संक्षिप्त परिचय –
गंगा नदी के तट पर बसा रायबरेली जिला उत्तर- प्रदेश के महत्वपूर्ण जिलों में
से एक है. यह जिला लखनऊ मंडल के अंतर्गत आता है. रायबरेली उ.प्र. का एक प्रमुख
व्यापारिक केन्द्र भी है तथा यहां पर कई प्रसिद्ध इंडस्ट्रीज व फैक्ट्रियां
स्थापित हैं. कांग्रेस का गढ़ माना जाने वाला रायबरेली सूबे की राजनीति में हमेशा
से सुर्खियों में रहा है. साथ ही यह जिला भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री श्रीमती
इंदिरा गांधी का संसदीय क्षेत्र भी रहा है.
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि –
जिले के नामकरण को लेकर कहा जाता है, कि एक समय में इस क्षेत्र पर कायस्थों का
आधिपत्य था, जो कि ‘राय’ शीर्षक का प्रतिनिधित्व करते थे. वहीं जिले की
स्थापना 13वीं शताब्दी में ‘भरो’
द्वारा की गई थी, जिन्हें भरौली या बरौली नाम से भी संबोधित किया जाता था. कालांतर
में बरौली को संसोधित करके बरेली कहा जाने लगा तथा इस प्रकार जिले का पूरा नाम ‘रायबरेली’
पड़ गया.
मुगल शासनकाल में रायबरेली बादशाह अकबर की सल्तनत के अंतर्गत आता था. वहीं
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों ने जिले पर कब्जा करने का प्रयास
किया, इस दौरान राजा बेनी माधव ने 18 माह तक अंग्रेजों से लोहा लेते हुए जिले को
बचाए रखा. हालांकि बाद में यहां अंग्रेजों ने अपना आधिपत्य जमा लिया और 1858 में
जिले के रूप में इसकी स्थापना की. इसके अलावा सन् 1942 के ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ जैसे कई स्वतंत्रता
आन्दोलनों में इस जिले की अहम भूमिका रही है. वहीं 1958 में भारत सरकार द्वारा
रायबरेली के आधुनिक स्वरूप की स्थापना की गई तथा इसे लखनऊ मंडल के अंतर्गत शामिल
किया गया.
रायबरेली
25°49’- 26°36’ उत्तरी अक्षांश तथा 80°41’- 81°50’ पूर्वी देशांतर के बीच
स्थित है. जिले का क्षेत्रफल 4043 वर्ग कि.मी है, जो कि समुद्र तल से 86.9- 120.4
मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ है. यह जिला पूर्व में अमेठी, पश्चिम में उन्नाव, दक्षिण-
पूर्व में प्रतापगढ़, उत्तर में लखनऊ व बाराबंकी जिले से घिरा हुआ है. जिले के
दक्षिणी छोर पर गंगा नदी प्रवाहित होती है, जो कि इसे फतेहपुर जिले से अलग करती
है.
गंगा
नदी यहां जल का प्रमुख स्त्रोत है तथा जिले में जलोढ़ व समतल मैदान पाए जाते हैं.
रायबरेली का बड़ा हिस्सा वन क्षेत्र है तथा यहां का 4002 हेक्टेयर भूभाग जंगलों से
घिरा हुआ है. जिले के वन क्षेत्र को चार भागों रायबरेली, बछरावां, डलमऊ और लालगंज
में बांटा गया है. इसके अलावा जिले में आम और महुआ के पेड़ बड़ी संख्या में पाए
जाते हैं.
प्रशासनिक
विभाजन –
प्रशासनिक
सुविधा के आधार पर रायबरेली को पांच तहसीलों ( रायबरेली सदर, डलमउ, लालगंज,
महाराजगंज व ऊंचाहार) में विभाजित किया गया है, जिनके अंतर्गत 15 ब्लॉक शामिल हैं.
जिले में कुल 1574 गांव हैं, जिसमें 1284 राजस्व ग्राम शामिल हैं. यहां 132 न्याय
पंचायत, 5 नगर पंचायत व 700 ग्राम सभाएं हैं.
राजनीतिक
महत्व -
रायबरेली
लोकसभा क्षेत्र देश की राजनीति में हमेशा ही चर्चा में रहा है तथा कांग्रेस का गढ़
माने जाने वाली रायबरेली सीट सूबे ही नहीं बल्कि देश की सबसे हाईप्रोफाइल सीटों
में से एक है. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी यहां से सांसद रह चुकी हैं, तो
वहीं वर्तमान में उनकी पुत्रवधु व कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा सोनिया गांधी जिले
की सांसद हैं, जो कि लगातार पांच बार से चुनाव जीतती आ रही हैं. 2019 लोकसभा चुनाव
में उ.प्र. में कांग्रेस के खाते में जाने वाली एकमात्र सीट रायबरेली ही है.
