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Saraygarhi - Ward 43 (Prayagraj)
वर्ष 1583 में इलाहाबाद के मुग़ल सम्राट ने शहर का नाम अरबी और फारसी के दो शब्दों को मिला कर रखा था. जिसमें दोनों ही शब्दों के मेल का अर्थ ईश्वर का शहर यानि वह शहर जिसे ईश्वर ने बसाया है. परन्तु उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद का नाम फिर से बदल कर इसे इसका पुराना नाम वापिस दिलाया. वर्तमान में फिर से यह शहर प्रयागराज के नाम से जाना जाता है. प्रयागराज में काफी सारे मंदिर बने हुए हैं. इसीलिए इसे मंदिरों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है. प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के बड़े जनपदों में से एक माना जाता है. वैस Read more...
Begamganj Gadhaiya ward – 26 (Ayodhya)
अयोध्या जनपद का नगरीय क्षेत्र अयोध्या नगर निगम के अंतर्गत सम्मिलित है. प्राचीन समय में साकेत, कौशल देश अथवा कौशलपुरी के नाम से जानी जाने वाली अयोध्या को प्रभु श्री राम की पावन जन्मस्थली के रूप में देखा जाता है और यह हिन्दू धर्मावलम्बियों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है. इसके साथ ही यहां हिंदुओ के साथ-साथ मुस्लिम व अन्य धर्मों के लोगों का भी निवासस्थान है. तो आइए बात करते हैं अयोध्या नगरी के बेगमगंज गढ़ैया वार्ड की, जो वर्ष 2017 से पहले फैजाबाद जिले के अंतर्गत आता था, किन्तु योगी सरकार के प्रदेश Read more...
Mangal Pandey Ward – 44 (Ayodhya)
भारतीय स्वाधीनता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाने वाले वीर पुरुष, जिन्होंने अंग्रेज ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन की जड़े हिला कर रख दी थी. उनकी शहादत ने देश में क्रांति की शुरुआत की थी. ऐसे वीर क्रांतिकारी मंगल पांडेय को कौन नहीं जानता? भारत माता के यह सपूत आज़ादी के महानायक के रूप में भी जाने जाते हैं. इसी वीर क्रांतिकारी के नाम पर अयोध्या के वार्ड 44 को मंगल पांडेय के वार्ड का नाम दिया गया है. सांप्रदायिक सौहार्द और आपसी सामंजस्य की मिसाल कायम करता यह वार्ड आज भी गंगा-जमुनी तहजीब का प्रदर्शन करता Read more...
Ram Prasad Bismil Ward – 32 (Ayodhya)
प्रसिद्ध लेखक व महान क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल स्वतंत्रता आन्दोलन के प्रमुख क्रांतिकारी व सेनानी रहे हैं. ऐसे वीर क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल को कौन नहीं जानता? भारत माता का यह सच्चा सपूत मात्र क्रन्तिकारी ही नही अपितु उच्च कोटि के कवि व साहित्यकार भी थे. उन्होंने 30 वर्ष की आयु में ही भारत माता की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. इसी वीर क्रांतिकारी के नाम पर अयोध्या के वार्ड 32 को राम प्रसाद बिस्मिल के वार्ड का नाम दिया गया है. सांप्रदायिक सौहार्द और आपसी सामंजस्य की मिसाल Read more...
Raiganj ward – 10 (Ayodhya)
मोक्षदायिनी अयोध्या नगरी पौराणिक समय में कौशल राज्य की राजधानी एवं प्रसिद्ध महाकाव्य रामायण की पृष्ठभूमि का केंद्र थी और आज भी प्रभु श्री राम की जन्मस्थली होने के कारण अयोध्या को हिन्दुओं की प्रमुख तीर्थस्थली एवं सप्तपुरियों में से एक माना जाता है. सरयू नदी के दक्षिणी तट पर बसी अयोध्या एक धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगरी है. इस जनपद का नगरीय क्षेत्र अयोध्या नगर निगम के अंतर्गत समाहित है. प्राचीन समय में साकेत, कौशल देश अथवा कौशलपुरी के नाम से जानी जाने वाली अयोध्या को प्रभु श्री राम की पावन जन्मस्थली क Read more...
