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Ward 75, Sutharganj (Kanpur)
वार्ड 75, सुथरगंज वार्ड कानपुर का एक मिश्रित आबादी वाला क्षेत्र है, जहां लगभग सभी प्रकार के वर्ग समुदाय के लोग रहते हैं. तकरीबन 26,000 की जनसंख्या वाले इस वार्ड में हिंदु-मुस्लिम वर्ग के लोग एक साथ निवास करते हैं. वर्तमान में इस क्षेत्र के विकास कार्यों की बागड़ोर संभाल रहे श्री मनोज कुमार पाण्डेय जी वर्ष 2017 से पार्षद पद पर कार्यरत हैं. मिली जुली आबादी होने के कारण सुथरगंज वार्ड में जनता की जीविका का स्रोत भी मिश्रित ही है, मसलन यहां की आबादी में 30 प्रतिशत सर्विस करने वाले हैं तो वहीं दुकानदा Read more...
Ward 76 – Harvansh Mohal (Kanpur)
वार्ड 76, हरवंश मोहाल कानपुर जिले के अंतर्गत आने वाला एक मिश्रित आबादी वाला परिक्षेत्र है. जिसमें पार्षद के तौर पर समाजवादी पार्टी से वर्ष 2017 से अमित कुमार मेहरोत्रा जी कार्यरत हैं. मूल रूप से शहरी क्षेत्र हरवंश मोहाल वार्ड में तकरीबन 50-55,000 की आबादी का रहवास है, जिनमें सभी धर्मों के लोग सम्मिलित है. मिली जुली आबादी वाले इस परिक्षेत्र में जनता मुख्य रूप से दुकानदारी के पेशे से जुड़ी है, साथ ही यहां सर्विस क्लास के लोग भी रहते हैं. यहां प्रमुख रूप से बर्तनों का व्यवसाय एवं थोक बाजार भी आम जन Read more...
Ward 60, Rawatpur (Kanpur)
गोविन्द नगर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रमुख हिस्सा रावतपुर, वार्ड 60 विशेषत: एक ग्रामीण क्षेत्र है. मिश्रित आबादी बहुल यह क्षेत्र उत्तरी कानपुर में स्थित एक उपनगर है, जो कानपुर नगर निगम के अंतर्गत संचालित होता है. इस वार्ड का विस्तार मुख्य रूप से रामलला स्कूल रोड का उत्तरी भाग, सैयद नगर, आदर्श नगर, गणेश नगर, आनंद नगर, सुरेश नगर तक है. वार्ड के परिसीमन की बात की जाये तो यह वार्ड उत्तर में नमक फैक्ट्री डबल रोड तक, दक्षिण में अर्मापुर स्टेट एवं रामलला स्कूल रोड तक, पूर्व में एम ब्लॉक काकादेव एव Read more...
Ward 99 – Sujatganj chandari (Kanpur)
वार्ड 99, सुजातगंज चंदारी कानपुर जिले के अंतर्गत आने वाला एक मुस्लिम बहुल परिक्षेत्र है. जिसमें पार्षद के तौर पर वर्ष 2017 से कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता कौशर अली जी कार्यरत हैं. पार्षद जी के अनुसार वार्ड में तकरीबन 80,000 की आबादी का रहवास है, जिसमें 95 प्रतिशत आबादी मुस्लिम तथा अन्य 5 फीसदी हिंदु हैं. वार्ड 99 के अंतर्गत मोहल्ला सुजातगंज एवं चंदारी मुख्य रूप से सम्मिलित हैं, वार्ड में बुनकर नगर, न्योरा गांव इत्यादि भी प्रमुख तौर पर आते हैं. यदि वार्ड के इतिहास की बात की जाये तो वार्ड में अधि Read more...
Ward 95, Yashoda Nagar (Kanpur)
वार्ड 95, यशोदा नगर कानपुर जिले के अंतर्गत आने वाला एक मिश्रित आबादी वाला परिक्षेत्र है. जिसमें पार्षद के तौर पर वर्ष 2017 से भारतीय जनता पार्टी से प्रशांत शुक्ला जी कार्यरत हैं और आमजन की समस्याओं को सुलझाने के प्रति प्रयासरत हैं. तकरीबन 40 हजार की आबादी वाले इस वार्ड में बहुत से मौहल्ले शामिल हैं. मिश्रित आबादी वाले इस क्षेत्र में कुछ लोग यहां के मूल निवासी हैं तथा कुछ बाहर से आकर बसे हुए हैं. इस क्षेत्र में नौकरीपेशा, व्यापारियों के साथ दुकानदारी कर गुजर बसर करने वाली आबादी का भी रहवास है. सा Read more...
