समाजवादी पार्टी : ऐतिहासिक दृष्टिकोण -
समाजवादी पार्टी मूल रूप से उत्तर प्रदेश में सक्रिय राजनैतिक दल है, जो वर्ष 1992 में उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके एवं देश के पूर्व रक्षा मंत्री श्री मुलायम सिंह यादव के नेतृत्त्व में गठित किया गया था. वर्तमान में समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अहम भूमिका का वहन कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश की जनता के मध्य यह दल काफी लोकप्रिय है, इसका मुख्य कारण दल का सामाजिक कल्याण के सिद्धांतों को साथ लेकर चलना है. वर्ष 1992 से लेकर वर्ष 2014 तक समाजवादी पार्टी के अब तक नौ राष्ट्रीय सम्मेलन हो चुके हैं, जिनमें निरंतर संगठन की मजबूती के सम्बंध में वार्तालाप एवं चर्चा की जाती है.
वस्तुतः समाजवादी पार्टी श्री राम मनोहर लोहिया एवं चौ. चरण सिंह के पद चिन्हों पर चलने में विश्वास रखती है. राष्ट्रीय राजनीति के अंतर्गत मुलायम सिंह यादव का नाम बेहद सम्मान के साथ लिया जाता है तथा अखिलेश यादव भी जनता के बीच बेहद सम्मानीय राजनेता के रूप में विख्यात हैं. संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में यह दल कांग्रेस एवं भाजपा के मध्य एक समानांतर दूरी बना कर रखने में सहायक सिद्ध होती है, भारतीय राजनैतिक परिवेश में देखा जाये तो यह पार्टी देश की तीसरी सबसे प्रमुख पार्टी के रूप में पहचान बनाने के लिए लगातार संघर्षरत है.
प्रमुख मतदाता समूह एवं राजनैतिक पहलू -
समाजवादी पार्टी देश के विभिन्न राज्यों में विधानसभा चुनावों एवं लोकसभा मतदान में भागीदारी कर चुकी है, परन्तु अधिकतर सफल यह उत्तर प्रदेश में ही हुई है. वर्ष 2003 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को सात सीटें प्राप्त हुई और यह राज्य में तीसरी सबसे बड़ी रही. सोलवीं लोकसभा में दल की इसकी सदस्य संख्या पांच रही. वर्ष 2005 में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बंगारप्पा ने समाजवादी पार्टी में शामिल होने के लिए भाजपा से इस्तीफा दिया एवं अपनी लोकसभा सीट शिमोगा से समाजवादी टिकेट पर सफलतापूर्वक विजयी रहे. 2007 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में सपा को केवल 96 सीटें मिली और मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को बसपा प्रमुख मायावती की 207 सीटों के बहुमत से विजय के चलते पद से त्यागपत्र देना पड़ा.
दल के प्रमुख वोटरों में प्रमुखत: ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग, मुस्लिम वर्ग, दलित एवं मजदूर वर्ग तथा यादव समुदाय की जनता सम्मिलित है. पिछड़े वर्ग के कल्याण की आवाज़ उठाने के कारण वर्ष 2009 के आम चुनावों में 23 सीटों के साथ देश की तीसरी प्रमुख पार्टी के रूप में उभर कर सामने आई.वर्ष 2012 के चुनावों में पार्टी को 224 सीटों से बहुमत की प्राप्ति हुई और अखिलेश यादव को मार्च 2012 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर आसीन किया गया. सामाजिक उत्थान के लिए ज़मीनी स्तर पर कार्य करने के लिए समाजवादी पार्टी को जाना जाता है, पार्टी की राजनैतिक विचारधारा है कि समाज में हाशिये पर धकेल दी गयी जनता के लिए यदि बेहतरी का वातावरण निर्मित किया जाये तो निश्चित रूप से समाज में सद्भावना और समता का माहौल बनेगा.
विकास हेतु परियोजनाएं -
समाज के बुनियादी ढांचें को मजबूत संरचना प्रदान करना पार्टी के विकास कार्यक्रम का प्रमुख एजेंडा है, इसी दिशा की ओर उन्मुख होकर समाजवादी पार्टी लगातार महिला विकास, बल विकास, औद्योगिक सुदृढ़करण, सुगम शिक्षा, किसानों के हित की नीतियों आदि पर कार्यरत है. पार्टी की विभिन्न योजनाएं इस प्रकार है :
1. औद्योगिक विकास :-
पूंजी निर्माण और समग्र आर्थिक विकास के लिए औद्योगिक विकास बेहद महत्वपूर्ण है, इसके लिए कृषि तकनीकों के आधुनिकीकरण के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से उत्पाद तैयार करना बेहद जरूरी है. उत्तर प्रदेश देश की सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है तो यहां कुशल श्रमिकों की संख्या भी सबसे ज्यादा है, साथ ही साथ करीब 20 करोड़ लोगों के साथ देश में सबसे ज्यादा उपभोक्ता भी उत्तर प्रदेश में हैं. पिछले एक दशक में उत्तर प्रदेश में सकल घरेलू उत्पाद में 100 गुना से अधिक वृद्धि हुई है, वर्ष 2014-15 में यहां सकल घरेलू उत्पाद 16100 करोड़ रुपये था.पार्टी द्वारा प्रदेश में औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए एक विशेष संगठन उद्योग बंधु बनाया गया है.
