प्रभात नगर, यादव नगर, कृष्णा नग Read more...
Chandra Shekhar Aazad ward – 57 (Ayodhya)
अयोध्या, जिसका जिक्र होते ही दो चित्र मस्तक पटल पर अंकित हो जाते हैं..एक प्रभु श्री राम की जन्मस्थली और दूसरा राम जन्मभूमि विवाद, जो लम्बे अरसे से चला आ रहा है. हिन्दुओं की प्रमुख तीर्थस्थली के रूप में विख्यात अयोध्या आज भले ही देशभर में हिन्दू-मुस्लिम संप्रदाय को बाँट रहा हो, किन्तु यदि अयोध्या के ही किसी नुक्कड़, गली, मोहल्लें का रुख कर ले तो लोगों की आपसी एकता को देखकर शायद ही कह पाएंगे कि यह वही विवादित अयोध्या है, जहां राम मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर जंग छिड़ी है. सांप्रदायिक सौहार्द और आपस Read more...
Puran Nagar Ward – 1 (Unnao)
वर्ष 1885 में ब्रिटिश शासन के दौरान गठित हुयी उन्नाव नगर पालिका का इतिहास बेहद प्राचीन है, प्रथम बार 1890 में इस नगर पालिका के अंतर्गत 10 वार्ड का विभाजन किया गया था और वर्ष 1953 में पहली बार यहां निकाय चुनाव कराया गया, जिसमें 16,000 मतदाताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज की. वर्ष दर वर्ष वार्ड की संख्या के साथ साथ मतदाताओं की संख्या में भी यहाँ लगातार इजाफ़ा होता चला गया और 2017 के निकाय चुनावों में 32 वार्ड में लगभग 1 लाख, 30 हजार मतदाताओं ने भागीदारी की. छह राजस्व प्रभागों उन्नाव, सफीपुर, हसनगंज, पुरव Read more...
Subhash Chandra Bose Ward – 52 (Ayodhya)
भारतीय स्वाधीनता के लिए आजाद हिन्द फौज की स्थापना कर ब्रिटिश समाज की जड़ों को हिलाने वाले वीर क्रांतिकारी सुभाष चन्द्र बोस को कौन नहीं जानता? भारत माता के इस सच्चे सपूत ने आजाद हिंद फौज के कमांडर के रूप में भारत की अस्थायी सरकार सिंगापुर में स्थापित की थी, जिसे जर्मनी, जापान, फिलीपीन्स, कोरिया, चीन, इटली, मान्चुको और आयरलैंड के द्वारा भी मान्यता मिली थी और इस वैश्विक समर्थन ने ब्रिटिश शासन की जड़ों को हिला कर रख दिया था. इसी वीर क्रांतिकारी के नाम पर अयोध्या के वार्ड 52 को सुभाष चन्द्र बोस वार्ड क Read more...
Lala Lajpat Rai, Ward-59, Lucknow
वार्ड 59, लाला लाजपत राय लखनऊ जिले के अंतर्गत आने वाला एक मिश्रित आबादी वाला परिक्षेत्र है. जिसमें पार्षद के तौर पर वर्ष 2017 से राघवराम तिवारी जी कार्यरत हैं. जनगणना 2011 के अनुसार इस वार्ड की आबादी लगभग 22-25,000 है तथा यहां की साक्षरता दर 63 फीसदी के लगभग है. जीविकापार्जन के तौर पर इस वार्ड में दुकानदारों व लघु उद्योगों से जुड़े लोगों की संख्या अधिक है. यदि वार्ड के परिसीमन की बात की जाए तो सेक्टर-एन, ओ तथा रिंग रोड, बटहा, तिवारी नगर, प्रताप नगर, आकिलपुर, सबौली, ततारपुर सेक्टर सेक्टर-एम, नन्द Read more...
Lal Bahadur Shastri - II, Ward-91, (Lucknow)
वार्ड 91, लाल बहादुर शास्त्री द्वितीय लखनऊ जिले के अंतर्गत आने वाला एक मिश्रित आबादी वाला परिक्षेत्र है. जिसमें पार्षद के तौर पर वर्ष 2017 से मनोज अवस्थी जी कार्यरत हैं. जनगणना 2011 के अनुसार इस वार्ड की आबादी लगभग 30-35,000 है तथा यहां की साक्षरता दर 78 फीसदी के लगभग है. जीविकापार्जन के तौर पर इस वार्ड में छोटे-छोटे व्यापारियों की संख्या अधिक है. यदि वार्ड के परिसीमन की बात की जाए तो शक्ति नगर, कुर्माचल नगर, लिबर्टी कॉलोनी, सर्वोदय नगर, अवध विहार. ये सभी इलाके लाल बहादुर शास्त्री द्वितीय वार्ड Read more...
