नाम : संजीव दरियाबादी
पद : पूर्व विधायक जिलाध्यक्ष (कांग्रेस) कानपुर देहात
नवप्रवर्तक कोड : 71183139
परिचय -
मूलतः राजनीतिक परिवार से सम्बन्ध रखने वाले संजीव दरियाबादी कांग्रेस पार्टी के अनुभवी नेता हैं. वह 2002 से 2012 तक विधायक रह चुकें हैं तथा वर्तमान में वह जिला कांग्रेस कमेटी, कानपुर के अध्यक्ष हैं. उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि भी राजनीति से जुड़ी है व उनके माता- पिता भी लम्बे अरसे से कानपुर की राजनीति में सक्रिय रहे हैं. संजीव दरियाबादी के पिता जी सन् 1959 से 1973 तक कानपुर नगर निगम के सभासद रह चुके हैं, तो वहीं उनकी माता जी सन् 1980 से लेकर 1989 तक सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की विधायक रह चुकी हैं. वर्तमान में वह स्वयं भी काग्रेस पार्टी में रहते हुए समाज निर्माण कार्यों में संलग्न हैं.
राजनीति में आने का कारण -
माता- पिता की क्षेत्रीय राजनीति में सक्रिय भूमिका के चलते संजीव जी को शुरू से ही सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में रूचि थी. उनका मानना है कि राजनीति एक ऐसा माध्यम है कि जिससे जनता तक पहुंच कर उनकी सेवा की जा सकती है. जनसेवा के उद्देश्य से ही उन्होंने राजनीति में कदम रखा तथा वह निरन्तर इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं.
क्षेत्रीय विकास कार्य –
संजीव जी के अनुसार, उन्होंने अब तक अपने क्षेत्र के लिए बिजली, पानी, सड़क, सीवेज जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर कार्य किया है. इसके अलावा वह व्यक्तिगत स्तर पर भी क्षेत्रीय लोगों की सहायता करते रहते हैं. उनका कहना है कि उनका क्षेत्र अधिकतर मलिन बस्तियों वाला क्षेत्र है, जहां मूलभूत नागरिक सुविधाओं का भी अभाव है.
उन्होंने वर्ल्ड बैंक की योजनाओं के माध्यम से क्षेत्रीय समस्याओं का समाधान कराने का प्रयास किया. वहीं कानपुर में मीलें और कारखाने बंद होने के कारण आज बेरोजगारी बढ़ रही है, परिणामस्वरूप भविष्य में क्षेत्र के लोगों को उचित रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना उनका मुख्य ध्येय है.
राष्ट्रीय स्तर पर विचार –
देश की वर्तमान स्थिति के आधार पर संजीव जी का कहना है कि देश के सभी नागरिकों को संविधान का सम्मान करना चाहिए तथा सरकार को चाहिए कि सभी नागरिकों को स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ साथ अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराये.
वैश्विक परिदृश्य पर विचार –
वैश्विक परिदृश्य में भारत की स्थिति देखते हुए उनका कहना है कि हमें विदेशों से बेहतर सम्बन्ध बनाने होंगे, ताकि सीमा पर शांति कायम की जा सके. जब देश शांति के दौर से गुजरेगा, तभी विकास के पथ पर आगे बढ़ सकेगा. हालांकि भारत निरन्तर विश्व शांति की ओर अग्रसर रहा है, बस हमें ऐसे कूटनीतिक निर्णय लेने की आवश्यकता है, जिससे पड़ोसी देशों से सम्बन्ध सुधारे जा सकें. इन सभी प्रयासों से विश्व पटल पर देश का नाम ऊंचा होगा.