नाम - संजय कुमार
पद – भाजपा पार्षद, शिप्रा सनसिटी, इंदिरापुरम वार्ड 100
नवप्रवर्तक कोड – 71183506
परिचय –
केवल अनुभव ही सफलता का आधार नहीं होता, बल्कि निष्ठा, लगन और नवपरिवर्तन की अवधारणा व्यक्ति को सफलता एवं सम्मान का परिचायक बनाती है. ऐसी ही कहानी है, जिला ग़ाज़ियाबाद से राजनीतिक नवप्रवर्तक श्री संजय कुमार जी की, जिन्होंने मात्र एक वर्षीय कार्यकाल में न केवल जनता से किये सभी वायदों को पूरा किया अपितु अपने वार्ड के अंतर्गत बहुत सी नई योजनाओं का शुभारंभ कर जिले के विकास में सराहनीय पहल की.
संजय जी पिछले एक वर्ष से “पूर्ण स्वछता, पूर्ण हरित नगर निगम” के ध्येय को लेकर ग़ाज़ियाबाद जिले से भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़कर पार्षद का पदभार संभाल रहे हैं. शिप्रा सनसिटी, इंदिरापुरम वार्ड 100 से पार्षद संजय जी ने वर्ष भर की समयावधि के दौरान वार्ड के अंतर्गत डिजिटल क्रांति का प्रारम्भ किया, जो अपने आप में एक प्रायोगिक एवं सराहनीय प्रयास है. वर्तमान समय में वे भाजपा की नीतियों पर चलते हुए न केवल संगठन को विस्तार प्रदान कर रहे हैं अपितु अपने कार्यक्षेत्र गाजियाबाद को भी अनवरत विकास की राह पर अग्रसर करने का कार्य कर रहे हैं.
प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा-दीक्षा -
मूल रूप से बेगुसराय, बिहार
के रहने वाले संजय जी उच्च शिक्षित एवं बेहतरीन बौद्धिक क्षमता के धनी हैं.
उन्होंने वर्ष 1993-94 में इलेक्ट्रॉनिक कम्यूनिकेशन से इंजीनियरिंग करने के उपरांत
मार्केटिंग विषय में एमबीए की मानद डिग्री प्राप्त की. संजय जी अपने सिद्धांतवादी आचरण के चलते प्राइवेट
सेक्टर में रोजगार चुनाव को लेकर काफी संघर्षपूर्ण स्थिति में रहे. बेहद सोच-विचार
के पश्चात उन्होंने मीडिया क्षेत्र में जाने का निर्णय लिया.
वर्ष 1998-2014 तक मीडिया क्षेत्र से जुड़कर संजय जी ने जी न्यूज़, स्टार न्यूज़, टाइम्स नाउ जैसे बड़े न्यूज़ चैनल्स के लिए लाइव कवरेज आदि से जुड़ा कार्य किया. इसके अतिरिक्त वे ग्लुम्बर टीवी के अंतर्गत ग्रुप मैनेजर की पोस्ट पर भी कार्यरत रहे. लगभग 22 वर्ष तक मीडिया क्षेत्र में कार्यरत रहने के उपरांत संजय जी ने समाजसेवा की भावना के चलते राजनीति से जुड़ने का निश्चय किया.
राजनीतिक जीवन –
वर्ष 2000 में शिप्रा
सनसिटी, ग़ाज़ियाबाद में रहने के दौरान संजय जी ने महसूस किया कि छोटी से छोटी जन
समस्या होने पर ग़ाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण अथवा संबंधित अधिकारियों के समक्ष जनता
को गिडगिडाना पड़ता था, परन्तु मीडियाकर्मी होने के नाते वे उचित रूप से अपनी बात
आला अधिकारियों और संबंधित विभागों तक पहुंचा पाते थे. साथ ही मीडिया के अपने 22
वर्षीय अनुभव के आधार पर उन्हें ज़मीनी स्तर पर देश में पनप रही समस्याओं और जनता
के विचारों की परख भली-भांति प्रकार से थी.
