सतेंद्र मिश्रा जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता हैं. राजनीति में उनका अनुभव वर्षों पुराना रहा है. मुद्दा आधारित राजनीति इनकी पहचान रही है. जेडीयू में सक्रिय रुप से इन की भागीदारी ने इनको एक अलग ही पहचान दी है. जनता दल यूनाइटेड में रहते हुए उन्होंने कई पदों पर रहते हुए बेहद उम्दा कार्य किया है.
नीतीश कुमार के शराबबंदी जैसे फैसले पर इनका कहना है कि भले ही बिहार जैसे राज्य में शराब बंदी लागू करने से राजस्व घाटा हो रहा हो, मगर इसी से पता चलता है कि हम समाज हित और लोगों के लिए काम करते हैं. चाहे इससे राजस्व का कितना भी नुकसान क्यों ना हो. उनका मानना रहा है कि शराबबंदी जैसे फैसले लोगों के लिए बहुत ही उम्दा है. खास करके उन महिलाओं के लिए जिनका घर शराब के कारण बर्बाद हो चुका है. नशा लोगों को सिर्फ बर्बाद करती है और कुछ नहीं.
इसके साथ ही ईवीएम और बैलेट बॉक्स को लेकर चल रहे विवाद पर भी सतेंद्र
मिश्रा अपना स्पष्ट मत रखते हैं. वह कहते हैं कि वह और उनकी पार्टी ईवीएम के विरोध
में नहीं हैं बल्कि हम उस मशीन के विरोध में है जो कि पूरी दक्षता से अपना काम ना
कर सके. उनका मानना है कि ईवीएम को लेकर उन्हें कोई दुविधा नहीं है और ना ही कोई
विरोध है मगर आप इसको इस स्तर तक ले जाइए जहां पर कोई भी विवाद खड़ा ना हो सके और
ना ही किसी प्रकार का शक हो. उनका यह भी मानना है कि कोई भी मशीन सटीक नहीं हो
सकता इसीलिए हम कितने भी आधुनिक हो जाएं मगर हमारा तरीका वैसा होना चाहिए जिससे
सभी लोगों में विश्वास पैदा हो.
जनता दल यूनाइटेड की दिल्ली इकाई इस बार एमसीडी में अपना पूरा जोर
लगा रही है और चुनाव मैदान में है. सत्येंद्र मिश्रा उन चुनिंदा लोगों में से हैं जो
चुनाव में मुख्य किरदार निभा रहे हैं. सत्येंद्र जी दिल्ली में गंदगी और पब्लिक
टॉयलेट्स की कमी को लेकर बेहद गंभीर हैं. उन्होंने एमसीडी में इसे पार्टी का मुख्य
मुद्दा भी बनाया हुआ है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पुरुष तो भले ही कहीं
शौचालय का उपयोग कर लेते हैं मगर महिलाओं के लिए दिक्कत असहनीय है. हमारा पूरा जोर
है कि एमसीडी चुनाव में जीत कर आने के बाद हम गंदगी और पब्लिक टॉयलेट्स की
व्यवस्था पर अपना पूरा जोर लगाएंगे. मोहल्ला क्लीनिक को लेकर उनका मानना है कि यह
सिर्फ फिजूल का पैसा खर्च है क्योंकि ना ही इसमें किसी प्रकार की व्यवस्था की गई
है ना ही कोई बंदोबस्त किया गया है.