Ramchandra Paramhans Ward – 6 (Ayodhya)
दिगम्बर अखाड़े के महंत का पदभार संभालने वाले रामचन्द्र दास परमहंस जी, जिन्होंने अयोध्या रामजन्म जन्मभूमि में अहम भूमिका निभाई थी. उन्हें कौन नहीं जानता? वह राम मंदिर आन्दोलन के प्रमुख संत थे, इसके साथ ही वह श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष भी थे. इन्हीं महंत के नाम पर अयोध्या के वार्ड 6 को रामचंद्र परमहंस वार्ड का नाम दिया गया है. भारत की मोक्षदायिनी मानी जाने वाली सप्तपुरी नगरियों में से एक नगरी अयोध्या है, जिसका इतिहास सदियों पूर्व प्राचीन माना जाता है. पवित्र ग्रंथ “रामायण” के अनुसार अयोध् Read more...
Brihaspati kund, ward-8 (Ayodhya)
भारत की मोक्षदायिनी मानी जाने वाली सप्तपुरी नगरियों में से एक नगरी अयोध्या है, जिसका इतिहास सदियों पूर्व प्राचीन माना जाता है. पवित्र ग्रंथ “रामायण” के अनुसार अयोध्या की स्थापना स्वयं मनु ने सरयू नदी के किनारे की थी, जिसे भगवान राम की जन्मस्थली के रूप में भी महता प्राप्त है. स्थानीय साक्ष्यों के अनुसार यहाँ आज भी हजारों की तादाद में छोटे-बड़े मंदिरों की उपस्थिति दर्शाती है कि अयोध्या भारतवासियों के हृदय में विशेष स्थान रखता है और यह देश का प्रमुख धार्मिक-सांस्कृतिक शहर होने के साथ साथ हिन्दुओं की Read more...
Ashwinipuram ward – 46 (Ayodhya)
गत वर्ष छोटी दीपावली के दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैजाबाद का नाम बदल कर अयोध्या कर दिया. हिन्दू पक्षकार काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे, क्योंकि इतिहास के पन्नों में झंकार देंखे तो अयोध्या बेहद प्राचीन नगरी है जिसका वर्णन वेदों-पुराणों में भी मिलता है. अवध के नवाबों के शासनकाल में इस शहर को सर्वप्रथम बसाया तो नवाब अलीवर्दी खान ने था, किन्तु फैजाबाद की स्थापना का श्रेय नवाब सआदत खान को जाता है. सरयू और लखनऊ से सामिप्य के कारण फैजाबाद को गंगा-जमुनी तहजीब विरासत में मिली और Read more...
Rikabganj ward – 37 (Ayodhya)
गत वर्ष छोटी दीपावली के दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैजाबाद का नाम बदल कर अयोध्या कर दिया. हिन्दू पक्षकार काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे, क्योंकि इतिहास के पन्नों में झंकार देंखे तो अयोध्या बेहद प्राचीन नगरी है जिसका वर्णन वेदों-पुराणों में भी मिलता है. अवध के नवाबों के शासनकाल में इस शहर को सर्वप्रथम बसाया तो नवाब अलीवर्दी खान ने था, किन्तु फैजाबाद की स्थापना का श्रेय नवाब सआदत खान को जाता है. सरयू और लखनऊ से सामिप्य के कारण फैजाबाद को गंगा-जमुनी तहजीब विरासत में मिली और Read more...
Madhwapur Ward-16 (Prayagraj)
प्राचीन समय से ही प्रयागराज को विद्या और ज्ञान का गढ़ कहा जाता रहा है साथ ही देश का राजनीतिक व अध्यात्मिक रूप से सर्वाधिक जागरूक शहर प्रयागराज को माना जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसी शहर से बड़ी संख्या में देश को प्रधान मंत्री प्रदान किए हैं. इसके अतिरिक्त यदि धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो देवभूमि प्रयागराज हिन्दुओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण स्थल है. प्राचीन ग्रंथों के अनुसार पृथ्वी की रक्षा करने के लिए सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा ने यहां पर बहुत बड़ा यज्ञ किया था. जिसमें पुरोहित, भगवान विष्णु ने Read more...
