नाम : सुनील कनौजिया
पद : पार्षद (निर्दलीय) वार्ड-14, सब्जीमंडी किदवई नगर, कानपुर
नवप्रवर्तक कोड़ : 71183646
परिचय
समाज सेवा के जज्बे के साथ व स्वयं विकट परिस्थितियों के बीच जीवनयापन करते
हुए लोगों की समस्याओं को दूर करने के दृढ़ निश्चय के साथ राजनीति में प्रवेश करने
वाले सुनील कनौजिया जी कानपुर नगर में कांग्रेस पार्टी के जाने माने नेता व
कार्यकर्ता हैं. उन्होंने छात्र जीवन से ही कांग्रेस पार्टी की नीतियों व
कार्यशैली से प्रेरित होकर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की तथा राजनीति के माध्यम से
समाज के विकास में अपना योगदान अंकित करने का निर्णय लिया.
कानपुर के क्षेत्र सब्ज़ीमंडी किदवई नगर के विकास व क्षेत्र की वर्तमान स्थिति
में सुधार लाना ही उनका राजनीति मार्ग को चयन करने का मुख्य उद्देश्य रहा है. वर्तमान
में वह वार्ड 14, किदवई नगर से निर्दलीय पार्षद
के पद पर कार्यरत हैं और वार्ड की मुख्य समस्याओं से स्थानीय निवासियों को निज़ात
दिलाने की दिशा में प्रयासरत हैं.
राजनीतिक पर्दापण
बाल्यकाल से ही राजनीति से जुड़ कर सामजिक कार्य करने की ललक ने सुनील जी को इस
क्षेत्र की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया. छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत करते
हुए उन्होंने सर्वप्रथम निर्दलीय पार्षद बनकर क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्य
संपन्न किए. इसके पश्चात वह युवक कांग्रेस
अनुसूचित जाति के अध्यक्ष पद पर रहें. तत्पश्चात उन्होंने शहर कांग्रेस कमेटी में
सचिव पद पर भी अपना कार्यभार संभाला.
वर्ष 2017 में उन्हें सामान्य सीट होने के कारण टिकट प्राप्त नहीं हो पाई
परन्तु उनकी कार्यकुशलता व प्रयासों को देखते हुए लोगों ने उन्हें निर्दलीय पार्षद
के रूप में सफलता प्राप्त कराई और वर्तमान में वह पार्षद के पद पर अपने कर्तव्यों का
निर्वहन कर रहें हैं.
सामाजिक अगुवाई
राजनीति को जनकल्याण के कार्यों में अग्रसर होने का माध्यम समझ कर सुनील जी
विकास के सभी कार्यों में अग्रसर रहते हैं. उनके अनुसार क्षेत्र में बहुत सारी
समस्याएं है, इस दृष्टिकोण से किसी को तो आगे बढ़ कर क्षेत्र के विकास के लिए कार्य
करना होगा.
प्रमुख क्षेत्रीय मुद्दें –
सुनील जी के अनुसार सीवर व पेयजल की व्यवस्था न होना क्षेत्र की प्रमुख
समस्याओं में से एक है. जिनसे आमजन को निज़ात दिलाने के लिए वह प्रयासरत हैं. उनके
अनुसार स्थानीय लोगों को पेयजल समय से उपलब्ध नही हो पाता, जिसके कारण उन्हें पानी
भरने के लिए दूर-दूर जाना पड़ता है. पेयजल जैसी मौलिक अवश्यकता पूरी न होना किसी भी
क्षेत्र के विकास में मुख्य रूप से बाधा उत्पन्न करती है. इसीलिए इन आवश्यकताओं को
समय के साथ अपनी जिम्मेदारी समझ कर पूरा करना चाहिए.
इसके अतिरिक्त क्षेत्र की सड़कों की स्थिति भी खराब है. सड़कों पर गड्ढे होने के
कारण उनमें जलभराव की समस्या उत्पन्न होती है, जिससे आमजन को परेशानियों से जूझना
पड़ता है. इसलिए इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखकर कार्य होना बेहद आवश्यक है.
संपन्न विकास कार्य
सुनील जी ने अपने पार्षदीय कार्यकाल के दौरान क्षेत्रीय विकास कार्यों में लगभग
30 टूटी सड़कों के नवीनीकरण का कार्य कराया और इसके साथ ही उन्होंने मैन रोड की भी
स्थिति ठीक कराने में अपना योगदान दिया. उनका मानना है कि क्षेत्रीय विकास का कोई
भी कार्य पूर्ण किए बिना अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए. समय से पूरे होते कार्य क्षेत्र
को प्रगति की ओर अग्रसर करने में सहायक होते हैं.
इसके अतिरिक्त सुनील जी ने क्षेत्रवासियों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए
हैंडपंप भी लगवाए और अभी भी काफी स्थानों पर हैंडपंप लगवाने का कार्य चल रहा है.
उनके प्रयासों से यथाशीघ्र ही आमजन की पेयजल संबंधित समस्याएं समाप्त होंगी.
इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्र में सीवर की समस्या से लोगों को निज़ात दिलाई और
अब क्षेत्र के सीवर कार्यों को लगभग 90% तक पूर्ण किया जा चुका है. उन्होंने अपने
प्रयासों व परिश्रम से तक़रीबन 1000 मीटर तक नई सीवर लाइन डलवाई और 6 वर्षों से बंद
पड़ी 3000 मीटर तक की सीवर लाइन की सफाई कराई. इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्र में
प्रकाश मार्ग की व्यवस्था सुचारू रूप से करायी.
विकास कार्यों में बाधाएं
सुनील जी का मानना है कि पार्षद पद की अपनी कुछ सीमाएं होती हैं, जिसके कारण वह स्वतंत्र रूप से क्षेत्रीय विकास कार्य
पूर्ण कर पाने में सक्षम नही होता. यह अपने आप में ही सबसे बड़ी बाधा है कि उन्हें
बहुत से विकास कार्य बड़े अधिकारियों व विधायक के निर्देशन से करने पड़ते हैं. उनके
अनुसार एक पार्षद अपने क्षेत्र की समस्याओं से भली प्रकार परिचित होता है तो उनके
लिए भी कुछ योजनायें ऐसी बनानी चाहिए जिससे वह स्वतंत्र रूप से कार्य कर अपने
क्षेत्र को विकास के मार्ग की ओर अग्रसर कर सकें.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारधारा
सुनील जी के अनुसार बेरोजगारी वर्तमान समय में देश की सबसे प्रमुख समस्या है. देश में व्याप्त बेरोजगारी की समस्या से हमारे देश के नौजवानों को रोजगार के लिए विदेशों में पलायन करना पड़ता है तो निश्चित रूप से यह समस्या देश के विकास में सबसे बड़ी बाधा है.