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Allenganj, Ward-35, Prayagraj
पौराणिक नगरी प्रयागराज...जो गंगा, यमुना तथा गुप्त सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित है. इसे उत्तर प्रदेश के बड़े जनपदों में से एक माना गया है. यह पतित पावनी नगरी केवल हिन्दुओं के लिए ही नही अपितु यहां हिंदु, मुस्लिम, सिक्ख, जैन व ईसाई समुदायों की मिश्रित संस्कृति की झलक भी देखने को मिलती है. यहां गुरूद्वारे, चर्च, मंदिर, मस्जिद सभी मौजूद है. जिससे यहां के साम्प्रदायिक सौहार्द का भी पता चलता है. प्रयागराज त्रिवेणी संगम के स्थल पर स्थिति है, जहां हर 12 साल में कुम्भ का मेला लगता है और यहां दूर-दूर स Read more...
Civil Line - I Ward-13 (Prayagraj)
यमुना, गंगा व सरस्वती जैसी पवित्र नदियों के संगम पर स्थित पावन नगरी प्रयागराज, जो पूरी दुनिया के तीर्थयात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करती है. इस तीर्थस्थल को शुरू से ही प्रयागराज के नाम से जाना जाता रहा है, परन्तु मुस्लिम शासक अकबर ने सन 1583 में बदलकर इसे इलाहाबाद का नाम दे दिया और अल्लाह का शहर अथार्त इलाहाबाद के नाम से इसे जाना जाने लगा. परन्तु वर्तमान समय में सरकार द्वारा इसे पुनः प्राचीन नाम प्रयागराज के नाम में परिवर्तित कर दिया गया है. तो रुख करते हैं, प्रयागराज के सिविल लाइन प्रथम वार्ड का Read more...
Raja Bijli Pasi-I, Ward 3 (Lucknow)
वार्ड 3, राजा बिजली पासी प्रथम लखनऊ जिले के अंतर्गत आने वाले इलाकों में से एक है, जहां पार्षद के पद का निर्वहन भारतीय जनता पार्टी से वीना रावत कर रही हैं. लखनऊ के वार्डों में शामिल इस वार्ड में मिश्रित जनसंख्या का निवास है. जनगणना 2011 के अनुसार इस वार्ड की आबादी लगभग 20-25,000 है तथा यहां की साक्षरता दर 66 फीसदी के लगभग है. यदि वार्ड के परिसीमन की बात की जाए तो टी.पी. नगर, मुंशीखेड़ा, सेक्टर-एन, सेक्टर एन-1, स्वरूप चन्द्र खेड़ा, ख्वाजापुर, मिर्जा पुर, सेक्टर-एल, मानसरोवर योजना, औरंगाबाद खालसा, औ Read more...
Nayi Basti, Ward-50, Prayagraj
गंगा, यमुना तथा गुप्त सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के बड़े जनपदों में से एक माना जाता है. वैसे तो हिन्दुओं के लिए यह बेहद पवित्र स्थल है परन्तु यहां हिंदु, मुस्लिम, सिक्ख, जैन व ईसाई समुदायों की मिश्रित संस्कृति की झलक देखने को मिलती है. यह शहर बेहद पौराणिक नगरों में से एक है. त्रिवेणी संगम के स्थल प्रयागराज में प्रत्येक 12 साल में कुम्भ का मेला लगता है, जहां दूर दूर से सैलानी यहां आते हैं. इससे पूर्व प्रयागराज को इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था. मुगलकालीन ग्रंथो के अन Read more...
Bakshi Khurd, Ward-75 (Prayagraj)
स्थलों में सबसे बड़ा तीर्थ प्रयागराज को माना गया है, जिसे मुस्लिम शासक अकबर द्वारा इलाहाबाद कहा जाता रहा है. उनके अनुसार यह शहर अल्लाह का शहर है. इसीलिए इसे इलाहाबाद के नाम से जाना जाता रहा है. परन्तु हिंदुग्रंथानुसार सम्पूर्ण पृथ्वी पर भगवान ब्रह्मा जी ने प्रयागराज को ही यज्ञ के लिए चुना था. इसीलिए इसे हिंदु धर्म में भी पूजनीय स्थल माना गया है. काफी समय से इस स्थल के नाम को परिवर्तित करने के प्रयास हो रहे थे. वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इसे इसके प्राचीन नाम प्रयागराज के नाम में परिवर् Read more...