Myorabad Ward-8 (Prayagraj)
गंगा, यमुना तथा गुप्त सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के बड़े जनपदों में से एक माना जाता है. वैसे तो हिन्दुओं के लिए यह बेहद पवित्र स्थल है परन्तु यहां हिंदु, मुस्लिम, सिक्ख, जैन व ईसाई समुदायों की मिश्रित संस्कृति की झलक देखने को मिलती है. यह शहर बेहद पौराणिक नगरों में से एक है. त्रिवेणी संगम के स्थल प्रयागराज में प्रत्येक 12 साल में कुम्भ का मेला लगता है, जहां दूर दूर से सैलानी यहां आते हैं. इससे पूर्व प्रयागराज को इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था. मुगलकालीन ग्रंथो के अन Read more...
Mamfordganj, Ward-19, (Prayagraj)
गंगा, यमुना तथा गुप्त सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के बड़े जनपदों में से एक माना जाता है. वैसे तो हिन्दुओं के लिए यह बेहद पवित्र स्थल है परन्तु यहां हिंदु, मुस्लिम, सिक्ख, जैन व ईसाई समुदायों की मिश्रित संस्कृति की झलक देखने को मिलती है. यह शहर बेहद पौराणिक नगरों में से एक है. त्रिवेणी संगम के स्थल प्रयागराज में प्रत्येक 12 साल में कुम्भ का मेला लगता है, जहां दूर दूर से सैलानी यहां आते हैं. इससे पूर्व प्रयागराज को इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था. मुगलकालीन ग्रंथो के अन Read more...
Sahadatganj Ward – 3 (Ayodhya)
सांप्रदायिक सौहार्द व आपसी सामंजस्य की मिसाल कायम करता सहादतगंज वार्ड आज भी गंगा-जमुनी तहजीब का प्रदर्शन करता है, जहां होली, दिवाली की जगमगाहट और ईद की रौनक दोनों की झलक दिखाई देती है. यह वार्ड 2017 से पहले फैजाबाद जिले के अंतर्गत आता था, लेकिन योगी सरकार के प्रदेश में आने के बाद फैजाबाद और अयोध्या नगर पालिका को जोड़कर अयोध्या नगर निगम का निर्माण किया गया, जिसमें तकरीबन तीन लाख की आबादी वाले 50 वार्ड को 60 नए वार्ड में विभाजित का दिया गया. इस तरह कभी फैजाबाद नगर परिषद् के 29 वार्ड में से एक सहादत Read more...
New Haidarganj second, Ward 17 (Lucknow)
वार्ड 17, न्यू हैदरगंज द्वितीय लखनऊ जिले के प्रमुख वार्डों में से एक है, जो राजाजीपुरम परिक्षेत्र के भू-भाग है. यहां पार्षद की भूमिका में समाजवादी पार्टी से तारा चंद्र रावत जी स्थानीय विकास हेतु कार्यरत हैं. न्यू हैदरगंज द्वितीय वार्ड में मिली-जुली जनसंख्या का निवास है. जनगणना 2011 के अनुसार इस वार्ड की आबादी लगभग 18-20,000 है तथा यहां की साक्षरता दर 72 फीसदी के करीब है. वर्ष 2017 में हुए परिसीमन के अनुसार न्यू हैदरगंज द्वितीय वार्ड का विस्तार सुमरिन खेडा, बुद्धेश्वर बिहार 1 व 2, मल्लपुर, प Read more...
Tilak nagar – Kundri Raqabganj, Ward 34, Lucknow
तिलक नगर-कुंडरी रक़ाबगंज वार्ड, लखनऊ में आने वाले वार्डों में से एक है. यहां आने वाले प्रमुख आवासीय क्षेत्रों में राम नगर, खजुहा, इन्द्राणी नगर, कदीम, नादान महल, बाग लाल जी, कन्डहा टिकैतगंज, नवाबग, पसियाना, शास्त्री नगर, कुण्डरी कॉलोनी इत्यादि शामिल हैं. इस वार्ड में जीविका के साधन भी मिश्रित हैं, अथार्त यहां व्यापारी वर्ग, छोटे-बड़े उद्योगों से जुड़ी जनता, दुकानदारी में संलग्न लोगों के साथ साथ नौकरीपेशा जनता का भी निवास स्थान है. मिश्रित जनसंख्या वाले इस वार्ड में जनसंख्या तकरीबन 15-20,000 है Read more...
