नाम : सर्वेश अम्बेडकर
पद : प्रदेश अध्यक्ष (अनुसूचित जाति, जनजाति प्रकोष्ठ) समाजवादी पार्टी
नवप्रवर्तक कोड : 71183032
वेबसाइट : http://sarveshambedkar.in
परिचय :
अनुसूचित जाति व जनजाति को लोगों के उत्थान के क्षेत्र में कार्यरत सर्वेश अम्बेडकर समाजवादी पार्टी के एक समर्पित कार्यकर्ता हैं. उनके कार्यों व पार्टी के प्रति उनकी समर्पित भावना को देखते हुए सपा के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें पार्टी के अनुसूचित जाति- जनजाति प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया. एक गरीब परिवार व अनुसूचित जाति से सम्बन्धित होने के कारण उन्हें बचपन से ही समाज में जातिगत भेदभाव (छुआछूत) का सामना करना पड़ा. वैसे तो सर्वेश जी का पूर्व नाम बलवीर सिंह था, लेकिन उच्च जाति के लोगों द्वारा प्रताड़ित करने पर उनके परिवार को उनका नाम भी परिवर्तित करना पड़ा.
उनकी आरम्भिक शिक्षा कन्नौज के काजीपुर गांव से हुई है. गरीब होने और समाज में उचित स्थान न मिलने से सर्वेश जी को शिक्षा के लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ा. इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण के बाद सर्वेश जी ने आईटीआई फर्रुखाबाद से इलेक्ट्रॉनिक की पढ़ाई की. इसके साथ ही उन्होंने टी.वी. व रेडियो इंस्टिट्यूट का संचालन भी किया, जिसकी बहुत सी शाखाएं कन्नौज एवं फर्रुखाबाद में फैली हैं.
राजनीतिक पदार्पण -
जातिगत भेदभाव को काफी व्यक्तिगत स्तर पर झेलने के बाद उन्होंने इस भेदभाव को दूर करने व अनुूसूचित जाति के लोगों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से राजनीति में कदम रखा. तमाम समस्याओं का सामना करने के बावजूद सर्वेश अम्बेडर ने डॉ भीम राव अम्बेडकर, राम मनोहर लोहिया, तथागत गौतम बुद्ध आदि महापुरुषों के बारे में पढ़ा और फिर उनके सिद्धान्तों पर चलना प्रारम्भ कर दिया. इसके साथ ही अपने निवास स्थान के पास ही उनकी जयंती भी मनाने लगे. इस पर भी लोगों ने उन पर "दूसरा अम्बेडकर आया है" कहकर तंज कसे. लोगों के तानों का जबाव देते हुए उन्होंने अपना नाम अम्बेडकर ही रख लिया. इसके अलावा उन्होंने अपने क्षेत्र में अम्बेडकर जी की कई प्रतिमाएं बनवायी हैं.
राजनीतिक जीवन -
शिक्षा पूरी करने के बाद सर्वेश अम्बेडकर की मुलाकात कांशीराम से हुई. इसके बाद बसपा के साथ जुड़कर वह अनुसूचित जाति को उसका हक दिलाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहे. वह बहुजन समाज पार्टी में में फर्रुखाबाद जिले के जिलाध्यक्ष भी रहे. इसके साथ ही उन्होंने कन्नौज में जिला अध्यक्ष के पद पर भी कार्य किया तथा उनकी पत्नी कन्नौज से जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर कार्यरत रहींं. इसके अलावा उन्होंने 11 मंडलों में सहयोगी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश से प्रदेश से महासचिव एवं पाल भाईचारा कमेटी, ब्राह्मण भाईचारा कमेटी में प्रदेश महासचिव के पद पर भी कार्य किया है. यही नहीं सर्वेश जी मध्यप्रदेश एवं राजस्थान में पार्टी के स्टार प्रचारक भी रहे हैं.
उन्होंने बसपा पार्टी में रहकर पिछड़े वर्ग की उन्नति के लिए कार्य शुरू किया। कांशीराम जी सर्वेश जी के राजनीतिक गुरु रहे हैं। इसके उपरांत समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने के उपरांत 4 फरवरी 2017 को सपा के राष्ट्राध्यक्ष अखिलेश यादव ने सर्वेश जी को हिमाचल में स्टार प्रचारक के तौर पर भी भेजा. वर्तमान में वह अनुसूचित जाति/ जनजाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर समाजवादी पार्टी में कार्यरत हैं।
सामाजिक कार्य :
सर्वेश जी का मानना है कि हमारे समाज में कानूनी तौर पर छुआछूत की अवधारणा को हटा दिया गया है, लेकिन मानसिक तौर पर हमको इससे निकलना होगा। शिक्षा, स्वास्थ की सही व्यवस्था न होने से समाज को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है। सर्वेश जी का मानना है कि हमें मानवता को मुख्य धर्म के तौर पर देखना ही होगा, वरना हममें और पशुओं में कोई फर्क नही रह जाएगा।
राष्ट्रीय मुद्दें :
समाज के छोटे-छोटे वर्गों से मिलकर ही राष्ट्र बनता है। यदि इन लघु स्थानों की समस्याएं खत्म हो जाएंगी तो राष्ट्र स्वयं विकसित हो जाएगा। हमारे आस–पास के लोगों को धार्मिक पाखंड, छुआछूत से आगे बढ़कर देखना होगा। सर्वेश जी ने कहा कि यदि सभी अमन–चैन से रहेंगे तो देश कल्याण की ओर अग्रसर हो जाएगा। सर्वेश जी का मानना है कि आज किसान फसल का उचित मूल्य न मिलने और साक्षर व्यक्ति बेरोजगारी से स्वयं को मार रहा है। उन्होंने कहा कि जीएसटी और डिमोनेटाइजेशन के बाद से लोगों का रहना, जीना दूभर हो गया है। सर्वेश जी लगातार लोगों की समस्याओं को सुलझाने का प्रयत्न करते हैं और कभी भी किसी दायित्वों से पीछे नहीं हटते। उन्हें पार्टी की तरफ से जो भी दायित्व दिया जाता है उन्हें वह बखूबी अंजाम तक ले कर जाते हैं।
सर्वेश जी वर्तमान सरकार की नीतियों से असंतुष्ट हैं, उनका मानना है कि आज सरकार की नीतियों के चलते देश में नौजवान बेरोजगारी की कगार पर खड़ा है और देश का अन्नदाता किसान भूखा रहकर आत्महत्या करने पर विवश है. देश में सरकार की कार्यवाही के चलते मानवता का लेशमात्र भी देखने को नहीं मिल रहा है. सर्वेश जी देश के प्रगतिशील नौजवानों को सन्देश देते हुए कहते हैं कि वे देश के संविधान का अध्ययन करे और प्रस्तावना के चार केंद्रीय बिंदुओं समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व एवं न्याय को आत्मसात करने का प्रयास करे, तभी भारत फिर से सोने की चिड़िया बन सकता है.