Name- Parvinder Mishra
Designation- President (Purvi Delhi Aapda Prahari & RWA ‘A’ Block Mandawali)
Badge number-
71182847
Program associated- Social Welfare
परविंदर
मिश्रा भारतीय राजनीतिज्ञ हैं. सक्रिय राजनीति
में तत्पर परविंदर मिश्रा इसके साथ ही देश के भविष्य का निर्माण करने में लगे हुए
हैं यानी राजनीति
के साथ-साथ वह पेशे से शिक्षक भी हैं. उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर
जिले में जन्में परविंदर मिश्रा बचपन में ही दिल्ली आ गए
थे.
उनकी प्राथमिक शिक्षा की शुरुआत 1983 में मंडावली मेन रोड के प्राथमिक विद्यालय से शुरू हुई, दसवीं और बारहवीं की शिक्षा शकरपुर नंबर 2 के विद्यालय से उत्तीर्ण की. आगे चलकर उन्होंने स्नातकोत्तर
इकोनॉमिक से पूरी की और फिर एमबीए किया. आईसीडब्ल्यूए (आई) में परीक्षा दी परंतु
वित्तीय आभाव के कारण वह आगे शिक्षा जारी नहीं रख सके.
इसके बाद वह सामाजिक
सरोकार में अपनी भूमिका के लिए हमेशा तैयार रहते थे. जैसे भी हो सके वह लोगों
की मदद करते थे. मगर इन सभी के लिए भी रोजगार की आवश्यकता होती है और उन्होंने 2001 से मंडावली में विद्यालय अस्तर पर शिक्षक के तौर पर नौकरी
की. आगे चलकर वर्ष 2005 से सीए, आईसीडब्ल्यूए, सीएस के विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं. उनका कार्यक्षेत्र काफी बिखरा हुआ है
वह लक्ष्मी नगर, उत्तम नगर, पटेल नगर, माल रोड और नोएडा
में विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं. मगर इसके साथ ही वह अपनी सामाजिक सरोकार वाली
भूमिका से पीछे नहीं हटते वह लगातार अपने क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं.
पिछले 10 वर्ष से भी लंबे
समय से वह पूर्वी
दिल्ली के विकास के लिए कई
सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर समाजिक
विकास कार्य में लगे हुए हैं और लोगों के लिए कार्य कर रहे हैं. परविंदर
मिश्रा द्वारा किए गए प्रमुख सामाजिक कार्य हैं :
उनके द्वारा बुजुर्गों के लिए रिक्रिएशन सेंटर का निर्माण
करवाया जाना.
डीपीएल की लाइब्रेरी शाखा को खुलवाना.
सरकार द्वारा संचालित स्किल डेवलपमेंट सेंटर को खुलवाना.
मुफ्त चिकित्सा शिविर लगवाना
इसके साथ ही वह कई संगठनों के साथ जुड़कर गरीब लोगों के
जीवन में खुशहाली लाई जा सके उसके लिए प्रयासरत रहते हैं.
परविंदर मिश्रा का बचपन अभावों में बीता. चार भाइयों और चार बहनों के परिवार में एकलौते पिता ही कमाने वाले थे जिससे उन्होंने बचपन से ही संघर्ष सीख लिया. आज परविंदर मिश्रा की हमेशा यह कोशिश रहती है कि शिक्षा को बढ़ाया जाए, सामाजिक जागरुकता लाई जा सके. इसीलिए उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र का चुनाव किया जिससे कि शिक्षा ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाई जा सके और गरीब तबकों तक भी शिक्षा पहुंचे.
उन्होंने अपने क्षेत्र में आरडब्ल्यूए की स्थापना करवाई उसी के तहत वह
सामाजिक कार्यों में अपनी भागीदारी भी निभाते हैं. परविंदर जी आरडब्ल्यूए ए ब्लॉक
मंडावली के अध्यक्ष भी हैं. परविंदर मिश्रा की हमेशा यह कोशिश रहती है कि समाज में
व्याप्त समस्याओं को उठाया जाए और उसका समाधान ढूंढा जाए.
इसके साथ ही वह पूर्वी दिल्ली आपदा प्रहरी संगठन के साथ जुड़े हैं जो कि डिजास्टर पर कार्य करती है. परविंदर जी का मानना है कि आम जनता और प्रशासन के बीच एक लंबा गैप है जिसके लिए उन्होंने एक बीड़ा उठाई कि वह आम लोगों की समस्याओं को प्रशासन तक पहुंचाएंगे और जिसके लिए वह लगातार कार्य कर रहे हैं.