Ramji Lal Nagar-Sardar Patel Nagar, Ward 29 (Lucknow)
रामजी लाल नगर-सरदार पटेल नगर वार्ड, लखनऊ की मिश्रित आबादी वाले वार्डों में से एक माना जाता है. यहां आने वाले प्रमुख आवासीय क्षेत्रों में हरिहर प्रसाद नगर आंशिक, राम नगर आंशिक, मंगल खेड़ा, ब्रह्म नगर, राम प्रसाद खेड़ा, श्रीनगर, समर विहार, चित्रगुप्त नगर, श्याम नगर, बहादुर खेड़ा, श्रृंगार नगर, अमरुदही बाग आंशिक, आलमबाग थाना, एल.डी.ए कॉलोनी, रनिंग शेड कॉलोनी, 40 क्वाटर्स, शाही मस्जिद, तालकटोरा रोड़, कानपुर रोड़ पश्चिमी पट्टी इत्यादि शामिल हैं. मिश्रित जनसंख्या वाले इस वार्ड में जनसंख्या तकरीबन 23-25 Read more...
Barra, Ward 51 (Kanpur)
वार्ड 51, बर्रा कानपुर जिले के अंतर्गत आने वाला एक मिश्रित आबादी वाला परिक्षेत्र है. जिसमें पार्षद के तौर पर वर्ष 2017 से कांग्रेस से नीतू मिश्रा जी कार्यरत हैं और उनके पति संजीव मिश्रा जी पार्षद प्रतिनिधि के रूप में वार्ड के विकास कार्यों में सहयोग दे रहें हैं. वार्ड में लगभग 50,000 आबादी का रहवास है. वार्ड में कानपुर का सबसे प्रसिद्ध वैष्णों देवी मंदिर भी स्थित है, जहां नवरात्रि के पावन पर्व पर काफी विशाल मेला लगता है. यह विशाल मेला भी क्षेत्र के कई लोगों की जीविका का भी साधन है. मिश्रित आबादी Read more...
Lalkuwan, Ward 24 (Lucknow)
कैंट विधानसभा के अंतर्गत आने वाला लालकुआँ वार्ड, लखनऊ के सबसे विकसित वार्डों में से एक माना जाता है. यहां आने वाले प्रमुख आवासीय क्षेत्रों में नटखेड़ा, अशोक नगर, हाता रसूल खां, गढैया छितवापुर रोड़, छितवापुर पजावा, भेड़ी मण्डी, गौतम बुद्ध मार्ग, तिलपुरवा, शिवपुरी इत्यादि शामिल हैं. मिश्रित जनसंख्या वाले इस वार्ड में जनसंख्या तकरीबन 30-35,000 है और यहां पार्षद के तौर पर सुशील तिवारी पम्मी जी कार्यरत हैं, जो वर्ष 2017 से लालकुआँ वार्ड से जन प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत हैं और स्थानीय विकास कार्यों Read more...
Colonel Ganj Ward-38 (Prayagraj)
गंगा, यमुना तथा गुप्त सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के बड़े जनपदों में से एक माना जाता है. वैसे तो हिन्दुओं के लिए यह बेहद पवित्र स्थल है परन्तु यहां हिंदु, मुस्लिम, सिक्ख, जैन व ईसाई समुदायों की मिश्रित संस्कृति की झलक देखने को मिलती है. यह शहर बेहद पौराणिक नगरों में से एक है. त्रिवेणी संगम के स्थल प्रयागराज में प्रत्येक 12 साल में कुम्भ का मेला लगता है, जहां दूर दूर से सैलानी यहां आते हैं. इससे पूर्व प्रयागराज को इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था. मुगलकालीन ग्रंथो के अन Read more...
Dariyabad-II, Ward-49 (Prayagraj)
प्रयागराज को आरंभ से ही प्रयाग के नाम से जाना जाता था, जिसमें प्र अथार्त बहुत विशाल और याग यानि यज्ञ जिसका पूर्ण अर्थ प्रयाग है. हिंदुग्रंथानुसार सम्पूर्ण पृथ्वी पर भगवान ब्रह्मा जी ने प्रयागराज को ही यज्ञ के लिए चुना था. यह स्थल तीर्थों में सबसे बड़ा तीर्थ है परन्तु मुस्लिम शासक अकबर ने इसका नाम बदलकर इलाहाबाद रख दिया और इसे अल्लाह के शहर कहा जाने लगा. इस समय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इसे पुनः इसके प्राचीन नाम प्रयागराज के नाम में परिवर्तित कर दिया गया है. तो आज चलते है, पावन स्थली प्रयागराज के Read more...
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