उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बुनकरों के साथ बिजली फ्लैट-रेट मामले में कोई रियायत नही
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Ramzan Ali Contributors
Swarntabh Kumar
Deepika Chaudhary 7
एक बार फिर दूसरों के तन ढकने वाले बुनकरों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा छला गया है। सरकार से अपनी मांग को मनवाने के लिए भारतीय संविधान के अंतर्गत धरना, प्रदर्शन और अनशन जैसी प्रक्रिया अपनाने का अधिकार प्राप्त है। समय-समय पर महात्मा गांधी जी भी सत्याग्रह किया करते थे, इसी सत्याग्रह के कारण अंग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ा। इसी क्रम मे उत्तर प्रदेश का बुनकर पावरलूम पर बिजली के फ्लैट-रेट को वापस कराने हेतु दिनांक 01-09-2020 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चला गया था, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव श्री नवनीत सहगल जी द्वारा बुनकरों संग दिनांक-03-09-2020 को एक संयुक्त बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक तीन राउंड चली, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि 31 जुलाई 2020 तक बुनकरों का बिल पुराने फ्लैट-रेट से ही जमा किया जायेगा तथा 15 दिन के अंदर नयी योजना जो कि पहले से भी अच्छी योजना बुनकरों के लिए होगी प्रस्तावित की जायेगी।
बुनकर अपनी आंख लगाये बेसब्री से इंतजार करता रह गया लेकिन आज 15 दिन से ऊपर बीत जाने के बाद भी सरकार ने कोई आदेश बिजली विभाग को नही भेजा ताकि बुनकरों का 31 जुलाई 2020 तक का बकाया जमा कराया जा सके। बुनकरों की हालत पिछले 15 दिन पहले जो थी आज भी वही है। सिर्फ आश्वासन देकर सरकार द्वारा बुनकरों के आंदोलन को समाप्त करा दिया गया। लेकिन बुनकरों की दिशा और दशा में कोई सुधार नही हो सका। बुनकर पहले भी बिजली विभाग का कर्जदार था, आज भी कर्जदार है। बुनकर पहले भी भुखमरी का शिकार था, आज भी भुखमरी का शिकार है। बुनकरों को बुनकरों के रहनुमाओं के साथ ही साथ सरकार ने भी छलने का काम किया है।
हम सरकार की इस जनविरोधी नीति का विरोध करते है और सरकार से मांग करते है कि बुनकर हित मे दिनांक-03-09-2020 की मीटिंग के क्रम में जल्द से जल्द कोई ठोस रणनीति बनाते हुए आदेश जारी करे। हम सरकार के आभारी रहेंगे।
रमज़ान अली (पार्षद)