Ad
Search by Term. Or Use the code. Met a coordinator today? Confirm the Identity by badge# number here, look for BallotboxIndia Verified Badge tag on profile.
सर्च करें या कोड का इस्तेमाल करें, क्या आज बैलटबॉक्सइंडिया कोऑर्डिनेटर से मिले? पहचान के लिए बैज नंबर डालें और BallotboxIndia Verified Badge का निशान देखें.
 Search
 Code
Searching...loading

Search Results, page {{ header.searchresult.page }} of (About {{ header.searchresult.count }} Results) Remove Filter - {{ header.searchentitytype }}

Oops! Lost, aren't we?

We can not find what you are looking for. Please check below recommendations. or Go to Home

Prem Singh

नाम – प्रेम सिंह  

पद - प्रगतिशील किसान, आवर्तनशील कृषि विशेषज्ञ

नवप्रवर्तक कोड - 71182091

किसानी घाटे का सौदा नहीं है, अपितु सर्वोत्कृष्ट मानवीय व्यवसाय है. यह आजीविका का सबसे बेहतरीन साधन, विवेकयुक्त श्रम एवं सर्जनात्मकता से सरोबार प्राकृतिक उद्यम है, जो पूर्ण तृप्ति का भाव प्रदान करता है....(प्रेम सिंह)

कृषि के परंपरागत स्वरुप को बनाए रखते हुए पर्यावरण संरक्षण में योगदान देकर किसानों को आर्थिक रूप से स्वतंत्रता प्रदत्त कराने के प्रबल समर्थक प्रेम सिंह जी भारतीय कृषि जगत का जाना-माना चेहरा हैं. भारतीय कृषि को विभिन्न विधाओं के माध्यम से नए आयाम देने वाले प्रेम सिंह जी ने खेती के प्रति नई पीढ़ी के मध्य जागरूकता पैदा करने का कार्य किया है, साथ ही वें एक प्रगतिशील कृषक के रूप में किसानों की समस्याओं को वैज्ञानिक रूप से सुलझाकर स्थायी कृषि की स्थापना करने में सिद्धहस्त हैं.

नाम – प्रेम सिंह  पद - प्रगतिशील किसान, आवर्तनशील कृषि विशेषज्ञ नव

प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा-दीक्षा -

मूल रूप से बुंदेलखंड के बाँदा जिले के बड़ोखर खुर्द ग्राम के निवासी प्रेम सिंह जी ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विद्यालय से दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है. साथ ही ग्रामीण विकास प्रबंधन का अध्ययन करने के उपरांत वर्ष 1987 में वें अपने पुश्तैनी व्यवसाय कृषि में जुड़ गए. यह वह समय था, जब सम्पूर्ण प्रदेश में किसान हाईब्रीड बीजों, रासायनिक खाद एवं उर्वरकों, टयूबवेल के माध्यम से भूजल निष्कर्षण एवं बैंकों से ब्याज लेकर खेती के लिए आधुनिक मशीनरी खरीदने के चक्रव्यूह में फंसे हुए थे.

दो वर्ष तक स्वयं प्रेम सिंह जी भी इसी चक्रव्यूह में उलझे रहे, जिसके उपरांत उन्होंने मंथन किया कि कृषि व्यवस्था में कुछ खामियां है, जिस कारण यह मुनाफे के स्थान पर घाटा बन रही है. इसी के चलते उन्होंने कृषि पद्धति में बदलाव की पहल की, जिस पर चलते हुए आज वह देश भर के किसानों के लिए एक मिसाल बने हुए हैं.

Ad

कृषि व्यवस्था को दिया आवर्तनशील कृषि शैली का उपहार -   

कृषि क्षेत्र में विगत 30 वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाले प्रेम सिंह जी ने तत्कालीन कृषि व्यवस्था के प्रतिकूल प्रभावों को देखते हुए ही “आवर्तनशील कृषि” के स्वरुप को विकसित किया. उनका मानना है कि कृषि को यदि घाटे का सौदा समझा जाता है तो बड़ी-बड़ी बीज, खाद एवं उर्वरक कंपनियों को घाटा क्यों नहीं होता? इस तथ्य पर विचार करते हुए उन्होंने कृषि में उपस्थित खामियों को दूर करने का प्रयास किया.  