“समस्याओं का हिस्सा बनो.. इससे बेहतर है कि समाधान का हिस्सेदार बनो.”
इसी सोच के साथ आगे बढ़ते हुए संजय जी ने राजनीति में प्रवेश किया और आर.डब्ल्यू.ए. के अंतर्गत निरंतर दो वर्ष तक सेक्रेटरी पद पर कार्यरत रहे, साथ ही दो बार अध्यक्ष पद पर भी सेवाएं प्रदान की. वार्ड विभाजित होने के साथ ही संजय जी ने राजनीति में सक्रियता दिखाते हुए जन समस्याओं का निराकरण करने की ठानी और वर्ष 2008 में भारतीय जनता पार्टी से जुड़े. वर्ष 2017 में हुए नगर निगम चुनावों में उन्होंने पार्षद पद के लिए भागीदारी की, जिसमें उन्हें भारी मतों से विजय प्राप्त हुई. तभी से संजय जी अनवरत रूप से शिप्रा सनसिटी, इंदिरापुरम वार्ड 100 से भाजपा पार्षद के रूप में जन कल्याण निहितार्थ कार्य कर रहे हैं.
सामाजिक सरोकार एवं संघर्ष –
संजय जी ने प्रारंभ से ही समाज उत्थान और अनैतिकता के विरुद्ध कार्य किया. मीडिया जॉब से हटकर राजनीति में आना उनके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि वे आर्थिक रूप से स्थायी नहीं थे, साथ ही पारिवारिक सुरक्षा भी आवश्यक थी. ऐसे में समाजकल्याण को परमधर्म मानकर चलने वाले संजय जी ने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने जुझारूपन से कार्य किया.
वे आम समस्याओं को लेकर
गंभीरतापूर्वक कार्य करते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि जनता को अपने जनप्रतिनिधिओं
से बेहद उम्मीद होती है, जिन पर खरा उतरना उनका दायित्त्व है. संजय जी प्रत्येक जन
समस्या को सुलझाने का जिम्मा स्वयं लेते हैं और जरूरत पड़ने पर सासंद, विधायक और
अन्य अधिकारियों की मदद लेते हैं.
प्रारंभिक चुनौतियां -
एक पार्षद के तौर पर बड़े
अधिकारियों की जी-हुजूरी नहीं करने के कारण संजय जी को आरम्भ में काफी दिक्कतों का
सामना करना पड़ा. संबंधित अधिकारियों और जिला प्रशासन की उचित सहायता नहीं मिलने की
दशा में जनता से किये गए वादों को पूर्ण कर पाना मुश्किल अवश्य था, परन्तु संजय जी
ने अपनी विचारधारा और स्वाभाव में परिवर्तन नहीं करते हुए अपने मेनीफेस्टो को पूरा
किया, जिसके चलते वर्तमान में संबंधित अधिकारियों को उनका स्वाभाव पसंद है.
वर्ष भर के संघर्ष के पश्चात
ग़ाज़ियाबाद प्राधिकरण शहर को महत्त्व देने लगा है, परन्तु बहुत सी जमीनी समस्याएं
अभी बाकी हैं. जिनमें बढती आबादी
के लिए सड़क व्यवस्था, जल व्यवस्था, सीवरेज निस्तारण आदि से जुड़ी समस्याएं प्रमुख
हैं. इस समस्याओं के उचित निराकरण के लिए नगर निगम भले ही अपना कार्य करे, किन्तु
सरकार को इन विषयों को लेकर नीतिगत व्यवस्था करनी चाहिए.