Wazirganj ward (Ayodhya) Ward – 59
भारत की मोक्षदायिनी मानी जाने वाली सप्तपुरी नगरियों में से एक नगरी अयोध्या है, जिसका इतिहास सदियों पूर्व प्राचीन माना जाता है. पवित्र ग्रंथ “रामायण” के अनुसार अयोध्या की स्थापना स्वयं मनु ने सरयू नदी के किनारे की थी, जिसे भगवान राम की जन्मस्थली के रूप में भी महता प्राप्त है. स्थानीय साक्ष्यों के अनुसार यहाँ आज भी हजारों की तादाद में छोटे-बड़े मंदिरों की उपस्थिति दर्शाती है कि अयोध्या भारतवासियों के हृदय में विशेष स्थान रखता है और यह देश का प्रमुख धार्मिक-सांस्कृतिक शहर होने के साथ साथ हिन्दुओं की Read more...
Gurugram, Ward-8 (Haryana)
प्राचीन समय में गुरुग्राम को राजकुमारों की शिक्षा का माना गया है. एक ऐसा स्थल जो कौरवों और पांडवो के शिक्षक गुरु द्रौणाचार्य का गांव था. शायद यही वजह रही है कि आज भी कुछ लोग गुरुग्राम को गुरु द्रौणाचार्य के निवास स्थान के नाम से जानते हैं. इसका प्राचीन नाम गुरुग्राम था, जिसका अर्थ गुरु का ग्राम यानि ऐसा स्थल जो गुरु के ग्राम के नाम से विख्यात हो. गुरुग्राम में अधिकतर हिंदु आबादी का निवास स्थान है. तेजी से विकसित होते गुरुग्राम में कुछ वर्ष पूर्व खाली जमीनें पड़ी हुई थी और यहां के निवासी खेती के म Read more...
Lahartara, Ward 3 (Varanasi)
लहरतारा वार्ड, वाराणसी की दशाश्वमेध जोन एवं सिगरा सबजोन का प्रमुख भूभाग है. भारत के प्रमुख संत कबीरदास की जन्मस्थली माना जाने वाला यह वार्ड वाराणसी के प्रमुख व्यवसायिक इलाकों में से भी एक है. यह वार्ड क्षेत्रफल की दृष्टि से लगभग 1.104 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है. मिली जुली आबादी वाले इस वार्ड में पार्षद के अनुसार आबादी 20,000 के करीब है. यह वार्ड मुख्यतः ग्रामीण बहुल क्षेत्र हैं, जहां खेतीबाड़ी भी की जाती है. वार्ड के प्रसिद्द मंदिरों में यहां का संकटमोचन विश्वनाथ नाथ मंदिर मौजूद है. Read more...
Gurugram, Ward – 22 (Haryana)
गुरुग्राम प्रमुख रूप से गुरु द्रोणाचार्य के समय का प्रचलित स्थान माना जाता हैं, द्वापर युग में द्रोण गुरु एक सर्वश्रेष्ठ गुरु के रूप में जाने जाते थे, इसी वजह से गुड़गांव को शिक्षा का स्थल माना जाता हैं. गुडगाँव का एतिहासिक नाम गुरुग्राम था. इसी दृष्टिकोण से व गुडगाँव के गौरवशाली इतिहास के कारण गुड़गांव का नाम पुनः गुरुग्राम रखने का प्रयास किया गया. इस प्रयास में सभी के समर्थन से व हरियाणा सरकार द्वारा गुडगाँव का नाम गुरुग्राम रखा गया. औद्योगिक सिटी के रूप में प्रसिद्ध गुडगाँव पूरी दुनिया में सू Read more...