नाम – प्रेम सिंह  पद - प्रगतिशील किसान, आवर्तनशील कृषि विशेषज्ञ नव

किसान के जीवन का उदाहरण देते हुए प्रेम सिंह जी कहते हैं कि,

“नवीन पद्धति से कृषि करने की होड़ में किसान अपना सब कुछ गँवा देता है. कर्ज के बोझ तले दबकर किसान की पुश्तैनी कमाई (सोने-चांदी के गहने) तो जाती ही है, अपितु जमीन की उर्वरता भी समाप्त हो जाती है. बाकी कसर बाजार के साथ किसानी का विपरीत संबंध (अधिक फसल..कम दाम) पूरा कर देता है और बैंक, जो कि किसानों के लिए कसाईखाने की तरह हैं, वह अंततः किसान के जीवनचक्र को ही समाप्त कर देता है.”
Ad

इस अव्यवस्था से निकलने के लिए और कृषि को एक मुनाफे वाले व्यवसाय में परिणत करने के उद्देश्य से प्रेम सिंह जी ने “आवर्तनशील कृषि” पद्धति पर ध्यान केन्द्रित किया. वर्ष 1989 से उन्होंने मिली जुली कृषि पद्धति पर कार्य करना आरंभ किया, उन्होंने विविध प्रकार की फसलें उगाई, पशुधन की उपयोगिता को समझा और बागों को भी विकसित किया, परिणामस्वरुप 6-7 वर्ष के उपरांत कृषि में मुनाफा प्राप्त होने लगा.  

कृषि को स्थायी तौर पर विकसित करते हुए प्रेम सिंह जी ने जैविक उत्पादों और घरेलू खाद, फल-फूल वाले पौधे, पशुधन आश्रय, पोषक मृदा, प्राकृतिक उर्वरक इत्यादि के माध्यम से कृषि को आय के एक निरंतर स्रोत के रूप में विकसित किया.

आवर्तनशील कृषि से आशय

प्रेम सिंह जी पर्यावरण एवं प्रकृति के लिए आवर्तनशील कृषि को आवश्यक मानकर चलते हैं. उनका मानना है कि यदि हम भी प्रकृति के साथ तालमेल बना कर कार्य करें तो प्रकृति भी हमारे अनुकूल ही परिणाम देगी. प्रकृति द्वारा प्रदान की गयी सभी वस्तु बेहद उपयोगी है.

बुदेलखंड को आमतौर पर सूखाग्रस्त क्षेत्र, किसानों की आत्महत्या, असामान्य वर्षा दर और आर्थिक पिछड़ेपन का पर्याय माना जाता रहा है, जहां प्राचीन समय से ही तालाबों और कुँओं के जरिये सिंचाई की जाती रही है. इस जल संकटग्रस्त क्षेत्र में लाभयुक्त कृषि व्यवस्था का नाम है, “आवर्तनशील कृषि”.

Ad

प्रेम सिंह जी की स्थायी खेती की अग्रणी पद्धति आवर्तनशील कृषि है. बेल्जियम के पर्यावरणविद जोहान के सह-लेखन में लिखी अपनी पुस्तक “आवर्तनशील खेती” के अंतर्गत प्रेम सिंह जी इसका अर्थ बताते हुए कहते हैं कि,

"आवर्तनशील अर्थशास्त्र तन-मन-धन रूपी अर्थ के सदुपयोग, सुरक्षा और समृद्धि के रूप में दृष्टव्य है. धन वस्तुतः प्राकृतिक ऐश्वर्य ही है और मिट्टी, वनस्पतियां, जीव-जंतु ही वास्तविक धन हैं. ये सब निश्चित अनुपात में आवर्तनशील एवं अक्षुण्ण हैं."

