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Gurugram, Ward-8 (Haryana)
प्राचीन समय में गुरुग्राम को राजकुमारों की शिक्षा का माना गया है. एक ऐसा स्थल जो कौरवों और पांडवो के शिक्षक गुरु द्रौणाचार्य का गांव था. शायद यही वजह रही है कि आज भी कुछ लोग गुरुग्राम को गुरु द्रौणाचार्य के निवास स्थान के नाम से जानते हैं. इसका प्राचीन नाम गुरुग्राम था, जिसका अर्थ गुरु का ग्राम यानि ऐसा स्थल जो गुरु के ग्राम के नाम से विख्यात हो. गुरुग्राम में अधिकतर हिंदु आबादी का निवास स्थान है. तेजी से विकसित होते गुरुग्राम में कुछ वर्ष पूर्व खाली जमीनें पड़ी हुई थी और यहां के निवासी खेती के म Read more...
Lahartara, Ward 3 (Varanasi)
लहरतारा वार्ड, वाराणसी की दशाश्वमेध जोन एवं सिगरा सबजोन का प्रमुख भूभाग है. भारत के प्रमुख संत कबीरदास की जन्मस्थली माना जाने वाला यह वार्ड वाराणसी के प्रमुख व्यवसायिक इलाकों में से भी एक है. यह वार्ड क्षेत्रफल की दृष्टि से लगभग 1.104 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है. मिली जुली आबादी वाले इस वार्ड में पार्षद के अनुसार आबादी 20,000 के करीब है. यह वार्ड मुख्यतः ग्रामीण बहुल क्षेत्र हैं, जहां खेतीबाड़ी भी की जाती है. वार्ड के प्रसिद्द मंदिरों में यहां का संकटमोचन विश्वनाथ नाथ मंदिर मौजूद है. Read more...
Gurugram, Ward – 22 (Haryana)
गुरुग्राम प्रमुख रूप से गुरु द्रोणाचार्य के समय का प्रचलित स्थान माना जाता हैं, द्वापर युग में द्रोण गुरु एक सर्वश्रेष्ठ गुरु के रूप में जाने जाते थे, इसी वजह से गुड़गांव को शिक्षा का स्थल माना जाता हैं. गुडगाँव का एतिहासिक नाम गुरुग्राम था. इसी दृष्टिकोण से व गुडगाँव के गौरवशाली इतिहास के कारण गुड़गांव का नाम पुनः गुरुग्राम रखने का प्रयास किया गया. इस प्रयास में सभी के समर्थन से व हरियाणा सरकार द्वारा गुडगाँव का नाम गुरुग्राम रखा गया. औद्योगिक सिटी के रूप में प्रसिद्ध गुडगाँव पूरी दुनिया में सू Read more...
Gurugram, Ward - 25 (Haryana)
साइबर सिटी के रूप में लोकप्रिय गुडगाँव पूरी दुनिया में औद्योगिक, सूचना प्रौद्योगिकी व कंपनियों के केंद्र के रूप में जाना जाता है. काफी संख्या में विदेशी कंपनियों और बड़ी-बड़ी देशी कंपनियों के कार्यालय भी यहां पर स्थित हैं. प्राचीन समय में गुडगाँव को राजकुमारों की शिक्षा का स्थल माना जाता था, इसी कारण काफी वर्षों से इसके नाम को बदलने की तैयारी चल रही थी और हरियाणा सरकार द्वारा इसका नाम अब परिवर्तित कर गुरुग्राम रखा गया है. जिसका अर्थ है “गुरु का ग्राम”. तो चलिए बात करते हैं गुरुग्राम के वार्ड-25 की Read more...
Gurugram, Ward - 29 (Haryana)
चौड़ी सड़के, लम्बी-लम्बी बिल्डिंग्स, मल्टीनेशनल कंपनियां, बहुराष्ट्रीय कंपनियों के शानदार ऑफिस, शॉपिंग मॉल्स व फ्लाईओवर जैसे बदलते गुड़गांव की तस्वीर को आज देखकर कौन सोच सकता है? कि इस शहर में कभी कृषि हुआ करती थी. यहां पड़ी खाली जमीनों को लोगों ने कृषि कर अपने जीवनयापन का साधन बनाया हुआ था. परन्तु वर्ष 2000 से तेजी से विकसित होते गुडगाँव ने अपने चेहरे के साथ-साथ अपने नाम को भी पूरी तरह बदल कर रख दिया. विकसित गुरुग्राम का सेक्टर 48 जो हुड्डा के अंतर्गत शामिल नही है, अपितु प्राइवेट हिस्से में आता है Read more...