2. महिला सशक्तिकरण :-
महिलायों को सशक्त बनाने के क्रम में समाजवादी सरकार ने महिलाओं की शिक्षा, आर्थिक स्वावलंबन, स्वास्थ्य और समग्र कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, रानी लक्ष्मी बाई महिला सशक्तिकरण कोष की स्थापना कर महिलाओं को आर्थिक मदद दी जा रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुकी वूमेन पॉवर लाइन 1090 की मदद से 558000 से ज्यादा मामलों में महिलाओं व युवतियों को मदद पहुंचाई जा चुकी है. किशोरी शक्ति योजना के तहत महिलाओं व बच्चियों को उचित व्यावसायिक प्रशिक्षण के साथ उन्हें पौष्टिक भोजन मुहैया कराया जा रहा है तथा कन्या विद्या धन योजना के जरिये कन्याओं को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया गया है. केवल यही नहीं नई आईटी सिटी में 50 प्रतिशत नौकरी भी महिलाओं के लिए आरक्षित करने पर योजना बनाई गयी है.
3. सर्व शिक्षा अभियान के लिए प्रतिबद्धता :-
शिक्षा को बढ़ावा देने को लेकर पार्टी द्वारा अनेकों योजनाओं पर कार्य किया गया है ताकि बिना किसी भेदभाव के सभी को सरल और सहज रूप से शिक्षा मिल सके. लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए समाजवादी पार्टी की सरकार ने 'कन्या विद्याधन' और 'हमारी बेटी, उसका कल' जैसी योजनाओं को भी क्रियान्वित किया है. इन योजनाओं के अंतर्गत छात्राओं को कक्षा 10 की बाद पढ़ाई जारी रखने के लिए आर्थिक रूप से सहायता की जाती है, इसके अतिरिक्त उच्च शिक्षा के लिए 20 से ज्यादा शैक्षणिक केंद्र खोलने का भी निर्णय कार्यकाल के अंतर्गत लिया गया. मेधावी बच्चों को लैपटॉप देने की योजना को भी समाजवादी सरकार के कार्यकाल के अंतर्गत लाया गया.
4. किसान हित की दिशा में कार्य :-
किसानो के सर्वांगीण विकास की दिशा में समाजवादी पार्टी ने काफी कार्य किये, जिनमे सूखा प्रभावित इलाकों में प्रभावित हुए किसानों को राज्य आपदा कोष से आर्थिक मदद देकर उनके नुकसान की भरपाई किया जाना प्रमुख रहा. समाजवादी पार्टी की सरकार ने किसानों और खेती से जुड़े विभागों को कम्प्यूटरीकृत किया जिससे कामकाज की आॅनलाइन निगरानी हो सके. साथ ही इस बात को भी सुनिश्चित किया जा सका कि हर किसान को योजनाओं का सटीक और उचित लाभ मिले. किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिल सके, इसके लिए समाजवादी सरकार लखनऊ, सैफई, मैनपुरी, बहराइच, कासगंज, झांसी, कन्नौज और हापुड़ में किसान मंडियां का निर्माण किया गया. किसान समय पर बीज, खाद और खेती के उपकरण खरीद सकें, इसके उद्देश्यार्थ समाजवादी सरकार ने उनके लिए 93212 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी अपने कार्यकाल के दौरान की.
5. तकनीकी योजनाओं की पहल :-
उत्तर प्रदेश में तकनीकी विकास की पहल करने हेतु समाजवादी सरकार द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि प्रसंस्करण इकाईयों, बायो टेक्नोलाॅजी के साथ-साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी परियोजनाओं- जैसे कि, सड़क माल-वाहक केंद्रों, भंडारण, कोल्ड स्टोरेज आदि की स्थापना पर भी स्टांप शुल्क में छूट देने की घोषणा की गयी थी. राज्य में सौर ऊर्जा उद्योगों की स्थापना को लाभकारी और आसान बनाया गया, जिससे अधिक से अधिक लोग इस लाभकारी उद्योग की ओर अग्रसर हो सकें.
पार्टी की सैद्धांतिक विचारधारा -
समाजवादी पार्टी धर्मनिरपेक्षता व लोकतांत्रिकता के दृष्टिकोण को गोचर करते हुए एक ऐसे समाज के निर्माण की संकल्पना के लिए प्रयासरत है, जहां समानता के सिद्धांत कायम हो सके. कमजोर, पिछड़े व दबे- कुचले वर्ग के प्रति सद्भावना रखते हुए पार्टी निरंतर उनके उत्थान की दिशा में कार्य करना चाहती है. महान स्वतंत्रता अधिनायक तथा जनसेवक श्री राम मनोहर लोहिया को अपना प्रकाशपुंज मानते हुए समाजवादी पार्टी उन्हीं के सुझाये हुए मार्ग पर चलने के लिए तत्पर है. स्वाभाविक समाजवादी लोहिया जी अपनी ताकतवर लेखनी से जनमानस की समस्याओं के लिए वक्तव्य मुखर किया करते थे, उनके मूलमन्त्रों पर चलते हुए पार्टी भी सामाजिक रूप से शोषित वर्गों को विकसित करने की ओर प्रेरणाशील होकर कार्य करना अपना कर्मक्षेत्र मानती है.
वर्तमान में पार्टी उत्तर प्रदेश में सत्ता में भले ही नहीं हो, परन्तु विकास कार्यों के पार्टी सतत कार्यशील बनी हुई है. रैली, बैठकों, वार्ताओं इत्यादि के माध्यम से पार्टी आगामी चुनावों के लिए स्वयं को मजबूती देने के लिए भी प्रयासरत है तथा विभिन्न क्रियाकलापों के जरिये वातावरण के लिए भी कार्यक्रम करके सामाजिक उत्थान के कार्यों को बढ़ावा देते हुए अपने नाम "समाजवादी पार्टी" को सार्थकता प्रदान कर रही है.