गोमती की सूरत बदली न सीरत
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समाज एवं राष्ट्र, जहाँ लोग कुछ समय अपनी संस्कृति, सभ्यता, अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझने एवं सँवारने में लगाते हैं। एक सोची समझी, जानी बूझी आवाज़ और समझ रखते हैं। वही देश संसार में विशिष्टता और प्रभुत्व स्थापित कर पाते हैं।
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Rakesh Prasad 51
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जाने वाले गोमती रिवर फ्रंट के एक साल होने पर भी गोमती की शक्ल और सीरत मे कोई बदलाव नहीं आया है। अखिलेश यादव ने गोमती को सुधारने के लिए प्रोजेक्ट की सुरुवात की थी पर गोमती जस की तस बानी हुई है। गोमती का पानी मैला है और नाले अभी भी गिर रहे है।
1100 करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट का प्रमुख काम गोमती को साफ़ करना है। इसमें सफाई के साथ साथ नदी के किनारे मनोरंजक स्थल भी बनाना है। गोमती की सफाई कराने मे सबसे बड़ा काम ड्रेजिंग का है साथ ही साथ इसमें गिर रहे नालों को रोकने का है। अभी तक हुए काम मे 70% ड्रेजिंग हो चुकी है और बाकी 30% मानसून से पहले ख़त्म होने का वादा सिचाईं विभाग कर रहा है।
गोमती को समेटने के बाद बची हुई ज़मीन पे जॉगिंग ट्रैक,वाकिंग ट्रैक और साइकिलिंग ट्रैक बनने की शुरुवात हो गयी है। लमरतेनिएर कॉलेज के करीब रिवर डेवलपमेंट फ्रंट मे एक रूबर डैम भी बनना है, जिसका काम नदी मे पानी का स्तर बनाये रखना होगा। इसकी रफ़्तार देख के लगता है के ये काम अगले साल जुलाई तक पूरा हो जाएगा। रिवर साइड पे फ़ूड स्टाल्स, रेस्टोरेंट ,पार्किंग इत्यादि का भी प्लान है।
इस प्रोजेक्ट सबसे दुर्गम बात ये है के डायफ्राम वाल के बाद गोमती शहर मे सिर्फ 100 कि मी के दायरे मे बांध जाएगी। गोमती का कैचमेंट एरिया पहले से ही कब्ज़े मे था, और अब फ्लो एरिया भी घट जाएगा।
हम किस ओर अग्रसर है और अगर आप कुछ करना चाहते हैं:
हम इस एक्शन ग्रुप के जरिये गोमती पर हो रहे रिवरफ्रण्ट के निर्माण की समीक्षा कर रहे है। गोमती पर करवाये जा रहे रिवरफ्रण्ट के निर्माण के बहुत दुष्परिणाम हो सकते है। कुछ तो दिखने भी लगे है। लखनऊ मे बहती गोमती के कई हिस्सों पे निर्माण चल रहा है। नदी की सतह में जमी गाद और गन्दगी को करोड़ों खर्च के ड्रेजिंग कर के निकाला जा रहा है। वही दूसरी ओर उसमे नाले सीवेज गिरा रहे है। सरकार गोमती की सफाई के नाम पर कई करोड़ खर्च कर चुकी है और आम जनता का पैसा लगातार अनुयोजित ढंग से खर्च किया जा रहा है। बहुत विशेषज्ञों ने रिवरफ्रण्ट की आलोचना भी की है और इससे रोकने की भी निवेदन किया पर सरकार ने कार्य को बिना रोके कार्यात रखा।
हम इस एक्शन ग्रुप से गोमती रिवरफ्रण्ट की समीक्षा करेंगे और विशेषज्ञों की राय और साइंटिफिक रिसर्च से रिवर फ्रंट के दुष्परिणाम और उसमे मुनासिब बदलाव के मौको को तलाशेंगे और सरकार को सुझाएंगे। इस रिसर्च के माध्यम से हम सही सुजाव देने मे भी समर्थ होंगे.
अगर आप इससे सम्बंधित कुछ जानते है :
अगर आप इस केस से सम्बंधित कोई जानकारी रखते है और हमसे साझा करना चाहते है, तो आप हमें इस पे कांटेक्ट कर सकते है: coordinators@ballotboxindia.com
अगर आप किसी ऐसे को जानते हो जो इस विषय मे कुछ जानता हो:
अगर आप किसी ऐसे को जानते हो जो तालाब अधिग्रहण मे विशेषज्ञ हो या इस केस से सम्बंधित कुछ जानता हो , तो आप हमें इस पे कांटेक्ट कर सकतेहै: coordinators@ballotboxindia.com
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