Gwaltoli, Ward 4 (Kanpur)
वार्ड 4, ग्वालटोली कानपुर जिले के अंतर्गत आने वाला एक मिश्रित आबादी वाला क्षेत्र है. जिसमें पूर्व पार्षद के तौर पर ओमप्रकाश वाल्मीकि कार्य कर चुके हैं. वर्तमान में इस क्षेत्र के विकास की जिम्मेदारी का निर्वहन लक्ष्मी कोरी कर रही हैं, जो कि वर्ष 2017 से ग्वालटोली वार्ड 4 से पार्षद हैं एवं स्थानीय विकास कार्यों में अपना सहयोग दे रही हैं. पार्षद जी के अनुसार वार्ड में तकरीबन 24,000 की आबादी का रहवास है. मिश्रित आबादी वाले इस क्षेत्र में लगभग 3500 के करीब वाल्मीकि समाज के लोग रहते हैं. वार्ड में जीव Read more...
Jahangirabad Ward-11 (Prayagraj)
प्रयागराज को ऋषि-मुनियों ने प्रमुख तीर्थस्थल माना है. वैदिक काल से लेकर वर्तमान समय में भी कार्तिक मास की पूर्णिमा को लाखों की संख्या में साथ संगम में स्नान करने के लिए लोग एकत्र होते हैं. इसके अतिरिक्त कुंभ मेले में प्रयागराज में देश-विदेश से करोड़ों की संख्या में लोग पवित्र गंगा नदी के में स्नान करते हैं. कुम्भ के समय देश-विदेश के महापुरुषों एवं विद्वानों का संगम यहाँ देखने को मिलता है. आरम्भ से ही यह पवित्र स्थली धरती भारतीय संस्कृति और आधुनिक सभ्यता का केंद्र रही है. मुगल काल में सम्राट अकब Read more...
Medical college Area Ward-55 (Prayagraj)
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार सम्पूर्ण पृथ्वी पर सृष्टि के रचियता भगवान ब्रह्मा ने प्रयागराज को ही यज्ञ के लिए चुना था और यहां सबसे बड़ा यज्ञ किया गया था. जिसमें सभी देवी-देवताओं ने भागीदारी ली थी. यह स्थल तीर्थों में सबसे बड़ा तीर्थ माना जाता है, परन्तु मुस्लिम शासक अकबर ने इसका नाम बदलकर इलाहाबाद रख दिया था, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्तमान में इसके प्राचीन नाम प्रयागराज के नाम में परिवर्तित कर दिया गया है. तो आज बात करते है, प्रयागराज के मेडिकल कॉलेज क्षेत्र वार्ड की, जो वर्तमान में प्रयागरा Read more...
Mehdauri, Ward-33 (Prayagraj)
तीर्थराज अथार्त प्रयागराज, जिसे तीर्थों में सबसे बड़ा तीर्थ माना जाता है. यदि ऐतिहासिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह शहर भारत के स्वतंत्रता संग्राम में कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है. सन 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उभरने में प्रयागराज को जाना जाता है साथ ही 1920 के दशक में महात्मा गांधी ने अहिंसा आंदोलन की शुरुआत भी यही से की थी. इसके अतिरिक्त यदि इस शहर को धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो प्रयागराज को आरंभ से ही प्रयाग के नाम से जाना जाता था, जिसमें प्र अथार्त बहुत विशाल और याग या Read more...
Omprakash Sabhasad Nagar-2 Ward-45 (Prayagraj)
पवित्र नदियों गंगा, यमुना व सरस्वती के संगम पर बसा प्रयागराज शहर जो हिंदु धर्म के साथ-साथ अन्य धर्मों के लिए भी काफी महत्व रखता है. तीर्थों के महातीर्थ प्रयागराज में प्रत्येक 12 वर्ष में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है. इस स्थल को प्राचीन काल से ही प्रयागराज के नाम से ही जाना जाता रहा है. परन्तु मुग़ल सम्राट ने इस शहर को इलाहाबाद का नाम दिया, इसी वजह से इस शहर को इलाहाबाद के नाम से जाना जाने लगा. वर्तमान में सरकार द्वारा इसे इसके प्राचीन नाम प्रयागराज के नाम से जाना जाने लगा. तो आज बात करते हैं, Read more...
