नाम – शिवशंकर चौहान
पद - पूर्व विधायक, बांसडीह विधानसभा, बरेली (उत्तर प्रदेश)
नवप्रवर्तक कोड - 71187457
लंबे समय से समाज और राजनीति के प्रति समर्पित रहकर जनसेवा के क्रम में जुटे शिवशंकर चौहान बांसडीह विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक रह चुके हैं और उन्होंने आजीवन बांसडीह की जनता के विकास के लिए कार्य किया है। वर्ष 2012 में विधायकी के चुनाव में अपार जनसमर्थन प्राप्त करने वाले शिवशंकर चौहान अपने लोकहित से जुड़े अनुभवों के चलते बांसडीह की जनता के मध्य काफी लोकप्रिय हैं और वर्तमान में बिना किसी राजनीतिक पद-प्रतिष्ठा के भी वह समाज की सेवा में नि:स्वार्थ भाव से लगे हुए हैं।
जीवन परिचय –
तकरीबन 20 वर्ष पहले राजनीति में कदम रखने वाले शिवशंकर चौहान बलिया जनपद के रजौरी ग्राम में एक साधारण किसान परिवार में जन्में और बहुत सी मुश्किलों का सामना करते हुए शिक्षा प्राप्त की।
शिवशंकर चौहान के पिताजी 32 वर्ष की आयु में जनसेवा के उद्देश्य से ग्राम प्रधान के चुनाव में उतरे थे और प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भी जनता ने उन्हें समर्थन देते हुए ग्रामसभा का प्रधान नियुक्त किया। कार्यकाल के मात्र डेढ़ वर्ष के बाद ही उनका निधन हो जाने से माताजी और तीन छोटी बहनों की जिम्मेदारी शिवशंकर चौहान के कंधों पर आ गई।

समाज सेवा सर्वोपरि –
युवावस्था में ही राजनीति में कदम रखते हुए शिवशंकर चौहान ने अपना सारा जीवन समाज और राजनीति को समर्पित कर रखा है। वह जीवन में समाज सेवा को सर्वोपरि रखकर चलते हैं और अपने पिताजी की भांति जनसेवा की भावना के चलते बिना घर-परिवार व जान की परवाह करते हुए समाज के लिए कार्य करते हैं।

समाजसेवा के माध्यम से राजनीति की दशा और दिशा में परिवर्तन लाने व समाज की स्थिति में सुधार करने के उद्देश्य ने उन्होंने इस क्षेत्र में कदम रखा और वर्तमान में भी वह इसी उद्देश्य के साथ अपने इस दिशा में अनवरत आगे बढ़ रहे हैं।
राजनीतिक संघर्ष -
अपने राजनीतिक जीवन में बहुत से उतार-चढ़ावों का सामना करते हुए शिवशंकर चौहान ने समाज और राजनीति में सामंतवादी व्यवस्था का सामना अनेकों बार किया। इसी सामंतवादी व्यवस्था और दबदबे की राजनीति करने वालों का दंभ तोड़ने के लिए उन्होंने परिवार के विरोध के बाद भी ग्राम पंचायत के चुनावों से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की।
सीमित प्रचार के साधनों के साथ भी उस समय शिवशंकर चौहान को स्थानीय जनता का भरपूर स्नेह मिला और बड़ी संख्या में मत भी उन्हें मिले लेकिन कुछ बाहुबली लोगों के चलते चुनाव परिणामों के साथ छेड़छाड़ की गई और किसी अन्य को जीत दे दी गई। हार का सर्टिफिकेट मिलने के बाद भी शिवशंकर चौहान ने हार कर बैठना नहीं स्वीकारा बल्कि विधायक चुनावों में उतरने का दृढ़ निश्चय कर लिया।
जनता और परिजनों के सहयोग से उन्होंने वर्ष 2002 के विधायकी चुनावों में अपनी दावेदारी पेश की। हालांकि उन्हें निरंतर मिल रहे जनसमर्थन से घबराए अन्य प्रत्याशियों ने चुनावी हथकंडे अपनाकर उन्हें उस वक्त तीसरे स्थान पर धकेल दिया। इस दबाव की राजनीति के बावजूद भी उन्होंने तकरीबन 35 से 36 हजार वोट प्राप्त किए थे।
बांसडीह की जनता के सहयोग ने उन्हें कभी भी हारकर निराश नहीं बैठने दिया और उन्होंने भी जनता के सुख-दुख में शामिल होना कभी नहीं छोड़ा। वह हमेशा असहायजनों के साथ खड़े रहे। इसी बीच उन्होंने बहुजन समाज पार्टी को ज्वाइन किया और क्षेत्र से भेदभाव भरी राजनीतिक व्यवस्था को समाप्त करने के लिए वर्ष 2007 के विधानसभा चुनावों में भागीदारी लेते हुए जीत का सेहरा अपने सर बांधा।