Janaura ward – 9 (Ayodhya)
कौशल देश अथवा कौशलपुरी के नाम से प्रचलित अयोध्या को प्रभु श्री राम की पावन जन्मस्थली के रूप में देखा जाता है और यह हिन्दू धर्मावलम्बियों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है. मोक्षदायिनी अयोध्या नगरी पौराणिक समय में कौशल राज्य की राजधानी एवं प्रसिद्ध महाकाव्य रामायण की पृष्ठभूमि का केंद्र थी और आज भी प्रभु श्री राम की जन्मस्थली होने के कारण अयोध्या को हिन्दुओं की प्रमुख तीर्थस्थली एवं सप्तपुरियों में से एक माना जाता है. तो चलिए बात करते हैं इसी अयोध्या नगरी के एक वार्ड, जनौरा की...यहां पहले नगर पाल Read more...
Police Line (Ayodhya) Ward – 22
अयोध्या नगरी भारतवासियों के हृदय में विशेष स्थान रखता है और यह देश का प्रमुख धार्मिक-सांस्कृतिक शहर होने के साथ साथ हिन्दुओं की तीर्थस्थली के तौर पर भी विख्यात है. यह देश की मोक्षदायिनी मानी जाने वाली सप्तपुरी नगरियों में से एक नगरी मानी जाती है, जिसका इतिहास सदियों पूर्व प्राचीन माना जाता है. पवित्र ग्रंथ “रामायण” के अनुसार अयोध्या की स्थापना स्वयं मनु ने सरयू नदी के किनारे की थी, जिसे भगवान राम की जन्मस्थली के रूप में भी महता प्राप्त है. तो बात करते हैं अयोध्या के पुलिस लाइन वार्ड की यह वार्ड Read more...
Rath Haveli Ward – 16 (Ayodhya)
सरयू नदी के दक्षिणी तट पर बसी अयोध्या एक धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगरी है. इस जनपद का नगरीय क्षेत्र अयोध्या नगर निगम के अंतर्गत समाहित है. प्राचीन समय में साकेत, कौशल देश अथवा कौशलपुरी के नाम से जानी जाने वाली अयोध्या को प्रभु श्री राम की पावन जन्मस्थली के रूप में देखा जाता है और यह हिन्दू धर्मावलम्बियों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है. मोक्षदायिनी अयोध्या नगरी पौराणिक समय में कौशल राज्य की राजधानी एवं प्रसिद्ध महाकाव्य रामायण की पृष्ठभूमि का केंद्र थी और आज भी प्रभु श्री राम की जन्मस्थली होने के क Read more...
Minhazpur Ward-69 (Prayagraj)
प्रयागराज को आरंभ से ही प्रयाग के नाम से जाना जाता था, जिसमें प्र अथार्त विशाल और याग यानि यज्ञ जिसका पूर्ण अर्थ प्रयाग है. हिंदुग्रंथानुसार सम्पूर्ण पृथ्वी पर भगवान ब्रह्मा जी ने प्रयागराज को ही यज्ञ के लिए चुना था. यह स्थल तीर्थों में सबसे बड़ा तीर्थ है परन्तु मुस्लिम शासक अकबर ने इसका नाम बदलकर इलाहाबाद रख दिया और इसी प्रकार इसे अल्लाह के शहर के नाम से संबोधित किया जाने लगा. इस समय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इसे पुनः इसके प्राचीन नाम प्रयागराज के नाम में परिवर्तित कर दिया गया है. तो आज चलते है Read more...
Chowk sarafa, Ward 101 (Kanpur)
वार्ड 101, चौक सर्राफा कानपुर जिले के अंतर्गत आने वाले बेहद पुराने इलाकों में से एक है. जिसमें पार्षद के तौर पर वर्ष 2012 से समाजवादी पार्टी के अनुभवी नेता अभिषेक गुप्ता कार्यरत हैं. पार्षद जी के अनुसार वार्ड में तकरीबन 30,000 की आबादी का रहवास है तथा तकरीबन 18,000 मतदाता हैं. वार्ड में दूसरे क्षेत्रों से आकर व्यापार करने वालों की तादाद भी अच्छी खासी है. लगभग 50 प्रतिशत हिंदू एवं 50 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले चौक सर्राफा वार्ड के अंतर्गत जीविका का प्रमुख साधन व्यापार एवं दुकानें हैं. कानपुर का Read more...
