उत्तर प्रदेश के 17वें विधानसभा चुनावों में राजधानी लखनऊ के निर्वाचन क्षेत्र मोहनलालगंज विधानसभा से सपा के इकलौते विधायक निर्वाचित हुए श्री अम्ब्रीश सिंह पुष्कर न केवल एक राजनेता, अपितु एक ऐसे समाजसेवी हैं, जिन्होंने अपना जीवन सामान्य जनता के दुःख-दर्दों के लिए पूरी तरह से समर्पित कर रखा है। विगत 10 वर्षों से मोहनलालगंज क्षेत्र के विकास को नई दिशा दे रहे विधायक अम्ब्रीश सिंह पुष्कर ने अपने विकास कार्यों व लोककल्याण की भावना से जनता के दिलों में अपने लिए विशेष स्थान बनाया हुआ है, जिसके आधार पर वह 2022 के विधानसभा चुनावों में उतरकर सपा की हैट्रिक लगाने की ओर अग्रसर हैं।
माता-पिता को माना राजनीतिक गुरु :
लखनऊ के मोहनलालगंज विधानसभा क्षेत्र के बिन्दौवा ग्राम में 28 नवंबर, 1974 के दिन एक साधारण किसान परिवार में जन्में अम्ब्रीश सिंह पुष्कर का रुझान बचपन से ही समाजसेवा की ओर रहा है। उनके परिवार में दो पुत्रियां व एक पुत्र है। उनके पिताजी स्व. सुखलाल सिंह दूरसंचार विभाग में जूनियर इंजीनियर थे और दलित परिवार से आने के चलते वह दलित-पिछड़े समाज की शिक्षा के लिए समाज से जुड़े रहते थे।
वहीं माता केसावती, जो कि पुरसेनी ग्राम के मजरा रानी खेड़ा ग्राम के एक निर्धन परिवार से संबंधित थी, वह भी गांव में निर्धन परिवारों की सहायता के लिए तत्परता से कार्य करती थी। अपनी माता जी के सामाजिक सेवाभाव तथा पिछड़े समाज को शिक्षित करने व उच्च पदों पर आसीन करने के अपने पिताजी के प्रयासों को देखते हुए ही अम्ब्रीश सिंह पुष्कर प्रेरित हुए।
हाई स्कूल एवं इंटरमिडीएट तक की शिक्षा केकेवी कॉलेज से संपन्न करने के बाद उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय के डीएवी कॉलेज से स्नातक की। इसके बाद अम्ब्रीश सिंह पुष्कर ने अपने समाज सेवा अभियान को गति देने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की और वकालत के क्षेत्र में उतर गए। यहां वह लखनऊ बार एसोसिएशन में सक्रियता के साथ कार्यरत रहे और मोहनलालगंज क्षेत्र से बार एसोसिएशन के जॉइन्ट सेक्रेटरी, उपाध्यक्ष, महामंत्री इत्यादि पदों पर रहकर अपनी नेतृत्व कुशलता का परिचय दिया।
उन्होंने वकालत की प्रैक्टिस के दौरान नि:शुल्क या न्यूनतम फीस पर जरूरतमंद व गरीब जनता की मदद करते हुए उन्हें कानूनी सेवाएं मुहैया कराई। अम्ब्रीश सिंह पुष्कर ने अपनी सेविंग्स व सुख-सुविधाओं की परवाह नहीं करते हुए समाज के वंचित-असहाय वर्ग के लिए सेवाभाव का परिचय दिया और इसी प्रेरणा के साथ आगे बढ़कर समाज में हाशिये पर खड़े लोगों की मदद की।
अम्ब्रीश सिंह पुष्कर ने वकालत के दौरान लगातार जनता के बीच अपने सामाजिक विचारों, नैतिक आचार-विचार और जनकल्याण की भावना को विस्तार दिया और लोकहित के क्षेत्र से स्वयं को जोड़े रखा। जिसके कारण आज लखनऊ की राजनीति में उन्हें एक अनुभवी नेता, विधायक एवं जन समर्पित सेवक के रूप में देखा जाता है।
जब भाजपा की लहर भी नहीं रोक पाई जीत की ओर बढ़ते कदमों को :
जनकल्याण की भावना के साथ राजनीति में आगे बढ़ते हुए अम्ब्रीश सिंह पुष्कर की धर्मपत्नी श्रीमती विजय लक्ष्मी ने 2015 में बीडीसी के चुनावों में बहुमत से जीत हासिल की, जिसके बाद सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के द्वारा उन्हें ब्लॉक प्रमुख के चुनावों में बतौर प्रत्याशी उतारा गया और यहां भी उन्होंने निर्विरोध विजय प्राप्त की।
स्थानीय विकास के लिए किए गए प्रयासों और सामाजिक सेवा क्षेत्र में अम्ब्रीश सिंह पुष्कर के प्रयासों को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने 176 मोहनलालगंज विधानसभा क्षेत्र से 17वें विधानसभा चुनावों में उन्हें टिकट दिया और उन्होंने पार्टी के विजय रथ को बरकरार रखते हुए जीत का सेहरा सपा के सर पर बांधा। यहां दिलचस्प बात यह थी कि समस्त प्रदेश सहित लखनऊ में भी उस समय बीजेपी की लहर थी लेकिन वह लखनऊ जनपद से सपा के अकेले विजयी प्रत्याशी निर्वाचित हुए।
यह उनका करिश्माई व्यक्तित्व और जनता की सेवा की भावना ही थी, जिसने उन्हें बीजेपी के शोर के बीच भी पीछे नहीं हटने दिया। वर्तमान में वह विधायक के तौर पर मोहनलालगंज क्षेत्र में प्रगति के प्रयास कर रहे हैं। जमीनी स्तर पर जनता के साथ जुड़कर उनकी समस्याओं पर निरंतर काम करने की उनकी प्रवृति ने उन्हें एक जनसेवक के रूप में स्थापित किया हुआ है।