2007 में लखनऊ जाकर विधायक पद की शपथ लेते हुए उन्होंने बांसडीह को विकसित बनाने का निश्चय किया। अपने विधायकी के कार्यकाल के दौरान शिवशंकर चौहान ने आम जनता की समस्याओं में साझेदार रहकर उनका मनोबल बढ़ाया, उन्हें उनके अधिकारों के लिए जागरूक किया, असहायजनों और जरूरतमंदों को रोजगार दिलाया एवं क्षेत्र विकास के लिए कार्य करते रहे।
2012 में उन्हें विधायकी के लिए पार्टी से टिकट नहीं मिल पाया, जिसके बाद उन्होंने 2015-16 में जनता क्रांति पार्टी का निर्माण किया और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहे, किंतु आर्थिक कारणों के चलते वह पार्टी को आगे नहीं ले जा पाए। 2017 में उन्होंने बसपा से भी त्यागपत्र दे दिया और लोकसभा चुनावों में सालेमपुर लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी को समर्थन दिया।
भले ही बीजेपी की ओर से उन्हें अभी कोई नई जिम्मेदारी और पद नहीं मिला है लेकिन फिर भी उन्होंने अपने समाज कल्याण के भाव को बनाए रखा है। फिर चाहे कोरोना काल में अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर जनता की सेवा करना हो या क्षेत्र के विकास के लिए प्रयास करना, शिवशंकर चौहान कभी भी अपने कर्तव्यों से पीछे नहीं हटे हैं और 2022 के विधानसभा चुनाव में बेहतर अवसर की प्रतीक्षा में हैं।
भावी विजन -
बेबस, लाचार और असहायजनों की सहायता करना और हाशिये पर खड़े लोगों को प्रगति के मार्ग की ओर उन्मुख करना शिवशंकर चौहान के जीवन के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है। साथ ही वह बांसडीह के विकास के साथ साथ प्रदेश को भी विकसित करने में योगदान देना चाहते हैं।
बांसडीह विधानसभा क्षेत्र : विशेषताएं/समस्याएं -
उत्तर प्रदेश के सालेमपुर लोकसभा क्षेत्र में सम्मिलित बांसडीह एक विकसित क्षेत्र के रूप में देखा जाता है। शिवशंकर चौहान के अनुसार इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या सामंतवादी व्यवस्था थी, जिसे सुधारने के लिए उन्होंने लंबे समय तक प्रयास करते हुए जनजागरण किया है।
शिवशंकर चौहान अपने पंचवर्षीय कार्यकाल में विकास की अनगिनत योजनाओं को यहां क्रियान्वित करवा चुके हैं। जिनमें विधानसभा क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण सड़कों का निर्माण, शिक्षा के प्रति जागरूकता, विद्यालयों का विकास, व्यवस्थित न्याय प्रणाली, महिला अस्पताल खुलवाना, फायर स्टेशन लगवाना, स्वास्थ्य की दिशा में कार्य, पेयजल व्यवस्था के लिए टंकियों का इंतजाम करना इत्यादि प्रमुख है।
इसके अतिरिक्त जहां पहले चांदपुर से दियारा तक नाव से जाना पड़ता था, शिवशंकर चौहान ने घाघरा नदी पर पुल निर्माण के कार्य को स्वीकृत करवाया लेकिन 2012 में टिकट कट जाने के कारण इस कार्य का शिलान्यास वह नहीं कर पाए। ऐसे ही बहुत से विकास कार्य वह संपन्न करवा चुके हैं और आने वाले समय में भी क्षेत्र विकास के मंतव्य से उनकी कोशिशें जारी हैं।
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