नाम : सैयद यावर
हुसैन (रेशू )
पद : पार्षद, नेता पार्षद दल (समाजवादी पार्टी), जगदीश चन्द्र बोस, वार्ड-44, लखनऊ
नवप्रवर्तक कोड
:
वेबसाइट - http://syedyawarhussainreshu.in/
लखनऊ के सबसे पुराने पार्षदों में से एक सैयद यावर हुसैन (रेशू ) कर्मठ राजनीतिक नवप्रवर्तक एवं समाजसेवी हैं. उनकी प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ के सेंट फ्रांसिस कॉलेज से सम्पन्न हुई है, साथ ही उन्होंने औपचारिक शिक्षा स्नात्तक तक प्राप्त की. वह मूलरूप से लखनऊ के रहने वाले हैं. साथ ही सुल्तानपुर में कृषि भूमि होने के कारण उनके परिवार का वहां अपना कृषि भूमि का सफल व्यवसाय भी रहा है. आम जनता की समस्याओं पर स्पष्ट एवं पारदर्शी रूप से कार्य करने में कुशल सैयद यावर वर्तमान में समाजवादी पार्टी से लखनऊ नगर निगम से पार्षद के रूप में कार्यरत हैं.
राजनीतिक सफ़र –
पारिवारिक
पृष्ठभूमि व्यवसाय की होने के बावजूद भी सैयद यावर हुसैन युवावस्था से ही जन हित से सरोकार
रखने लगे थे. स्थानीय जनता के भारी समर्थन ने उन्हें नगर महापालिका से सभासद का
चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया, जिस कारण वर्ष 1989 में उन्होंने सर्वप्रथम सभासद का चुनाव लड़कर जीत हासिल की.
वर्ष 1993 में समाजवादी पार्टी की ओर से उन्हें चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया गया, परन्तु उस समय बाबरी मस्जिद व राम मंदिर मुद्दा ज्वलंत था, जिस कारण उन्होंने किसी भी दल में शामिल होना सही नहीं समझा. इसी कारण वे 1995 में निर्दलीय चुनावों में भागीदार रहे.
वर्ष 1995 में चुनावों में हारने के बाद भी वह हाई कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी के माध्यम से क्षेत्र में विकास कार्य व जनसेवा करते रहे. वर्ष 2000 के चुनावों में समाजवादी पार्टी से पार्षद का चुनाव लड़कर वे विजयी रहे. वर्ष 2007 में भी वे समाजवादी पार्टी से ही चुनावों में खड़े हुए. 2012 में समाजवादी पार्टी द्वारा कोई भी प्रत्याशी खड़ा न करने के कारण उन्होंने पुन: निर्दलीय चुनाव जीतकर भाजपा को हराया. वर्ष 2017 में समाजवादी पार्टी से उन्होंने पार्षदी का चुनाव लड़ा तथा पुनः भाजपा को हराते हुए वह इस चुनाव में भी विजयी रहे.
सामाजिक अगुवाई –
आर्थिक रूप से संपन्न परिवार से संबंधित सैयद यावर हुसैन हालांकि व्यवसाय से जुड़े रहे है और एक सफल कंपनी के संचालक भी रहे है, तथापि समाज के निर्माण के कार्य करना उनका प्रमुख ध्येय रहा है. उन्होंने सदैव क्षेत्र के पिछड़े गली- मुहल्लों को ध्यान में रखकर कार्य किया है. उनका उद्देश्य रहा है कि समाज में हाशिये पर खड़े लोगों को आगे लाकर कार्य किया जा सके.
वह धार्मिक
और सांप्रदायिक अंतर को दूर रखते हुए सभी वर्गों के लिए समानतापूर्वक विकास कार्य
करने की विचारधारा के चलते जनता में काफी लोकप्रिय हैं.
सम्पन्न विकास
कार्य –
बेहद ईमानदारी
और साफगोई के साथ पार्षद के कार्यक्षेत्र की जिम्मेदारी का वहन करते हुए उन्होंने अपने कार्यकाल में बहुत से विकास कार्यों को परिपूर्ण करवाया है. उन्होंने
तकरीबन 3 किमी के क्षेत्र में सीवर लाइन की व्यवस्था करवाई, साथ ही पेयजल की
उपलब्धता के लिए भी प्रयास किये.