समाज कल्याण की भावना :
बाल्यकाल से ही अपने माता-पिता को दलितों-पिछड़ों की सेवा करते देख अम्ब्रीश सिंह पुष्कर ने भी अपने जीवन को समाजसेवा क्षेत्र में झोंक दिया। वह स्वयं भी अपने आप को कोई बड़ा नेता नहीं अपितु सामाजिक कार्यकर्त्ता कहलवाना पसंद करते हैं। उनका मानना है कि जितना अपनापन एवं आत्मीयता उन्हें अपने क्षेत्र की जनता से मिली, वह उनके लिए अमूल्य निधि के बराबर है। वर्षों के राजनैतिक सफर से उन्हें जो अनुभव मिला, उससे वें निरंतर लोगों के बीच रहकर काम करने के लिए प्रेरित हुए और आगे भी सपा की नीतियों को जनजन तक पहुंचाने के अपने प्रयासों को वह बरकरार रखे हुए हैं।
सपा सत्ता में आएगी तो हर अवरुद्ध कार्य प्राथमिकता से होगा पूरा :
मोहनलालगंज विधानसभा क्षेत्र मुख्यत: कृषि प्रधान क्षेत्र है और यहां दलित-पिछड़ी आबादी का घनत्व अधिक है। अम्ब्रीश सिंह पुष्कर का कहना है कि 2012-17 के दौरान जब सपा की सरकार थी तो यहां सड़कों, कृषि, रोजगार सहित तमाम सभी विकास कार्य हुए, जिसके चलते 2017 में भी जनता ने सपा पर ही विश्वास जताकर उन्हें चुना। अम्ब्रीश सिंह पुष्कर मानते हैं कि वर्तमान में यहां बहुत सी समस्याएं हैं, जिनके निवारण के लिए किए गए तमाम प्रयासों के बाद भी उन्हें मौजूदा सरकार से उपेक्षा ही मिली है और क्षेत्र का विकास बाधित हो गया है।
अम्ब्रीश सिंह पुष्कर के अनुसार यदि 2022 में जनता का स्नेह व समर्थन उन्हें ऐसे ही मिलता रहा तो वें कृषि क्षेत्र में यहां सामने आ रही सिंचाई की समस्या को दूर कराएंगे ताकि लोगों को खाद-पानी की किल्लत नहीं हो। इसके अतिरिक्त सपा के शासन में बना सड़क तंत्र जो अब जर्जर हो चुका है और उस पर सरकार का ध्यान ही नहीं जाता, उसे भी वह विकसित कराएंगे और ओवरब्रिज आदि का भी निर्माण कराएंगे ताकि जनता को जाम की समस्या से निजात मिले।
इसके अतिरिक्त वह मुख्य रूप से मोहनलालगंज क्षेत्र में एक राजकीय डिग्री कॉलेज की स्थापना के लिए प्रयासरत हैं, जिससे आर्थिक रूप से असमर्थ छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए भटकना नहीं पड़े। अम्ब्रीश सिंह पुष्कर का मानना है कि शिक्षा ही वह सबसे बड़ा हथियार है, जिससे आप सारी दुनिया को जीत सकते हैं और उनका क्षेत्र राजधानी लखनऊ से सटा होने के बावजूद भी यहां उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
शिक्षा व्यवस्था में इस अभाव में चलते क्षेत्र के बहुत से बच्चे इंटर के बाद पढ़ाई बीच में हो छोड़ देते हैं क्योंकि उनके पास प्राइवेट कॉलेजों की भारी-भरकम फीस देने के लिए पैसे नहीं होते हैं। इसलिए वह भविष्य में उच्च डिग्री कॉलेज की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बेरोजगारी की समस्या युवाओं के भविष्य पर लगा रही है ग्रहण :
वर्तमान राष्ट्रीय समस्याओं में अम्ब्रीश सिंह पुष्कर सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी को मानते हैं और उनका कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बेरोजगारी देश में बढ़ी है, जिसके चलते हमारे युवा वर्ग का भविष्य बर्बाद हो रहा है और वह अपराधों की ओर बढ़ रहे हैं। वह सरकार से रोजगार के क्षेत्र में उचित व उपयोगी नीतियां बनाने की मांग करते हैं।
इसके साथ ही अम्ब्रीश सिंह पुष्कर कहते हैं कि सरकार को शिक्षा व्यवस्था को सर्वसुलभ बनाने की दिशा में भी काम करना चाहिए। उनके अनुसार वह भारत जो गांवों में बसता है, खासकर पिछड़ा निर्धन वर्ग, उनके लिए शिक्षा व्यवस्था सुचारु होनी चाहिए। उनका कहना है कि यदि ग्रामीण आबादी शिक्षित होगी तो हमारे ग्राम भी विकासोन्मुख होंगे।
वैश्विक परिदृश्य में भारत :
अम्ब्रीश सिंह पुष्कर का मानना है कि आज देश में ऐसी बहुत सी समस्याएं हैं, जो वैश्विक पटल पर हमें पीछे धकेल रही हैं। यदि भारत को सही मायनों में विकास के पायदान पर लाना है तो सरकार को नीति आयोग द्वारा सुझाए जा रहे विचारों को अमल में लाना होगा और उसके आधार पर चौतरफा विकास की योजनाएं बनानी होंगी। साथ ही दलितों-पिछड़ों के लिए अंब्रीश सिंह पुष्कर विशेष नीतियों की मांग करते हैं, जिससे इस वर्ग का सर्वांगीण विकास हो सके।