Latest on Education
निराश्रित महिलाओं के लिए सरकारी आश्रय की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन
विगत कई वर्षों से गीतांजलि संस्था निराश्रित महिलाओं के लिए एक सरकारी आश्रय गृह की मांग करती आ रही है और अनेकों बार प्रशासन को इस संदर्भ में ज्ञापन भी सौंपें जा चुके है. हाल ही में गीतांजलि वेलफेयर एजुकेशन समिति की सचिव वंदना चौधरी एवं अन्य राजनीतिक एवं सामाजिक महिलाओं के द्वारा सरकार की निरंतर अनदेखी को देखते हुए संस्था की महिलाओं द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया. गीतांजलि संस्था की ओर से माननीय मुख्यमंत्री जी के सम्मुख अग्रलिखित मांगें रखते हुए जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया :1. सरकार द्वारा महिला Read more...
दिव्यांगों को टैक्नोलॉजी से जोड़ने की दिशा में काम करेगी पुनरुत्थान
दिव्यांगों में शिक्षा के साथ-साथ रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए दीनदयाल मार्ग स्थित गांधी पीस फाउंड़ेशन में राष्ट्रीय गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का आयोजन सामाजिक संस्था पुनरुत्थान की ओर से किया गया। गोष्ठी में 19 राज्यों के 55 शोधकर्ताओं ने डिजीटल इंड़िया में दिव्यांगों की भूमिका पर अपनी रिसर्च प्रस्तुत की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा डिजीटल इंड़िया के आरम्भ के बाद देश में इसी दिशा में काम हो रहा है। मगर दिव्यांग अब भी इस मुहिम से दूर ही नजर आ रहे हैं लेकिन अब ऐसा नही होगा, क्यों Read more...
HI, everyone,The educations in our country is lacks in many ways. The reason why I am saying this is from a personal experience.As many of you pointed
HI, everyone,The educations in our country is lacks in many ways. The reason why I am saying this is from a personal experience.As many of you pointed out educations itself as become industry, coaching centers just teach students how to crack exam but memorising certain important points. This kind of teaching as made our children to remember things rather than to understand. I personally feel the way the education is imparted should be changed. I am here today sharing my views. This is because o Read more...
"एक दीपक शहीदों के नाम" कार्यक्रम के जरिये कानपुर के श्याम नगर वार्ड में दी वीर जवानों को श्रद्धांजलि
कानपुर के श्याम नगर वार्ड में पार्षद राजीव सेतिया के नेतृत्व में हुए कार्यक्रम के अंतर्गत देश के सीमा पर रक्षार्थ में अपनी जान न्यौछावर करते हुए गलवान घाटी में शहीद हुए देश के बीस वीर सपूतों के शहादत हेतु दीपक जलाकर श्रद्धांजलि दी. इस दौरान पार्षद ने कहा कि हम हर पल जवानों के साथ हैं, सीमा पर वीर सैनिक दुश्मनों से देश की रक्षा कर रहें हैं ताकि जनता आराम की जिदगी जिदगी गुजार सकें. इस दौरान मौजूद छावनी विधायक सुहैल अख्तर अंसारी ने चीन द्वारा निर्मित उत्पादों का उपयोग न करने की शपथ ली और दूसरों को Read more...
शिक्षा का अधिकार और प्रसार, उत्तर पश्चिम दिल्ली - जारी एक रिसर्च
आज बात उत्तर पश्चिम दिल्ली के शिक्षा व्यवस्था और शिक्षा का अधिकार की. कहने के लिए तो दिल्ली देश की राजधानी है मगर यहां ऐसा कुछ विशेष खासकर शिक्षा के मामले में तो नहीं ही दिखता है. माफ कीजिए यहां हम निजी विद्यालयों की बात नहीं कर रहे. निजी विद्यालय तो आज मध्यम वर्ग के लिए गले की फांस बन चुके हैं. निजी विद्यालय शिक्षा अब नहीं देते बल्कि वह व्यवसाय करते हैं. बच्चों की लाखों की फीस एक मध्यमवर्गीय परिवार की कमर तोड़ने के लिए काफी है. हालत यह है कि एक ओर जहां लोग चाहकर भी सरकारी विद्यालयों में अपने बच Read more...
