संक्षिप्त परिचय-
जिला बिजनौर उत्तर
प्रदेश के दक्षिणी-पश्चिमी क्षेत्र में स्थित है. मुरादाबाद जनपद के पास त्रिकोण
स्थिति में स्थित जिला बिजनौर गंगा नदी के किनारे स्थित है. यहां बहने वाली पाहिका
नामक नदी बिजनौर शहर को मुरादाबाद और नैनीताल से अलग करती है. वहीं नदी का रामगंगा
के साथ भी जुड़ाव है. शहर के दक्षिण में स्थित इलाकों
में ठाकुरद्वारा, अमरोहा और हसनपुर तहसीलें हैं, जिनकी प्राकृतिक विशेषताएं एवं पारम्पराएं अलिखित है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि-
बिजनौर
भारत का एक प्रमुख शहर होने के साथ ही उत्तर प्रदेश का एक निर्वाचन क्षेत्र है।
हिमालय की तलहटी पर स्थित बिजनौर महाराजा दुष्यंत, परम सम्राट भारत, ऋषि कण्व और महात्मा विदुर से संबंधित होने का गौरवशाली इतिहास रखता
है. वहीं आर्य समाज के स्वामी श्रद्धानंद, आत्माराम
अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ आत्माराम यहां के मूल निवासी रहे
हैं. इंजीनियर ज्वालाप्रसाद द्वार भी
क्षेत्र को सौभाग्यशाली जीवन प्राप्त हुआ.
भौगोलिक परिदृश्य-
शहर
उत्तरी अक्षांश 29 ° 2 29 और 29 ° 58 पर एवं पूर्वी देशांतर 78 ° 0 57 और 78 ° 57 ललितपुर पर स्थित है. गंगा और रामगंगा की अनियमित कार्रवाई
के कारण समय-समय पर जिले की कुल आबादी में थोड़ा परिवर्तन होता रहता है. 1906 में
शहर का क्षेत्रफल 1,145,272 एकड़ (1789.5 वर्ग मील, 4634.75 वर्ग किमी) था, जो
पिछले पांच वर्षों में औसतन 1,147,967 एकड़ (4,645.66 वर्ग किमी) हो गया है।
पश्चिम में गंगा के साथ खादिर की सीमा बनी हुई है।
प्रशासनिक ढांचा-
4,561 वर्ग किमी
क्षेत्रफल वाले शहर बिजनौर में लगभग 5 तहसीलें हैं. शहर में 1128 ग्राम पंचायत
हैं. जिले के अंतर्गत 2519 गांव स्थित हैं, यह जिले को वृहद रूप प्रदान करता है. जिले
के पास स्थित शेरकोट ब्रश के बाजारीकरण के लिए प्रसिद्ध है.
जनसांख्यिकी-
शहर की
जनसंख्या दर की बात करें तो 36,82,713 है. जिनमें
महिलाओं का आंकड़ा 17,61,498 वहीं पुरुषों की संख्या 19,21,215 है. पुरुषों की मुकाबले महिलाओं की संख्या बहुत कम है. शिक्षा की बात
करें तो शहर में प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय मौजूद हैं जहां लगभग सभी बोर्ड की
शिक्षा प्राप्त की जा सकती है. बात करें क्षेत्रीय भाषाओं की तो यहां हिन्दी,
अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया जाता है.
जलवायु एवं कृषि-
उत्तर प्रदेश में स्थित जिले बिजनौर में ग्रीष्म, शरद, वर्षा ऋतुओं को देखा जाता है. अलग-अलग ऋतुओं के चलते यहां खरीब की फसल अरहर,ज्वार एवं रबी की फसल मसूर, गेंहू के अलावा मौसमी सब्जियों की पैदावार होती है. बात करें नदियों और सिंचाई की तो गंगा नदी उत्तर प्रदेश में बिजनौर से ही प्रवेश करती है.
गंगा नहर और राम गंगा नहर यहां की मुख्य परियोजनाएं हैं. जिले में मौजूद गंगा नदी और रामगंगा नदी के जल से ही खेती भी की जाती है.
पर्यटन स्थल-
प्रत्येक शहर की
अपनी ही मान्यताएं, परंपराएं और चीजों को आगे लेकर चलने का अपना ही तरीका होता है.
बिजनौर की बात करें तो यहां स्थित 'सीता
मंदिर मठ' या सीता का मंदिर आस्था का प्रतीक माना
है। यह व्यापक रूप से एक ऐतिहासिक संरचना माना जाता है जो महाकाव्य रामायण से
जुड़ा हुआ है।
शहर
के अन्य प्रमुख मंदिरों में राधा कृष्ण मंदिर, पंचमुखी
मंदिर, शिव मंदिर और चामुंडा मंदिर शामिल हैं।
बिजनौर से लगभग 12 किमी दूर, गंगा के पवित्र तट पर विदुर कुटी है. ऐसा माना जाता
है कि यह स्थान कभी कण्व ऋषि के आश्रम का घर था। विदुर जो कि महाभारत काल से
संबंधित हैं. राजा दुष्यंत के पुत्र सम्राट भरत ने अपने शुरुआती दिन विदुर कुटी
में ही गुजारे. वहीं शहर को गहराई से देखें तो प्राचीन काल के कुछ खंडहर अभी शेष
हैं.
बिजनौर
से लगभग 37 किलोमीटर दूर,
नजीब-उद-दौला, नजीबाबाद द्वारा स्थापित, एक प्रसिद्ध किले आज भी अस्मिता को
बनाए हुए है। बिजनौर शहर से लगभग 12 किमी दूर गंज गंगा के किनारे स्थित है। यह
स्थान नदी के पास स्थित प्राचीन आश्रमों और मंदिरों के लिए जाना जाता है। बिजनौर
की मस्जिदों में मुगलों और नवाब शासकों की विरासत आज भी देखी जा सकती है। मुस्लिम
पूजा के ये सुरुचिपूर्ण स्थल लंबे समय से चली आ रही रॉयल्टी की वास्तुकला को
दर्शाते हैं। जामा मस्जिद,
तेली वली मस्जिद, हदीशह, मरकज मस्जिद और बहारी वली मस्जिद बिजनौर में अच्छी तरह से संरक्षित मस्जिदों
में से कुछ हैं। हालिया दिनों में क्षेत्र में कई सुंदर और हरे-भरे बगीचे सामने आए
हैं। महात्मा गांधी पार्क और सुदामा पार्क यहां के पसंदीदा हैं। इनमें से अधिकांश
उद्यानों में चमकीले फूल,
जड़ी-बूटियाँ, फव्वारे और पेड़ हैं जो प्रकृति से
रूबरू होने का मौका देते हैं.
Reference-
https://www.districtsofindia.com/uttarpradesh/bijnor/agriculture/index.aspx
http://cgwb.gov.in/District_Profile/UP/Bijnor.pdf
https://bijnor.nic.in/places-of-interest/