खेती की इस पद्धति के अंतर्गत किसान अपनी भूमि को तीन भागों में विभाजित करता है: एक तिहाई फलों के बगीचे के रूप में उपयोग किया जाता है, दूसरे भाग का उपयोग पशुधन को पालने के लिए किया जाता है, जबकि अंतिम भाग का उपयोग फसलों के लिए किया जाता है. इसके अलावा यह दृष्टिकोण फसल रोटेशन, जैविक खेती, पशुपालन, खाद्य प्रसंस्करण, मिट्टी की उर्वरता में सुधार इत्यादि को साथ लेकर कृषि के उन्नत स्वरुप को निखारता है.

नाम – प्रेम सिंह  पद - प्रगतिशील किसान, आवर्तनशील कृषि विशेषज्ञ नव

आवर्तनशील कृषि से हुए लाभ -

प्रेम सिंह जी से प्रेरणा लेते हुए वर्तमान समय में बुन्देलखंड के बहुत से किसान आवर्तनशील कृषि से जुड़कर मुनाफे कमा रहे हैं, साथ ही पर्यावरण की दृष्टि से भी यह कृषि पद्धति वरदान है. चूंकि यह जैविक रूप से की जाती है, नतीजतन यह जमीन की उत्पादकता को भी प्रवण बनाती है और इसके प्रयोग से भूमि स्वाभाविक रूप से नम रहती है, जिससे कम पानी में भी गुणवत्ता युक्त फसल होती है.

उपर्युक्त सभी लाभों के अतिरिक्त इस कृषि पद्धति में लघु-कुटीर उद्योगों के लिए तमाम संभावनाएं छिपी हैं, किसान अपनी फसल से स्वयं ही विभिन्न उत्पाद बनाकर उन्हें अच्छी कीमतों पर बाजार में बेच सकते हैं. कहा जा सकता है कि आज बड़ोखर खुर्दग्राम के एक बड़े हिस्से में हरियाली और खुशहाली स्पष्ट रूप से नजर आती है, तो उसका सबसे बड़ा श्रेय प्रेम सिंह जी के अथक प्रयासों को ही जाता है.

ह्यूमन एग्रेरियन सेंटर के माध्यम से जन-जागरूकता का प्रसार –

ह्यूमन एग्रेरियन सेंटर के माध्यम से प्रेम सिंह जी कृषि के एक अनोखे ग्रामीण संग्रहालय के भी जनक हैं, जहां वह अन्य किसानों के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हैं और उनकी समस्याओं को बारीकी से जानने का प्रयास करते हैं. किसानों को जैविक एवं मिश्रित कृषि पद्धतियों से लाभ प्राप्त करने के तरीकों के बारे में भी प्रेम सिंह जी यहां प्रशिक्षण देते हैं.

नाम – प्रेम सिंह  पद - प्रगतिशील किसान, आवर्तनशील कृषि विशेषज्ञ नव

मजदूर और कृषक समुदाय की खोयी हुई प्रतिष्ठा और गौरव को पुनः स्थापित करने के उद्देश्य से स्थापित किये गए इस स्व-वित्त पोषित ग्रामीण संग्रहालय के अंतर्गत भारतीय कृषि के इतिहास को गहनता के साथ समझा जाता है. संग्रहालय में अक्सर स्कूली बच्चों और कॉलेज के छात्रों द्वारा भ्रमण कर ज्ञान प्राप्त किया जाता है. 

स्थायी कृषि को प्रतिष्ठित करने के क्रम में निरंतर प्रयासरत प्रेम जी आज भारतीय कृषि जगत में एक मिसाल का समान है, जो वर्षों से पिछड़े किसानों को स्थायी कृषि तकनीक के माध्यम से प्रगति के पथ पर अग्रसर कर रहे हैं. 

To know the latest research contributions or opinions from {{ userprofilemodel.curruser.first_name }} {{ userprofilemodel.curruser.last_name }} or join him on study tours, events and scholarly discussions Click To Follow.