शिक्षा का अधिकार और प्रसार, गाजियाबाद - जारी एक रिसर्च
गाजियाबाद की शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल, शिक्षा का अधिकार सबका है मगर लड़कें और लड़कियों की साक्षरता दर में बड़ा अंतर शिक्षा का अधिकार सबका है मगर गाजियाबाद की शिक्षा व्यवस्था के हालात जब आप देखेंगे तो चौंकने पर मजबूर हो जाएंगे. वास्तव में गाजियाबाद देश की राजधानी से लगा हुआ एक जिला है. यह दिल्ली-एनसीआर का हिस्सा है. मगर यहां की शिक्षा व्यवस्था के हालात संतोषजनक नहीं है. जनगणना-2011 के मुताबिक गाजियाबाद जिले की साक्षरता दर 78.0 7 प्रतिशत है. इनमें आप लड़कें और लड़कियों में बड़ा अंतर पाएंगे. एक तर Read more...
शिक्षा का अधिकार और प्रसार, पूर्वी दिल्ली - जारी एक रिसर्च
आज जब हम आजादी से अबतक भारत की स्थिति देखते हैं तो हमारे मन में यह सवाल जरुर आता है कि हमने देश के विकास के लिए क्या किया है? इतने सालों में क्या बदला है? मगर आज जब हम आगे यानी भविष्य के बारे सोचते हैं तब हमारे सामने सबसे बड़ा प्रश्न आता है आने वाली पीढ़ी का. वाकई यह किसी देश के लिए बहुत ही अहम है कि उसकी आने वाली नस्ले कैसी बनेगी. एक बेहतर पीढ़ी का निर्माण बेहतर कल का सूचक होता है और उसी बेहतर कल के लिए जरूरी है बेहतर शिक्षा व्यवस्था का होना. इसिलए जरूरत है देश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने की Read more...
भारत में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी कब होगी बंद - अब जरुरत है बदलाव की
एक सरल दाखिला प्रणाली, समान बेहतर शिक्षा प्रणाली"शिक्षा ने ऐसी बहुत बड़ी आबादी पैदा की है जो पढ़ तो सकती है पर ये नहीं पहचान सकती की क्या पढने लायक है" संविधान संशोधन होने के बावजूद छोटे बच्चों की निशुल्क शिक्षा व्यवस्था 21वीं सदी में बेईमानी साबित होती नजर आ रही है। लेकिन पूर्वकाल में शिक्षा देना एक पवित्र कर्तव्य था। बृहस्पति स्मृति के अनुसार विद्यादान पवित्र कर्तव्य था और भूमिदान से भी श्रेष्ठ था। गरीबी के आधार पर किसी भी छात्र का प्रवेश न लेना निंदनीय होता था। अध्यापक, विद्यार्थी, अभिभावक और Read more...
Bachpan Bacho Joota Pehnao - An Initiative by Department of Mass Communication Baba Saheb Bhimrao Ambedkar University Lucknow
बचपन बचाओ- जूता पहनाओ मुहीम की शुरुवात करते हुए आज जब पत्रकारिता के विद्यार्थिओं से बात की तो लगा की भारत में अभी भी कुछ कर गुजरने की तमन्ना लोगों में है. इस मुहीम के तहत हम सभी से दान लेकर हर सप्ताह जरूरत मंद बच्चों को जूता प्रदान करेंगे. इस तपती गर्मी में हमारा प्रयास है की हम ज्यादा से ज्यादा लोगों से संपर्क कर या तो नया जूता व पुराना जूता दान में मांगेंगे और उसे गरीब बच्चों और कामगार लोगों में बाँट देंगे . हम आपसे निवेदन करते है की हमारी इस मुहीम से जुड़कर ज्यादा लोगों तक इस बात को पहुंचाने क Read more...
सरकारी स्कूलः समाधान की ओर कब बढ़ेंगे कदम?
भारत सरकार व राज्य सरकारों द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों की दशा और दिशा से हम सभी परिचित हैं। सरकारी स्कूलों में दी जा रही शिक्षा और उसकी गुणवत्ता पर अमीर और गरीब सभी अभिभावक नाक-मुंह सिकोड़ते ही हैं, लेकिन अब सरकारी स्कूलों में शौचालय जैसी अन्य जरूरी सुविधाओं को लेकर भी अभिभावक गंभीर हो गए हैं। हालांकि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सबसे बड़ी समस्या है, जहां प्रशिक्षित शिक्षकों की दशा और उनके चयन प्रणाली में गड़बड़ी से सभी परिचित हैं और यहां छात्र-छात्राओं के लिए अन्य सुख-सुविधाओं Read more...
Right to education India - How to Skill Millions, Fighting Pits Vs. Enough opportunities.
Is Indian education system ready to compete globally and innovate its way around in 21st century?Are we providing our children opportunities to grow as powerful engines of growth for future India? Or We putting them in fighting pits to somehow fight their way out all battered, tired or left behind and devoid of respectable future.Is India's next generation ready to be the growth engine, and center of the world.We started looking for answers and at the composition of some of the core institutions Read more...