नाम – सिकन्दर अली
पद – कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता, लखनऊ
नवप्रवर्तक कोड – 71183557
परिचय –
व्यापार से समाजसेवा और समाजसेवा से राजनीति की दिशा में कदम रखने वाले सिकन्दर अली भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक कर्तव्यनिष्ठ व समर्पित कार्यकर्ता हैं. सिकन्दर अली मूलरूप से लखनऊ के ही रहने वाले हैं तथा उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया है.
अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद वह व्यापार करने लगे, किन्तु जब व्यापार से उन्होंने अपनी मूलभूत जरूरतों को पूरा कर लिया, उसके बाद आमजनमानस के लिए कुछ करने के उद्देश्य से वह सामाजिक जीवन में सक्रिय हुए तथा इसी प्रकार जनसेवा करते हुए उन्होंने राजनीति में कदम रखा.
राजनीतिक पदार्पण –
व्यापार करते हुए ही सिकन्दर अली ने सन् 2012-13 में गरीब व मजदूरों की
सहायता करने के लिए सिकन्दर अली जनहित सेवा नामक संस्था की स्थापना की. यहीं से
उनके मन में अभावग्रस्त लोगों के लिए सहानुभूति के साथ ही उन्हें उनका अधिकार व
न्याय दिलाने की भावना जाग्रत हुई और उन्होंने राजनीति में आने का निर्णय लिया.
वहीं सिकन्दर अली शुरू से ही कांग्रेस की विचारधारा से काफी प्रभावित थे तथा 20 अक्टूबर 2016 को रीता बहुगुणा जोशी के कांग्रेस को छोड़ने की खबर आने के बाद वह उसी दिन इस पार्टी में शामिल हुए.
कांग्रेस से जुड़ने का कारण-
भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी से जुड़ने के पीछे का कारण सिकन्दर अली पार्टी की नीतियों, सोच, विचारधारा व इसके नेताओं को बताते हैं. उनका कहना है कि कांग्रेस किसी विशेष जाति व धर्म वालों की पार्टी नहीं है, बल्कि यह पूरे हिन्दुस्तान की पार्टी है, जिसने हमेशा से राष्ट्रहित में कार्य किया है और आगे भी करती रहेगी.
उनका मानना है कि कांग्रेस नफरत तथा घृणा से परे एक ऐसी पार्टी है, जो प्यार से लोगों को जीतना जानती है. यही कारण था कि वह इस पार्टी में शामिल हुए तथा वर्तमान में उनका उद्देश्य पार्टी की विचारधारा से लोगों को जोड़ना तथा इसे आगे बढ़ाना है. सिकन्दर अली का कहना है कि वह बिना किसी पदमोह के लिए पार्टी के लिए कार्य करते आए हैं तथा भविष्य में भी पार्टी के लिए दिन- रात खड़े रहेंगे.
प्रमुख क्षेत्रीय मुद्दें –
लखनऊ के प्रमुख मुद्दों पर सिकन्दर अली का मानना है कि शहर में बेरोजगारी का स्तर लगातार बढ़ रहा है, अस्तपालों में बेड कम है, मरीज ज्यादा हैं, शहर के कई इलाकों की सड़कें आज भी बदहाल हैं, वहीं लोग अभी भी बिजली, पानी जैसी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं.
इन समस्याओं के निदान के लिए किसी को तो आगे आना होगा, इसी के चलते वह यहां से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. वहीं सिकन्दर अली का मानना है कि लोगों को सिर्फ ऐसा नेता नहीं चुनना चाहिए जिसे वह जानते हों, बल्कि उन्हें ऐसा नेता चुनना चाहिए, जो उन्हें भी जानता हो.
भावी उद्देश्य –
सिकन्दर अली का जन्म लखनऊ में ही हुआ है तथा वह यहीं पले- बढ़े हैं. उनका इस शहर से खासा जुड़ाव होने के साथ ही वह यहां की आधारभूत समस्याओं से काफी करीब से परिचित हैं. यही वजह है कि वह भविष्य में लखनऊ से चुनाव लड़ना चाहते हैं. सिकन्दर अली का मानना है कि चुनाव प्रत्यक्ष रूप से जनता से जुड़ने का माध्यम हैं. वहीं चुनावों से ही प्रशासन व सरकार के सहयोग से जनता की सेवा कर पाना संभव है.