Omprakash Sabhasad Nagar Ward-44 (Prayagraj)
प्रयागराज अथार्त पवित्र नदियों के संगम का वह स्थान जहाँ हर 12 वर्ष में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है. इस स्थल को प्राचीन काल से ही प्रयागराज के नाम से ही जाना जाता रहा है. मुगल सम्राट अकबर ने 16वीं शताब्दी में इलाहाबाद शहर का निर्माण कर इसे इलाहाबाद का श्रेय दिया. उस समय संगम के किनारे सम्राट अकबर ने किले का निर्माण भी कराया. इसी कारण धीरे-धीरे इस शहर को इलाहाबाद के नाम से जाना जाने लगा. चूँकि यहां तीन पवित्र नदियों गंगा, यमुना व सरस्वती का संगम हुआ है. इसी के चलते हिंदु धर्म के अनुसार यह तीर Read more...
Tulsipur, Ward-48, Prayagraj
यूँ तो प्रयागराज को हिन्दुओं के लिए बेहद पवित्र स्थल माना जाता है, परन्तु यहां हिंदु, मुस्लिम, सिक्ख, जैन व ईसाई समुदायों की भी मिश्रित संस्कृति की झलक देखने को मिलती है. यह गंगा, यमुना तथा गुप्त सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित है और सबसे महत्वपूर्ण कि यह उत्तर प्रदेश के बड़े जनपदों में से एक माना जाता है. मुगलकालीन ग्रंथो के अनुसार सन 1583 में इलाहाबाद के मुग़ल सम्राट ने इस शहर का नाम अरबी और फारसी के दो शब्दों को मिला कर रखा था. जिसमें इल्लाह शब्द अरबी का था और आबाद फारसी से बना था, इन दोनों ही Read more...
Chak bhatahi Ward-59 (Prayagraj)
हिंदुग्रंथानुसार सम्पूर्ण पृथ्वी पर भगवान ब्रह्मा जी ने प्रयागराज को ही यज्ञ के लिए चुना था. इसी वजह से यह स्थल तीर्थों में सबसे बड़ा तीर्थ माना जाता है. परन्तु यहां मुस्लिम शासक अकबर का शासन होने पर प्रयागराज का नाम बदलकर इलाहाबाद में परिवर्तित कर दिया गया और इसे अल्लाह का शहर कहा जाने लगा. जिसे वर्तमान समय में योगी सरकार द्वारा पुनः इसके प्राचीन नाम प्रयागराज के नाम में परिवर्तित कर दिया गया है. तो आज बात करते है, पावन स्थली प्रयागराज के चक भटाई वार्ड की, जो वर्तमान में प्रयागराज नगर निगम का Read more...
New Katra Ward-53 (Prayagraj)
तीर्थों में सबसे बड़ा तीर्थ स्थल प्रयागराज, जिसका नाम मुस्लिम शासक अकबर ने इलाहाबाद के नाम में परिवर्तित कर दिया था, जिसका अर्थ था ‘अल्लाह का शहर’, या फिर वह शहर जिसे अल्लाह ने बसाया हो. जबकि प्रयागराज को आरंभ से ही प्रयाग के नाम से जाना जाता था, जिसमें प्र मतलब बहुत विशाल और याग यानि यज्ञ जिसका पूर्ण अर्थ प्रयाग है. हिन्दुग्रंथानुसार अनुसार सम्पूर्ण पृथ्वी पर भगवान ब्रह्मा ने इसी स्थल को यज्ञ के लिए चुना था. इस समय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इसे पुनः इसके प्राचीन नाम प्रयागराज के नाम में परिवर्त Read more...
Mohatsim Ganj Ward-58 (Prayagraj)
विद्या और ज्ञान का गढ़ कहे जाने वाले प्रयागराज को देश का राजनीतिक व अध्यात्मिक रूप से सर्वाधिक जागरूक शहर माना जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसी शहर से बड़ी संख्या में देश को प्रधान मंत्री प्रदान किए हैं. इसके अतिरिक्त यदि धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो देवभूमि प्रयागराज हिन्दुओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण स्थल है. प्राचीन ग्रंथों के अनुसार पृथ्वी की रक्षा करने के लिए सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा ने यहां पर बहुत बड़ा यज्ञ किया था. जिसमें पुरोहित, भगवान विष्णु ने यजमान की भूमिका निभाई और भगवान शिव उस य Read more...
