पूर्वी दिल्ली आपदा प्रहरी एक सामाजिक संगठन है जो आपदाओं के दौरान पहरेदार की तरह लोगों के लिए डटा हुआ रहता है. यह दिल्ली के पूर्वी इलाके में बेहद ही सक्रियता से कार्य कर रहा है. पीडीएपी यानी पूर्वी दिल्ली आपदा प्रहरी बनाए जाने का ख्याल भी इसी तरह की एक दुखद घटना और आपदा के कारण ही हुआ.
वर्ष 2010 में लक्ष्मी नगर के ललिता पार्क में एक चार मंजिला इमारत गिर गई और इस हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई और 17 लोग घायल हुए. तब एक गैर सरकारी संगठन सीड्स ने यह महसूस किया कि पूर्वी दिल्ली जोखिमों से भरा पड़ा है. ऐसे में सीड्स ने लोगों से मिलकर उनके सहयोग से एक गैर पंजीकृत संस्था पूर्वी दिल्ली आपदा प्रहरी की स्थापना की जिस से कि आपदाओं को नियंत्रित या कम किया जा सके. तब से लेकर आज तक पूर्वी दिल्ली आपदा प्रहरी कार्य कर रही है और जोखिमों से बचने के लिए, आपदाओं के समय बचाव के लिए लोगों को प्रशिक्षण देने का कार्य कर रही है. साथ ही ऐसी घटनाओं के बारे में लोगों को जागरुक करते आई है ताकि आपदा के दौरान लोग घबराएं नहीं और संयम से बचाव का कार्य कर सके.
अभी फिलहाल पूर्वी दिल्ली आपदा प्रहरी के अध्यक्ष परविंदर मिश्रा हैं. परविंदर मिश्रा जब पूर्वी दिल्ली आपदा प्रहरी के अध्यक्ष चुने गए तो उन्होंने यह एहसास किया की इमारत गिरना, भूकंप, बाढ़ जैसी विभीषिका तो कभी कभार होती हैं लेकिन हम दैनिक जीवन में भी हर रोज इन आपदाओं को झेलते हैं. इसीलिए पूर्वी दिल्ली आपदा प्रहरी ने इन दैनिक समस्याओं जैसे सफाई, बिजली की समस्या, नालों का रखरखाव और उसमें पनपने वाली बीमारियों पर काम करने का प्रयास किया क्योंकि यह समस्याएं ही आपदा का रुप ले लेती हैं और बाद में बहुत कष्ट पहुंचाती हैं. पूर्वी दिल्ली आपदा प्रहरी लगातार आरडब्ल्यूए, गैर सरकारी संगठन, कैग, लोगों के संपर्क और सहयोग से उन समस्याओं को हल करवाने का प्रयास करते रहती हैं.
पूर्वी दिल्ली आपदा प्रहरी ने पूर्वी दिल्ली को तीन डिवीजन में बांट रखा है. एक गांधीनगर, दूसरा प्रीत विहार और तीसरा मयूर विहार. इन तीन डिवीजन में 20- 20 के पॉकेट में पीडीएपी काम कर रही है. अभी तक पूर्वी दिल्ली आपदा प्रहरी के साथ 177 आरडब्ल्यूए, सीड्स जैसे कुछ गैर सरकारी संगठन, युवाओं के कुछ ग्रुप साथ मिलकर काम कर रहे हैं और लोगों की समस्याओं को हल करने का प्रयास करते हैं. यहीं नहीं इनमें हमारे देश के भविष्य यानी युवाओं की भी एक अहम भूमिका है. पीडीएपी के साथ लगभग 150 के करीब युवा स्वयंसेवक काम कर रहे हैं. इन युवाओं के द्वारा नुक्कड़ नाटक की भी प्रस्तुति होती है. जिसमें वह विभिन्न समस्याओं के बारे में बताते हैं और उन्हें हल करने के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं जिससे कि जनभागीदारी को बढ़ाया जा सके.
पूर्वी दिल्ली आपदा प्रहरी सदा प्रशासन और जनमानस के संपर्क में रहती है जिससे कि लोगों की समस्याओं को प्रशासन तक पहुंचाया जा सके और इन समस्याओं का निवारण हो सके. पीडीएपी द्वारा फर्स्ट ऐड, सर्च एंड रेस्क्यू विभीषिकाओं का प्रशिक्षण तो साथ ही साथ बच्चों के लिए बहुत सारे प्लेटफार्म भी तैयार किए गए हैं. वर्तमान में पूर्वी दिल्ली आपदा प्रहरी स्वास्थ्य और विद्यालय सेफ्टी पर कार्य कर रहा है जिससे कि लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मिल सके और मां-बाप को विद्यालय में बच्चों की सुरक्षा का पूरा आश्वासन मिल सके.
यह पूर्वी दिल्ली आपदा प्रहरी के कार्यों का ही नतीजा था कि इनके पूर्व चेयरमैन आलमगीर को एशिया लेवल पर लोकल लीडर के रूप में भारत से चयनित किया गया और उनके कार्यों के लिए दिल्ली में भारत के केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू द्वारा सम्मानित किया गया.