नाम - श्यामलाल जोकचंद्र
पद - महामंत्री (मध्य प्रदेश काँग्रेस कमेटी), काँग्रेस प्रत्याशी, (2008-13) मल्हारगढ़ विधानसभा क्षेत्र, मंदसौर
नवप्रर्वतक कोड- 71188613
परिचय -
मल्हारगढ़ विधानसभा क्षेत्र 225 से राजनीतिक एवं सामाजिक तौर पर सक्रिय श्यामलाल जोकचंद्र वर्ष 2008-13 के समय अंतराल में काँग्रेस पार्टी से प्रत्याशी रहे हैं और हाशिये पर खड़ी जनता के मुद्दों को उजागर करने के लिए क्षेत्र में जाने जाते हैं। मंदसौर जिले में स्थित मल्हारगढ़ तहसील के काचरिया, चंद्रावत गांव के एक साधारण किसान परिवार से आने वाले श्यामलाल जोकचंद्र की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक रही है और इनके पिताजी एवं दादाजी भी काँग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता रहे हैं।
वर्तमान में मध्य प्रदेश काँग्रेस कमेटी के महामंत्री पद पर सेवाएं दे रहे श्यामलाल जोकचंद्र संगठन को मजबूती देने के क्रम में निरंतर प्रयासरत हैं। मल्हारगढ़ विस क्षेत्र में रोजगार के विभिन्न अवसर उत्पन्न करते हुए वह समाज से बेरोजगारी को दूर करने में अहम भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं और युवाओं को नई दिशा देने का प्रयास कर रहे हैं।
छात्र जीवन से ही शोषितों, पीड़ितों, किसानों, मजदूर वर्ग, गरीबों, दलितों इत्यादि अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों की आवाज बनकर संघर्ष कर रहे श्यामलाल जोकचंद्र काँग्रेस पार्टी से दो बार विधानसभा चुनावों में शिरकत कर चुके हैं और दोनों बार वह मात्र कुछ वोटों से पीछे रह गए। मल्हारगढ़ विधानसभा क्षेत्र में श्यामलाल जोकचंद्र की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां से उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे, मसलन मंदसौर किसान आंदोलन 2017 आदि, राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रहे।
राजनीति में आगमन -
राजनीति में श्यामलाल जोकचंद्र का प्रवेश काँग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता के तौर पर हुआ था, जिसके बाद उनकी कुशलता को देखते हुए पार्टी ने उन्हें युवा काँग्रेस के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया। इसके उपरांत उन्होंने 2005 में जनपद पंचायत के चुनावों में भागीदारी ली और जीत हासिल की। इसके बाद पार्टी में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं देते हुए वह वर्तमान में मध्य प्रदेश काँग्रेस कमेटी के महामंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
हालांकि राजनीति में औपचारिक प्रवेश से पहले भी वह अपने "सुभाषचंद्र संगठन" के माध्यम से शोषित व वंचित वर्ग की लड़ाई लड़ते रहे हैं। संगठन के अंतर्गत उन्होंने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हुए बहुत से आंदोलन, धरना-प्रदर्शन, थाने-तहसील-कलेक्टर-पंचायत आदि का घेराव किया और आश्चर्यजनक रूप से उन्हें हर आंदोलन में सफलता भी मिली। वह अब तक अन्याय-अनाचार के खिलाफ संघर्ष करते हुए लगभग 400-500 आंदोलनों का हिस्सा बन चुके हैं।
किसानों के अधिकारों के लिए कार्य करते हुए श्यामलाल जोकचन्द्र ने अपने विधानसभा क्षेत्र में अधिग्रहण कर ली गई एक नदी (जो साढ़े तीन किलोमीटर लंबी, 30 फुट गहरी और 150 चौड़ी हुआ करती थी) की खुदाई स्वयं अपने खर्चे से करवाई ताकि किसानों को इससे लाभ मिल सके। इसके अतिरिक्त क्षेत्र में जब ठेकेदार किसानों के अधिकारों का गबन कर गए थे, तब उन्होंने प्रशासन की मौजूदगी में डेढ़ महीने धरना-प्रदर्शन करते हुए किसानों को एक करोड़, 70 लाख रुपये का मुआवजा दिलाया।
श्यामलाल जोकचंद्र ने पहली बार 2008 के विधानसभा चुनावों में उतरे थे, जिसमें वह मात्र 3600 वोटों से पीछे रह गए, दूसरी बार 2013 के विधानसभा चुनावों में भी वह रनरअप रहे। 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में उनके पास अपार जनसमर्थन था लेकिन पार्टी ने किसी अन्य प्रत्याशी को टिकट सौंप दिया। लेकिन इसके बावजूद भी श्यामलाल जोकचंद्र हताश होकर नहीं बैठे और सदैव की भांति जन समस्याओं को उठाते रहे और उनका यह सेवाभाव आज भी निरंतर जारी है।
