नाम : तमन्ना खान
पद : विधायक प्रत्याशी, 79 गौड़ा बौराम विधानसभा, दरभंगा
नवप्रवर्तक कोड : 71185821
परिचय :
दरभंगा 79 गौड़ा बौराम विधानसभा के ग्राम बरदाहा पंचायत बौराम प्रखंड गौड़ा बौराम अनुमंडल बिरौल के निवासी तमन्ना खान एक मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं और ग्रामीण परिवेश से जुड़े हुए हैं. इंटर तक शिक्षित तमन्ना खान का रुझान समाज सेवा क्षेत्र की ओर रहा है और जनता की सेवा करने के लिए वह राजनीति से जुडें.
सामाजिक कल्याण से सरोकार :
तमन्ना खान ने समाज की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक परिस्थितियों को बेहद करीब से देखा और अनुभव किया है. उन्होंने अपने अनुभवों के आधार पर देखा कि आज़ादी के इतने वर्षों बाद भी सरकार समाज को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में विफल रही है, आज भी ग्रामों में लोग मौलिक सुविधाओं जैसे यातायात, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
राजनीतिक पदार्पण :
वर्ष 1999 से समाज सेवा से जुड़े तमन्ना खान ने अपने राजनीतिक जीवन का आरंभ करते हुए 2010 में नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) से प्रथम बार चुनावों में शिरकत की. गौरा बौराम विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2015 में संपन्न हुए विधायक चुनावों में गरीब जनता दल पार्टी के जरिये भागीदारी करने वाले तमन्ना खान मानवीय मूल्यों के चलते असहाय लोगों का मदद करना अपना कर्तव्य मानते हैं. शासन प्रणाली का सक्रिय हिस्सा बनने के लिए ही उन्होंने राजनीति का दामन थामा.
क्षेत्रीय मुद्दें :
तमन्ना खान जमीन से जुड़े हुए नेता हैं. एक जनप्रतिनिधि के रूप में वह जनता के बीच हमेशा उपस्थित रहें हैं. उनके अनुसार क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्याओं में सड़क और यातायात की बुनियादी सुविधाओं को सरल बनाने की जरूरत है. साथ ही स्वास्थ सुविधाओं का अभाव दूर होने की भी काफी आवश्यकता है.
गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक सुविधाओं का भी गौरा बौराम विधानसभा में अभाव है, जिस पर कार्य होना चाहिए. तमन्ना खान के अनुसार ऊर्जा की उचित व्यवस्था करना सबसे ज्यादा ज़रूरी है क्योंकि घरेलू उपयोग के साथ साथ आर्थिक विकास के लिए भी बहुत ज़रूरी है.
इसके अतिरिक्त जल की समुचित व्यवस्था ज़रूरी है, ताकि पीने का स्वच्छ पानी मिल सके और जल संचय के
सहारे कृषि कार्य को सुगम बनाने में सफलता मिल सके.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार :
विधायक प्रत्याशी तमन्ना खान के अनुसार वर्तमान समय में समाजिक और धार्मिक सद्भाव का अभाव है, जो राष्ट्र के लिए हितकर नहीं है. इसके साथ ही देश में स्पष्ट आर्थिक नीति का अभाव है, जिसकी समझ अधिकांश जनता में है ही नहीं. आज देश की आर्थिक नीति में पूंजीपतियों पर भरोसा किया जा रहा हैं और आम जनता के क्रिया कलापों के बल पर सरकार विकास चाहती हैं, जबकि देश की सामान्य जनता को भी समान रूप से अपनी योग्यता साबित करने का मौका मिलना चाहिए.
तमन्ना खान राष्ट्रीय मुद्दों के अंतर्गत आगे बताते
हैं कि हाल के दिनों में देखा गया है बिना सुविधाएं उपलब्ध कराए सरकार योजनाओं की
घोषणा कर रही है, जो आगे चलकर विफल
हो रही हैं. उदहारण स्वरुप स्कूलों में ऑन लाइन शिक्षा की बात हो रही हैं, जो शहरों में तो संभव है, पर गांव में कैसे होगी? इस प्रकार देश मे समान शिक्षा कहां हो पाएगी?
इसके अतिरिक्त तमन्ना खान चाहते हैं कि देश में एक समान औद्योगिक नीति होनी चाहिए. हर राज्य में परिवेश के अनुसार उद्योग की स्थापना की जानी चाहिए, ताकि मजदूरों का न्यूनतम पलायन हो सके.
एक अन्य प्रमुख राष्ट्रीय मुद्दें के रूप में तमन्ना
खान राजनीति के स्तर में गिरावट को भी मानते हैं, जिसमें सुधार होना बेहद आवश्यक है.
वैश्विक परिदृश्य पर विचार :
अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भारत के बारे में तमन्ना खान मानते हैं कि भारत श्रम और मेघाशक्ति का धनी देश है, जिसके कारण भारतीय सम्पूर्ण विश्व में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं. ऐसे में विदेश नीति के निर्धारण में इस बात का ध्यान रखना होगा कि प्रजाति (रेस) और धर्म प्रगति की राह में बाधक नहीं बने.
विकास के इस दौर में तकनीक के आदान प्रदान में इस बात पर हमेशा ध्यान देने की
जरूरत है कि भारत पुरानी सभ्यताओं में से एक है, जिसके पास पारंपरिक तकनीकें हैं, जो आज भी सफल है, इसकी भी
मार्केटिंग की जरूरत है. यही कारण है कि कोरोना काल में पूरा विश्व भारत की तरफ
देख रहा है.
इसके साथ साथ तमन्ना खान के अनुसार विदेश नीति के
अंतर्गत पड़ोसी राष्ट के साथ सम्बन्ध विश्व पटल पर प्रभावी साबित होता है, जिसे सरकार को मजबूत बनाने की आवश्यकता है.
भारत में ऐतिहासिक परंपरा के अनुसार उद्योग के साथ
साथ मानवीय मूल्यों की नीति निर्धारण भी होना चाहिए और यही वर्तमान समय की मांग है, जो भारत को वैश्विक पटल पर गौरान्वित कर सकती है.