अलीगढ़ के बुद्धिस्ट रिसर्च सेंटर धम्म भूमि पर जाकर श्रद्धेय भंते डॉ. करुणाशील राहुल से की शिष्टाचार भेंट
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Sarvesh Ambedkar Contributors
Princy Gupta 0
हाल ही में लखनऊ के पूर्व राज्यमंत्री, प्रदेश सचिव सपा एवं कायमगंज विधानसभा उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ नेता सर्वेश अंबेडकर ने अलीगढ़ जाकर वहां के बुद्धिस्ट रिसर्च सेंटर धम्म भूमि का भ्रमण किया। जहां इस दौरान उन्होंने रिसर्च सेंटर के संस्थापक श्रद्धेय भंते डॉ. करुणाशील राहुल से शिष्टाचार भेंट की। वहीं इस मौके पर उन्होंने उनसे सामायिक धार्मिक, राजनैतिक एवं सामाजिक दिशा और दशा जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की।
गौरवान्वित है कि भेंट मिलन के इस विशेष अवसर पर, उन्होंने सर्वप्रथम डॉ. करुणाशील राहुल को अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित करते हुए, उन्हे डॉ. अंबेडकर के बड़ौदा में वो ग्यारह दिन, मन चंगा तो कठौती में गंगा, रमा अम्बेडकर, सोनबा का त्याग, जंगल की आग तथा बाबा साहब अम्बेडकर द्वारा लिखित प्रसिद्ध जाति का सम्पूर्ण विनाश नामक ज्ञानवर्धन पुस्तके पुरस्कार स्वरूप भेंट की। वहीं इसके उपरांत उन्होंने उनके चरण स्पर्श करके अपने सफल राजनैतिक जीवन के लिए आशीर्वाद भी लिया।
बताते चलें कि डॉ. करुणाशील राहुल एक महान भारतीय राजनीतिज्ञ एवं बौद्धिक संस्कारो से परिपूर्ण व्यक्ति है। वे इस धम्मभूमि आंदोलन के संस्थापक भी है। इस दौरान अपने स्नेह वचनों से उन्होंने उपासक बंधुओं से कहा कि आज हमारा समाज गरीबी, कुपरपराओ, अंधविश्वास और नशे जैसी समस्याओं के दौर से गुजर रहा है, उन सबका समाधान बुद्ध के धम्म में है। वहीं वे वर्तमान के कुप्रथाओ और परंपराओं के दिखावे से दूर बौद्ध संस्कारो को अपनाने के लिए जनमानस को उपदेश देने का कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि धम्मभूमि का प्रचलित आंदोलन बाबा साहेब जैसे महापुरुषों की मूल विचारधारा के चलते समाज को नई दिशा प्रदान करना ही बौद्ध धर्म का कर्तव्य है। जिससे की इस परिपूर्ण जीवन शैली में ही मानवता भविष्य का कल्याण निहित है। वहीं महत्वपूर्ण मुद्दों में हुई भेंटवार्ता के इस शुभ अवसर पर सर्वेश अंबेडकर के साथ ब्रह्मजीत सिंह, बुद्धालंकार खेमेंद्र, धम्मसेन रामवीर, सुशील गौतम सहित अन्य समाजसेवी मान्यगणों की उपस्थिति सराहनीय रही।