काँग्रेस संगठन को मजबूती देने के क्रम में वर्ष 2012 में उन्होंने मल्हारगढ़ विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक गांव में 45 दिनों तक अपने सहयोगियों के साथ साइकिल यात्रा की थी, इस दौरान उन्होंने रात्रि विश्राम भी गांवों में ही किया। पार्टी के प्रति संकल्पित रहते हुए उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर समस्त मंदसौर संसदीय क्षेत्र में पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन के साथ मिलकर पैदल यात्राएं की।
चुनावों में शिरकत के साथ साथ उन्होंने किसानों, गरीबों, छात्रों के बहुत से मुद्दों पर आंदोलन किए और गरीब-मजलूमों की आवाज बनें। पद और धन के दुरुपयोग से शोषितों, गरीबों और वंचितों के अधिकारों का हनन करने वाले बाहुबलियों के खिलाफ उन्होंने हमेशा आवाज बुलंद की, चाहे वह किसानों को फसल बीमा दिलाने के लिए धरना-प्रदर्शन हो, 2017 का बहुचर्चित मंदसौर किसान आंदोलन हो, अफ़ीम फसल के सरकारी दखलंदाज़ी के खिलाफ आवाज उठाना हो, जल सत्याग्रह हो या गरीब किसानों के जमीन आबंटन प्रक्रिया में हो रही धांधली के खिलाफ आंदोलन करना हो, श्यामलाल जोकचंद्र हमेशा अन्याय के खिलाफ खड़े रहे हैं और आज भी अत्याचार के खिलाफ उनका आंदोलन जारी है।
भावी विज़न -
श्यामलाल जोकचंद्र राष्ट्र सेवा के लिए संकल्पित रहे महापुरुषों, महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, राजीव गांधी आदि को अपना आदर्श मानते हैं और उन्होंने बचपन से संतों-महापुरुषों की जीवनी को आत्मसात किया है। उन्हीं के पदचिन्हों पर चलते हुए श्यामलाल जोकचंद्र आगे बढ़े और गरीब-मजलूमों की आवाज बनना तय किया लेकिन इस दौरान उन्होंने महसूस किया कि यदि आपके पास कोई पद या पावर नहीं है तो आपकी आवाज दबा दी जाती है। प्रशासनिक अधिकारी, शासन वर्ग आमजन की समस्याओं को अनसुना कर देते हैं, इसी के लिए उन्होंने अपने संगठन को मजबूत करते हुए शांतिपूर्ण आंदोलन करने का निर्णय लिया।
महात्मा गांधी के सिद्धांतों को वर्तमान समय में प्रासंगिक मनाने वाले श्यामलाल जोकचंद्र कहते हैं कि आज भी हम यदि बापू के विचारों पर चले तो बड़ी से बड़ी समस्या को सुलझाया जा सकता है। राजनीति में उनका विजन एक समतामूलक, शोषणविहीन समाज की स्थापना करना, देश के किसान और गरीब को मजबूत करना और अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों को को न्याय दिलाते हुए उनका विकास करना है।
राजनीति में आगे बढ़ते हुए वह भविष्य में पहले मल्हारगढ़ विधानसभा का विकास और फिर राष्ट्र की प्रगति होते देखना चाहते हैं और इसी मार्ग पर वह कदम बढ़ा रहे हैं। इसी मिशन को पूरा करने के लिए उन्होंने काँग्रेस पार्टी को चुना है क्योंकि श्यामलाल जोकचंद्र का मानना है कि काँग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है जो देश के सभी वर्गों के समान विकास का मुद्दा रखती है और एकजुट होकर चलती है।
स्थानीय समस्याएं/विशेषताएं -
मल्हारगढ़ विधानसभा से जुड़े मुख्य मुद्दों के बारे में चर्चा करते हुए श्यामलाल जोकचंद्र कहते हैं कि इस क्षेत्र को अफ़ीम की खेती के लिए जाना जाता है लेकिन इससे जुड़ी बहुत सी समस्याएं हैं, जिनपर अब तक आए प्रतिनिधियों ने कभी काम नहीं किया है। कृषि बहुल इस क्षेत्र में किसानों के सामने पानी की बहुत किल्लत है।
श्यामलाल जोकचंद्र कहते हैं कि चंबल नदी और गांधी सागर बांध के नजदीक होने के बावजूद भी यहां किसानों को सिंचाई के लिए उपयुक्त जल नहीं मिल पाता, जिसका बड़ा असर फसलों और फिर किसानों के रोजगार पर पड़ता है।
इसके अतिरिक्त क्षेत्र में स्वास्थ्य व शिक्षा सुविधाओं का भी अभाव है। स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए भी स्थानीय निवासियों को संघर्ष करना पड़ता है, जो क्षेत्र का पिछड़ापन दर्शाता है। श्यामलाल जोकचंद्र के अनुसार यदि उन्हें इस क्षेत्र की कमान मिलेगी तो वह निश्चित रूप से योजनाबद्ध तरीके से क्षेत्र का विकास करेंगे।