नाम – सुभाष सुधा
पद – विधायक, थानेसर
विधानसभा, कुरुक्षेत्र (हरियाणा)
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महाभारत की धरती
कुरुक्षेत्र के अंचल में बसा थानेसर कभी महाराजा हर्षवर्धन की राजधानी हुआ करता था, कभी "स्थाणीश्वर" के नाम से चर्चित इस शहर पर वर्धन वंश के प्रथम
शासक और राजा हर्षवर्धन के पिता राजा प्रभाकरवर्धन ने शासन किया.
हरियाणा के
कुरुक्षेत्र लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आने वाला थानेसर विधानसभा क्षेत्र बेहद
चर्चित टूरिस्ट स्पॉट हैं, जहां दूर दराज से पर्यटक भ्रमण के लिए आते हैं.
इसी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं श्री सुभाष सुधा, जो वर्ष 2019 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के तौर
पर यहां चुनावों में उतरें और जीत हासिल की.
गौरतलब है कि
वर्ष 1950 तक थानेसर को एक गांव के तौर पर जाना जाता था और यहाँ सर्वप्रथम
विधानसभा चुनाव वर्ष 1967 में हुआ. तब से अब तक यहां 12 बार चुनाव हो चुके हैं और
हर बार सत्ता अलग अलग पार्टियों के हाथों में जाती रही है. अक्टूबर, 2019 में हुए चुनावों में यहां की जनता ने भाजपा प्रत्याशी सुभाष सिंह को विजय
दिलाई और उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार अशोक कुमार अरोड़ा को 842 वोटों से हराकर
थानेसर में विधायक पद की जिम्मेदारी संभाली.
मूल रूप से
थानेसर के ही निवासी सुभाष सुधा ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री
प्राप्त की है और साथ ही उनका अपना व्यवसाय भी है. थानेसर में हुए विधानसभा
चुनावों के दौरान वह काफी चर्चा में रहे थे क्योंकि उनकी पार्टी के ही कुछ सदस्यों
ने उन्हें टिकट देने के खिलाफ नाराजगी जताई थी और उनके विकास कार्यों को लेकर
निशाना साधते हुए चार पन्नों का एक पत्र भाजपा आलाकमान को सौंपा था, किन्तु इन सबके बावजूद भी सुभाष सुधा न केवल थानेसर से विजयी हुए अपितु आज भी
वह इस क्षेत्र के विकास कार्यों में संलग्न हैं.
वर्ष 2014 के
हरियाणा विधानसभा चुनावों में भी सुभाष सुधा ने इनेलो प्रत्याशी को लगभग 19.91
प्रतिशत के अंतर से हराया था और वर्तमान में भी इस सीट पर सेवाएं देते हुए वह
थानेसर विधानसभा क्षेत्र के विकास की रुपरेखा बनाते हुए वहां मौलिक सुविधाओं जैसे
बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा व्यवस्था विकास, स्वच्छता, ऐतिहासिक स्मारकों की देखरेख आदि पर योजनाबद्ध
रूप से विकास कार्य कर रहे हैं.