Gurugram, Ward-35 (Haryana)
साइबर सिटी के रूप में लोकप्रिय गुडगाँव पूरी दुनिया में सूचना प्रौद्योगिकी व काफी मशहूर कंपनियों के केंद्र के रूप में जाना जाता है. काफी संख्या में विदेशी कंपनियों और बड़ी-बड़ी देशी कंपनियों के कार्यालय भी यहां पर स्थित हैं. परन्तु प्राचीन समय में गुडगाँव को राजकुमारों की शिक्षा का स्थल माना जाता था, इसी कारण काफी वर्षों से इसके नाम को बदलने की तैयारी चल रही थी और हरियाणा सरकार द्वारा इसका नाम अब परिवर्तित कर गुरुग्राम रखा गया है. हिंदु आबादी की बहुलता वाले गुरुग्राम को प्राचीन काल में अहीर साम्रा Read more...
Laxman Ghat ward – 31 (Ayodhya)
भगवान श्री राम के अनुज लक्ष्मण को अयोध्यापुरी का प्रशासक माना जाता था, उनके निवास स्थान यानि लक्ष्मण किले के घाट पर सरयू की धारा निरंतर बहती रहती है. इस घाट में सबसे प्राचीन मन्दिर जिनमें सीताराम जी का मन्दिर साथ ही लक्ष्मण जी मंदिर भी बसा हुआ है, जिनकी मूर्ति के दर्शन करने दूर-दूर से आए भक्तों की भीड़ का ताँता लगा रहता है. सरयू नदी के दक्षिणी तट पर बसी अयोध्या एक धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगरी है. इस जनपद का नगरीय क्षेत्र अयोध्या नगर निगम के अंतर्गत समाहित है. प्राचीन समय में साकेत, कौशल देश अथवा कौश Read more...
Vishwa Bank Barra, Ward 45 (Kanpur)
वार्ड 45, विश्व बैंक बर्रा कानपुर जिले के अंतर्गत आने वाला एक मिश्रित आबादी वाला परिक्षेत्र है. जिसमें पार्षद के तौर पर वर्ष 2017 से अर्पित यादव जी कार्यरत हैं. वार्ड में तकरीबन 25,000 की आबादी का रहवास है. यहां आने वाले प्रमुख मोहल्लों में विश्व बैंक बर्रा, सेक्टर - डी, सेक्टर - ई, सेक्टर - एच, सेक्टर - एच 1, यूपीडीयू कॉलोनी सेक्टर ए व बी इत्यादि सम्मिलित हैं. यहां सोसाइटी क्षेत्र होने के साथ साथ मलिन बस्तियां भी मौजूद हैं. मिली जुली आबादी वाले इस परिक्षेत्र में कुछ लोग मुख्य रूप से छोटे-छोटे Read more...
Kunwar Jyoti Prasad Ward 70 (Lucknow)
वार्ड 70, कुंवर ज्योति प्रसाद लखनऊ जिले के राजाजीपुरम परिक्षेत्र में आने वाले वार्डों में से एक है, जहां पार्षद की भूमिका में भारतीय जनता पार्टी से शिवपाल सावरिया जी स्थानीय विकास हेतु कार्यरत हैं. लखनऊ के विकसित वार्डों में शामिल कुंवर ज्योति प्रसाद वार्ड में मिली-जुली जनसंख्या का निवास है. जनगणना 2011 के अनुसार इस वार्ड की आबादी लगभग 35,000 है तथा यहां की साक्षरता दर 75 फीसदी के करीब है. स्थानीय निवासियों के लिए मूलभूत सुविधाओं की बात यदि की जाए तो वार्ड में बहुत से विद्यालय, डिग्री कॉलेज Read more...
Prayag ghat Ward-52 (Prayagraj)
प्राचीन समय से ही प्रयागराज को विद्या और ज्ञान का गढ़ कहा जाता रहा है साथ ही देश का राजनीतिक व अध्यात्मिक रूप से सर्वाधिक जागरूक शहर प्रयागराज को माना जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसी शहर से बड़ी संख्या में देश को प्रधान मंत्री प्रदान किए हैं. इसके अतिरिक्त यदि धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो देवभूमि प्रयागराज हिन्दुओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण स्थल है. प्राचीन ग्रंथों के अनुसार पृथ्वी की रक्षा करने के लिए सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा ने यहां पर बहुत बड़ा यज्ञ किया था. जिसमें पुरोहित, भगवान विष्णु ने Read more...