बतौर शिक्षक और समाजिक
कार्यों में हमेशा लगे रहने वाले परविंदर मिश्रा राजनीति में इसीलिए आए कि
उनका मानना है आम लोगों की पहुंच प्रशासनिक स्तर पर नहीं होती है और ऐसे में आपके
लिए कार्य करना और समस्याओं का समाधान ढूंढना काफी मुश्किल हो जाता है. इसीलिए यह
जरूरत थी कि प्रशासनिक स्तर पर पहुंचा जाए जिससे समस्याओं के समाधान की दिशा में ले
जाया जा सके. इसके साथ ही यह भी मानते हैं कि राजनीति में शिक्षित लोगों का आना
अति आवश्यक है. वह मानते हैं कि राजनीति
में भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए शिक्षित व्यक्तियों को आगे आना होगा और
इसलिए भी उन्होंने राजनीति का चुनाव किया.
परविंदर मिश्रा अभी हाल ही में दिल्ली में संपन्न हुए नगर
निगम चुनाव
में बतौर निगम प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे. वह भले ही चुनाव हार गए मगर लोगों ने
उनके कार्यों को काफी सराहा है. इस हार के बाद भी वह निरंतर अपने क्षेत्र में
सामाजिक कार्यों में अपनी हिस्सेदारी निभा रहे हैं.
परविंदर जी भाजपा की युवा मोर्चा जिला शहादरा के मंत्री पद
पर भी रहे रहे हैं और उन्होंने अपनी भूमिका बखूबी निभाई है.
उनकी नज़र में कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिसको जल्द से जल्द समाधान की दिशा में ले जाना आवश्यक है. क्षेत्र पर आधारित मुद्दे में वह सफाई की बड़ी समस्या देखते हैं और इसलिए उनका मानना है कि सफाई पर हमें आज खास तौर पर ध्यान देने की जरूरत है. साथ ही उनका मानना है कि स्वास्थ्य को लेकर मंडावली की तरफ एक ही डिस्पेंसरी है तो ऐसे में जरूरत है कि इसके शिफ्ट को बढ़ाया जाए मॉर्निंग इवनिंग शिफ्ट में चलाया जाए, मल्टी स्टोरेज के तौर पर इसमें कार्य किया जाए जिससे लोगों की परेशानी थोड़ी कम हो सकेगी वरना आप कभी भी वहां जाओ तो आपको घंटो खड़ा रहना होता है.
इसके साथ ही इनका मानना है कि
शिक्षा के स्तर को सरकारी स्कूलों में बढ़ाने की जरूरत है. उनका मानना है. उनका
मानना है कि आज शिक्षा का व्यवसायिकरण हो गया है और सरकार को चाहिए कि एक सख्त शिक्षा
नीति बनाई जाए जिससे सभी के लिए शिक्षा आसान हो सके.
परविंदर जी भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर काफी गंभीर नजर आते हैं उनका स्पष्ट मानना है कि अगर लकड़ी में दीमक लग जाए तो संभव है कि लकड़ी को बचाया जा सके मगर किसी भी समाज में भ्रष्टाचार का दीमक लग गया तो उस समाज का विकास संभव नहीं. ऐसे में आज आप देखते हैं कि भारत में निचले स्तर से लेकर ऊपरी स्तर तक यानी हर जगह भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है. ऐसे में भ्रष्टाचार को लेकर सख्त कदम उठाने की जरूरत है. परविंदर जी का मानना है कि भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए कुछ कड़े नीतियों को अपनाने की जरूरत है.
उनका मानना है कि कोई भी व्यक्ति अगर कभी भी भ्रष्टाचार में पकड़ा जाए तो उसकी
सारी संपत्ति चाहे वह किसी प्रकार की भी हो उसे जब्त कर लेनी चाहिए इससे उनके मन
में यह डर पैदा होगा कि वह कभी भी भ्रष्टाचार करते हैं और किसी भी समय पकड़े
जाएंगे तो उनकी सारी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी और इस डर के कारण हमारे समाज से
शायद हो सके तो भ्रष्टाचार कम हो जाए.
परविंदर मिश्रा राजनीति में रहते हुए भी कई जिम्मेदारियों
का निर्वाह कर रहे हैं. सबसे पहले तो वह एक शिक्षक हैं ही और साथ ही वह
पूर्वांचल समाज, दिल्ली के अध्यक्ष हैं, वह उत्तर प्रदेश जन समाज के जिला अध्यक्ष भी हैं, इसके साथ वह आरडब्ल्यूए ए ब्लॉक मंडावली के भी अध्यक्ष हैं
और साथ ही साथ वह पूर्वी दिल्ली आपदा प्रहरी के अध्यक्ष के तौर पर भी अपनी भूमिका
अदा कर रहे हैं.
अपनी इन राजनीतिक और सामाजिक जिम्मेदारियों के अलावा वह
अपने परिवार को भी पूरा समय देते हैं आप बखूबी उनका ख्याल रखते हैं.