नाम : पूजा सिंह
पद : कांग्रेस नगर अध्यक्ष, उन्नाव जनपद
नवप्रवर्तक कोड : 71183041
परिचय :
पूजा सिंह एक अधिवक्ता होने के साथ-साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की एक नेत्री हैं एवं वर्तमान में उन्नाव जनपद से कांग्रेस की नगर अध्यक्ष भी हैं. वह मूलरूप से उन्नाव की ही रहने वाली हैं. उनकी प्रारम्भिक शिक्षा उन्नाव जनपद से ही हुई है. इसके बाद उन्होंने कानपुर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन तथा एल.एल.बी. किया है. वह शुरू से ही लोगों को न्याय दिलाने व उनकी मदद करने के लिए खड़ी रहीं हैं तथा इसी कारण उन्होंने राजनीति में आने का निर्णय लिया. वह वैसे तो पेशे से अधिवक्ता हैं किन्तु पिछले चार-पांच वर्षों से राजनीति में भी सामान रूप से सक्रिय हैं.
राजनीति में आने का कारण :
पूजा जी का राजनीति में आने का मुख्य उद्देश्य समाज के ऐसे पीड़ित, असहाय
व असमर्थ लोगों की मदद करना है व उनकी आवाज उठाना है, जिनकी कहीं कोई सुनवाई
करने वाला नहीं है. उनका मानना है कि यदि वह अधिवक्ता ही रहतीं या कोई व्यवसाय करती तो वह सिर्फ निजी हित के लिए ही कार्य कर पाती किन्तु राजनीति के माध्यम से वह ज्यादा
से ज्यादा लोगों के कल्याण के लिए कार्य कर सकती हैं तथा पिछड़े लोगों को आगे
बढ़ाने में भी मदद कर सकती हैं. इन्हीं उद्देश्यों के साथ उन्होंने राजनीति में प्रवेश
किया.
क्षेत्रीय मुद्दें :
उन्नाव जनपद के क्षेत्रीय मुद्दों पर पूजा सिंह का कहना है कि जनपद में पब्लिक प्लेस पर स्थित फैक्टरियों से जो गंदा पानी व धुंआ निकलता है उससे क्षेत्र में जल व वायु प्रदूषण फैलता है, जिस कारण क्षेत्र की जनता दमा, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रही है. इस दिशा में कार्य किये जाने की आवश्यकता काफी अधिक है. गरीब लोगों को सही इलाज न मिल पाना भी एक विकट समस्या है, सरकार गरीबों को सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए कई योजनायें तो बनाती है किन्तु उन योजनाओं का लाभ जरुरतमंदों तक नहीं पहुँच पाता है. इसके अतिरिक्त क्षेत्र में पेयजल की समस्या भी एक गंभीर मुद्दा है. वह अपने कार्यकाल में इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए कार्य करेंगी.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार :
पूजा सिंह का मानना है कि राष्ट्रीय स्तर पर इस समय महिला सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है.
देश की महिलाओं को उचित सम्मान व सुरक्षा मिलनी चाहिए. वहीं देश में निरंतर बढ़ती
बेरोजगारी भी एक चिंतनीय विषय है तथा आज महिलाओं को भी उचित रोजगार मुहैया नहीं हो
पा रहा है. इसके अलावा हमें शिक्षा को प्रोत्साहन देना होगा क्योंकि शिक्षा के माध्यम
से ही देश का विकास संभव होगा.