संपन्न विकास कार्य -
इंदिरापुरम में जनता के विकास और प्रगति के उद्देश्य से संजय जी ने कॉमन सिक्योरिटी सर्विलांस की सुविधा उपलब्ध करायी, जिसे आमजनों के मोबाइल से जोड़ने के लिए एक सिक्योरिटी कंट्रोल रूम बनवाने की योजना पर काम चल रहा है. क्षेत्र को डिजिटल बनाने के साथ साथ मार्ग प्रकाश बेहतर करने के उद्देश्य से पांच मस्क लाइट्स शहर में लगवाई जा चुकी हैं और अन्य पांच लगवाई जा रही हैं.
15 वर्ष पूर्व आरडब्ल्यूए की जनरल बॉडी मीटिंग में एक बड़े मन्दिर की मांग क्षेत्रवासियों द्वारा रखी गयी थी, जिसे अथक प्रयासों के जरिये संजय जी ने पूरा करवाया, आज शिप्रा सनसिटी मंदिर प्रांगण में बहुउद्देशीय योजनाओं पर काम चल रहा है. इसके निचले तले पर निर्मित सामुदायिक हॉल में निर्धन परिवारों के बच्चों के विवाह समारोह मुफ्त में आयोजित करने की सुविधा है. साथ ही मृत पारिवारिक जनों के लिए शांति पाठ करवाने की भी सुविधा यहां उपलब्ध कराई गयी है.
पुराने बस स्टैंड्स का भी जीर्णोद्धार कराया गया, जिन्हें अब ग़ाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण अन्य योजनाओं के साथ जोड़ने का प्रयास कर रहा है. पार्कों को नवीनीकरण, स्वच्छता अभियान के चलते पूरे शहर में डस्टबिन की सुविधा उपलब्ध कराना, शहर में बेंचों की व्यवस्था इत्यादि पर भी कार्य किये गए.
शहर में 24 घंटे बिजली की
व्यवस्था की गयी है तथा किसी भी फाल्ट से बचने के लिए प्रिवेंटिव मेन्टेनेन्स की
सुविधा रखी गयी है, जिससे जनता को समस्या नहीं उठानी पड़े. बुजुर्गों के लिए पुस्तकालय
भी बनवाए गए.
शिप्रा सनसिटी मंदिर प्रांगण में चिकित्सालय
की व्यवस्था भी संजय जी के द्वारा 6 वर्ष पूर्व कराई गयी थी, जिसमें एमबीबीएस
डॉक्टर्स प्रतिदिन आकर जरूरतमंद लोगों को अपनी सेवाएं देते हैं, इसके साथ ही वहां शाम
को ऐक्यूप्रेशर पद्धति द्वारा इलाज भी होता है. संजय जी इसे विस्तार देने के लिए
अब एक बेहतर और सुविधा युक्त ओपीडी निर्माण की योजना भी बना रहे हैं.
लोगों तक पूरी जानकारी
पहुंचाने के लिए नगर निगम की वेबसाइट और मीडिया प्रभारी कार्यरत रहते हैं, जिसके
अंतर्गत मुख्यतः मतदान जागरूकता के लिए भी अभियान चलाया गया है. अभियान के
परिणामस्वरुप लगभग ढाई हजार लोगों का वोटर कार्ड बन चुका है.
इंदिरापुरम में बंदरों और आवारा कुत्तों के आतंक से आम जनता बुरी तरह प्रभावित थी, इस समस्या को टैक्निकल तरीके से सुलझाने का प्रयास किया गया. जिसके अंतर्गत पूरे गाजियाबाद से बंदर पकड़कर सहारनपुर वन क्षेत्र में उन्हें पहुंचाने का काम नगर निगम द्वारा किया गया. आवारा कुत्तों की समस्या से भी क्षेत्रीय लोगों को निजात दिलाने के लिए उनका बंध्याकरण कराया गया, जिससे उनकी जनसंख्या पर लगाम लग सके. जनता की प्रत्येक समस्या का निपटारा संजय जी पूरी निष्ठा से करते हैं.
