नाम : विनोद कृष्ण सिंघल
पद : पूर्व पार्षद, लखनऊ
नवप्रवर्तक कोड :
परिचय –
विनोद कृष्ण सिंघल भारतीय जनता पार्टी के एक अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं तथा वह काफी लम्बे अरसे से राजनीति में हैं. वह सन् 1995 से पार्षद के रूप में जनसेवा का कार्य कर रहे हैं. वर्तमान में उनकी पत्नी लखनऊ से क्षेत्रीय पार्षद चुनी गयीं हैं. उनका अपना निजी व्यापार भी है तथा उनका कहना है कि वह राजनीति धन के लिए नहीं बल्कि जनसेवा के लिए करते हैं, क्योंकि जनसेवा का कोई मूल्य नहीं होता. अतः पार्षद के रूप में जनसेवा करते हुए वह अपने कार्यक्षेत्र में आने वाले सभी दायित्वों का बखूबी निर्वहन करते हैं.
राजनीतिक पदार्पण –
विनोद कृष्ण जी के बाबा व पिता राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य रहे हैं. इसी कारण वह बचपन से ही उनके साथ शाखा जाते थे. यहीं से उन्हें राजनीतिक प्रेरणा व अनुशासन सीखने को मिला. राजनीतिक जीवन में वह शुरू से ही भाजपा से जुड़े रहे हैं तथा भाजपा में रहते हुए उन्होंने वार्ड अध्यक्ष, मण्डल अध्यक्ष व स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ अध्यक्ष आदि पदों पर कार्य किया है. उन्होंने सन् 1995 में अपना पहला चुनाव लड़ा तथा इसके बाद जनता के प्यार व समर्थन के कारण वह लगातार चुनाव जीत रहे हैं. 1995 से लेकर अब तक उन्होंने अलग-अलग वार्डों में पार्षद के रूप में कार्य किया है.
सामाजिक सरोकार –
विशेष रूप से समाज के उत्थान की भावना से ओत प्रोत होकर विनोद कृष्ण जी सुबह ही व्यायाम आदि के बाद से जनता के बीच में कार्य करना शुरू कर देते हैं. वह न सिर्फ क्षेत्र के लोगों के लिए कार्य करते हैं बल्कि वहां के लोगों को साथ लेकर भी कार्य करते हैं. जिससे क्षेत्र की जनता भी सभी मुद्दों व उनके समाधान के लिए जागरूक हो सके.
पर्यावरण संरक्षण के प्रति रुझान –
विनोद कृष्ण जी क्षेत्र की स्वच्छता व पर्यावरण संरक्षण के प्रति काफी जागरूक हैं. इसलिए वह प्रतिदिन सुबह अपनी टीम व क्षेत्र की जनता के साथ मिलकर पीपी मॉडल के अंतर्गत पार्कों में विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे लगाने तथा उनकी देखभाल करने का काम करते हैं. जिसके अंतर्गत किचन की वेस्ट व मंदिरों की फूल- पत्ती आदि का खाद के रूप में व गौमूत्र की कीटनाशक के रूप में प्रयोग होता है.
इसके अतिरिक्त गणेश-लक्ष्मी जी की मूर्तियां, जिन्हें लोग दिवाली पर इधर-उधर रखकर चले जाते हैं. वह उन्हें एकत्रित करवाकर मिट्टी उनका ससम्मान विसर्जन करवाते हैं. इस प्रकार के कार्यों के बारे में उनका कहना है कि ऐसे छोटे- छोटे प्रयोग करके हम बड़ी-बड़ी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार –
राष्ट्रीय मुद्दों के बारे में विनोद कृष्ण जी का मानना है कि देश की शिक्षा नीति में बदलाव की आवश्यकता है. बच्चों को सिर्फ किताबी ज्ञान न देकर तकनीकी शिक्षा भी दी जानी चाहिए. इसके अलावा हर बच्चे को बचपन से ही किसानी, लोहारी आदि कलापरक कार्य भी सिखाये जाने चाहिए. उनका कहना है कि यदि बच्चा बचपन से ही यह सब सिखेगा तो उसे कभी भी सामाजिक कार्य करने में संकोच नहीं होगा.
आज युवा बड़े पदों के पीछे दौड़ रहे हैं, जबकि इस वक्त हमारे देश को बड़े अफसरों की नहीं अपितु छोटे-छोटे उद्योगपतियों की आवश्यकता है, जो कुटीर उद्योगों को पुनर्स्थापित कर सके. ताकि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत की जा सके, क्योंकि जब देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा तभी देश सुख व समृद्धि की ओर बढ़ सकेगा.