Gurugram, Ward - 25 (Haryana)
साइबर सिटी के रूप में लोकप्रिय गुडगाँव पूरी दुनिया में औद्योगिक, सूचना प्रौद्योगिकी व कंपनियों के केंद्र के रूप में जाना जाता है. काफी संख्या में विदेशी कंपनियों और बड़ी-बड़ी देशी कंपनियों के कार्यालय भी यहां पर स्थित हैं. प्राचीन समय में गुडगाँव को राजकुमारों की शिक्षा का स्थल माना जाता था, इसी कारण काफी वर्षों से इसके नाम को बदलने की तैयारी चल रही थी और हरियाणा सरकार द्वारा इसका नाम अब परिवर्तित कर गुरुग्राम रखा गया है. जिसका अर्थ है “गुरु का ग्राम”. तो चलिए बात करते हैं गुरुग्राम के वार्ड-25 की Read more...
Gurugram, Ward - 29 (Haryana)
चौड़ी सड़के, लम्बी-लम्बी बिल्डिंग्स, मल्टीनेशनल कंपनियां, बहुराष्ट्रीय कंपनियों के शानदार ऑफिस, शॉपिंग मॉल्स व फ्लाईओवर जैसे बदलते गुड़गांव की तस्वीर को आज देखकर कौन सोच सकता है? कि इस शहर में कभी कृषि हुआ करती थी. यहां पड़ी खाली जमीनों को लोगों ने कृषि कर अपने जीवनयापन का साधन बनाया हुआ था. परन्तु वर्ष 2000 से तेजी से विकसित होते गुडगाँव ने अपने चेहरे के साथ-साथ अपने नाम को भी पूरी तरह बदल कर रख दिया. विकसित गुरुग्राम का सेक्टर 48 जो हुड्डा के अंतर्गत शामिल नही है, अपितु प्राइवेट हिस्से में आता है Read more...
Gurugram, Ward-35 (Haryana)
साइबर सिटी के रूप में लोकप्रिय गुडगाँव पूरी दुनिया में सूचना प्रौद्योगिकी व काफी मशहूर कंपनियों के केंद्र के रूप में जाना जाता है. काफी संख्या में विदेशी कंपनियों और बड़ी-बड़ी देशी कंपनियों के कार्यालय भी यहां पर स्थित हैं. परन्तु प्राचीन समय में गुडगाँव को राजकुमारों की शिक्षा का स्थल माना जाता था, इसी कारण काफी वर्षों से इसके नाम को बदलने की तैयारी चल रही थी और हरियाणा सरकार द्वारा इसका नाम अब परिवर्तित कर गुरुग्राम रखा गया है. हिंदु आबादी की बहुलता वाले गुरुग्राम को प्राचीन काल में अहीर साम्रा Read more...
Laxman Ghat ward – 31 (Ayodhya)
भगवान श्री राम के अनुज लक्ष्मण को अयोध्यापुरी का प्रशासक माना जाता था, उनके निवास स्थान यानि लक्ष्मण किले के घाट पर सरयू की धारा निरंतर बहती रहती है. इस घाट में सबसे प्राचीन मन्दिर जिनमें सीताराम जी का मन्दिर साथ ही लक्ष्मण जी मंदिर भी बसा हुआ है, जिनकी मूर्ति के दर्शन करने दूर-दूर से आए भक्तों की भीड़ का ताँता लगा रहता है. सरयू नदी के दक्षिणी तट पर बसी अयोध्या एक धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगरी है. इस जनपद का नगरीय क्षेत्र अयोध्या नगर निगम के अंतर्गत समाहित है. प्राचीन समय में साकेत, कौशल देश अथवा कौश Read more...
Vishwa Bank Barra, Ward 45 (Kanpur)
वार्ड 45, विश्व बैंक बर्रा कानपुर जिले के अंतर्गत आने वाला एक मिश्रित आबादी वाला परिक्षेत्र है. जिसमें पार्षद के तौर पर वर्ष 2017 से अर्पित यादव जी कार्यरत हैं. वार्ड में तकरीबन 25,000 की आबादी का रहवास है. यहां आने वाले प्रमुख मोहल्लों में विश्व बैंक बर्रा, सेक्टर - डी, सेक्टर - ई, सेक्टर - एच, सेक्टर - एच 1, यूपीडीयू कॉलोनी सेक्टर ए व बी इत्यादि सम्मिलित हैं. यहां सोसाइटी क्षेत्र होने के साथ साथ मलिन बस्तियां भी मौजूद हैं. मिली जुली आबादी वाले इस परिक्षेत्र में कुछ लोग मुख्य रूप से छोटे-छोटे Read more...
