अंतराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के अवसर पर भभुआ कैमूर के मां गिरिजा नर्सिंग अनुसंधान केंद्र में, सांस्कृतिक कार्यक्रम का हुआ आयोजन
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Vikash Singh Contributors
Princy Gupta 0
12 मई, अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के अवसर पर बिहार के भभुआ कैमूर में स्थानीय शहर वार्ड 3 स्थित पटेल चौक के पास मां गिरिजा नर्सिंग अनुसंधान केन्द्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में जिला परिषद सदस्य भभुआ विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल पहुंचे। इस दौरान संस्थान प्रबंधन के द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया।
सूत्रों के अनुसार, उन्होंने दीप प्रज्वलित करते हुए, केक काटकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के इस मौके पर विकास सिंह ने जनता को संबोधित करते हुए, अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग डे के अवसर पर बताया कि 12मई 1820 में इसी दिन मॉर्डन नर्सिंग की जन्मदाता फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म इटली में हुआ था। यही वजह है कि इस दिन को समाज और हेल्थकेयर इंडस्ट्री में नर्सों के योगदान को याद करने, इस प्रोफेशन को बढ़ावा देने और नर्सेस को सम्मान देने के मकसद से 1974 में इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेस द्वारा इसे मनाने की घोषणा की गई थीं।उन्होंने कहा कि किसी बीमारी से उबरने में जितना बड़ा योगदान दवाओं और इलाज का होता है, उतना ही सही देखभाल का भी होता है। इसमें डॉक्टर्स से कहीं बड़ी जिम्मेदारी नर्सेज निभाती हैं, जो 24 घंटे मरीज की देखरेख में लगी रहती हैं।
बता दे कि इस दौरान उन्होंने कहा कि इन्हें सम्मान देने के मकसद से दुनियाभर में हर साल 12 मई को ‘अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस’ मनाया जाता है। उन्होंने कोरोना महामारी के समय नर्सिंग छात्रों की भूमिका को याद करते हुए कहा कि उस दौर में मरीजों की देखभाल में नर्स की भूमिका अहम थी जिसके कारण करोड़ों देशवासियों की जान को बचाया गया। वहीं उन्होंने कहा कि त्याग एवं समर्पण से भरा प्रोफेशन नर्सिंग है। इस दौरान उन्होंने नर्सिंग कर रहे छात्रों को भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए, भविष्य में ईमानदारी के साथ कर्तव्यों का निर्वहन करने की सलाह भी दी। अंतराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के इस अवसर पर विकास सिंह के साथ शिक्षक संतोष राम, शिक्षक संतोष बिन्द, अश्वनी कुमार ,अवधेश कुमार पूजा कुमारी ,रविता कुमारी ,रोशनी कुमारी सहित सैकड़ों की संख्या में छात्र छात्राएं भी सम्मिलित रहे।