रायबरेली लोकसभा क्षेत्र को पांच विधानसभा क्षेत्रों (रायबरेली, बछरावां,
हरचंदपुर, ऊंचाहार व सारेनी) में विभाजित किया गया है.
जनसांख्यिकी
–
2011 की
जनगणना के आधार पर, रायबरेली जिले की कुल जनसंख्या 3,405,559 है, जिनमें 1,752,542 पुरूष व 1,653,017 महिलाएं
हैं. जिले का जनसंख्या घनत्व 739 प्रति वर्ग कि.मी. है. यहां की जनसंख्या वृद्धि
दर 18.56% है, वहीं 2001 में यह दर
24.35% थी.
रायबरेली
में स्त्री- पुरूष लिंगानुपात 943 तथा बाल लिंगानुपात 926 है, जबकि पिछली जनगणना
में यह दर क्रमशः 951 व 941 थी. वहीं जिले की औसत साक्षरता दर 67.25% है, जिसके अंतर्गत पुरूष
साक्षरता दर 77.63% व महिला साक्षरता दर 56.29% है. जिले की साक्षरता दर में पिछले वर्षों की तुलना में काफी बढ़ोतरी हुई
है, जो कि 2001 की जनगणना में महज़ 53.79% ही थी. हालांकि
अभी भी अन्य कई जिलों की तुलना में रायबरेली की साक्षरता दर काफी कम है.
पर्यटन
स्थल –
रायबरेली के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल इस प्रकार हैं –
1. इंदिरा उद्यान –
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की याद में बनाया गया इंदिरा उद्यान लखनऊ- वाराणसी राजमार्ग पर स्थित है, जो कि रायबरेली के अंतर्गत आता है. इसे ‘इंदिरा गांधी मेमोरियल बोटैनिकल गॉर्डन’ के नाम से भी जानते हैं. इस उद्यान की स्थापना 1986 में की गई थी. पेड़, पौधों व औषधियों से सजा यह उद्यान 57 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है तथा यहां बोटैनिकल रिसर्च से जुड़ा एक शिक्षण संस्थान भी है.
2.
समसपुर पक्षी अभ्यारण्य –
रायबरेली के रोहनिया विकास खंड में स्थित समसपुर पक्षी अभ्यारण्य अत्यन्त
विशाल व आकर्षक अभ्यारण्य है. इसकी स्थापना 1987 में की गई थी तथा यह अभ्यारण्य
लगभग 800 हेक्टेयर के विशाल प्रांगण में फैला हुआ है. इस अभ्यारण्य की विशेषता यह
है कि यहां देशी- विदेशी पक्षियों की 250 से भी अधिक किस्में पाई जाती हैं. वहीं
अभ्यारण्य में एक झील भी है, जिसे समसपुर झील के नाम से जाना जाता है. इस झील में
12 किस्मों (प्रकार) की मछलियां पाई जाती हैं. शाम के समय काफी संख्या में लोग
अभ्यारण्य की मनोरमता का लुत्फ उठाने आते हैं.
3.
शहीद स्मारक –
जिले के मुंशीगंज क्षेत्र में स्थित शहीद स्मारक यहां के प्रमुख दर्शनीय
स्थलों में से एक है. शहीदों को समर्पित इस स्थल को दूसरा जलियांवाला बाग भी कहा
जाता है. अंग्रजों के शासनकाल में इस स्थान पर किसानों और अंग्रेजों के बीच संघर्ष
हुआ था, जो कि भयावह गोलीकांड में तब्दील हो गया था. उस गोलीकांड में शहीद हुए
भारतीयों की स्मृति में ही इस स्थल पर शहीद स्मारक बनाया गया.
4.
डल राजा का किला –
जिले की डलमऊ तहसील में स्थित डल राजा का किला जिले की प्राचीनतम इमारतों में
से एक है. इस किले की भव्यता व कारीगरी दर्शनीय है. यह किला जिले में आकर्षण का
प्रमुख केन्द्र है.
गंगा नदी के तट पर स्थित डलमऊ में इस किले के अलावा पवित्र गंगा तट बना हुआ है. वहीं डलमऊ में अन्य भी कई दर्शनीय स्थल हैं. जिनके अंतर्गत प्रमुख रूप से इब्राहिम शारिक महल, बड़ा मठ, महेश गिरि का मठ शामिल है. इसके अलावा इस क्षेत्र में आल्हा ऊदल की प्राचीन बैठक भी मौजूद है. डलमऊ के यह ऐतिहासिक स्थल बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं.
REFRENCES -
http://dcmsme.gov.in/dips/DIP%20Raebareli.pdf
https://www.census2011.co.in/census/district/529-rae-bareli.html