Rinmochan ward (Ayodhya) Ward – 1
भारत की मोक्षदायिनी मानी जाने वाली सप्तपुरी नगरियों में से एक नगरी अयोध्या है, जिसका इतिहास सदियों पूर्व प्राचीन माना जाता है. पवित्र ग्रंथ “रामायण” के अनुसार अयोध्या की स्थापना स्वयं मनु ने सरयू नदी के किनारे की थी, जिसे भगवान राम की जन्मस्थली के रूप में भी महता प्राप्त है. स्थानीय साक्ष्यों के अनुसार यहाँ आज भी हजारों की तादाद में छोटे-बड़े मंदिरों की उपस्थिति दर्शाती है कि अयोध्या भारतवासियों के हृदय में विशेष स्थान रखता है और यह देश का प्रमुख धार्मिक-सांस्कृतिक शहर होने के साथ साथ हिन्दुओं की Read more...
Jankipuram-II, Ward-58, Lucknow
वार्ड 58, जानकीपुरम द्वितीय लखनऊ जिले के अंतर्गत आने वाला एक मिश्रित आबादी वाला परिक्षेत्र है. जिसमें पार्षद के तौर पर वर्ष 2017 से खुशबु राखी मिश्रा कार्यरत हैं और उनके पति श्री दीपक मिश्रा पार्षद प्रतिनिधि के तौर पर विकास कार्यों में संलग्न हैं. जनगणना 2011 के अनुसार इस वार्ड की आबादी लगभग 23-25,000 है तथा यहां की साक्षरता दर 83 फीसदी के लगभग है. जीविकापार्जन के तौर पर इस वार्ड में व्यापारियों की संख्या अधिक है. यदि वार्ड के परिसीमन की बात की जाए तो सेक्टर- जी जानकीपुरम, सेक्टर-एच जानकीपुरम, Read more...
Vijaynagar, Ward 33 (Kanpur)
वार्ड 33, विजयनगर कानपुर लोकसभा के अंतर्गत आने वाली गोविंदनगर विधानसभा का भाग है. यह क्षेत्र मुख्यत: शहरी क्षेत्र है, जिसे कानपुर नगर के सर्वाधिक जनसंख्या वाले वार्डों में से एक माना जाता है. वर्तमान में इस क्षेत्र के विकास की जिम्मेदारी का निर्वहन भाजपा से श्री घनश्याम गुप्ता कर रहे हैं, जो कि वर्ष 2017 से विजयनगर के पार्षद हैं. जनसांख्यिकी - जनगणना 2011 के अनुसार तकरीबन 43,000 की आबादी वाले विजयनगर क्षेत्र में पुरुषों की आबादी 54 फीसदी एवं महिलाओं की आबादी 46 फीसदी है. लिंगानुपात की बात की जा Read more...
Badi devkali ward – 14 (Ayodhya)
सरयू नदी के दक्षिणी तट पर बसी अयोध्या एक धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगरी है. इस जनपद का नगरीय क्षेत्र अयोध्या नगर निगम के अंतर्गत समाहित है. प्राचीन समय में साकेत, कौशल देश अथवा कौशलपुरी के नाम से जानी जाने वाली अयोध्या को प्रभु श्री राम की पावन जन्मस्थली के रूप में देखा जाता है और यह हिन्दू धर्मावलम्बियों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है. मोक्षदायिनी अयोध्या नगरी पौराणिक समय में कौशल राज्य की राजधानी एवं प्रसिद्ध महाकाव्य रामायण की पृष्ठभूमि का केंद्र थी और आज भी प्रभु श्री राम की जन्मस्थली होने के क Read more...
Ambedkar Nagar Ward 1 (Lucknow)
वार्ड 1, अंबेडकर नगर लखनऊ जिले के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में से एक है, जहां पार्षद की भूमिका में समाजवादी पार्टी से राशिद अहमद जी क्षेत्रीय विकास हेतु कार्यरत हैं. लखनऊ के वार्डों में शामिल अंबेडकर नगर वार्ड में मिश्रित जनसंख्या का निवास है. जनगणना 2011 के अनुसार इस वार्ड की आबादी लगभग 45,000 है तथा यहां की साक्षरता दर 75 फीसदी के करीब है. स्थानीय निवासियों के लिए मूलभूत सुविधाओं की बात यदि की जाए तो वार्ड में बहुत से विद्यालय, डिग्री कॉलेज मौजूद हैं. जिनमें डॉ. बी.आर. अंबेडकर विद्यालय, नवो Read more...
