नाम : सुशील कुमार
पद : पार्षद (कांग्रेस) सिविल लाइन प्रथम, वार्ड-13, प्रयागराज
नवप्रवर्तक कोड : 71184275
परिचय
सुशील कुमार प्रयागराज के
सिविल लाइन्स प्रथम वार्ड-13 से पार्षद के रूप में कांग्रेस पार्टी के बैनर तले
कार्यरत हैं. उन्होंने इंटरमिडिएट तक शिक्षा प्राप्त की है. राजनीतिक क्षेत्र के
साथ-साथ वह जनकल्याण के कार्यों में भी संलग्न रहते हैं.
राजनीतिक पर्दापण
सामाजिक हित से जुड़े
कार्यों को करने के ध्येय से कांग्रेस से जुड़े सुशील कुमार विगत 10-15 वर्षों से
जनसेवा में सक्रिय हैं. उन्होंने जनता की समस्याओं को दूर करने के लिए ही राजनीतिक
क्षेत्र चुना और यहीं से अपने राजनीतिक सफ़र की शुरुआत भी की. एक युवा नेता के रूप
में स्थानीय निवासियों ने उनके प्रयासों की सराहना करते हुए भारी मतों से उन्हें
विजय प्राप्त कराई.
सामाजिक अगुवाई
एक मध्यमवर्गीय परिवार से
सम्बंध रखने वाले सुशील कुमार ने कभी नौकरी करने का प्रयास नही किया क्योंकि उनका
मानना था, कि आज जिस प्रकार बेरोजगारी की समस्या से आमजन
को जूझना पड़ रहा है, ऐसी स्थिति में नौकरी मिलना बेहद मुश्किल है.
इसीलिए उन्होंने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को दूर करने के ध्येय से राजनीति
में प्रवेश किया.
प्रमुख क्षेत्रीय मुद्दें
स्थानीय समस्याओं में
सुशील कुमार सबसे बड़ी समस्या अपने क्षेत्र में पेयजल व सीवर की व्यवस्था न होना
मानते हैं. उनका कहना है कि क्षेत्र के स्मार्ट सिटी में आने के कारण केवल सड़कों व
नालियों पर ध्यान दिया जा रहा है,
जबकि काफी सारे इलाकों
में पेयजल की व्यवस्था नही है. सरकार ने पेयजल के लिए नल की खुदाई कराई पर उसे मेन
पाइप से कनेक्ट नही कराया गया. इसी करण अभी तक यह समस्या जस की तस बनी हुई
है.
संपन्न विकास कार्य
सुशील कुमार के अनुसार
उन्होंने अपने वार्ड में सभी गलियों व सड़कों में इंटरलॉकिंग करा दी है, साथ ही मार्ग प्रकाश की बेहतर व्यवस्था कराने के लिए लाइट्स लगवाई हैं.
उन्होंने सीवर लाइन का कार्य भी कुछ इलाकों में कराया है. इसके अतिरिक्त अभी भी
विकास कार्य क्षेत्र में किए जा रहे हैं.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारधारा
उनके अनुसार वर्तमान समय
में बेरोजगारी देश का अहम मुद्दा है, जिस पर सरकार को ध्यान
देने की आवश्यकता है. सुशील कुमार का कहना है कि क्षेत्र हर वर्ग के लोग निवास
करते है, जिनमें अमीर-गरीब आदि शामिल है.
कुछ लोग व्यवसाय व नौकरी
कर अपना जीवनयापन कर लेते हैं, तो कुछ ठेले लगा कर अपना गुजर बसर करते हैं, परन्तु स्मार्ट सिटी का प्रोजेक्ट लागू होने के बाद से ठेले वालों को हटा दिया
गया है. उनके पास रोजगार का भी कोई साधन नही है, इसीलिए सरकार को हर वर्ग
के लोगों के बारे में सोच कर निर्णय लेने चाहिए.