लालबाग पानी का स्टोरेज टैंक, जो ऐशबाग से भरा जाता है, उसकी क्षमता कम होने के कारण रेशू जी ने बोरेवेल
की व्यवस्था करवाई, जिससे क्षेत्रवासियों को सुबह- शाम सुगमता से पानी मिल सके.
साथ ही क्षेत्र में करीब 40 समय सेविल पम्प भी उनके द्वारा लगवाए गये.
मछली मंडी, कुक्स कंपाउंड, खंधारी बाजार आदि इलाकों में मेन बोरिंग करवाकर उनके द्वारा उन्हें
मेन लाइन से जोड़ा गया, ताकि साफ़ और स्वच्छ जल की व्यवस्था जनता के लिए हो सके. लाल
बाग़ में वाल्मीकि मार्ग के एक अंडरग्राउंड नाले को ओपन ड्रेनेज में परिवर्तित
करवाया, जिससे उसकी साफ- सफाई उचित प्रकार से हो सके. साथ ही उनका प्रयास रहता है
कि बरसात से पहले सभी वार्डों के नालों की सफाई सही प्रकार से हो सके, जिससे जल
निकासी की समस्या न हो.
लखनऊ के लाल बाग़ पार्क के कायाकल्प में भी उन्होंने सराहनीय कार्य किया, जिससे आज यह लखनऊ के सबसे व्यवस्थित एवं साफ़ सुथरे पार्कों में अग्रणी है. सौन्दर्यकरण प्रतियोगिताओं में हर वर्ष इस पार्क को पुरस्कृत भी किया जाता है.
इन सभी के अतिरिक्त वह वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन, समाजवादी पेंशन, आवास- योजना के अंतर्गत आवास भी मुहैया करवाने में जनता की
सहायता करते रहते हैं और क्षेत्र की स्वच्छता के लिए बहुत सी योजनाओं से जुड़े रहते
हैं.
नीतिगत परिवर्तन
की मांग –
सैयद यावर हुसैन के अनुसार वर्तमान में जनसंख्या बढ़ने के कारण संसाधनों पर भी दबाव बढ़ा है, जिसके परिणाम हर क्षेत्र में देखने को मिल रहे हैं. नगर निगम भी निश्चित रूप से इस दबाव को झेल रही है, जिस पर सरकारी लापरवाही के कारण हालात और अधिक बदतर हो जाते हैं. उनके अनुसार आज नगर निगम में सफाईकर्मियों के कई पद खाली पड़े हैं, फंड आबंटन में भी खामियां हैं, जिससे नगर निगम की कार्यक्षमता प्रभावित होती है.
यदि 74वां संशोधन
लागू हो जाए तो नगर महापालिका को अधिक आय होनी प्रारम्भ हो जाएगी, ऐसा रेशू जी का
मानना है. उनके अनुसार विकास कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए नगर महापालिका के अंतर्गत संसाधनों को बढ़ाने की आवश्यकता वर्तमान समय की मांग है.
राष्ट्रीय
मुद्दों पर राय -
वर्तमान भारत में देश के वास्तविक विकास को वह सबसे बड़ा मुद्दा मानकर चलते हैं. उनका कहना है कि विकास कार्य जातिवाद, मज़हब, मिथकों और सामाजिक कुरीतियों को परे रखकर किये जाने चाहिए. जनता की छोटी छोटी जरूरतों को समझकर सरकार को नीतियों का निर्माण करना चाहिए.
इसके अतिरिक्त वे पानी की महत्ता पर भी प्रकाश डालते हुए कहते हैं कि यदि समय रहते देशवासियों ने जल की कीमत को नहीं समझा, तो भविष्य यक़ीनन खतरे में होगा. प्रकृति का लगातार दोहन आज चिंता का विषय है, जिस पर रेशू जी कहते हैं कि आज शहरों में भूजल का स्तर लगातार गिर रहा है और इसके परिणामस्वरुप भावी पीढ़ी के लिए संकट उत्पन्न हो गया है. उनका मानना है कि प्रकृति की रक्षा से ही हम देश के भविष्य की रक्षा कर सकते हैं.