*Offline Members are representation of citizens or authorities engaged/credited/cited during the research. With any questions or comments write to coordinators at ballotboxindia.com

*Innovator pages built of people working in Indian communities are only a representation of information available to our local coordinator at the time, it doesn't represent any endorsement from either sides and no claim on accuracy of the information provided on an AS-IS basis is implied. To correct any information on this page please write to coordinators at ballotboxindia dot com with the page link and details.

{{userprofilemodel.ifagmsg}}

Do you have a comment or feedback, or want to leave a message(*Moderated) for {{ userprofilemodel.curruser.first_name }} {{ userprofilemodel.curruser.last_name }}.

Please provide right email and phone number, stick to only developmental issues and suggestions. Please note that this feature is provided on an as-is basis to act as an enabler to a common citizen get in touch with their representatives. In the light of high volume, BallotboxIndia team moderates these comments, and reaches out to the representative with relevant issues only, and has the right to reject non relevant comments.

क्या आपके पास अपने स्थानीय नेतृत्व के लिए कोई सुझाव या कोई जन समस्या है? नीचे दिए गए ज़िला कनेक्ट फॉर्म में जानकारी दें.

यह सुविधा बैलटबॉक्सइंडिया टीम द्वारा जन साधारण एवं उनके स्थानीय नेतृत्व तथा एडमिनिस्ट्रेशन के बीच एक सशक्त कड़ी बनाने के लिए निःशुल्क दी जा रही है, इस सन्दर्भ को समझ, कृपया विकास से जुड़े मुद्दे एवं सुझाव ही यहाँ पूरी जानकारी एवं अपने फ़ोन नंबर, ईमेल के साथ दें. संपर्क की संख्या अधिक होने के कारण बैलटबॉक्सइंडिया टीम इन्हें मॉडरेट करती हैं, और किसी भी अधूरी जानकारी, या अप्रासंगिक संपर्क को रिजेक्ट कर सकती है.

Responses

{{ survey.name }}@{{ survey.senton }}
{{ survey.message }}
Reply

How It Works

ये कैसे कार्य करता है ?

start a research
Connect & Follow.

Join the next event, campaign, innovation {{userprofilemodel.curruser.first_name}} {{userprofilemodel.curruser.last_name}} is planning.

start a research
Work as a Team

Work with {{userprofilemodel.curruser.first_name}} {{userprofilemodel.curruser.last_name}} get your efforts documented.

start a research
Get Recognized.

The team efforts are recognized and documented, opening a vast array of opportunities as a field expert.

start a research
जुड़ें और फॉलो करें

जानें और जुड़ें {{userprofilemodel.curruser.first_name}} {{userprofilemodel.curruser.last_name}} के कार्यक्रमों और अभियानों से.

start a research
मिल कर कार्य करें

{{userprofilemodel.curruser.first_name}} {{userprofilemodel.curruser.last_name}} के साथ मिल कर कार्य करें और अपने कार्यों को दस्तावेजित करवाएं.

start a research
सामाजिक साख में वृद्धि करें

आपके दस्तावेजित कार्य ना सिर्फ आपकी सामाजिक साख और पकड़ में वृद्धि करेंगे, बल्कि आपके लिए समाज उन्मुख कार्यों से जुड़े और कई रास्ते खोलेंगे.

My Videos

Research Action Groups Working on {{userprofilemodel.curruser.agaffs.count}}

Action Items Worked {{userprofilemodel.curruser.publishedactions.count}}

More Contributions {{userprofilemodel.curruser.contributions.count}}

Events {{userprofilemodel.curruser.eventsgoing.count}}

Latest Updates

BallotboxIndia blogs are a great way to start building your presence as a thought leader. Published blogs come with the cutting edge technology behind to give you the best exposure possible on the Internet. With free performance reports, analytics and beyond, your work keeps working for you.

Reputation
No Upgrades or Downgrades on the Innovator yet.
Follow