Ganganagar Ward-21 (Prayagraj)
तीर्थों में सबसे बड़ा तीर्थ स्थल प्रयागराज को मुस्लिम शासक अकबर ने इलाहाबाद के नाम में परिवर्तित कर दिया था, जिसका अर्थ था ‘अल्लाह का शहर’, या फिर वह शहर जिसे अल्लाह ने बसाया हो. जबकि प्रयागराज को आरंभ से ही प्रयाग के नाम से जाना जाता था, जिसमें प्र मतलब बहुत विशाल और याग यानि यज्ञ जिसका पूर्ण अर्थ प्रयाग है. पौराणिक मान्यता के अनुसार सम्पूर्ण पृथ्वी पर भगवान ब्रह्मा ने इसी स्थल को यज्ञ के लिए चुना था. इस समय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इसे पुनः इसके प्राचीन नाम प्रयागराज के नाम में परिवर्तित कर द Read more...
Phaphamau, Ward – 17 (Prayagraj)
सन 1583 में मुग़ल सम्राट ने प्रयागराज का नाम अरबी और फारसी के दो शब्दों को मिला कर इलाहाबाद रखा था, जिसमें इल्लाह शब्द अरबी का और आबाद फारसी से बना था, इन दोनों ही शब्दों को मिला कर अर्थ ईश्वर का शहर बनता था, जिसका मतलब वह शहर जिसे ईश्वर ने बसाया हो. परन्तु उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद का नाम फिर से बदल कर इसे इसका पुराना नाम वापिस दिलाया. अब यह पुनः प्रयागराज के नाम से जाना जाता है. यह तीर्थ नगरी हिन्दुओं के लिए बेहद पवित्र स्थल माना गया है, परन्तु यहां हिंदु, मुस्लिम, सिक्ख, जैन व ईसाई समुदाय Read more...
Azad Square Ward-27 (Prayagraj)
प्रयागराज को शुरू से ही प्रयाग के नाम से जाना जाता था, जिसमें प्र का अर्थ विशाल और याग यानि यज्ञ इसका पूर्ण अर्थ प्रयाग है. ऐसा माना जाता है कि सम्पूर्ण पृथ्वी पर भगवान ब्रह्मा जी ने प्रयागराज को ही यज्ञ के लिए चुना था और उन्होंने यहां पर सबसे बड़ा यज्ञ किया था. इस स्थल को तीर्थों में सबसे बड़ा तीर्थ माना जाता है. बदलते समय के साथ मुस्लिम शासक अकबर ने प्रयागराज के नाम को बदलकर इलाहाबाद रख दिया और इसे इलाहाबाद कहा जाने लगा. काफी समय से लोगों द्वारा व सरकार द्वारा इलाहाबाद के नाम को बदलने का प्रयास Read more...
Jhulelal nagar, Ward-36 (Prayagraj)
स्थल तीर्थों में सबसे बड़ा तीर्थ प्रयागराज जिसका नाम मुस्लिम शासक अकबर ने बदलकर इलाहाबाद रखा था और तभी से इसे अल्लाह का शहर कहा जाने लगा. इस समय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इसे पुनः इसके प्राचीन नाम प्रयागराज के नाम में परिवर्तित कर दिया गया है. प्रयागराज को आरंभ से ही प्रयाग के नाम से जाना जाता था, जिसमें प्र अथार्त बहुत विशाल और याग यानि यज्ञ जिसका पूर्ण अर्थ प्रयाग है. तो आज रुख करते हैं, प्रयागराज के झूलेलाल नगर वार्ड का, जो वर्तमान में प्रयागराज नगर निगम का हिस्सा है. स्थानीय पार्षद के अनुसा Read more...
Chakiya Ward-22 (Prayagraj)
प्राचीन ग्रंथों के अनुसार पृथ्वी की रक्षा करने के लिए सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा ने प्रयागराज में सबसे बड़ा यज्ञ किया था. जिसमें पुरोहित, भगवान विष्णु ने यजमान की भूमिका निभाई और भगवान शिव उस यज्ञ के देवता बने. साथ ही यज्ञ के अंत में तीनों देवताओं ने अपनी शक्ति पुंज के द्वारा पृथ्वी से पाप का बोझ हल्का करने के लिए एक 'वृक्ष' को उत्पन्न किया. जो बरगद का वृक्ष था, जिसे आज अक्षयवट के नाम से जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि यह वृक्ष आज भी प्रयागराज में विद्यमान है. जिसे आरंभ से ही इसे प्रयाग के Read more...