नाम : विजय मिश्रा
पद : विधायक (भाजपा) ज्ञानपुर
विधानसभा, भदोही (उ.प्र)
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श्री विजय मिश्रा की पहचान पूर्वांचल की राजनीति में दिग्गज नेताओं में की जाती है. इस विधानसभा सीट पर सभी पार्टियों ने अपना हाथ अजमाया है, परन्तु एक बार विजय प्राप्त करने पश्चात दुबारा उन्हें सफलता प्राप्त नही हो पाती थी.

श्री विजय मिश्रा की बात करें तो वह निरंतर चार बार से ज्ञानपुर सीट से विधायक बने हैं. उन्होंने राजनीति की शुरुआत ब्लॉक प्रमुख के पद पर सेवाएं देकर आरम्भ की थी. इसके बाद वह जिला पंचायत अध्यक्ष बने. उनके कार्यों को सराहते हुए जनता ने उन्हें अपने क्षेत्र में विधायक के रूप में चुना.

निषाद पार्टी से पूर्व विजय मिश्रा समाजवादी पार्टी से जुड़कर कार्य कर रहे थे परन्तु उन्होंने राज्यसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के एक उम्मीदवार का समर्थन किया, जिसके चलते समाजवादी पार्टी द्वारा उन्हें निष्काषित कर दिया गया था.

उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक ही रही है. उनकी पत्नी श्रीमती रामलली भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर रह चुकी हैं. वर्तमान में वह मिर्जापुर-सोनभद्र क्षेत्र से एमएलसी पद पर कार्य कर रही हैं.

7 सितम्बर, 1957 को इलाहबाद के (जिसे वर्तमान में प्रयागराज कहा जाता है) खपटिहा ग्राम में जन्में विजय मिश्रा ब्राह्मण परिवार से सम्बन्ध रखते हैं. उन्होंने युवाओं से ही राजनीति के माध्यम से समाज सेवा करने का निश्चय किया था. जिसे विधायक के पद पर रहते हुए आज वह पूरा कर रहे हैं.

निषाद पार्टी से भदोही जिले की ज्ञानपुर सीट से विधायक श्री विजय मिश्रा ने 17वीं विधानसभा में सम्पन्न हुए चुनावों के अंतर्गत मोदी की लहर के चलते भी चौथी बार विधायक पद पर सफलता प्राप्त की है. उन्होंने 20,230 मत प्राप्त कर भारतीय जनता पार्टी के महेंद्र कुमार बिंद को हराया.

इस चुनाव के नतीजों के विजय मिश्रा को 66,448 मत प्राप्त हुए और भारतीय जनता पार्टी से प्रत्याशी महेंद्र कुमार बिंद को 46,218 वोट मिले. श्री विजय मिश्रा को ज्ञानपुर सीट के सबसे दिग्गज नेता के रूप में गिना जाता है. विधायक श्री विजय मिश्रा ने समाजवादी पार्टी से टिकट प्राप्त न होने के चलते निषाद पार्टी से चुनाव लड़ सफलता का परचम लहराया.

वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान विजय मिश्रा ने जेल में रहकर भारी संख्या में मत प्राप्त कर विजय प्राप्त की थी. वह आमजन के मध्य इतने लोकप्रिय हैं कि जनता केवल उन्हें ही अपने क्षेत्र में विधायक के रूप में चुनती है. उन्होंने वर्ष 2012 में बहुजन समाजवादी के प्रत्याशी को हराया था. इस विधानसभा चुनाव के समय विजय मिश्रा की पत्नी व बेटी ने घर-घर जाकर उनके लिए चुनाव का प्रचार किया था.
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