नाम – प्रशांत कुमार सिंह
पद – पार्षद (निर्दलीय), जगतगंज वार्ड 37 (वाराणसी)
नवप्रवर्तक कोड –
परिचय –
छात्र जीवन से ही राजनीति में रूचि रखने वाले प्रशांत कुमार सिंह एक सामाजिक व राजनीतिक नवप्रवर्तक हैं. वह निर्दलीय राजनीति में सक्रिय हैं तथा वर्तमान में वाराणसी जिले के वार्ड – 37, जगतगंज से पार्षद के रूप में अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. प्रशांत सिंह का अपना निजी व्यापार भी है. बावजूद इसके वह सामाजिक कार्यों से जुड़े रहते हैं तथा समाज के लिए कुछ अलग व अच्छा करने के उद्देश्य से ही उन्होंने राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा.
राजनीतिक पदार्पण –
सन् 1989 से ही छात्र राजनीति से जुड़े प्रशांत सिंह कॉलेज के चुनावों में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं. इसके बाद सन् 2000 में उन्होंने मुख्य धारा की राजनीति में पदार्पण किया तथा समाजवादी पार्टी से जुड़े. क्षेत्रीय स्तर पर कार्य करते हुए उन्होंने सपा के ही टिकट से अपना पहला चुनाव लड़ा, किन्तु उसमें जीत दर्ज नहीं कर सके.
इसके बाद प्रशांत सिंह ने 2017 में निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया और जिसमें विजयी होकर पार्षद नियुक्त हुए. इससे पहले 2006, 2012 में इनकी पत्नी क्षेत्र से पार्षद रहीं. वर्तमान में वह पार्षद के रूप में वार्ड के विकास कार्यों में अपना अहम योगदान अंकित करा रहे हैं.
क्षेत्रीय मुद्दे
अपने क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों पर प्रशांत सिंह का कहना है कि उनके वार्ड ही नहीं बल्कि पूरे वाराणसी में सीवर की समस्या अत्यन्त गंभीर है. जिसकी वजह से गंदा पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों तथा गलियों में भर जाता है. जिसके चलते हर साल दो साल में गलियां व सड़कें खराब हो जाती हैं तथा उन पर दोबारा कार्य कराना पड़ता है, जिससे जनता के समय के साथ ही सरकारी पैसे का भी दुरूपयोग होता है. इसके अलावा वार्ड में पेयजल भी एक बड़ी समस्या है तथा क्षेत्र के लोगों को शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है.
प्रमुख कार्य –
प्रशांत सिंह के अनुसार, वह अपने पहले कार्यकाल से ही वार्ड में सक्रियता से कार्य कर रहे हैं. सन् 2000 में अपना पहला चुनाव जीतने के बाद उन्होंने वार्ड की मुख्य सड़क का निर्माण करवाया था. इसके अलावा उन्होंने कई क्षेत्रों में सड़क, चौका, गलियों, नालियों आदि का निर्माण करवाया है. वहीं वर्तमान में जिन क्षेत्रों में जलभराव की समस्या गंभीर हो गई थी, वहां उन्होंने सीवर लाइन डलवाने का कार्य कराया, हालांकि प्रशांत सिंह का कहना है कि फंड की कमी के चलते वार्ड में अपेक्षा के अनुरूप कार्य नहीं हो पा रहा है.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार
राष्ट्रीय स्तर पर प्रशांत सिंह का मानना है कि वर्तमान में आतंकवाद देश का सबसे गंभीर मसला है. तमाम सख्ती व प्रयासों के बावजूद पड़ोसी मुल्क की तरफ से सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन व घुसपैठ जारी है, जो कि देश की सुरक्षा के दृष्टिकोण से चिंतनीय है.