Railway colony ward – 5 (Ayodhya)
गत वर्ष छोटी दीपावली के दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैजाबाद का नाम बदल कर अयोध्या कर दिया. हिन्दू पक्षकार काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे, क्योंकि इतिहास के पन्नों में झांककर देंखे तो अयोध्या बेहद प्राचीन नगरी है जिसका वर्णन वेदों-पुराणों में भी मिलता है. अवध के नवाबों के शासनकाल में इस शहर को सर्वप्रथम बसाया तो नवाब अलीवर्दी खान ने था, किन्तु फैजाबाद की स्थापना का श्रेय नवाब सआदत खान को जाता है. सरयू और लखनऊ से सामिप्य के कारण फैजाबाद को गंगा-जमुनी तहजीब विरासत में मिली और Read more...
Hukulganj, Ward 5 (Varanasi)
वाराणसी को पूर्व में बनारस के नाम से जाना जाता था तथा आज भी इसे भारत की धार्मिक राजधानी कहा जाता है. हिंदु धर्म में यह स्थान बेहद लोकप्रिय है. पवित्र नगरी वाराणसी में दो नदियों अथार्त वरुणा और असी का संगम होता है, यानि वह स्थान जहां ये दोनों नदियां आकर मिलती है. इसी पवित्र वरुणा नदी के किनारे बसा है, हुकुलगंज वार्ड. वाराणसी के वरुणापार जोन में स्थित सिकरौल सबजोन के अंतर्गत आने वाला हुकुलगंज वार्ड तकरीबन 10.25 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है. हुकुलगंज वार्ड कुछ समय पूर्व 8-9 मौहल्लों को मि Read more...
Gurugram, Ward-2, Haryana
हिंदु आबादी की बहुलता वाले गुरुग्राम को प्राचीन काल में अहीर साम्राज्य का हिस्सा माना जाता था. साथ ही इसे शिक्षकों के स्थल की भी संज्ञा दी गया है. क्योंकि यह गांव कौरवों और पांडवों के शिक्षक गुरु द्रौणाचार्य का भी निवास स्थान था. अकबर के शासनकाल के दौरान गुडगाँव, दिल्ली और आगरा के क्षेत्रों में आता था. बदलते समय के साथ मुग़ल साम्राज्य शक्तियों के बीच दरार पड़ने लगी और सुरजी अरजगांव के संधि के तहत इसका अधिकतर हिस्सा ब्रिटिश हुकूमत के पास चला गया. 1861 में जिले का पुनर्गठन पांच तहसीलों में किया गया Read more...
Shahganj, Ward-67 (Prayagraj)
स्थल तीर्थों में सबसे बड़ा तीर्थ प्रयागराज जिसका नाम मुस्लिम शासक अकबर ने बदलकर इलाहाबाद रख दिया और इसे अल्लाह का शहर कहा जाने लगा. इस समय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इसे पुनः इसके प्राचीन नाम प्रयागराज के नाम में परिवर्तित कर दिया गया है. प्रयागराज को आरंभ से ही प्रयाग के नाम से जाना जाता था, जिसमें प्र अथार्त बहुत विशाल और याग यानि यज्ञ जिसका पूर्ण अर्थ प्रयाग है. हिंदुग्रंथानुसार सम्पूर्ण पृथ्वी पर भगवान ब्रह्मा जी ने प्रयागराज को ही यज्ञ के लिए चुना था. तो आज चलते है, पवित्र स्थली प्रयागराज के Read more...
Nawabganj ward – 43 (Kanpur)
पुराने कानपुर के नाम से सर्वविख्यात नवाबगंज आज भी उतना ही मशहूर है, जितना पुराने समय में था, कहा जाता है कि इसी क्षेत्र से कानपुर की बुनियाद रखी गयी. इसे सर्वप्रथम मुगलों ने बसाया था, तदुपरांत यहां अंग्रेजों व जमींदारों ने भी शासन किया. इसके बाद समय दर समय यहां काफी परिवर्तन हुए जैसे जैसे समय बदला वैसे ही सरकार बदलती गयी. उसके बाद नवाबगंज में के.डी.ए व नगर निगम के अंतर्गत कार्य होने लगा. वार्ड 43, नवाबगंज कानपुर जिले के अंतर्गत आने वाला एक मिश्रित आबादी वाला परिक्षेत्र है. जिसमें पार्षद के तौर Read more...