विकास कार्यों में बाधाएं -
अपने चुनावी मेनीफेस्टो के
अंतर्गत संजय जी ने 21 वादों का जिक्र किया था और कार्यभार संभालने के लगभग 1 वर्ष
के भीतर ही सभी कार्य लगभग पूर्ण हो चुके हैं. कुछ योजनाओं के अंतर्गत उन्हें
मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं, जो अग्रलिखित रूप से हैं :
1. ग़ाज़ियाबाद निवासियों की
आवागमन सुविधा के लिए चलाई गयी डी.टी.सी. बस सेवा दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश सरकार
की टैक्सेशन जैसी नीतियों के कारण ठप्प हो गयी है, जिसके अंतर्गत सरकारी समन्वय
स्थापित कराने में काफी कठिनाई संजय जी को पेश आ रही है.
2. ट्रांस हिंडन क्षेत्र
में सरकारी अस्पताल बनवाने को लेकर मुख्यमंत्री जी को पत्र भी सौंपा जा चुका है.
परन्तु क्षेत्र में जमीन की कमी की समस्या के चलते यह योजना बाधित है. संजय जी ने
आगामी मार्च से बजट स्तर के दौरान इस मुद्दे को उठाने की योजना बनाई है.
3. सामाजिक जागरूकता और जनता की मौलिक आवश्यकताओं के चलते सरकारी प्रशासन के सहयोग के बाद भी बार बार अतिक्रमण की समस्या पेश आती है.
पर्यावरण संरक्षण के लिए पहल -
पर्यावरण की सुरक्षा को
मद्देनजर रखते हुए संजय जी ने वार्ड में हरियाली की दृष्टि से तकरीबन एक हजार एक
पेड़ लगाने का कार्य किया. मंदिर में चढ़ाए गए फूलों और जल का सदुपयोग करने के
मंतव्य से कंपोस्ट मशीन से खाद बनाने की भी उचित व्यवस्था उनके द्वारा की गयी, इस
अनूठे प्रयोग से प्रभावित हो प्रदेश के अन्य मंदिरों में भी सरकार कंपोस्ट प्लांट
बनाने की मांग कर रही है. साथ ही मंदिर में तीन किलोवॉट का सोलर प्लांट लगाने की
व्यवस्था भी की गयी है.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार -
संजय जी का मानना है कि देश वासियों में वैचारिक परिवर्तन होना बेहद जरूरी है. उनके अनुसार आज हम सब कुछ सरकार, प्रशासन और नगर निगम पर छोड़ देते हैं, जनता को राष्ट्रहित के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी समझनी चाहिए.
आम जनता को जनसंख्या वृद्धि
जैसे मसलों पर निज जागरूकता लानी होगी, जिससे बहुत सी समस्याओं का समाधान स्वयं ही
हो जाएगा. वर्तमान समय में सरकार अनेकों योजनाओं (इन्फ्रास्ट्रक्चर, आवास योजना,
गरीबों के लिए कार्य आदि) का निर्माण करती है, परन्तु बड़ी आबादी के चलते उन पर अमल
कर पाना मुश्किल हो जाता है और जनता तक इनका लाभ नहीं पहुंच पाता. इसके अतिरिक्त
किसानों को उचित व्यवस्था देना भी बड़ा कार्य है.
वैश्विक पटल पर भारत -
नवप्रवर्तन की मंशा को संजय जी आज के भारत की सबसे बड़ी आवश्यकता मानते हैं. यदि भारतीय स्वयं नए कार्यों को करने की सोचें तो इससे रोजगार में तो अधिकता आएगी ही, साथ ही विदेशों में प्रतिभा पलायन भी रुक जाएगा.
इस दिशा में सरकार को भी सोचना होगा क्योंकि हमारा युवा बाहर जाकर काम कर रहा है. आज हमें ऐसे भारत की संकल्पना करनी होगी, जहां किसान औद्योगिक रूप से कार्य कर रहा है और युवा नव भारत का निर्माण कर रहा है.