Kunwar Jyoti Prasad Ward 70 (Lucknow)
वार्ड 70, कुंवर ज्योति प्रसाद लखनऊ जिले के राजाजीपुरम परिक्षेत्र में आने वाले वार्डों में से एक है, जहां पार्षद की भूमिका में भारतीय जनता पार्टी से शिवपाल सावरिया जी स्थानीय विकास हेतु कार्यरत हैं. लखनऊ के विकसित वार्डों में शामिल कुंवर ज्योति प्रसाद वार्ड में मिली-जुली जनसंख्या का निवास है. जनगणना 2011 के अनुसार इस वार्ड की आबादी लगभग 35,000 है तथा यहां की साक्षरता दर 75 फीसदी के करीब है. स्थानीय निवासियों के लिए मूलभूत सुविधाओं की बात यदि की जाए तो वार्ड में बहुत से विद्यालय, डिग्री कॉलेज Read more...
Prayag ghat Ward-52 (Prayagraj)
प्राचीन समय से ही प्रयागराज को विद्या और ज्ञान का गढ़ कहा जाता रहा है साथ ही देश का राजनीतिक व अध्यात्मिक रूप से सर्वाधिक जागरूक शहर प्रयागराज को माना जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसी शहर से बड़ी संख्या में देश को प्रधान मंत्री प्रदान किए हैं. इसके अतिरिक्त यदि धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो देवभूमि प्रयागराज हिन्दुओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण स्थल है. प्राचीन ग्रंथों के अनुसार पृथ्वी की रक्षा करने के लिए सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा ने यहां पर बहुत बड़ा यज्ञ किया था. जिसमें पुरोहित, भगवान विष्णु ने Read more...
Railway colony ward – 5 (Ayodhya)
गत वर्ष छोटी दीपावली के दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैजाबाद का नाम बदल कर अयोध्या कर दिया. हिन्दू पक्षकार काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे, क्योंकि इतिहास के पन्नों में झांककर देंखे तो अयोध्या बेहद प्राचीन नगरी है जिसका वर्णन वेदों-पुराणों में भी मिलता है. अवध के नवाबों के शासनकाल में इस शहर को सर्वप्रथम बसाया तो नवाब अलीवर्दी खान ने था, किन्तु फैजाबाद की स्थापना का श्रेय नवाब सआदत खान को जाता है. सरयू और लखनऊ से सामिप्य के कारण फैजाबाद को गंगा-जमुनी तहजीब विरासत में मिली और Read more...
Hukulganj, Ward 5 (Varanasi)
वाराणसी को पूर्व में बनारस के नाम से जाना जाता था तथा आज भी इसे भारत की धार्मिक राजधानी कहा जाता है. हिंदु धर्म में यह स्थान बेहद लोकप्रिय है. पवित्र नगरी वाराणसी में दो नदियों अथार्त वरुणा और असी का संगम होता है, यानि वह स्थान जहां ये दोनों नदियां आकर मिलती है. इसी पवित्र वरुणा नदी के किनारे बसा है, हुकुलगंज वार्ड. वाराणसी के वरुणापार जोन में स्थित सिकरौल सबजोन के अंतर्गत आने वाला हुकुलगंज वार्ड तकरीबन 10.25 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है. हुकुलगंज वार्ड कुछ समय पूर्व 8-9 मौहल्लों को मि Read more...
Gurugram, Ward-2, Haryana
हिंदु आबादी की बहुलता वाले गुरुग्राम को प्राचीन काल में अहीर साम्राज्य का हिस्सा माना जाता था. साथ ही इसे शिक्षकों के स्थल की भी संज्ञा दी गया है. क्योंकि यह गांव कौरवों और पांडवों के शिक्षक गुरु द्रौणाचार्य का भी निवास स्थान था. अकबर के शासनकाल के दौरान गुडगाँव, दिल्ली और आगरा के क्षेत्रों में आता था. बदलते समय के साथ मुग़ल साम्राज्य शक्तियों के बीच दरार पड़ने लगी और सुरजी अरजगांव के संधि के तहत इसका अधिकतर हिस्सा ब्रिटिश हुकूमत के पास चला गया. 1861 में जिले का पुनर्गठन पांच तहसीलों में किया गया Read more...
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