नाम : सतेंद्र यादव
पद : राष्ट्रीय अध्यक्ष, सुभाषवादी भारतीय समाजवादी पार्टी
नवप्रवर्तक कोड : 71182932
आज से तकरीबन 28 वर्ष पूर्व एक बालक जिसकी उम्र करीब 15 साल के आसपास रही होगी और जिसने अपनी दसवीं कक्षा की परीक्षा ही दी थी मगर क्रिकेट खेलने के शौकीन रहे इस बच्चे ने अपना खुद का क्रिकेट क्लब बनाने की सोची. उस समय क्योंकि इस बच्चे के मस्तिष्क में देशभक्ति और राष्ट्रीयता की भावना कूट-कूट कर भरी थी तो ऐसे में उसने अपनी क्रिकेट क्लब का नाम सुभाष चंद्र बोस क्रिकेट क्लब रखा. इस नाम के बैनर तले उन्होंने 2 जून 1989 को अपना पहला मैच खेला और तब से लेकर आज का दिन है कि इस नाम के साथ शुरू हुई उस बच्चे की पारी इसी नाम से जुड़कर कई सामाजिक कार्यों के साथ-साथ आज राजनीतिक तौर पर भी स्थापित हो चुकी है. सुभाष चंद्र बोस क्रिकेट क्लब की वह नींव आज सुभाष युवा मोर्चा की शक्ल में सामाज के लिए कई तरह के कार्य कर रहा है. उस क्लब को बनाने वाला वह बच्चा आज बड़ा भी हो चुका है और समाज में स्थापित भी, इनका नाम सतेंद्र यादव है.

28 वर्ष पूर्व जिस सुभाष चंद्र बोस क्रिकेट क्लब का कारवां चला था उसका स्वरूप आज फैलता चला गया है. समय के साथ इसने एक आकार प्राप्त कर लिया है और संगठन का विस्तार हुआ है. सतेंद्र यादव जी ने धीरे-धीरे शहीदों, क्रांतिकारियों के जन्मदिवस और उनके शहादत दिवस पर कार्यक्रम आयोजित करना शुरू किया. उनके जन्मदिवस और शहादत दिवस पर खेल प्रतियोगिता शुरू की.

इन्होंने सन 2000 में एक समाचार पत्र भी शुरू किया जिसका नाम है हिंद क्रांति. यह पाक्षिक समाचार पत्र है, जो पूर्णत: क्रांतिकारियों और समाज में जो लोग काम कर रहे हैं उनकी विचारधारा को समाज में ले जाने का कार्य कर रहा है. सतेंद्र यादव इसके संपादक हैं. इसके अतिरिक्त उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस नाम से पुरस्कार देने की भी शुरुआत की है क्योंकि अब तक देश में सुभाष जी के नाम से कोई भी पुरस्कार नहीं प्रदान किया जाता है. सतेंद्र जी ने उनके नाम से नेताजी सुभाष चंद्र बोस देश रत्न पुरस्कार शुरू किया है, जिसके अंतर्गत इक्यावन हजार नगद, प्रशस्ति पत्र और सन्मान चिन्ह प्रदान किया जाता है. इस पुरस्कार के तहत सबसे पहले फिल्म अभिनेता स्वर्गीय मनोज कुमार जी को सम्मानित किया गया था. यही नहीं इस पुरस्कार से भगत सिंह के छोटे भाई स्वर्गीय कुलतार सिंह को भी सम्मानित किया जा चुका है.

सतेंद्र यादव जी सुभाष युवा मोर्चा के तहत कई तरह के सामाजिक कार्यों में लगे हुए हैं. इतना ही नहीं सतेंद्र यादव इसके माध्यम से निरंतर क्रांतिकारियों के जन्मदिवस और शहादत दिवस को मनाते आए हैं. यह क्रांतिकारियों के विचारों को लोगों तक, जनमानस तक पहुंचाने की एक कोशिश है. सतेंद्र यादव बताते हैं कि संगठन का मुख्य उद्देश्य नौजवानों तक देशभक्ति की भावना पहुंचाना है और इसके लिए उन्होंन उन प्रतीकों को शामिल किया है जिन्होंने वास्तव में समाज के लिए काम किया है.
सतेंद्र यादव वर्षों से विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ कार्य करते रहे हैं. वह सुभाषवादी भारतीय समाजवादी पार्टी के संयोजक हैं और निरंतर राजनीति में सक्रिय तौर पर अपनी भूमिका निभा रहे हैं. उनका मानना है कि राजनीति में बेहद गिरावट आई है और जिस राजनीति की अपेक्षा की जाती थी वह अब बिल्कुल समाप्त हो चुकी है. साथ ही उनका मानना है कि अब राजनीति में सिर्फ पैसा बोलने लगा है. ऐसे में इन्होंने जीवनयापन और समाज के लिए निरंतर कुछ कार्य करते रह सके उसके लिए खुद का प्रिंटिंग प्रेस चलाते हैं.
सतेंद्र जी का जन्म किसान परिवार में हुआ. इनके दादा जी स्वतंत्रता सेनानी थे. यही वजह है कि इनके ऊपर अपने दादा जी का बहुत प्रभाव रहा है. इनके दादा इनके मार्गदर्शक और गाइड रहे हैं. सतेंद्र यादव मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर के सर्फाबाद के रहने वाले हैं. इनका जन्म इसी गांव में हुआ था मगर तकरीबन 35-40 वर्ष पूर्व इनका परिवार गाजियाबाद के राजनगर में आकर बस गया और तब से वह वहीं स्थापित हो चुके हैं.
इनकी शुरुआती पढ़ाई से लेकर के आगे की सभी पढ़ाई सिर्फ पत्रकारिता की डिग्री छोड़कर गाजियाबाद में ही हुई है. इन्होंने ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और लॉ महानंद मिशन हरिजन कॉलेज से किया है. पढ़ाई के इतने जबरदस्त शौकीन की इन्होंने राजनीतिक शास्त्र से ग्रेजुएशन करने के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन 4 विषयों में किया है. राजनीतिक शास्त्र, दर्शनशास्त्र और इतिहास से इन्होंने अपना स्नाकोत्तर यानी पोस्ट ग्रेजुएशन पूर्ण किया है. यही नहीं इन्होंने लॉ करने के साथ-साथ बीएड की डिग्री भी हासिल की है. यकीन जानिए इन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता का कोर्स भी किया है.

सतेंद्र जी सुभाष युवा मोर्चा में रहकर बतौर अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं तो वहीं सुभाषवादी भारतीय समाजवादी पार्टी से जुड़कर संयोजक के तौर पर अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियों को पूर्ण कर रहे हैं. मगर इसके साथ साथ वह कई और संगठनों से भी जुड़े हुए हैं. वह गाजियाबाद क्रिकेट एसोसिएशन जो प्रत्येक वर्ष रणजी ट्रॉफी मैच का आयोजन करता है उससे जुड़े हुए हैं, तो वहीं जनसंख्या जनजागरण महासंघ में सक्रिय हैं, वाकर्स एसोसिएशन जोकि स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरुक करने का कार्य करता है उस से भी जुड़े हुए हैं, आरडब्ल्यूए में भी सक्रिय हैं तो साथ ही साथ यादव समाज से जुड़े विभिन्न संगठनों में भी सक्रिय तौर पर यह अपनी भूमिका निभा रहे हैं.
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