Vinayakpur, Ward 54, Kanpur
वार्ड 54, विनायकपुर कानपुर जिले के अंतर्गत आने वाले पॉश इलाकों में से एक है, जो कानपुर नगर निगम के द्वारा संचालित एक मिश्रित आबादी वाला परिक्षेत्र है. इस वार्ड का विस्तार मुख्यत: पंचवटी विनायकपुर (आंशिक), राणा प्रताप नगर (आंशिक), कल्यानपुर सीड फार्म, आयकर सोसाइटी, सुदर्शन आवास समिति, पी.डब्लू.डी आवास समिति, आवास विकास योजना संख्या-1 (आंशिक), दुबे हार है तथा यह वार्ड उत्तर में जी.टी रोड से बगिया क्रासिंग से 11 न. रेलवे क्रासिंग तक, दक्षिण में शनेश्वर मंदिर से केसा सब स्टेशन तिराहा तक (धामी खेड़ा Read more...
Ward 12, Chakeri, Kanpur
वार्ड 12, चकेरी क्षेत्र उत्तर प्रदेश से तकरीबन 16 किलोमीटर पूर्व में स्थित कानपुर शहर का एक मिश्रित आबादी वाला इलाका है, यहां की आबादी का आधा हिस्सा ग्रामीण और आधा शहरी आवास से जुड़ा है. यह क्षेत्र कानपुर नगर निगम के अंतर्गत आता है तथा यह औद्योगिक क्षेत्र कपड़ा उद्योग व खाद्य उत्पादों की दृष्टि से काफी प्रमुख है. क्षेत्र के विकास कार्यों की बागड़ोर संभाल रहे श्री अजीत समाजवादी पार्टी के बैनर तले नवनिर्वाचित पार्षद हैं. जनसांख्यिकी वर्ष 2011 में हुई जनगणना के अनुसार क्षेत्र में 7526 कुल आबादी Read more...
Chinhat - I, Ward 35 (Lucknow)
वार्ड 35, चिनहट प्रथम लखनऊ जिले के अंतर्गत आने वाले इलाकों में से एक है, जहां पार्षद के पद का निर्वहन भारतीय जनता पार्टी से स्नेहलता राय कर रही हैं और इनके पति अरुण राय यहां से पार्षद प्रतिनिधि के तौर पर कार्य कर रहे हैं. लखनऊ के वार्डों में शामिल इस वार्ड में मिश्रित जनसंख्या का निवास है. जनगणना 2011 के अनुसार इस वार्ड की आबादी लगभग 30-35,000 है तथा यहां की साक्षरता दर 74 फीसदी के लगभग है. वर्ष 2017 में हुए परिसीमन के अनुसार चिनहट प्रथम वार्ड का विस्तार आनन्द विहार, चिनहट बाजार, बलरामनगर, हरून Read more...
Amaniganj ward – 40 (Ayodhya)
सरयू नदी के दक्षिणी तट पर बसी अयोध्या एक धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगरी है. इस जनपद का नगरीय क्षेत्र अयोध्या नगर निगम के अंतर्गत समाहित है. प्राचीन समय में साकेत, कौशल देश अथवा कौशलपुरी के नाम से जानी जाने वाली अयोध्या को प्रभु श्री राम की पावन जन्मस्थली के रूप में देखा जाता है और यह हिन्दू धर्मावलम्बियों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है. मोक्षदायिनी अयोध्या नगरी पौराणिक समय में कौशल राज्य की राजधानी एवं प्रसिद्ध महाकाव्य रामायण की पृष्ठभूमि का केंद्र थी और आज भी प्रभु श्री राम की जन्मस्थली होने के क Read more...
Gurugram, Ward-6, Haryana
हिंदु आबादी की बाहुल्य वाले गुरुग्राम को प्राचीन काल में अहीर साम्राज्य का हिस्सा माना जाता था. साथ ही इसे शिक्षकों के स्थल की भी संज्ञा दी गया है. क्योंकि यह गांव कौरवों और पांडवों के शिक्षक गुरु द्रौणाचार्य का भी निवास स्थान था. अकबर के शासनकाल के दौरान गुडगाँव, दिल्ली और आगरा के क्षेत्रों में आता था. बदलते समय के साथ मुग़ल साम्राज्य शक्तियों के बीच दरार पड़ने लगी और सुरजी अरजगांव के संधि के तहत इसका अधिकतर हिस्सा ब्रिटिश हुकूमत के पास चला गया. 1861 में जिले का पुनर्गठन पांच तहसीलों में किया गय Read more...