Anguribagh ward – 39 (Ayodhya)
नगरीय क्षेत्र अयोध्या नगर निगम के अंतर्गत समाहित है, जिसे प्राचीन समय में साकेत, कौशल देश अथवा कौशलपुरी के नाम से जाना जाता था. अयोध्या को प्रभु श्री राम की पावन जन्मस्थली के रूप में भी देखा जाता है. यह मोक्षदायिनी अयोध्या नगरी पौराणिक समय में कौशल राज्य की राजधानी एवं प्रसिद्ध महाकाव्य रामायण की पृष्ठभूमि का केंद्र थी और आज भी प्रभु श्री राम की जन्मस्थली होने के कारण अयोध्या को हिन्दुओं की प्रमुख तीर्थस्थली एवं सप्तपुरियों में से एक माना जाता है. तो बात करते हैं इसी अयोध्या नगरी के एक वार्ड, Read more...
Pandit Deendayal Upadhyay Ward – 47 (Ayodhya)
अपनी कार्यशैली व विचारधाराओं से लोगों को आकर्षित करने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय पेशे से राजनेता थे तथा वह भारतीय जनसंघ पार्टी जिसे वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के नाम से जाना जाता है, उसके अध्यक्ष के रूप में सेवाएं देते थे. उन्होंने अपने प्रयासों से भारत की आज़ादी के उपरांत लोकतंत्र की परिभाषा को बदलते हुए देश के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसके कारण आज भी उनकी छवि मानस पटल पर अंकित है. भारतीय जनसंघ का निर्माण डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने किया था और दीनदयाल उपाध्याय उसमें पहले उ.प्र Read more...
Motibagh ward – 45 (Ayodhya)
मोक्षदायिनी अयोध्या नगरी पौराणिक समय में कौशल राज्य की राजधानी एवं प्रसिद्ध महाकाव्य रामायण की पृष्ठभूमि का केंद्र थी और आज भी प्रभु श्री राम की जन्मस्थली होने के कारण अयोध्या को हिन्दुओं की प्रमुख तीर्थस्थली एवं सप्तपुरियों में से एक माना जाता है. सरयू नदी के दक्षिणी तट पर बसी अयोध्या एक धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगरी है. इस जनपद का नगरीय क्षेत्र अयोध्या नगर निगम के अंतर्गत समाहित है. प्राचीन समय में साकेत, कौशल देश अथवा कौशलपुरी के नाम से जानी जाने वाली अयोध्या को प्रभु श्री राम की पावन जन्मस्थली क Read more...
Ram Manohar Lohiya Ward – 41 (Ayodhya)
राम मनोहर लोहिया महान विचारक व भारत के स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी के रूप में जाने जाते हैं. उन्होंने अपने बलबूते पर राजनीति का रूख़ बदल कर रख दिया था. अपने समाजवादी विचारों के कारण राम मनोहर लोहिया ने अपने समर्थकों के साथ-साथ ने अपने विरोधियों के मध्य भी सम्मान प्राप्त किया है. वह मानव की स्थापना के पक्षधर समाजवादी थे तथा सभी को एक ही दृष्टिकोण से देखते हुए सबका मंगल चाहते थे. उनका मानना था कि किसी भी व्यक्ति के बीच कोई मतभेद की भावना उत्पन्न न हो. साथ ही वह जनता के निर्णय को ही लोकतंत्र की ताक Read more...
Lalbagh ward – 30 (Ayodhya)
हिन्दू धर्मावलम्बियों की आस्था का प्रमुख केंद्र ‘अयोध्या नगरी’ प्राचीन समय में कौशल राज्य की राजधानी एवं प्रसिद्ध महाकाव्य रामायण की पृष्ठभूमि का केंद्र थी और आज भी प्रभु श्री राम की जन्मस्थली होने के कारण अयोध्या को हिन्दुओं की प्रमुख तीर्थस्थली एवं सप्तपुरियों में से एक माना जाता है. सरयू नदी के दक्षिणी तट पर बसी अयोध्या एक धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगरी है. इस जनपद का नगरीय क्षेत्र अयोध्या नगर निगम के अंतर्गत समाहित है. प्राचीन समय में साकेत, कौशल देश अथवा कौशलपुरी के नाम से जानी जाने वाली अयोध्या Read more...