नाम : नागेन्द्र सिंह
पद : भाजपा पार्षद, आलम नगर, वार्ड 20 (लखनऊ)
नवप्रवर्तक कोड : 71183015
परिचय -
नागेन्द्र सिंह एक राजनीतिक कार्यकर्ता हैं, जो कि विभिन्न सामाजिक कार्यों में भी सम्मिलित रहतें हैं. वर्तमान में वह आलमनगर से भाजपा पार्षद हैं तथा आर.एस.एस. से जुड़े हुए हैं. वह 2006 से क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. उन्होंने एम.कॉम. तथा एल.एल.बी. किया है एवं वह एक अधिवक्ता भी हैं. वें भारतीय जनता पार्टी के अधिकारी पद पर तथा मंडल अध्यक्ष पद पर भी कार्य कर चुके हैं. वह लखनऊ युवा मोर्चा के दो बार महानगर अध्यक्ष रहे और युवा मोर्चा से ही महामंत्री पद के लिए चुने गए. इनमें प्रारंभ से ही नेतृत्व करने का गुण विद्यमान था, इसलिए वह कॉलेज के चुनावों में भाग लेते थे. वह छात्रसंघ के भी संपर्क में थे. उन्होंने ज्वाइंट सेक्रेटरी, जनरल सेक्रेटरी तथा प्रेसीडेंट पद पर भी कार्य किया है.
राजनीति में आने का कारण -
नागेन्द्र सिंह अपने पारिवारिक लोगों की बातों से अत्यधिक प्रभावित थे. इनके पिता समाज को एक साथ लेकर चलने की सीख दिया करते थे, जिससे प्रेरित होकर उन्होंने समाज सेवा तथा समाज सुधार को अपने जीवन का अंग बना लिया. अपने आस- पास के क्षेत्र की समस्याओं को देखकर भी इनमें समाज सेवा की भावना जागी. उन्होंने सोचा कि वह राजनीति के सहयोग से अधिक से अधिक लोगों की सहायता कर सकेंगे, इसलिए उन्होंने राजनीति का मार्ग चुना. वह लोगों की सहायता करने के बाद मिलने वाले आशीर्वाद तथा प्रेम को पाकर अत्यधिक प्रसन्नता का अनुभव करते थे. उन्होंने छात्रसंघ में सम्मिलित होने पर छात्रों के सामने आने वाली समस्याओं पर विशेष ध्यान दिया. उन्होंने फीस का अधिक होना, सीटों में कमी होना, दूर क्षेत्र से आकर पढ़ने वाले विद्यार्थियों के सामने आने वाली समस्याओं के खिलाफ कार्य किया. उन्होंने छात्रवृत्ति की समस्या में भी सुधार करवाया. आलमनगर में विकास तथा जनकल्याण की भावना इनके राजनीति में प्रवेश का प्रमुख कारण थी.
समाजिक कार्य -
नागेन्द्र सिंह का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य
जलालपुर में जनता के सहयोग से 14 करोड़ का अंडरपास बनवाना है, जिससे जाम की एक बहुत
विकट समस्या को हल किया गया. उन्होंने जलालपुर में एक फाटक भी खुलवाया, जिससे अनेकों समस्यायों का निदान हो गया. आलमनगर वार्ड से 3 बार भारतीय जनता पार्टी के पार्षद
रहकर उन्होंने बहुत सारे कार्यों को अंजाम दिया है.
उन्होंने विभिन्न पदों पर कार्य करते हुये सड़कों तथा नालियों की स्थिति में सुधार करवाया. उन्होंने सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से
गरीबों को न्याय दिलाया, विभिन्न प्रकार से उनकी सेवा की तथा जिन लोगों को
आवश्यकता थी, उन्हें सहायता प्रदान की. उन्होंने पेय जल की समस्या को देखते हुए कई
जगहों पर ट्यूबवेल लगवाये.
उन्होंने संपूर्ण क्षेत्र में जल निकासी के लिए
कई किलोमीटर के अंडरग्राउंड नालों को बनवाया. पूर्वांचल से आये हुए लोगों
के छठ पूजा करने के लिए गोरिल्ला तालाब का सुन्दरीकरण करवाना, उनके विशेष कामों
में से एक है.
प्रमुख योजनायें -
उनके अनुसार आलमनगर को सुसज्जित बनाने के लिए
सर्वप्रथम उसका एक मॉडल तैयार करना होगा, जिससे आलमनगर को एक अच्छा स्वरुप प्रदान
किया जा सके. उन्होंने सुधार की दृष्टि से स्वच्छता को सबसे महत्त्वपूर्ण समझा, इसलिए उन्होंने सीवर बनवाने का कार्य प्रारंभ करवाया. सरकार के सहयोग से कल्याण
मंडप का निर्माण करवाना इनकी प्रमुख योजनाओं में से एक है.
उनके अनुसार पारा क्रासिंग पर जाम हटवाने के लिए
एक अंडरपास का निर्माण आवश्यक है. आलमनगर में विकास के लिए सड़कों तथा स्वच्छता पर
विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. उनके अनुसार राजनीति के गिरते हुए स्तर में बदलाव के लिए राजनीतिक मूल्यों में सुधार की विशेष जरूरत है. उनके अनुसार राजनीतिक
मूल्यों में सुधार से ही देश तथा समाज की शिक्षा और रोजगार जैसी समस्याओं का हल निकाला
जा सकता है.
सुधार के लिए नीतियां -
उनके अनुसार वर्तमान में देश की सबसे बड़ी समस्या
रोजगार है और रोजगार की समस्या के कारण ही देश तथा समाज में अपराधों की संख्या
बढ़ती जा रही है. रोजगार न मिलने के कारण ही बहुत-सी समस्याओं का जन्म हो रहा है, जिसमे घरेलू हिंसा प्रमुख है. देश की नीतियों को ठीक करके नवयुवाओं को
रोजगार दिलाना होगा तथा गलत मार्ग पर चलने से रोकना होगा.
भटकते नौजवानों के रोजगार के लिए बाह्य व्यापार
तथा नयी योजनाओं को स्थान देना होगा और रोजगार की एक नई पहल करनी होगी. उनके
अनुसार स्वच्छता से बीमारियों को दूर रख सकते हैं, उदहारण के लिए; स्वच्छता अभियान के कारण
ही लखनऊ में डेंगू का प्रकोप कम हुआ है. उनके अनुसार सभी को स्वच्छता पर विशेष
ध्यान देना होगा.
वैश्विक परिदृश्य पर विचार -
उनके अनुसार संपूर्ण समाज को एक साथ मिलकर भ्रष्टाचार का विरोध करना होगा. नौजवानों को अपने नैतिक मूल्यों में उत्थान करना होगा, जिससे समाज का कल्याण हो सके और उनमें परिश्रम की भावना में पैदा हो. उनके अनुसार राष्ट्रीय तथा सामाजिक सुधार तब ही हो सकता है, जब महिलाओं को सुरक्षित किया जाएगा. इन सभी कार्यों के लिए समाज के लोगों को प्रशासन के भरोसे नहीं रहना चाहिए, बल्कि उन्हें स्वयं एक प्रहरी के रूप में कार्य करना प्रारम्भ कर देना चाहिए. प्रशासन को शिक्षा के अभाव को पूरा करने का प्रयास करना चाहिये एवं ग्रामीण तथा आदिवासी क्षेत्र में शिक्षा का प्रसार करना चाहिए. शिक्षा की नई नीति देश के विकास पर आधारित होनी चाहिए, जिससे भारत एक बार फिर से विश्वगुरु के रूप में खड़ा हो सके.