नाम – वीर सेन यादव
पद – सदस्य, प्रदेश कार्यसमिति (सपा), पूर्व जिला पंचायत सदस्य
नवप्रवर्तक कोड –
परिचय –
छात्र जीवन से ही राजनीति की अच्छी समझ रखने वाले वीर सेन यादव समाजवादी पार्टी के अनुभवी नेता हैं. उनका निवास- स्थान व कार्यक्षेत्र कानपुर देहात है तथा उन्होंने जिले में रहकर ही कई राजनीतिक पदों पर कार्य किया है. वह वर्तमान में सपा की प्रदेश कार्यसमिति से सदस्य के रूप में सक्रिय हैं. इसके साथ ही वह सीएसए एग्रीकल्चर बोर्ड के सदस्य भी हैं. वीरसेन जी कुछ वर्षों तक कांग्रेस में भी रहे हैं, किन्तु डॉ. लोहिया की विचारधारा के समर्थक होने के कारण उसी विचारधारा को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से वह समाजवादी पार्टी में शामिल हुए.
राजनीतिक पदार्पण –
विद्यार्थी जीवन से ही सामाजिक क्षेत्र में रूचि रखने वाले वीर सेन जी ने
छात्र जीवन में ही राजनीति में प्रवेश कर लिया था तथा वह कॉलेज के दिनों में नेशनल
स्टूडेंट यूनियन (कानपुर यूनिवर्सिटी) के प्रेसीडेंट थे. इसके बाद वह कांग्रेस
पार्टी के संपर्क में आए तथा सन् 1985 में जिला कांग्रेस कमेटी, कानपुर देहात के
महामंत्री भी रहे.
वहीं छात्र राजनीति के बाद उन्होंने सबसे पहला चुनाव सन् 1988 में ब्लॉक
प्रमुख का लड़ा. इसके बाद उन्होंने लगातार दो बार सन् 1995 व 2000 में जिला पंचायत
सदस्य का चुनाव लड़ा तथा दोनों ही बार भारी बहुमत से जीत दर्ज की. 2007 में वह समाजवादी पार्टी से कानपुर देहात के
जिलाध्यक्ष चुने गए. वहीं वर्तमान में वह प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य के रूप में
पार्टी के प्रचार- प्रसार में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.
सामाजिक अगुआई –
पारिवारिक पृष्ठभूमि सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र से जुड़ी होने के कारण वीर सेन जी के मन में आरम्भ से ही लोगों के लिए कुछ करने की भावना थी. इसके बाद समाज के लोगों की पीड़ा देखकर उन्हें लगा कि यदि दबे- कुचले लोगों को न्याय दिलाना है तथा उनमें सामाजिक चेतना जाग्रत करनी है, तो राजनीति में आना ही होगा. इसी उद्देश्य के साथ उन्होंने राजनीति में आने व चुनाव लड़ने का निर्णय लिया.
स्थानीय मुद्दे –
क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों पर वीर सेन जी का कहना है कि उनका जनपद एक पिछड़ा
जनपद है, जो कि अभी भी पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव
से जूझ रहा है. इसके अलावा क्षेत्र में कृषि की स्थिति भी बेहद खराब है. ट्यूबवेल
की कमी है, नहरों का पानी सूख रहा है. सिंचाई के संसाधनों के अभाव के चलते किसान
काफी परेशान है.
वीरसेन जी के अनुसार उन्होंने कई बार इन मुद्दों को उठाया है तथा उन्हें ऊपर
तक पहुंचाने का कार्य भी किया है. जिसके चलते पिछली सरकारों में इन समस्याओं पर
काफी हद तक कार्य भी किया गया, किन्तु मौजूदा सरकार द्वारा जनता के मुद्दों की
अनदेखी की जा रही है.
प्रमुख कार्य –
दो बार जिला पंचायत सदस्य रह चुके वीर सेन जी के अनुसार, अपने कार्यकाल में उन्होंने
जनता से जुड़े हर मुद्दे पर कार्य करने का प्रयास किया. उनके कार्यकाल के पहले
उनके क्षेत्र (अमरौदा विकास खंड) में महज 6-7 जूनियर हाईस्कूल थे, किन्तु जिला
पंचायत सदस्य बनने के बाद उन्होंने सरकार की सहायता से अपने क्षेत्र में 17 जूनियर
हाईस्कूल व 55 प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना करवायी.
वहीं क्षेत्र में पेयजल की समस्या को जिलाधिकारी तथा प्रदेश सरकार तक पहुंचाया तथा सरकार के माध्यम से क्षेत्र में पानी की टंकी व 250 हैंडपंप लगवाने का कार्य किया. इसके साथ ही किसानों की परेशानी को देखते हुए अपने कार्यकाल में उन्होंने अपने क्षेत्र में 20-25 ट्यूबवेल भी लगवाए थे. इसके अलावा जनता की जो भी समस्याएं उनके सामने आयीं, उन्होंने तत्काल ही उनके समाधान का प्रयास किया.
राष्ट्रीय मुद्दों का अवलोकन –
वीर सेन जी के अनुसार, भारत विभिन्न जातियों, धर्मों, संप्रदायों व
संस्कृतियों की एकता का प्रतीक है. लेकिन हमारे देश में गरीबों और अमीरों के बीच
फैली असमानता हमारा सबसे बड़ा दुर्भाग्य है. वर्तमान में हमारे देश में दोहरी
शिक्षा प्रणाली है अर्थात् गरीब के बच्चे प्राइमरी स्कूलों में पढ़ रहे हैं, जबकि
अमीरों के बच्चों के लिए कॉन्वेंट स्कूल बने हुए हैं. यही हाल स्वास्थ्य प्रणाली
का भी है. जब तक देश की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी असमानता रहेगी तब तक
देश के नागरिकों में समानता स्थापित नहीं की जा सकती.
देश की तरक्की के लिए अन्तिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल
जैसी बुनियादी सुविधाएं पहुंचानी होंगी. वहीं किसानों की बात करें तो सरकार को
गांवों में ज्यादा से ज्यादा कृषि विज्ञान केन्द्र खोलकर किसानों को कृषि, बीजों,
फसलों आदि के बारे में शिक्षा प्रदान करनी चाहिए ताकि उन्हें शिक्षित कर देश की
प्रगति में जोड़ा जा सके. इसके अलावा देश की मूलभूत समस्याओं को जड़ से समाप्त
करना होगा तभी देश का सर्वागींण विकास हो सकेगा.