अभिभावकों पर फीस देने के दबाव का विरोध, भारतीय संविधान जागृति मोर्चा संगठन ने खोला मोर्चा
Leave a comment for the team.
रिसर्च को सब्सक्राइब करें
इस रिसर्च पर अपडेट पाने के लिए और इससे जुड़ने के लिए अपना ईमेल आईडी नीचे भरें.
ये कैसे कार्य करता है ?

जुड़ें और फॉलो करें
ज्यादा से ज्यादा जुड़े लोग, प्रतिभाशाली समन्वयकों एवं विशेषज्ञों को आकर्षित करेंगे , इस मुद्दे को एक पकड़ मिलेगी और तेज़ी से आगे बढ़ने में मदद ।

संगठित हों
हमारे समन्वयक अपने साथ विशेषज्ञों को ले कर एक कार्य समूह का गठन करेंगे, और एक योज़नाबद्ध तरीके से काम करना सुरु करेंगे

समाधान पायें
कार्य समूह पारदर्शिता एवं कुशलता के साथ समाधान की ओर क़दम बढ़ाएगा, साथ में ही समाज में से ही कुछ भविष्य के अधिनायकों को उभरने में सहायता करेगा।
आप कैसे एक बेहतर समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं ?
क्या आप इस या इसी जैसे दूसरे मुद्दे से जुड़े हुए हैं, या प्रभावित हैं? क्या आपको लगता है इसपर कुछ कारगर कदम उठाने चाहिए ?तो नीचे फॉलो का बटन दबा कर समर्थन व्यक्त करें।इससे हम आपको समय पर अपडेट कर पाएंगे, और आपके विचार जान पाएंगे। ज्यादा से ज्यादा लोगों द्वारा फॉलो होने पर इस मुद्दे पर कार्यरत विशेषज्ञों एवं समन्वयकों का ना सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा, बल्कि हम आपको, अपने समय समय पर होने वाले शोध यात्राएं, सर्वे, सेमिनार्स, कार्यक्रम, तथा विषय एक्सपर्ट्स कोर्स इत्यादि में सम्मिलित कर पाएंगे।
समाज एवं राष्ट्र, जहाँ लोग कुछ समय अपनी संस्कृति, सभ्यता, अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझने एवं सँवारने में लगाते हैं। एक सोची समझी, जानी बूझी आवाज़ और समझ रखते हैं। वही देश संसार में विशिष्टता और प्रभुत्व स्थापित कर पाते हैं।
अपने सोशल नेटवर्क पर शेयर करें
हर छोटा बड़ा कदम मायने रखता है, अपने दोस्तों और जानकारों से ये मुद्दा साझा करें , क्या पता उन्ही में से कोई इस विषय का विशेषज्ञ निकल जाए।
क्या आपके पास कुछ समय सामजिक कार्य के लिए होता है ?
इस एक्शन ग्रुप के सहभागी बनें, एक सदस्य, विशेषज्ञ या समन्वयक की तरह जुड़ें । अधिक जानकारी के लिए समन्वयक से संपर्क करें और अपने बारे में बताएं।
By
Manoj Kumar Yadav Contributors
Deepika Chaudhary
Swarntabh Kumar 16
भारतीय संविधान जागृति मोर्चा संगठन के नेतृत्व में बिहार के मुजफ्फरपुर में कोरोना काल के अंतर्गत बढती स्कूल फीस से व्यथित अभिभावकगणों ने अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने के लिए भगवानपुर पंचायत में विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान बच्चों और अभिभावकों ने खड़े होकर हाथों में तख्ती लेकर सरकार के कानों तक अपनी तकलीफें पहुंचाने का प्रयास किया.
लोगों ने बताया कि कोरोना के चलते रोजगार पर प्रभाव पड़ने से वैसे ही लोग निराश और भूखे हैं, लॉकडाउन की मार सर्वाधिक गरीब एवं मिडिल क्लास के लोगों पर पड़ी है. उनके पास ना काम है ना खाने को पैसा है ऐसे में स्कूल वाले बार बार एसएमएस और कॉल करके मासिक फीस जमा करने के लिए बाध्य कर रहे हैं. जबकि मार्च से अभी तक सभी स्कूल बंद हैं. अधिकतर अभिभावक इस बात की शिकायत कर रहे हैं कि जब पढ़ाई ही नहीं हुई और बच्चे पढ़ने ही नहीं जा रहे हैं तो वह किस बात की फीस दें.
अभिभावकों के साथ साथ भारतीय संविधान जागृति मोर्चा संगठन का भी कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई एक व्यापार की तरह हो गयी है. 0 से 8 का बच्चा ऑनलाइन पढ़ाई का मतलब भी नहीं जानता है और मोबाइल उनके लिए एक खिलौना है. गरीब एवं मिडिल क्लास के बच्चे कैसे ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं, उनके पास पढ़ने के लिए कोई साधन ही नहीं है, किताबें भी नहीं हैं, ऐसे में वह कैसे पढाई करेंगे. इस पर सभी अभिभावकों ने अपने अपने विचार रखें.
सभी ने एक स्वर में अपनी बात रखते हुए कहा कि पढ़ाई नहीं तो पैसा नहीं, स्कूल वाले अपनी मनमानी करना बंद करें. अभिभावक पर फीस जमा करने का दबाव देना बंद करें. कोई भी स्कूल यदि फीस के लिए दबाव बनाये तो सरकार स्कूल पर कार्यवाही करे. इस दौरान उपस्थित लोग मनोज कुमार यादव, आलोक कुमार सिंह (कुशवाहा), राजा गुप्ता, विष्णु देव कुमार, रिंकी देवी, पिंकी देवी, आशा कुमारी सहित अन्य अभिभावकगण मौजूद रहे.